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Incest परिवार (दि फैमिली) (Completed)

Rakesh1999

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नीलम : आ आह यस चूस लो पिताजी आह्ह्ह .! चाट लो मेरी चूत जो मज़ा आपके बेटे ने नहीं दिया वो सारी ख़ुशी आप मुझे दे दो ! आह आह उई माँ मर गई!
ओह माइ गॉड ! खा जाओ मेरी चूत को ओह।
महेश ने अपनी लपलपाती जीभ का कमाल दिखाना चालू कर दिया ! चुत चूसाई मे अच्छी अच्छी लोंड़िया उसके सामने बेबस हो जाया करती थी फिर नीलम तो कल की छोकरी थी !
इधर महेश की जीभ लपलपा रही थी उधर नीलम बिन पानी की मछली के समान मचल रही थी ! लोहा गरम देख महेश ने अगली चोट कर दी उसने बहू की क्लिट अपने मुँह मे दबा लिया और बीच की उंगली चुत के अंदर डाल जी स्पॉट पर आक्रमण कर दिया ! इस दुधारी तलवार पर चलना नीलम जैसी नई नई लौंडिया के बस की बात नही थी वो महेश के हमले के आगे टूट गई और कमर उछाल उछाल कर अपने आने का संकेत देने लगी ! कुछ ही देर मे वो झर झर कर झडने लगी और महेश गट गट कर बहू की चूत का पानी पीने लगा !
कुछ देर आराम करने के बाद महेश उपर आ गया और बहू के संतरों को चूसने लगा ! संतरे नीलम की सबसे बड़ी कमज़ोरी थी जब भी महेश उन्हे मुँह मे लेता था नीलम तुरंत काम वासना के आगे बेबस हो जाती !
अभी दो मिनिट ही महेश ने नीलम के संतरे चूसे थे क़ि नीलम बोल पड़ी -
नीलम: पिताजी प्लीज़ करिए ना ! अब रहा नही जाता ! डाल दीजिए अपना मूसल हमारे अंदर और हमे चोद डालिए जी भर के !
महेश: जान थोड़ा रुक जाओ इन रसीली चूचियों का मज़ा तो ले लेने दो !
नीलम: नही पहले एक बार कर लीजिए फिर खाली समय मे चुसते रहना जी भर के !

महेश-बहु मैं चाहता हूँ की अब जब भी तुम्हारी चुदाई करूँ अपना माल तुम्हारी चूत में ही गिराऊँ ताकि तुम माँ बन जाओ नहीं तो मेरे बेटे से तो कुछ होनेवाला नहीं है।

नीलम-क्या यह ठीक रहेगा पिताजी।
महेश-हाँ बेटी अगर लड़की को शादी बाद बच्चा नहीं हो तो समाज में उसे इज्जत नहीं मिलती।

नीलम : हाँ जानू इस सुख के लिए कितना इंतज़ार किए हैं ! अब आपको अपने बेटे के हिस्से का भी प्यार देना है हमे ! उन्होने प्यार देने मे जो कमी की है उसकी रिकवरी भी हमे आप से करनी है ! चलो अब जल्दी आ जाओ और हमको खूब प्यार करो !
जो हुकुम स्वीट हार्ट कहते हुए महेश ने नीलम की टाँग उठाई ,पोज़िशन ली और एक झटके मे पूरा लंड अपनी बहू के चूत के अंदर पेल दिया !
 

Rakesh1999

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एक झटके मे पूरा लंड अंदर जाते ही नीलम के मुख से चीख निकल गई वो तो अच्छा था क़ि महेश ने पहले खूब चुत चुसाई की थी जिससे बहू अंदर से बहुत गीली थी वरना आज फिर खून खच्चर हो जाता ! दर्द के मारे बहू बड़बड़ाई ।
नीलम : उई माँ मर गई ! ओह क्या कर रहे हो ? हे राम धीरे नही कर सकते ! हमेशा बेसबरे बने रहते हो ! कितना दरद दे रहा है
महेश : सॉरी जानू तुमको नंगी देखने के बाद सबर ही नही हो पाता ! बहुत दरद दे रहा है तो निकाल दूं .क्या ?
नीलम: अब डाल दिया है तो रहने दो लेकिन प्लीज़ धीरे धीरे करो ! आप तो एकदम सूपर फास्ट ट्रेन बन जाते हो ! नीचे लड़की को बिछाए हो कोई रंडी नही बिछी है!
महेश को भी अपनी ग़लती का अहसास हो गया हालाकी वो चुदाई के मामले मे बहुत ही सबर से काम लेने वाला आदमी था और लड़कियों को बहुत ही तसल्ली से चोदता था किंतु बहू की खूबसूरती और जवानी ऐसी थी क़ि उसका दिमाग़ ही काम करना बंद कर देता था ! वरना सेक्स को वो हमेशा ही देर तक खींचने वाला इंसान था !

