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"ओहहहह जान मेरी बाते सुनकर तुम्हारा लंड तो बुहत ज्यादा मोटा और सख्त होता जा रहा है" रेखा ने मज़े के मारे सिसकते हुए कहा।
"डारलिंग बस यही राज़ हैं या कुछ और भी है" मुकेश को रेखा की बातों से बुहत मजा आ रहा था इसीलिए उसने अपने चूतडों को उछालकर रेखा की बुर चोदते हुए कहा ।
"जान अब क्या सुनना चाहते हो तुम्हारी बहन बापू और विजय से भी चुदवाना चाहती है। हो सकता है अभी वह बापू से चुदवा ही रही हो" रेखा ने मस्ती में ज़ोर से उछलते हुए कहा । उसका जिस्म अब अकडने लगा था।
"आजहहहह डार्लिंग तुम्हारी बाते सुनकर मेरा लंड झरने वाला है" मुकेश ने रेखा की बात सुनकर ज़ोर से सिसकलते हुए कहा।
"जान मैं भी आने वाली हूँ बस एक मिनट" रेखा अपने पति की बात सुनकर उसके लंड पर पागलोँ की तरह कुदने लगी।
"आह्ह्ह्ह ओहह ओहहहहहह जान" कुछ ही देर में रेखा का जिस्म झटके खाते हुए झरने लगा और उसकी चूत ने फिर से सिकुडते हुए अपने पति के लंड को दबा दिया।
"आआह्ह्ह डार्लिंग ओह्ह्ह्हह" मुकेश भी ज़ोर से चिल्लाते हुए झरने लगा । रेखा अपनी आँखें बंद किये हुए झर रही थी और झरते हुए अपने पति के लंड पर ज़ोर से उछल रही थी, मुकेश ने भी झरते हुए अपनी आँखें बंद कर ली थी और उसके लंड से आज जाने कितनी देर तक वीर्य की बूँदे निकल कर उसकी पत्नी की चूत में गिरने लगी।
कुछ ही देर में दोनों पति पत्नी शांत होकर एक दुसरे से लिपटे हुए पड़े थे । मुकेश का लंड सिकुड़ कर उसकी पत्नी की चूत से निकल चूका था।
"ओहहहह डार्लिंग आज तो तुमने मुझे निचोड ही दिया" मुकेश ने अपनी पत्नी के होंठो को चूमते हुए कहा ।
"आप ही तो अपनों के बारे में सुनकर उत्तेजित हो गये थे इसीलिए तो आज पहली बार आपने मुझे भी शांत कर दिया है" रेखा ने अपने पति की बात सुनकर हँसते हुए कहा । दोनों पति पत्नी बुहत थक चुके थे इसीलिए वह दोनों कुछ ही देर में ऐसे ही नंगे एक दुसरे की बाहों में नींद की आग़ोश में चले गये।
विजय और नरेश प्लान के मुताबिक अपने कमरे से उठते हुए अपनी बहनों के कमरे में जाने लगे।
"भइया आप और नरेश भाई आप दोनों यहाँ कैसे" कंचन जो अभी बाथरूम से फ्रेश होकर निकली थी बोलू। वह नाईट गाऊन लपेटे हुए थी उसने अपने दोनों भाइयों को एकसाथ देखकर हैंरान होते हुए कहा ।
"कंचन ऐसे ही हम बोर हो रहे थे तो सोचा आज साथ बैठकर बातें करते है" विजय ने दरवाज़ा अंदर से बंद करते हुए कहा।
"बिल्कुल सही सोच भाई। हमने एक साथ कभी बात ही नहीं की है" विजय की बात सुनकर शीला जो बेड पर नाईट गाऊन में लेटी हुयी थी उठकर खुश होते हुए बोली।
"डारलिंग बस यही राज़ हैं या कुछ और भी है" मुकेश को रेखा की बातों से बुहत मजा आ रहा था इसीलिए उसने अपने चूतडों को उछालकर रेखा की बुर चोदते हुए कहा ।
"जान अब क्या सुनना चाहते हो तुम्हारी बहन बापू और विजय से भी चुदवाना चाहती है। हो सकता है अभी वह बापू से चुदवा ही रही हो" रेखा ने मस्ती में ज़ोर से उछलते हुए कहा । उसका जिस्म अब अकडने लगा था।
"आजहहहह डार्लिंग तुम्हारी बाते सुनकर मेरा लंड झरने वाला है" मुकेश ने रेखा की बात सुनकर ज़ोर से सिसकलते हुए कहा।
"जान मैं भी आने वाली हूँ बस एक मिनट" रेखा अपने पति की बात सुनकर उसके लंड पर पागलोँ की तरह कुदने लगी।
"आह्ह्ह्ह ओहह ओहहहहहह जान" कुछ ही देर में रेखा का जिस्म झटके खाते हुए झरने लगा और उसकी चूत ने फिर से सिकुडते हुए अपने पति के लंड को दबा दिया।
"आआह्ह्ह डार्लिंग ओह्ह्ह्हह" मुकेश भी ज़ोर से चिल्लाते हुए झरने लगा । रेखा अपनी आँखें बंद किये हुए झर रही थी और झरते हुए अपने पति के लंड पर ज़ोर से उछल रही थी, मुकेश ने भी झरते हुए अपनी आँखें बंद कर ली थी और उसके लंड से आज जाने कितनी देर तक वीर्य की बूँदे निकल कर उसकी पत्नी की चूत में गिरने लगी।
कुछ ही देर में दोनों पति पत्नी शांत होकर एक दुसरे से लिपटे हुए पड़े थे । मुकेश का लंड सिकुड़ कर उसकी पत्नी की चूत से निकल चूका था।
"ओहहहह डार्लिंग आज तो तुमने मुझे निचोड ही दिया" मुकेश ने अपनी पत्नी के होंठो को चूमते हुए कहा ।
"आप ही तो अपनों के बारे में सुनकर उत्तेजित हो गये थे इसीलिए तो आज पहली बार आपने मुझे भी शांत कर दिया है" रेखा ने अपने पति की बात सुनकर हँसते हुए कहा । दोनों पति पत्नी बुहत थक चुके थे इसीलिए वह दोनों कुछ ही देर में ऐसे ही नंगे एक दुसरे की बाहों में नींद की आग़ोश में चले गये।
विजय और नरेश प्लान के मुताबिक अपने कमरे से उठते हुए अपनी बहनों के कमरे में जाने लगे।
"भइया आप और नरेश भाई आप दोनों यहाँ कैसे" कंचन जो अभी बाथरूम से फ्रेश होकर निकली थी बोलू। वह नाईट गाऊन लपेटे हुए थी उसने अपने दोनों भाइयों को एकसाथ देखकर हैंरान होते हुए कहा ।
"कंचन ऐसे ही हम बोर हो रहे थे तो सोचा आज साथ बैठकर बातें करते है" विजय ने दरवाज़ा अंदर से बंद करते हुए कहा।
"बिल्कुल सही सोच भाई। हमने एक साथ कभी बात ही नहीं की है" विजय की बात सुनकर शीला जो बेड पर नाईट गाऊन में लेटी हुयी थी उठकर खुश होते हुए बोली।