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महेश लंड अभी भी उसकी गांड में फंसा हुआ था. महेश भी झड़ने के करीब ही था, महेश बहू के दोनों मम्में मुट्ठियों में दबोच लिए और जल्दी जल्दी धक्के मारने लगा जिससे चूत में घुसा हुआ केला धक्कों से नीचे गिर गया अब महेश ने जल्दी से अपना लंड नीलम की गांड से निकल कर उसकी चूत में जड़ तक पेल दिया और 10-12 जोरदार धक्के मारकर अपनी बहु की बच्चेदानी में झड़ने लगा और महेश के लंड से रस की फुहारें निकल निकल के उसकी कोख में समाने लगीं.
“पिता जी मुझे नीचे लिटा दो अब अब खड़ा नहीं रहा जाता मुझसे!” नीलम कमजोर स्वर में बोली.
महेश उसे पकड़े हुए ही धीरे से बेड पर लिटा दिया और और खुद उसके बगल में लेट कर हाँफने लगा.
“पिताजी, आज तो गजब का मज़ा आया पहली बार!”नीलम प्यार से अपने ससुर की आंखों में देखती हुई बोली और उनके सीने पर हाथ फिराने लगी.
महेश ने भी उसे चूम लिया और अपने से लिपटा लिया. बहुत देर तक हम दोनों ससुर बहू यूं ही चिपके पड़े रहे.
“छोड़ो पिता जी, लंच भी तो बनाना है अभी!” नीलम बोली और उठ के खड़ी होने लगी और जैसे तैसे खड़ी होकर बेड का सहारा ले लिया और धीरे धीरे बाथरूम की तरफ चल दी.
महेश ने नोट किया कि बहू की चाल बदली बदली सी लगने लगी थी.
जिस दिन की यह घटना है उस दिन रात को और अगले दिन बहू ने महेश को कुछ भी नहीं करने दिया; कहने लगी कि उसकी गांड बहुत दर्द कर रही है और उसे चलने फिरने में भी परेशानी हो रही है. अतः महेश भी ज्यादा कुछ नहीं कहा क्योंकि अब उसकी नज़र अपनी बेटी ज्योति की गांड पर थी।
“पिता जी मुझे नीचे लिटा दो अब अब खड़ा नहीं रहा जाता मुझसे!” नीलम कमजोर स्वर में बोली.
महेश उसे पकड़े हुए ही धीरे से बेड पर लिटा दिया और और खुद उसके बगल में लेट कर हाँफने लगा.
“पिताजी, आज तो गजब का मज़ा आया पहली बार!”नीलम प्यार से अपने ससुर की आंखों में देखती हुई बोली और उनके सीने पर हाथ फिराने लगी.
महेश ने भी उसे चूम लिया और अपने से लिपटा लिया. बहुत देर तक हम दोनों ससुर बहू यूं ही चिपके पड़े रहे.
“छोड़ो पिता जी, लंच भी तो बनाना है अभी!” नीलम बोली और उठ के खड़ी होने लगी और जैसे तैसे खड़ी होकर बेड का सहारा ले लिया और धीरे धीरे बाथरूम की तरफ चल दी.
महेश ने नोट किया कि बहू की चाल बदली बदली सी लगने लगी थी.
जिस दिन की यह घटना है उस दिन रात को और अगले दिन बहू ने महेश को कुछ भी नहीं करने दिया; कहने लगी कि उसकी गांड बहुत दर्द कर रही है और उसे चलने फिरने में भी परेशानी हो रही है. अतः महेश भी ज्यादा कुछ नहीं कहा क्योंकि अब उसकी नज़र अपनी बेटी ज्योति की गांड पर थी।