अब महेश ने हल्के मगर लंबे स्ट्रोक मारने चालू कर दिए जिससे बहू एक बार फिर दीन दुनिया से बेख़बर होने लगी पुर कमरे मे नीलम की सिसकारी गूँज रही थी बीच बीच मे महेश की थाप की आवाज़ भी आ जाती जब नीलम की गर्मी बढ़ी तो वो नीचे से कमर उछालने लगी जिससे महेश समझ गया क़ि नीलम अब आने वाली है !इधर नीलम का जिस्म अब कमान की भाँति ऐठने लगा ! वैसे तो बहू बहुत ही सुशील थी किंतु जब उसके ससुर का मूसल उसकी योनि का मंथन करने लगता तो उसके अंदर से ने नये शब्द निकलने लगते ।

नीलम: हाँ जानू ऐसे ही चोदिये ! बहुत अच्छा लग रहा है ! आप तो एक नंबर के चोदू हो फिर क्यों हमे तंग करते हो ! आह आह्ह्ह्ह्ह ! पिताजी और ज़ोर से करिए हमारा होने वाला है ! डाल दीजिए अपना बीज़ हमारे अंदर ! आह माँ मर गई ! और इसी के साथ नीलम झडने लगी महेश ने भी अपनी रफ़्तार बढ़ा दी और अपनी बहू के अंदर अपना माल उड़ेलने लगा !



माल निकालने के बाद महेश नीलम के उपर ही पसर गया !लगभग दस मिनिट तक वो लंड को अंदर ही फ़साए रहा जिससे वीर्य बिल्कुल भी बाहर ना निकल पाए ! फिर वो हटा और चिट लेट गया और नीलम को करवट का उसका सिर अपने कंधे मे रख दिया ! दोनो धीरे धीरे एक दूसरे को सहला रहे थे !
 

Rakesh1999

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नीलम अपने ससुर के चौड़े चकले सीने को सहला रही थी तो महेश अपने पसंदीदा फल बहू के खरबूजों को मसल रहा था !बड़ा ही रोमांटिक दृश्य था ऐसा लग ही नही रहा था क़ि दोनो ससुर और बहू है और दोनो मे पीढ़ी का गेप है ! ऐसा लग रहा था जैसे दोनो नव विवाहित हों और अपना हनीमून मना रहे हों !

दोनो को रोमॅन्स करते -२ आधा घंटा बीत गया तो महेश उठा और धोती पहनने लगा ! जैसे ही वो जाने को हुआ नीलम ने झट से उसका हाथ थाम लिया !
महेश : क्या हुआ जान ? कुछ कहना है क्या ?
नीलम ने बहुत ही प्यासी नज़रों से अपने ससुर को देखा और कहा
नीलम: जानू प्लीज़ थोड़ा और रुकिये ना !
महेश ने बड़े लाड़ से नीलम की आँखों मे देखा और कहा
महेश : क्या बात है डार्लिंग आज बड़ी इमोशनल लग रही हो ?

