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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

Rakesh1999

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कंचन और नरेश भी शीला और विजय की तरफ ही देख रहे थे। उन दोनों की हालत भी ख़राब होने लगी थी ।नरेश ने अपने अंडरवियर को उतारकर कंचन के हाथ को अपने खडे लंड पर रख दिया था, कंचन भी बुहत गरम हो चुकी थी अपना हाथ नरेश के गरम लंड पर पडते ही उसका हाथ अपने आप उसके लंड पर ऊपर नीचे होने लगा ।
"आह्ह्ह्ह भैया डालो ना" शीला ने वैसे ही सिसककर अपने चूतडों को उछालते हुए विजय से कहा।
"क्या डालों दीदी" विजय ने शीला की आँखों में देखते हुए कहा।
"भइया आप भी अपना लंड डालो ना" शीला ने अपनी नज़रों को विजय से हटाकर शरमाते हुए कहा।

शीला के मूह से लंड जैसे शब्द सुनकर विजय का पूरा शरीर सिहर उठा।
"ओहहहह दीदी मैं अपना लंड कहाँ डालुँ" विजय ने अपना लंड जानबूझकर शीला की चूत के छेद में थोडा फंसाते हुए कहा।
"ओहहहहह भैया अपना लंड मेरी चूत में डाल दो ना" शीला से अब बर्दाशत नहीं हो रहा था। जिस वजह से उसने सिसकते हुए विजय से कह दिया ।

"ओहहहह दीदी" विजय का लंड शीला के मुँह से यह सब सुनकर ज्यादा फूलकर मोटा और लम्बा हो गया था ।विजय ने शीला की टांगों को अपने हाथों से पकडते हुए एक धक्का मार दिया।
"ओहहहहह भैया आराम से आपका तो बुहत मोटा है" शीला ने हल्का चीखते हुए कहा । विजय का लंड एक ही धक्के में शीला की चूत में अपनी जगह बनाता हुआ आधा घुस चूका था ।
नरेश की हालत उस वक्त देखने जैसी थी । उसका लंड बुहत ज्यादा तनकर कंचन के हाथों में झटके खा रहा था । नरेश ने कंचन के सर को पकडते हुए अपने लंड पर झुका दिया, कंचन भी उस वक्त बुहत गरम थी। नरेश का लंड अपने मुँह के इतने क़रीब देखकर उसने अपनी जीभ निकाली और नरेश के लंड पर ऊपर से नीचे तक फिराने लगी।

कंचन ने कुछ देर तक नरेश के लंड पर अपनी जीभ फिराने के बाद अपना मुँह खोलते हुए नरेश का लंड अपने मूह में जितना हो सकता था ले लीया और उसे अपने होंठो और जीभ से चूसने लगी । अपना लंड कंचन के मूह में जाते ही नरेश मज़े से सिसकते हुए एक नयी दुनिया में पुहंच गया, नरेश का लंड चूसते हुए भी कंचन अपने भाई और शीला की तरफ देख रही थी ।
 

Rakesh1999

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विजय शीला के मूह से चीख़ सुनकर अपने लंड को थोडा बाहर खींचा और बुहत ज़ोर के ३-४ धक्के मारकर अपना पूरा लंड शीला की चूत में घुसा दिया।
"उईई ओह्ह्ह्हह्हह भैया मेरी चूत आअह्ह्ह फट गई" विजय का पूरा लंड घुसते ही शीला के मूह से ज़ोर की चीख़ें निकलने लगी ।

"दीदी क्या हुआ अभी तो कह रही थी अपना लंड मेरी चूत में घुसाओ" विजय ने वैसे ही अपना पूरा लंड शीला की चूत में घुसाए हुए हँसकर कहा।
"आह्ह्ह्ह भैया आप बुहत गंदे हो" शीला ने सुबकते हुए कहा।

