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बापु शायद आप सही कह रहे हो मगर मुझे इन्हें उतारते हुए शर्म आ रही है। आप ही उतार दो ना" मनीषा ने अपने पिता की बात सुनकर मुस्कराते हुए कहा।
"ठीक है बेटी मैं ही उतार देता हूँ वैसे भी सही तरीके से नहाने के लिए पूरा नंगा होना ही पड़ता है" अनिल ने अपनी बेटी को उल्टा करके उसकी ब्रा का हुक खोलते हुए बोला।
अनिल ने ब्रा के हुक खोलकर अपनी बेटी को सीधा कर दिया और उसकी ब्रा को मनीषा के जिस्म से अलग कर दिया।
"वाह बेटी तुम भी न देखो तुम्हारी चुचियां कितनी प्यारी हैं और तुम इन्हें क़ैद में रखे हुए हो । थोडा इनको भी ठन्डे पानी का मजा लेने दो" अनिल ने अपनी बेटी की ब्रा के उतरते ही उसकी नंगी चुचियों को घूरते हुए कहा।
शॉवर से गिरता हुआ ठण्डा पानी मनीषा के सर से होता हुआ उसकी गोरी चुचियों को भिगो रहा था । अनिल का लंड अपनी बेटी की चुचियों पर पानी को गिरता हुआ देखकर बुहत ज़ोर के झटके खा रहा था।
"बापु इस बदमाश को अचानक क्या हो गया?" मनीषा ने अपने पिता के झटके खाते हुए लंड को देखते हुए कहा ।
"बेटी यह बेचारा तुम्हारे जिस्म को देखकर पागल हो गया है" अनिल ने अपनी बेटी की बात सुनकर उसकी एक चूचि के दाने को अपनी उँगलियों के बीच लेकर मसलते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह बापू आप भी ना" मनीषा ने अपनी चूचि के दाने के मसलने से चीखते हुए कहा।
"बेटी सच तो कह रहा हूँ। इस बेचारे का तुम्हारी चुचियों को देखते ही यह हाल है तो जब यह तुम्हारी नीचे वाली जन्नत को देखेगा तब तो जाने बेचारे का क्या हाल होगा" अनिल ने अपनी बेटी की चूचि को पूरी तरह अपनी मुठी में भरकर दबाते हुए कहा ।
"बापु अब बातों को छोड़ीये हम यहाँ पर नहाने आये है" मनीषा ने अपने पिता का हाथ पकडकर अपनी चूचि से हटाते हुए कहा।
"ठीक है बेटी" अनिल अपनी बेटी की बात सुनकर अपने हाथ से उसकी पेंटी को पकडकर नीचे सरका दिया और नीचे झुकते हुए अपनी बेटी की पेंटी को उसकी टांगों से अलग कर दिया।
"ठीक है बेटी मैं ही उतार देता हूँ वैसे भी सही तरीके से नहाने के लिए पूरा नंगा होना ही पड़ता है" अनिल ने अपनी बेटी को उल्टा करके उसकी ब्रा का हुक खोलते हुए बोला।
अनिल ने ब्रा के हुक खोलकर अपनी बेटी को सीधा कर दिया और उसकी ब्रा को मनीषा के जिस्म से अलग कर दिया।
"वाह बेटी तुम भी न देखो तुम्हारी चुचियां कितनी प्यारी हैं और तुम इन्हें क़ैद में रखे हुए हो । थोडा इनको भी ठन्डे पानी का मजा लेने दो" अनिल ने अपनी बेटी की ब्रा के उतरते ही उसकी नंगी चुचियों को घूरते हुए कहा।
शॉवर से गिरता हुआ ठण्डा पानी मनीषा के सर से होता हुआ उसकी गोरी चुचियों को भिगो रहा था । अनिल का लंड अपनी बेटी की चुचियों पर पानी को गिरता हुआ देखकर बुहत ज़ोर के झटके खा रहा था।
"बापु इस बदमाश को अचानक क्या हो गया?" मनीषा ने अपने पिता के झटके खाते हुए लंड को देखते हुए कहा ।
"बेटी यह बेचारा तुम्हारे जिस्म को देखकर पागल हो गया है" अनिल ने अपनी बेटी की बात सुनकर उसकी एक चूचि के दाने को अपनी उँगलियों के बीच लेकर मसलते हुए कहा।
"आह्ह्ह्ह बापू आप भी ना" मनीषा ने अपनी चूचि के दाने के मसलने से चीखते हुए कहा।
"बेटी सच तो कह रहा हूँ। इस बेचारे का तुम्हारी चुचियों को देखते ही यह हाल है तो जब यह तुम्हारी नीचे वाली जन्नत को देखेगा तब तो जाने बेचारे का क्या हाल होगा" अनिल ने अपनी बेटी की चूचि को पूरी तरह अपनी मुठी में भरकर दबाते हुए कहा ।
"बापु अब बातों को छोड़ीये हम यहाँ पर नहाने आये है" मनीषा ने अपने पिता का हाथ पकडकर अपनी चूचि से हटाते हुए कहा।
"ठीक है बेटी" अनिल अपनी बेटी की बात सुनकर अपने हाथ से उसकी पेंटी को पकडकर नीचे सरका दिया और नीचे झुकते हुए अपनी बेटी की पेंटी को उसकी टांगों से अलग कर दिया।