नीलम ने उसकी ओर प्यार भरी दृष्टि डाली और बोली
नीलम: प्लीज़ एक बार और करिए ना ! बहू की बात सुनकर महेश भी भावुक हो गया ! नीलम से विरह की बात सुनकर ही उसका सीना भारी हो गया ,वो वापस आकर बिस्तर मे बैठ गया ! नीलम भी किनारे खिसक आई और उसकी पीठ सहलाने लगी !
महेश: जान हमारी भी इच्छा है क़ि तुम्हे और चोदे ।
नीलम: तो जल्दी से कर दीजिए ना ! नीलम ने फ़ौरन बोल दिया !
महेश: जानेमन हम कोई पच्चीस साल के लड़के नही हैं क़ि हमारा तुरंत खड़ा हो जाए ? तुम्हे कुछ करना होगा !
नीलम: बोलिए ना हमे क्या करना है हम ज़रूर करेंगे !
महेश: करना क्या बस इसे खड़ा करना है ! लो खेलो इससे ! जितना दिल से खेलोगी उतना ही ये जल्दी तैयार होगा !
महेश की बातें सुन नीलम ने तुरंत उसका लंड पकड़ लिया और मसलने लगी ! महेश धीरे से लेट गया जिससे बहू अच्छे से अपना काम कर सके ! नीलम के हाथों मे आते ही लंड मे फिर से जान आने लगी उसका आकार धीरे धीरे बढ़ने लगा ! ज्यों ज्यों लंड का साइज़ बढ़ रहा था बहू और कौतूहल से उसको प्यार कर रही थी ! पाँच मिनिट मे ही महेश के लंड ने अपना सिर उठा दिया लेकिन उसमे पहले जैसी कठोरता नही थी ! मौके का सही फ़ायदा उठाते हुए महेश ने कहा।
महेश: जान ये थोड़ा और ट्रीटमेंट माँग रहा है ! ज़रा इसको मुँह मे लेकर चूस दो उसे । जल्दी तैयार हो जाएगा !
 

Rakesh1999

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नीलम: अच्छा हम आपकी चालाकी समझ गये चुसवाना चाहते हो इसलिए बहाना कर रहे हो !लेकिन हम नहीं चूसंगे हम ने आप से पहले ही कह दिया था क़ि जब तक हम प्रेगनेन्ट नहीं हो जाएँगे हम इसको मुँह मे नही लेंगे भूल गये क्या ?
महेश: हमे सब याद है लेकिन आप भूल रहीं हैं ! आपने कहा था क़ि इसका पानी नही पिएँगे ये नही कहा था क़ि चूसेंगे नही !
नीलम: वो सब एक ही तो बात है ! कहते हुए नीलम ने लंड को ज़ोर से मसल दिया ! महेश के मुख से दर्द भरी सिसकारी निकल गयी !
महेश: एक बात थोड़ी है ! चूसोगी तो तुम इसको तैयार करने के लिए। बाकी पानी तो हम अंदर ही गिराएँगे ! चलो चूस लो फिर पता नही कब चूसने को मिले !
नीलम भी लंड चूसना चाहती थी किंतु ससुर को चिढाने के लिए ही कह रही थी लेकिन जैसे ही महेश ने कहा की पता नही फिर कब मौका मिलेगा वो चौंक गई और तुरंत ही अपने फ़ेवरेट लंड को मुँह मे भर लिया !

बहू के मुँह मे लंड जाते ही महेश गनगना गया उसके मुँह से सिसकारियाँ निकलने लगी जो नीलम को और सेक्सी बना रही थी ! नीलम भी पूरी तरह उत्तेजित हो गई वो ससुर के लंड को जितना हो सके अंदर तक निगलने लगी बीच - २ मे लंड मे दाँत भी गढ़ा देती !


अब महेश के लिए अपने को संभालना मुश्किल हो गया ! पहले वाली बात होती तो वो बहू को अपना पानी पिला देता लेकिन अब तो पानी बहु की चूत में ही डालना था इसलिए महेश ने नीलम को नीचे पटका और उस पर सवार हो गया ! उसने बहू की गोरी मांसल जांघों को चूमा फिर उन्हे उठाकर कंधे मे रख लिया ! टाँग कंधे मे आते ही नीलम की कमर बिस्तर से छह इंच उठ गई और उसकी चूत बाहर को निकल आई ! महेश ने अपना मोटा लंड बहू की चूत की छेद मे रखा और उसे धक्के के साथ पेल दिया ! दो धक्के मे उसने पूरा लंड अंदर पेल दिया !

नीलम बस आह उई ही करती रह गई ! महेश ने अब लंबे लंबे शॉट मारना शुरू कर दिया ! हर धक्के के साथ नीलम का नशा बढ़ता ही जा रहा था !पूरे कमरे मे उसकी सिसकारी गूँज रही थी कभी कभी वो ज़ोर से चीख पढ़ती ! चुत पहले से गीली थी इसलिए लंड सटासॅट अंदर जा रहा था ! महेश ने अब तैश मे आकर तगड़े झटके मारने शुरू कर दिए जिससे कमरे मे थप थप की आवाज़ गूंजने लगी !
 