"दीदी आप चिंता मत करो थोडी ही देर में आप मेरे लंड को उछल उछल कर अपनी चूत में लोगी" विजय ने शीला की बात सुनकर अपना लंड उसकी चूत से बाहर खीचकर फिर से जड़ तक पेलते हुए कहा।
"ओहहहह भैया आपका बुहत मोटा है मुझे तो लग रहा है यह मेरी चूत को फाडकर ही दम लेगा" शीला ने विजय का लंड अपनी चूत में अंदर बाहर होने के कारण फिर से चील्लाते हुए कहा ।
"दीदी मेरा लंड आपकी चूत में पूरा तो घुस चूका है" विजय ने शीला की बात सुनकर अपने लंड को फिर से बाहर खीचते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह भैया पूरा तो घुस चूका है मगर इसने मेरी चूत को बुहत बुरी तरह फ़ैला रखा है" शीला ने विजय का लंड अपनी चूत से बाहर होते ही आह भरते हुए कहा।

विजय शीला की बात सुनकर फिर से अपना लंड उसकी चूत में जड़ तक घुसा दिया। मगर इस बार विजय ने फिर से अपने लंड को बाहर खीँच लिया । और ऐसे ही वह तेज़ी के साथ अपना लंड शीला की चूत में अंदर बाहर करने लगा।
"आह्ह्ह्ह इशह भैया आपने सही कहा था ओहहहह प्लीज ऐसे ही तेज़ी से चोदो मुझे" विजय का लंड अपनी चूत में अंदर बाहर होने से शीला ने ज़ोर से सिसकते हुए कहा । विजय का लंड अब शीला की चूत में अपनी जगह बना चूका था। इसीलिए शीला को अब विजय से चुदवाते हुए बुहत ज्यादा मजा आ रहा था ।

कंचन ने अब नरेश के लंड को अपने मुँह से निकाल दिया था और वह नरेश के साथ लेटकर शीला और अपने भाई की तरफ गौर से देखते हुए नरेश के लंड को सहला रही थी । नरेश भी अपने हाथ से कंचन की चूत को सहला रहा था और अपने मूह से उसकी चुचियों को चूमते चाटते हुए अपनी बहन और विजय को घूर रहा था ।
 

Rakesh1999

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विजय अब अपने लंड को बुहत ज़ोर से शीला की चूत में अंदर बाहर कर रहा था और शीला ने भी अपनी टांगों को विजय की कमर में डाल दिया था और विजय के हर धक्के के साथ अपने चूतडों को उछालते हुए विजय से ताल से ताल मिला रही थी ।
विजय और शीला दोनों का जिस्म पूरी तरह पसीने से भीग चूका था । शीला झरने के बिलकुल क़रीब थी इसी लिए वह अपने चूतडों को बुहत ज़ोर से उछालते हुए विजय का लंड अपनी चूत में ले रही थी।
"यआह्ह्ह्ह ईश भैया ज़ोर से पेलो। फाड दो अपनी बहन की चु ओह्ह्ह्हह ऐसे ही में झड रही हू" शीला का जिस्म कुछ ही देर में अकडने लगा और वह बुहत ज़ोर से बड़बड़ाते हुए झरने लगी।

शीला कुछ देर तक अपनी आँखें बंद किये हुए झडती रही और पूरी तरह झरने के बाद अपनी आँखें खोल दी। विजय अब भी शीला को वैसे ही चोद रहा था और शीला की टाँगें विजय की कमर में फँसी हुयी थी।
"दीदी मजा आया" विजय ने शीला की आँखें खुलते ही उसे देखते हुए कहा ।
"भइया बुहत ज्यादा" शीला ने शर्म से अपनी नज़रों को नीचे करते हुए कहा । विजय ने अपना लंड शीला की चूत से खीचकर बाहर निकाल दिया और शीला को उल्टा लिटा दिया। विजय ने ३-४ ज़ोर के धक्के मारते हुए पीछे से अपना लंड शीला की चूत में जड़ तक पेल दिया।

विजय शीला के चूतडो को पकडकर उसे बुहत ज़ोर से पेलने लगा । कंचन और नरेश वैसे ही लेते हुए उन दोनों की तरफ देख रहे थे।
"आजहहह भैया आप क्यों चुप बैठे हैं। कंचन दीदी को चोदीये ना" शीला ने विजय से चुदवाते हुए नरेश की तरफ देखते हुए कहा ।
नरेश अपनी बहन की बात सुनकर कंचन की तरफ देखने लगा । कंचन बिना कुछ कहे नरेश के साइड से उठते हुए अपनी दोनों टांगों को फ़ैलाकर अपनी चूत को नरेश के लंड पर टीका दिया और अपने भाई की तरफ देखते हुए नरेश के लंड पर अपने वजन के साथ बैठने लगी।

