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अपडेट 75
अब एक अंग्रेज़ी गाना बजने लगा था। अब शीला डान्स करते हुए अपनी गांड उठाकर अपनी पैंटी में कसी चूत और पिछवाड़ा भी दिखाने लगी थी। कंचन भी नशे की मस्ती में उसकी नक़ल करते हुए अपनी चूचियाँ उठा कर अपना यौवन दिखा रही थी।
नरेश अपना लंड दबाकर सोचा कि साली एक नम्बर की रंडियां लग रहीं हैं । अब शीला ने अपनी ब्रा ऊपर किया और उसका पेट और गहरी नाभि नंगी होकर सामने थी। अब वो घूमी और उसकी नंगी पीठ सबके सामने थी। कंचन ने भी इसकी नक़ल की और उसका छरहरा बदन जैसे बिजली गिरा रहा था। कमरे में वासना का नंगा नाच चालू हो चुका था। शीला ने नाचते हुए अपनी ब्रा इतनी उठा दी कि अब उसकी चूचियों का निचला हिस्सा साफ़ दिखाई पड़ रहा था। मानो दो संतरे अब सामने आने ही वाले थे। तभी उसने अपनी ब्रा ऊपर करके अपने पुष्ट मम्मे जो कि बड़े संतरों के साइज़ के थे दोनों भाइयो को दिखा दी। कंचन भी देखादेखी वही करी और अपने सख़्त बड़ी बड़ी चूचियाँ को दिखाने लगी।
विजय: कंचन के निपल्ज़ कितने टाइट है यार । चूचियाँ मस्त बड़ी हो गयीं हैं ।
नरेश : सही कहा तूने। और ये कंचन के निपल्लस का क्या बोलूँ ? मुझे तो लगता है कि उसकी चूचियाँ ही पूरी जवान हो गई हैं । भाई तूने कंचन का बहुत ध्यान रखा है उसकी चूचियों को चूसकर अच्छा जवान किया है और अब वो दोनों कमीने कुत्ती हँसी हँसने लगे।
विजय: चलो आज तुम ध्यान रख लो मेरी बहन का।
अब तक शीला ने अपनी ब्रा उतार दी थी और सिर्फ़ एक पारदर्शी पैंटी में उसका बदन ऐसा लग रहा था कि विजय उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता था। तभी शीला ने भी नाचते हुए अपनी ब्रा निकाल दी। अब तो कमरे में मानो आग ही लग गयी। विजय ने अपनी टी शर्ट निकाल दी और नरेश भी ऊपर से नंगा हो गया।अब शीला नाचते हुए अपनी चूचियाँ हिला रही थी और उत्तेजक स्टेप्स कर रही थी। कंचन ने भी उसकी नक़ल करनी शुरू कर दी।
शीला नाचते हुए ज़मीन पर लेट गयी और अपनी दोनों टाँगे उठाकर उनको फैलाकर अपनी पैंटी के ऊपर से अपनी बुर सहलाकर किसी रंडी के माफ़िक़ व्यवहार करने लगी। कंचन भी कहाँ पीछे रहने वाली थी।
अब एक अंग्रेज़ी गाना बजने लगा था। अब शीला डान्स करते हुए अपनी गांड उठाकर अपनी पैंटी में कसी चूत और पिछवाड़ा भी दिखाने लगी थी। कंचन भी नशे की मस्ती में उसकी नक़ल करते हुए अपनी चूचियाँ उठा कर अपना यौवन दिखा रही थी।
नरेश अपना लंड दबाकर सोचा कि साली एक नम्बर की रंडियां लग रहीं हैं । अब शीला ने अपनी ब्रा ऊपर किया और उसका पेट और गहरी नाभि नंगी होकर सामने थी। अब वो घूमी और उसकी नंगी पीठ सबके सामने थी। कंचन ने भी इसकी नक़ल की और उसका छरहरा बदन जैसे बिजली गिरा रहा था। कमरे में वासना का नंगा नाच चालू हो चुका था। शीला ने नाचते हुए अपनी ब्रा इतनी उठा दी कि अब उसकी चूचियों का निचला हिस्सा साफ़ दिखाई पड़ रहा था। मानो दो संतरे अब सामने आने ही वाले थे। तभी उसने अपनी ब्रा ऊपर करके अपने पुष्ट मम्मे जो कि बड़े संतरों के साइज़ के थे दोनों भाइयो को दिखा दी। कंचन भी देखादेखी वही करी और अपने सख़्त बड़ी बड़ी चूचियाँ को दिखाने लगी।
विजय: कंचन के निपल्ज़ कितने टाइट है यार । चूचियाँ मस्त बड़ी हो गयीं हैं ।
नरेश : सही कहा तूने। और ये कंचन के निपल्लस का क्या बोलूँ ? मुझे तो लगता है कि उसकी चूचियाँ ही पूरी जवान हो गई हैं । भाई तूने कंचन का बहुत ध्यान रखा है उसकी चूचियों को चूसकर अच्छा जवान किया है और अब वो दोनों कमीने कुत्ती हँसी हँसने लगे।
विजय: चलो आज तुम ध्यान रख लो मेरी बहन का।
अब तक शीला ने अपनी ब्रा उतार दी थी और सिर्फ़ एक पारदर्शी पैंटी में उसका बदन ऐसा लग रहा था कि विजय उसे शब्दों में बयान नहीं कर सकता था। तभी शीला ने भी नाचते हुए अपनी ब्रा निकाल दी। अब तो कमरे में मानो आग ही लग गयी। विजय ने अपनी टी शर्ट निकाल दी और नरेश भी ऊपर से नंगा हो गया।अब शीला नाचते हुए अपनी चूचियाँ हिला रही थी और उत्तेजक स्टेप्स कर रही थी। कंचन ने भी उसकी नक़ल करनी शुरू कर दी।
शीला नाचते हुए ज़मीन पर लेट गयी और अपनी दोनों टाँगे उठाकर उनको फैलाकर अपनी पैंटी के ऊपर से अपनी बुर सहलाकर किसी रंडी के माफ़िक़ व्यवहार करने लगी। कंचन भी कहाँ पीछे रहने वाली थी।