Rakesh1999

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कमरे मे वीर्य की गंध भी आ रही थी ! सेकेंड राउंड अब अपने पूरे चरम पर था ! दोनो खिलाड़ी एक दूसरे के स्टेमीना का टेस्ट ले रहे थे ! लेकिन इस टेस्ट मे महेश को ही जितना था क्योंकि वो जानता था क़ि सेकेंड राउंड वो लंबा खींच सकता है जबकि बहू का सक्सेस्सिव ओर्गस्म जल्दी होगा ! और वही हुआ नीलम अपनी गर्मी संभाल नही पाई और चीख मार कर झडने लगी ! महेश लंबी रेस के घोड़े की तरह दौड़ता रहा !
महेश अब बीच - २ मे स्ट्रोक मारना बंद कर बहू के अंगों से खेलने लगता ताकि अपने आपको और देर तक बचा सके ! नीलम को उसका ये प्यार भी अच्छा लग रहा था नीचे तो लंड अंदर तक धंसा पढ़ा ही था ! अचानक महेश ने नीलम से कहा।
महेश : जानू आओ अब तुम करो !
नीलम : हम करें मतलब ?
महेश : मतलब अब तुम उपर आ जाओ और खुद अपने से चोदो !
नीलम: धत ?? ये काम हमारा नही है ! ये काम मर्दों का होता है !
महेश : जान आजकल सब चलता है ,वीडियो मे नही देखा कैसे उपर बैठ कर लड़कियाँ खुद करती हैं और कितना एंजाय करती हैं ! तुम भी एंजाय करो ! कम ऑन डार्लिंग।
नीलम: आपको किसने कह दिया क़ि लड़कियाँ उपर आकर एंजाय करती है ? कोई एंजाय वंजाय नही करती है
महेश : वीडियो मे तो दिखता है क़ि सब एंजाय करती हैं !
नीलम : वीडियो की छोड़ दीजिए वो तो पैसे के लिए करती है असल मे औरत मर्द के नीचे ही रहना पसंद करती हैं !
महेश: मतलब ?? जान कुछ क्लियर बताओ
नीलम: मतलब ये क़ि लड़कियां हमेशा निचे रहना ही पसंद करती है और आप करते समय हमारा बहुत ख्याल करते हैं अपना पूरा वजन अपने हाथों मे उठा लेते हैं।
महेश: लेकिन जानू तुम पर वजन पड़ेगा ,तुम बहुत नाज़ुक हो एकदम फूल जैसी !
नीलम : आपका वजन बर्दास्त करने में मुझे मज़ा आता है।
महेश :ये तो और अच्छा है ! फिर तो महेश ने अपना पूरा वजन अपनी फूल सी बहू के उपर डाल दिया और धकापेल धक्के लगाने लगा !
 

Rakesh1999

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महेश ने पूरी तरह से नीलम को अपने बस में कर लिया तब उसने नीलम को कुतिया बना के पेलना शुरू कर दिया।जब महेश की नज़र नीलम की गांड के भूरे छेद पर पड़ी तो उसका लंड अपनी बहु की संकरी गांड के छेद में घूसने को मचलने लगा।

वैसे भी महेश सोच चूका था की अपनी बहु नीलम की
गांड की सील खोल देगा या उसे प्रेग्नेंट कर देगा ताकि आगे बच्चा होने तक अपनी बहु से एक दिन की भी जुदाई न हो।

अब महेश ने अपनी ऊँगली में थूक लगाकर अपनी बहु के गांड में अपनी एक ऊँगली पेलने लगा।साथ में अपना लंड भी अपनी बहु की चूत में घचाघच पेल रहा था।बहु भी पूरी मस्ती में अपनी गांड पीछे धकेल रही थी।अब धीरे धीरे महेश नीलम की गांड में दो ऊँगली आराम से पेल रहा था।

नीलम -क्या कर रहे हो पिताजी।

महेश ने अपना लंड बहु की गांड के छेद से अड़ा दिया।
“धत्त, वहाँ मैंने कभी नहीं करवाया.”
“तो आज करवा के देखो. वहाँ भी बहुत मज़ा आता है बिल्कुल चूत की तरह!”
“नहीं बाबा वहाँ नहीं. बहुत मोटा है आपका, मैं वहाँ नहीं सह पाऊँगी.”
“अरे एक बार ट्राई तो कर लो बेटी, मज़ा नहीं आये तो मत करने देना.”