कंचन जानबूझकर नरेश के लंड पर उल्टा होकर बैठी थी उसकी पीठ नरेश की तरफ थी और मूह विजय और शीला की तरफ।
"आह्ह्ह्ह नरेश भैया आपका लंड कितना सख्त है" नरेश का लंड अपनी चूत में जड़ तक घुसते ही कंचन ज़ोर से सिसकते हुए बोल रही थी ।
 

Rakesh1999

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कंचन नरेश के लंड पर बुहत ज़ोर से ऊपर नीचे हो रही थी । जिस वजह से उसकी बड़ी बड़ी चुचियां विजय के सामने उछल रही थी । नरेश ने कंचन को कमर से पकड रखा था और उसे अपने लंड पर ऊपर नीचे करने में वह मदद कर रहा था, कंचन के भारी चूतडों को अपने लंड पर ऊपर नीचे होता हुआ देखकर नरेश का लंड कंचन की चूत में बुहत ज़ोर के झटके खा रहा था।

विजय अपनी बहन को ऐसे नरेश के लंड पर उछलता हुआ देखकर बुहत ज्यादा उत्तेजित होते हुए शीला की चूत में धक्के मारने लगा । विजय के लंड को बुहत ज़ोर से अपनी चूत में अंदर बाहर होने से शीला के मुँह से सिस्कियाँ निकल रही थी ।
कंचन इतनी देर से अपने भाई और शीला को देखकर गरम हो चुकी थी। इसीलिए नरेश के लंड पर उछलते हुए उसकी चूत से बुहत ज्यादा पानी निकल रहा था और कुछ ही देर में उसका पूरा जिस्म अकडने लगा।

कंचन झरने के बिलकुल क़रीब थी। इसीलिए वह नरेश के लंड पर बुहत तेज़ी के साथ उछल रही थी । कंचन के मूह से उत्तेजना के मारे बुहत ज़ोर किस सिस्कियाँ निकल रही थी और उसका पूरा जिस्म पसीने से भीग चूका था।
"आह्ह्ह्हह आहह भैया ओहहहह मैं झर रही हू" कंचन अचानक अपनी आँखें बंद करके पागलो की तरह नरेश के लंड पर उछलते हुए झरने लगी ।

विजय अपनी बहन को झडता हुआ देखकर अपने आपको भी रोक नहीं पाया और हाँफते हुए शीला की चूत में अपना वीर्य गिराने लगा । शीला अपनी चूत में विजय का गरम वीर्य को महसूस करते ही खुद भी आँखें बंद करके झरने लगी ।
विजय पूरी तरह झरने के बाद शीला से अलग होते हुए बेड पर सीधा लेट गया । शीला भी विजय के साथ साइड में लेट गई, कंचन पूरी तरह झरने के बाद नरेश के ऊपर से उठते हुए उसकी साइड में लेटकर हांफ रही थी, नरेश अभी तक झडा नहीं था इसीलिए वह उठकर कंचन की टांगों के बीच आ गया।
 

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नरेश ने कंचन की टांगों को घुटनों तक मोड़ दिया और खुद नीचे झुककर उसकी चूत से निकलता हुए पानी को चाटने लगा । अपनी चूत पर नरेश की जीभ लगते ही कंचन फिर से गरम होने लगी और उसके मूह से सिस्कियाँ निकलने लगी, शीला और विजय बिलकुल शांत लेटे हुए कंचन और नरेश की तरफ देख रहे थे।

नरेश को कंचन की चूत चाटते हुए उसकी गांड का भूरा छेद नज़र आ गया जिसे देखकर नरेश का लंड ज्यादा झटके खाने लगा । नरेश अब कंचन की चूत पर अपनी जीभ को फिराते हुए उसकी गांड के भूरे छेद तक ले जा रहा था।