“अच्छा, एक बार घुसाने के बाद आप क्या मान जाओगे?”
“सच में नीलम बेटी, बहुत दिनों से मन में था तेरी गांड मारने का. आज मत रोक मुझे!”
“पर पिता जी मुझे बहुत बहुत डर लग रहा है वहाँ नहीं. आप चूत में जितना चाहो कर लो !”
“कुछ नहीं होता बेटी, वहाँ और ज्यादा मज़ा आता है और अपना माल तुम्हारी चूत में ही डालूंगा प्लीज बहु”
“अच्छा करो धीरे से, लेकिन दर्द होगा तो निकाल लेना जल्दी से अगर मैं कहूँ तो!”
“ठीक है बेटी तू चिंता मत कर अब.”

महेश ने पास रखे तेल से लंड को अच्छे से चुपड़ लिया और बहू के दोनों हाथ सामने बेड पर रख दिए और उसे झुका कर कमर पकड़ कर पीछे की तरफ खींच लिया जिससे बहु का पिछवाड़ा अच्छी पोजीशन में उसके लंड के सामने आ गया.
 

Rakesh1999

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अपडेट 130




इसी स्थिति में महेश ने अपनी बहू नीलम की चूत में लंड पेल दिया और दस बारह धक्के लगा कर नीलम को तैयार किया. फिर महेश ने नीलम की दोनों टांगों को दायें बाएं फैला के लंड को उसके गांड के छेद से सटा दिया और उसके कूल्हों पर चपत लगाने लगा, पहले इस वाले पे, फिर उस वाले पे.

नीलम बेटी , जरा अपनी गांड को अन्दर की तरफ सिकोड़ो और फिर ढीली छोड़ दो.”
“कोशिश करती हूँ पिताजी.” नीलम बोली और अपनी गांड को सिकोड़ लिया. उसकी गांड के झुर्रीदार छेद में हलचल सी हुई और उसका छेद सिकुड़ गया.
“गुड वर्क, बेटी. ऐसे ही करो तीन चार बार!”

महेश के कहने पर नीलम ने अपनी गांड को तीन चार बार सिकोड़ के ढीला किया.
“बेटी, अब बिलकुल रिलैक्स हो जाओ. गहरी सांस लो और गांड को एकदम ढीला छोड़ दो.”
नीलम ने बिल्कुल वैसा ही किया.

“नीलम बेटी, गेट रेडी, मैं आ रहा हूँ.” महेश ने कहा. और लंड से उसकी गांड पर तीन चार बार थपकी दी.
“पिता जी आराम से”नीलम बोली।
“आराम से ही जाएगा बेटी, बस तू ऐसे ही रहना; एकदम रिलैक्स फील करना.”

गांड के छेद का छल्ला थोड़ा सख्त होता है. लंड एक बार उसके पार हो जाए फिर तो कोई प्रॉब्लम नहीं आती. अतः महेश ने अपनी फोरस्किन को कई बार आगे पीछे करके सुपाड़े को तेल से और चिकना किया और नीलम की गांड पर रख कर उनकी कमर कस के पकड़ ली और लंड को ताकत से पेल दिया गांड के भीतर.

लंड का टोपा पहले ही प्रयास में गप्प से नीलम की गांड में समा गया. उधर नीलम जलबिन मछली की तरह छटपटाई- उई मम्मी रे… बहुत दर्द हो रहा है, पिताजी… फाड़ ही डाली आपने तो; हाय राम मर गयी, हे भगवान् बचा लो आज!
नीलम ऐसे ही चिल्लाने लगी.

ऐसे अनुभव महेश को पहले भी अपनी पत्नी के साथ हो चुके थे, वो भी ऐसी ही रोई थी और रो रो कर आसमान सिर पर उठा लिया था, बाद में जब मज़ा आने लगा था तो अपनी गांड हिला हिला के लंड का भरपूर मज़ा लिया था।
 

Rakesh1999

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महेश जानता था कि बस एक दो मिनट की बात थी और बहू भी अभी लाइन पर आ जायेगी. अतः वह बहू की चीत्कार, रोने धोने को अनसुना करके यूं ही स्थिर रहा और उसकी पीठ चूमते हुए नीचे हाथ डाल कर उसके बूब्स की घुन्डियाँ मसलता रहा और उसे प्यार से सांत्वना देता रहा.
उधर बहू बेड पर अपना सिर रख के सुबक सुबक के रोती रही.

कुछ ही मिनटों बाद महेश को अनुभव हुआ कि उसके लंड पर गांड का कसाव कुछ ढीला पड़ गया साथ ही बहू भी कुछ रिलैक्स लगने लगीं थी. हालांकि रोते रोते उसकी हिचकी बंध गई थी.
“नीलम बेटी, अब कैसा लग रहा है?” महेश ने लंड को गांड में धीरे से आगे पीछे करते हुए पूछा.
“पहले से कुछ ठीक है पिताजी, लेकिन दर्द अब भी हो रही है.”
“बस थोड़ी सी और हिम्मत रखो बेटी, दर्द अभी ख़त्म हो जाएगा फिर तुझे एक नया मज़ा मिलेगा.”

महेश लंड को यूं ही उसकी गांड में फंसाए हुए उसके चूतड़ सहलाता और मसलता रहा; बीच बीच में पीठ को चूम कर चुचियाँ दबाता रहा. कुछ ही मिनटों में नीलम नार्मल लगने लगी, लंड पर उसकी गांड की जकड़ कुछ ढीली पड़ गई और उसकी कमर स्वतः ही लंड लीलने का प्रयास करते हुए आगे पीछे होने लगी.

“पिता जी, अब थोडा मज़ा आ रहा है. जल्दी जल्दी करो अब!” बहू ने अपनी गांड उचका के दायें बाएं हिलाई.
“आ गई ना लाइन पे, बहुत चिल्ला चिल्ला के रो रो के दिखा रही थी अभी!” महेश बहू के चूतड़ों पर चांटे मारते हुए कहा.
“अब मुझे क्या पता था कि पीछे वाली भी दर्द के बाद इतना ढेर सारा मज़ा देती है.”नीलम बोली।
“तो ले बेटी, अपनी गांड में अपने ससुर के लंड का मज़ा ले.” महेश ने कहा और लंड को थोडा पीछे ले कर पूरे दम से पेल दिया बहू की गांड में.

“लाओ, दो पिता जी.. ये लो अपनी बहू की गांड!” नीलम बोली और अपनी गांड को अपने ससुर के लंड से लड़ाने लगी.
“शाबाश बेटी, ऐसे ही करती रह.” महेश ने बहू की पतली कमर दोनों हाथों से कसके पकड़ के उसकी गांड में लंड से कसकर ठोकर लगाई, साथ में नीचे उसकी चूत में अपनी बीच वाली उंगली घुसा के अन्दर बाहर करने लगा.
 

Rakesh1999

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“आह…पिता जी, आज तो गजब कर रहे हो आज, मेरा मन जोर जोर से चिल्ला चिल्ला के चुदने का कर रहा है.”नीलम बोली।
“तो चिल्ला जोर से!”महेश उसकी चूत के दाने को मसलते हुए बोला.
“पिता जी आ… तीन उंगलियां घुसेड़ दो मेरी चूत में और धक्के लगाओ जोर जोर से!”नीलम बोली।
“ये लो बेटी… ऐसे ही ना?” महेश ने हाथ का अंगूठा और छोटी अंगुली मोड़ कर तीनों उंगलियाँ बहू की बुर में घुसा दीं और उसकी गांड में धक्के पे धक्के देने लगा.

नीलम की चूत रस बरसा रही थी. महेश की सारी उंगलियां और हथेली उसके चूत रस से सराबोर हो गयी.
“और तेज पिताजी और तेज… अंगुलियां और भीतर तक घुसा दो चूत में पिताजी!” बहू चिल्ला कर बोली.

अबकी महेश ने अपनी चारों उंगलियां अपनी प्यारी बहु की चूत में जितना संभव था उतनी गहराई तक घुसा के उसकी गांड ठोकने लगा.
“आह… यू आर ग्रेट पिताजी …मुझे रंडी की तरह चोदो … फाड़ के रख दो मेरी गांड को और उंगलियां गहराई तक घुसा दो मेरी चूत में और चोदो मेरी गांड को!” नीलम अब अपने पे आ चुकी थी और मज़े के मारे बहकी बहकी बातें करने लगी थी.

आह कितनी मज़ा दे रही है तेरी गांड बेटी।तू मेरी पर्सनल रंडी है बहु।अभी तो तुझे कुतिया बना के तेरी गांड में पेल रहा हूँ मुझे ज़िन्दगी का सबसे बड़ा सुख मिल रहा है।क्या मस्त गरम गांड है तेरी।महेश जोर जोर से अपनी बहु की गांड मारते हुए बोला।

महेश जानता था कि औरत जब पूरी गरम हो जाये तो उसे बड़े ही एहितयात से टेक्टफुल्ली संभालना होता है; इसी पॉइंट पर पुरुष की सम्भोग कला और धैर्य का इम्तिहान होता है.
“हाँ नीलम बेटी ये ले!” महेश ने कहा और उसकी चोटी अपने हाथ में लपेट के खींच लिया जिससे उसका मुंह ऊपर उठ गया और अपने धक्कों की स्पीड कम करके लंड को धीरे धीरे उसकी गांड में अन्दर बाहर करने लगा.