नरेश की जीभ अपनी गाँड पर लगते ही कंचन का पूरा जिस्म मज़े और गुदगुदी के अहसास से सिहरने लगा और उसके मूह से बुहत ज़ोर की सिस्कियाँ निकलने लगी । नरेश कंचन की सिस्कियाँ सुनकर अपनी जीभ को सिर्फ कंचन की गांड के भूरे छेद पर फिराने लगा।

नरेश कुछ देर कंचन की गांड को चाटने के बाद सीधा होते हुए अपना लंड उसकी चूत में घुसा दिया और बुहत तेज़ी के साथ कंचन को चोदने लगा । विजय का लंड अपनी बहन की चुदाई देखकर फिर से तनने लगा था। नरेश कुछ देर तक कंचन को ऐसे ही चोदने के बाद कंचन की चूत से अपना लंड निकालकर उसे उल्टा लिटा दिया और अपना लंड पीछे से उसकी चूत में डालकर उसे चोदने लगा।

विजय शीला के पास से उठकर कंचन के सामने आकर बैठ गया और उसकी आँखों में निहारने लगा।
"आह्ह्ह्ह भैया आप ओहहहहहह बुहत मजा आ रहा है" कंचन अपने भाई को अपने सामने देखकर जानबूझकर ज़ोर से सिसकने लगी । विजय ने एक नज़र अपनी बहन पर डाली और अपने होंठ उसके होंठो पर रख दिये ।
कंचन और विजय एक दुसरे के होंठो को बुहत ज़ोर से चूस रहे थे । कंचन तो मज़े के मारे जैसे हवा में उड़ रही थी । एक तरफ उसकी चूत को नरेश बुरी तरह चोद रहा था तो दूसरी तरफ उसका भाई उसके होंठो और जीभ को चाट रहा था।

शीला यह सब देखकर खुद को रोक नहीं पायी और वह घुटनों के बल चलते हुए अपने भाई नरेश के पास खडी हो गई । नरेश ने जैसे ही शीला को अपने सामने देखा उसने शीला को कमर से पकडते हुए उसकी एक चूचि को अपने मुँह में भर लिया और शीला की चूचि को चूसते हुए कंचन की चूत में ज़ोर जोर से धक्के मारने लगा ।
 

Rakesh1999

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विजय कुछ देर तक अपनी बहन के होंठो को चूसने के बाद उससे अलग होते हुए घुटनों के बल खडा हो गया और अपना लंड कंचन के मूह के बिलकुल नज़दीक कर दिया । विजय का लंड अब भी पूरी तरह तना नहीं था। कंचन ने जैसे ही अपने भाई के लंड को अपने मुँह के पास देखा। वह अपनी जीभ निकालकर विजय के लंड पर ऊपर से नीचे तक चाटने लगी ।

कंचन की जीभ अपने लंड पर लगते ही विजय का लंड फिरसे तनने लगा । कंचन ने अब विजय के लंड का सुपाडा अपने मुँह में भर लिया था, कंचन ने विजय के लंड को अपने होंठो के बीच ज़ोर से दबा रखा था और नरेश के धक्कों के साथ उसका मुँह अपने आप विजय के लंड पर आगे पीछे हो रहा था ।
नरेश ने कुछ देर तक शीला की चूचि को चूसने के बाद उसे बालों से पकडकर कंचन की गांड पर झुका दिया ।शीला समझ गयी थी की उसका भाई क्या चाहता है। शीला अपनी जीभ निकालकर कंचन की गांड के भूरे छेद को चाटने लगी।

शीला की जीभ अपनी गांड पर महसूस करते ही कंचन का मज़े के मारे बुरा हाल होने लगा उसका पूरा जिस्म अकडने लगा और वह अपने चूतडों को पूरी तेज़ी के साथ पीछे धकलते हुए नरेश का लंड अपनी चूत में लेने लगी । कंचन के ऐसा करने से विजय का लंड भी उसके मुँह में बुहत तेज़ी के साथ आगे पीछे होने लगा ।

शीला कंचन की गांड पर अपनी जीभ को फिराते हुए अपनी ऊँगली से भी उसकी गांड को हल्का सहला रही थी।
"आहहहहस्सशह्ह्ह भैया में झड़ रही हूँ ओह्ह्ह्हह" अचानक कंचन ने अपने मुँह से विजय का लंड निकाल लिया और बुहत तेज़ी के साथ अपने चूतडों को पीछे धकेलते हुए झरने लगी ।
कंचन झरते हुए बुहत तेज़ी के साथ अपने चूतडों को पीछे की तरफ ढकेल रही थी और हाँफते हुए सिसक रही थी । शीला ने कंचन को झडता हुआ देखकर अपनी ऊँगली को थोडा दबाब देकर कंचन की गांड में आधा घुसा दिया था।


कंचन की चूत से जाने कितनी देर तक पानी निकलता रहा और थोडी ही देर में कंचन पूरी तरह झडकर शांत हो गई । कंचन को जितना मजा आज आया था शायद वह उसकी कल्पना भी नहीं कर सकती थी, नरेश ने कंचन के शांत होते ही उसकी चूत से अपना लंड निकालकर शीला को बालों से पकडकर अपने लंड पर झुका दिया ।
 

Rakesh1999

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शीला ने एक नज़र नरेश के लंड पर डाली जो कंचन के चूत से निकले हुए पानी से पूरी तरह भीगा हुआ था और अपनी जीभ निकालकर नरेश के लंड को ऊपर से नीचे तक साफ़ करने लगी।

कंचन बिलकुल निढाल होकर लेटी हुयी थी और बुरी तरह हांफ रही थी । उसे अब और चुदाई का बिलकुल मूड नहीं था । नरेश ने शीला की जीभ से अपना लंड साफ़ होते ही उसे कमर से पकडते हुए उल्टा लिटा दिया और अपना लंड उसकी चूत में घुसाकर चोदने लगा ।
विजय भी कंचन को छोडकर शीला के क़रीब आ गया और अपना लंड उसके मुँह में घुसा दिया । नरेश शीला को बुहत तेज़ी के साथ चोद रहा था क्योंकी वह भी इतनी चुदाई से अब थक चूका था और झरने के बिलकुल क़रीब पुहंच चूका था।

नरेश के तूफ़ानी धक्कों से शीला की भी हालत ख़राब हो चुकी थी और वह चुदवाते हुए अपने चूतडों को बुहत तेज़ी के साथ पीछे की तरफ ढकेल रही थी । नरेश का पूरा जिस्म अचानक अकडने लगा और वह शीला को चूतडों से पकडकर उसकी चूत में अपना लंड बुहत ताक़त के साथ धक्के लगाकर अंदर बाहर करने लगा।

"आह्ह्ह्ह दीदी मैं झड रहा हूँ ओह्ह्ह्ह" नरेश की सारी ताक़त उसके लंड की तरफ जमा हो गई थी और उसके लंड से वीर्य की बारिश शीला की चूत को भरने लगी। नरेश झरते हुए ज़ोर से चीख़ रहा था, शीला अपनी चूत में अपने भाई का गरम वीर्य गिरते ही खुद भी अपने चूतड़ो को ज़ोर से पीछे की तरफ धकलते हुए झरने लगी ।

नरेश पूरी तरह झरने के बाद शीला से अलग होकर वही पर ढेर हो गया । विजय अभी तक झडा नहीं था उसने शीला को सीधा लिटा दिया और खुद उसके ऊपर चढकर अपने लंड को उसकी चुचियों के बीच डालकर आगे पीछे करने लगा ।
विजय का जिस्म कुछ देर में अकडने लगा और उसने जल्दी से अपना लंड शीला के मूह में घुसा दिया और अपना लंड तेज़ी के साथ उसके मुँह में अंदर बाहर करने लगा।
"आह्ह्ह्हह दीदी" विजय का जिस्म अचानक झटके खाने लगा और वह चीखते हुए झरने लगा।

विजय के लंड से निकलता हुआ वीर्य शीला के मुँह को भरने लगा । शीला जितना हो सकता था विजय के वीर्य को गटकने लगी और बाकी का उसके होंठो से निकलकर बेड पर गिरने लगा, विजय पूरी तरह झरने के बाद शीला से अलग होकर वही पर ढेर हो गया और शीला भी उसके साथ वही पर लेट गयी ।
 