“पिता जी, लंड को चूत में दीजिये न कुछ देर प्लीज!”
“ये लो बेटी!” महेश ने कहा और लंड को गांड से निकाल कर फचाक से बहू की चूत में पेल दिया और चोदने लगा.
“वाओ पिताजी… चोदो तेज तेज चोदो… लंड के साथ अपनी दो अंगुलियां भी घुसा दो भीतर.” बहू रानी किसी हिस्टीरिया से पीड़ित लड़की की तरह बहकने लगी.
 

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नीलम की गांड का छेद मुंह बाए लंड के इंतज़ार में कंपकंपा सा रहा था लेकिन महेश एक अंगुल नीचे उसकी चूत को अपने लंड से संभाले हुए था.

तभी महेश को एक आईडिया आया. बेड के सामने टेबल पर फल रखा था. उसकी नज़र मोटे केलों के गुच्छे पर गयी जिसमें बड़े बड़े लम्बे मोटे साइज़ के कड़क कठोर केले थे. बहू को केले बहुत पसंद है न.

“नीलम बेटी तुझे केले बहुत पसंद है ना?” महेश उसकी चूत को लंड से धकियाते हुए पूछा.
“हाँ, पिता जी. अभी थोड़े कच्चे है आप कल खाना.केले मस्त लगते है मुझे तो!” बहू ने अपनी कमर पीछे लाके लंड लीलते हुए कहा.
“तो बेटी, आज तेरी चूत को कच्चे केलों का स्वाद चखाता हूँ मैं!” महेश ने कहा और केलों के गुच्छों में से सबसे बड़े वाले केला तोड़ लिया और अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाल के एक सबसे बड़ा वाला केले पर तेल चुपड़ के बहूरानी की चूत में कोशिश करके पूरा घुसा दिया, इसी स्थिति में महेश लंड को फिर से नीलम की गांड में घुसाने लगा. नीचे चूत में केला फंसे होने के कारण लंड को केले की रगड़ महसूस हो रही थी और वो अटकता हुआ सा गांड में घुस रहा था. महेश धीरे धीरे करके लंड को आगे पीछे करते हुए आखिर पूरा लंड अपनी प्यारी बहू की गांड में जड़ तक पेल दिया. और उसकी कमर पकड़ कर अपनी बहु की मस्त गदराई गांड मारने लगा.

लंड के धक्कों से केला जोर जोर से हिलने लगता साथ में चूत में भी कम्पन होने लगते इस तरह नीलम की चूत और गांड दोनों छेदों में जबरदस्त हलचल मचने लगी. महेश पूरी ताकत और स्पीड से दांत भींच कर लंड पेलता रहा.

गांड मारने का अपना अलग ही मज़ा है कारण की गांड के छल्ले में लंड फंसता हुआ अन्दर बाहर होता है जिससे दोनों को अविस्मरणीय सुख की अनुभूति होती है. चूत तो चुदते चुदते सभी की ढीली ढाली हो ही जाती है और फिर चुदाई के टाइम इतना पानी छोड़ती है कि लंड को बीच में रोक के पौंछना ही पड़ता है; जबकि गांड हमेशा एक सा मज़ा देती रहती है.

“पिता जी… बहुत थ्रिलिंग महसूस हो रहा है चूत में. ऐसा मज़ा तो पहले कभी भी नहीं आया मुझे!” नीलम बोली और अपना हाथ पीछे ला कर केले को चूत में और भीतर तक घुसा लिया और अपनी गांड पीछे की तरफ करके धक्कों का मजा लेने लगी और बहुत जल्दी झड़ने पे आ गयी.
“आह..मैं तो आ गयी पिताजी” नीलम बोली और खड़ी हो गई और अपनी पीठ महेश के सीने से चिपका के अपनी बांहें पीछे लाकर गले में डाल के उन्हें लिपटा लिया. उत्तेजना के मारे बहू का जिस्म थरथरा रहा था.
 
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