Rakesh1999

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सभी ने कुछ देर रेस्ट किया।

कुछ देर के बाद नरेश और विजय बाथरुम की ओर गए।दोनों ने आपस में विचार विमर्श किया की आज ही अपनी दोनों बहनों को पूरी तरह से बेशर्म बना देना है इसके लिए विजय बोला की चलो और आज अपने रूम में दोनों को लाकर पार्टी के बहाने वियर पिला देते है और अपनी दोनों बहनों की गांड की सील भी खोल देते हैं ताकि दोनों बहनों को जब मन करे जहां मन करे हमदोनो चोद सके और हम इन दोनों को हर तरीके से उनके गांड चूत और मुँह को जी भरकर चोदेंगे ।


इसके लिए सबसे पहले हमें दोनों को वियर पिलाकर पूरी तरह से गर्म करना होगा।जब यह दोनों गरम हो जाएगी तब इन दोनों में एक तरह से कंपटीशन कराएंगे। चुदाई में दोनों में से कौन ज्यादा मजा देती है। इससे दोनों एक दूसरे से अच्छा करना चाहेगी इसी दौरान मैं शीला को गांड मरवाने के लिए तैयार कर लूँगा। जब शीला गांड मराने के लिए तैयार हो जाएगी उसके देखा देखी तुम कंचन की गांड मार लेना। एक बार हम दोनों ने गांड मार लिया तो जिंदगी भर हमें किसी चीज की दिक्कत नहीं होगी।तुम 1 मिनट रुको तब तक मैं अपने रूम में अपने मोबाइल को वीडियो कैमरा चालू करके रख देता हूँ।ताकि हमारी दोनों बहनों की चुदाई की मस्त वीडियो भी बन जाए।कभी हमारी बहनों की याद आएगी तो उसे देख के मन बहला लेंगे।
विजय जल्दी ही कैमरा सेट करके आ गया।


प्लान करके दोनो भाई वापस आए बेड पर शीला और कंचन लेटी हुई थी। तब बिजय शीला के पास और नरेश कंचन के पास चला गया दोनों अपनी बहनों के साथ फ्रेंच किस्स करने लगे। दोनों बहने अभी भी सिर्फ ब्रा पेंटी में लेटी हुई थी जिससे जल्दी ही नरेश और विजय के लंड पूरी खड़े हो चुके थे।

तभी विजय बोला चलो हमारे रूम में पार्टी करते है क्योंकि नरेश ने कहा था की जिस दिन वह कंचन दीदी को प्यार करेगा उस दिन पार्टी देगा।इसने सभी इंतज़ाम किया हुआ है।सभी लोग सो चुके है।वैसे भी हमारा रूम साउंड प्रूफ है चलो पार्टी करते है
 

Rakesh1999

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फिर सभी विजय के रूम में आ जाते है जहाँ कंचन और शीला पेंटी और ब्रा के ऊपर सिर्फ नाइटी डाले रहती है।दोनों मिलकर नाइटी उतार देते है।अब कंचन और शीला सिर्फ ब्रा पेंटी में बैठी हुई है।विजय टेबल पर वियर नमकीन केक आइसक्रीम रख देता है।

फिर ग्लास में सबके लिए वियर डाल देता है।मुझे थोडा सा ही देना मैंने कभी पी नहीं है सुना है बहुत कड़वी लगती है कंचन ने कहा।फिर नरेश वियर का ग्लास कंचन को देता है और उसी के पास बैठ जाता है।उधर विजय भी अपने और शीला के ग्लास लेकर शीला के पास बैठ जाता है।

फिर चारों चियर्स करते है ।विजय अपने ग्लास को शीला के होंठो से लगा देता है और बोलता है।दीदी अपने रसीले होंठो का स्वाद इसमें मिला दो।मुझे तुम्हारे रसीले होंठो का जूठा वियर पीना है।देखा देखी नरेश भी अपने ग्लास को कंचन के होंठो से लगा देता है।फिर दोनों अपने प्लान के हिसाब से दोनों बहनों को ज्यादा से ज्यादा वियर पिलाते है।साथ में दोनों एक दूसरे की बहनों की चूचियों को सहलाते रहते है और किस भी करते रहते है जिससे शीला और कंचन धीरे धीरे गरम हो जाती है।

नरेश:शीला दीदी बहुत अच्छा डांस करती है।तभी विजय भी बोला: कंचन दीदी भी बहुत अच्छा डांस करती है। चलो म्यूज़िक लगाओ और दोनों नाच कर दिखाओ।

नरेश: चलो दोनों मस्ती से डान्स करके दिखाओ।

शीला उठी और म्यूज़िक चालू की। गाना भी मदहोशि भरा था : शीला शीला की जवानी।

मस्ती भरा गाना और मस्त हुस्न वो भी गुलाबी नशे में। क्या समा बँधा कि दोनों भाई देखते ही रह गए। शीला अपनी कमर और चूचियाँ हिला हिला कर नाच रही थी और सिर्फ ब्रा में चूचियों की हलचल नरेश और विजय के लौड़े में भी हलचल मचा रही थी। अब कंचन भी मस्ती में आकर अपनी कमर चूचियाँ और अपनी मस्त गाँड़ हिला हिला कर नाचने लगी। अब शीला ने भी अपनी पीठ अपने भाइयो की ओर की और अपनी गाँड़ हिला हिला कर नाचने लगी।
 

Rakesh1999

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विजय की आँखें वासना से चमक रही थी और वो देखा कि नरेश अपने पैंट की ज़िप खोल रहा है और उसने अपनी पैंट खोली और चड्डी में से अपना लौड़ा बाहर निकाला और उसे हिलाने लगा। उसका सुपाड़ा पूरा गुलाबी हो रखा था। वह बीयर पिए जा रहा था और लंड हिलाए जा रहा था। उसकी आँखें कंचन के बदन से चिपकी हुई थीं। अब विजय को भी जैसे रास्ता मिला और वह भी अपनी पैंट खोला और चड्डी में से अपना 9 इंच लंबा लंड बाहर निकाला और उसे हिलाने लगा दोनों बहनो की कमसिन जवानी को घूरते हुए।

तभी गाना ख़त्म हुआ और शीला और कंचन पीछे देखी तो दोनों के खड़े लंड देखकर वो मस्त हो गयीं। तभी विजय बोला: शीला दीदी और बीयर लाओ ना। और कंचन दीदी दूसरा मस्त गाना लगाओ।

शीला अपनी गाँड़ मटकाते हुए टेबल से दो बीयर खोली और लेकर आयी। शीला ने अगला गाना लगाया: लैला मैं लैला।
अब वह दोनों नाचने लगीं । उफ़्फ़्फ क्या बदन हिला हिला के और झुक कर अपनी आधी नंगी चूचियाँ हिलाकर नाच रहीं थीं।

नरेश अपना लंड सहलाता हुआ बोला: मादरचोद क्या लौंडिया हैं साऽऽली । बार गर्ल भी इनके सामने पानी भरेंगी । मस्त चुदक्कड माल है दोनों। फिर अचानक उसे होश आया कि विजय भी कमरे में है। सो वो झेंप कर बोला: सॉरी यार मैं भूल गया था कि मैं अकेला नहीं हूँ।

विजय मुस्कुरा कर: अरे कुछ नहीं यार। सच में बहनचोद रंडियां भी इनके सामने फीकी पड़ जाएँगी। उफ़ गाँड़ देखो इनकी। कैसी मटका रही हैं और चूचियाँ उफ़्फ़्फ क्या हिला हिला कर पागल कर रहीं हैं हमें। यार मान गए तुमको । क्या आयडिया निकाला है सिर्फ ब्रा और पेंटी में डान्स करने का। साला इतना गरम मैं कभी नहीं हुआ। साली कुतिया की तरह गरम लौंडियाँ हैं दोनो। बहुत मज़ा आएगा इनको चोदने में। देखो कैसे बीयर पिए जा रहीं है। कंचन का तो दूसरा गिलास भी ख़ाली होने वाला है। अरे लो आपकी शीला ने एक घूँट में ही दूसरा गिलास भी ख़ाली कर दिया।

अभी आगे देख चल दोनों की ब्रा भी निकाल देते है इन रंडियो के बिना ब्रा के नंगी चूचियों के साथ डॉन्स में और भी मज़ा आएगा।साथ में हम दोनों भी डांस करते है सिर्फ अंडरवियर में।

नरेश:थोडा सबर कर यार।
 
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