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निक्की के लिए तो ये बात नॉर्मल खुशी की थी ..लेकिन दोनो मा - बेटों की नज़रें, उसकी बात से आपस मे मिल गयी ..जहाँ कम्मो ने अपने दाँत बाहर निकाल दिए, वहीं निकुंज का चेहरा शरम से नीचे झुक गया ..हलाकी कम्मो इससे थोड़ा विचलित हुई, लेकिन उसे इस बात की खुशी भी थी कि अपने रूठे बेटे को मनाने के लिए काफ़ी वक़्त आ गया है उसके पास ..पुणे टूर को वो एक चॅलेंज की नज़र से देख रही थी, जिसमे कुछ भी कर के उसे निकुंज को वापस पाना था ..' कुछ भी कर के '
" बेटे तू अपना समान पॅक कर ले ..हम बाइ रोड जाएँगे ..जिससे वापसी मे रघु को साथ लाने मे दिक्कत नही होगी "
कम्मो ने कहा
" मोम कितने दिनो के लिए जा रहे हो आप दोनो ? "
निक्की ने सवाल किया
" शायद एक ही दिन मे वापस आ जाएँ ..या 2-4 दिन भी लग सकते हैं ..एक दम से प्लान बना तो हॉस्पिटल की फॉरमॅलिटीस पूरी होने मे वक़्त तो लगेगा ना "
कम्मो ने निक्की को जवाब दिया
" 2-4 दिन ..नो मोम, जल्दी आने की कोशिश करना ..मैं यहाँ अकेले बोर हो जवँगी ..यू नो, अभी तो मैं ठीक से चल भी नही सकती "
निक्की की असली तड़प थी अपने भाई से दूर हो जाना ..पर अब वो भाई कहाँ रहा, वो तो उसका पहला प्यार बन गया है
निक्की का सॅड चेहरा देख कर निकुंज को बेहद कष्ट हुआ ..जहाँ एक ओर उसके दिल मे कम्मो के लिए नफ़रत पैदा हुई थी ..वहीं दूसरी तरफ मा के गंदे मंसूबों को जान ने के बाद, अपनी बहेन के लिए एक्सट्रा केर का जनम
कम्मो :- " डोंट वरी !!!! निम्मी और तेरे डॅड तेरा ध्यान रख लेंगे ..मैने इनसे कह दिया है, 2-3 दिनो तक घर से बाहर कम ही जाएँ "
निक्की :- " निम्मी ने तो रख लिया मेरा ख़याल ..देखना मोम, यहाँ आप दोनो गये और उसकी शैतानियों मे कितना इज़ाफ़ा हो जाना है "
" वो तेरी छोटी बहेन है निक्की, उसे वक़्त देना सीख ..अगर तू ही उससे बात नही करेगी तो वो मेच्यूर कैसे होगी ..कहने को तो तुम बहने हो, बट दोनो मे ज़मीन - आसमान कर अंतर है "
अब कम्मो के लेक्चर से निकुंज का सर्द दर्द होने लगा .. ' क्या एक आप का काला साया कम पड़ता है, जो मेरी बहेन को निम्मी के सुपुर्द कर रही हो, वो कितनी बिगड़ी है मैं जानता हूँ ..बस शरम के लिहाज़ से कुछ कह नही पाता ..अब तो मुझे लगता है उसे बिगाड़ने मे भी आप हाथ होगा ..और डॅड का ब्लाइंड सपोर्ट तो उसे है ही "
निकुंज अब अपने पूरे परिवार का दुश्मन बनने को तैयार था ..सिर्फ़ निक्की के खातिर
" मैं पॅकिंग करने जा रहा हूँ ..जब चलना हो आवाज़ दे देना "
इतना कह कर निकुंज कमरे से बाहर चला गया
" मोम एक बात पूच्छू ..भाई इतना नाराज़ क्यो हैं ? "
बीते विषय से अंजान निक्की ने सवाल किया ..हलाकी उसे पता था उसका भाई खुद उसकी वजह से परेशान है, नाराज़ है ..लेकिन फिर भी वो कम्मो के मूँह से अपनी बेगुनाही सुनना चाहती थी ..एक झूट .. ' हां निक्की तेरी सोच सही है ..निकुंज तेरा प्यार है '
" हां मुझे भी थोड़ा टेन्षन मे दिख रहा है ..लेकिन तू फिकर मत कर, मैं उसका माइंड रेफ्रेश कर दूँगी ..प्रॉमिस "
कम्मो के स्माइलिंग रिप्लाइ पर निक्की ने उसे ज़ोरदार हग किया और इसी के साथ उसकी फ्रोक ऊपर उठ गयी ..कल से उसने ड्रेस चेंज नही किया था और यहाँ तक ' पी ' करने के बाद भी उसने पैंटी नही पहनी ..रीज़न कुछ भी हो बस उसका मन नही हुआ अपनी आज़ाद जवानी को वापस क़ैद करने का
" बेटा मैं अभी आई "
चूत विज़िबल होते ही कम्मो ने गेट की तरफ देखा, कहीं वापस उसे निकुंज की आँखों से सामना ना करना पड़े, ऐसा सोच कर वो तेज़ी से दरवाज़े की तरफ दौड़ पड़ी ..वहीं शरम्वश निक्की ने तुरंत फ्रोक को नीचे खीचा, जिसका दीदार उसकी मोम चन्द सेकेंड. के लिए कर चुकी थी
वापसी मे उसने कम्मो की आँखों मे कयि तरह के सवाल देखे और डर के मारे सेहेम गयी
" बेटा अभी तूने..... "
बिना पूरी बात कहे कम्मो ने पूछा ..निक्की के होश उड़ गये, जानती थी उसकी मोम का पहला सवाल यही होगा
" वो ..वो मोम मुझे याद नही रहा ..आक्च्युयली जब मैं बाथ-रूम मे चेंज करने गयी थी ..तब, तब घुटने मे दर्द इतना था कि मुझे ध्यान नही रहा "
हड़बड़ाहट मे निक्की के मूँह से टूटे - फूटे शब्द निकलने लगे ..उसने चोर नज़रो ने कम्मो के चेहरे को देखा जो ज़रा सा भी नाराज़ नही दिखाई दिया ..जान मे जान आते ही निक्की ने चैन की साँस ली और चुप हो गयी
" कोई बात नही कभी - कभी ऐसा हो जाता है ..लेकिन ध्यान रखा कर, निकुंज तेरे कमरे मे दिन - रात आता जाता है ..कहीं उसने देख लिया तो ..और फिर तेरी फ्रोक इतनी बड़ी भी नही जो हर बार ' उसे ' छुपा सके "
कम्मो ने अपनी उंगली का इशारा बेटी की टाँगो की जड़ पर करते हुए कहा ..निक्की शर्मा गयी, अगर कम्मो नाराज़ हुई होती तो निक्की के एक्सप्रेशन भी उसी हिसाब के होते
" अब आप को कैसे बताऊ मोम ..भाई के लिए ही तो मैने पैंटी नही पहनी ..मैं तो चाहती हूँ वो बार-बार मेरी पुसी को देखें ..अपनी उंगलियों से उसी तरह रब करें जैसे उन्होने पार्क मे किया था ..पर वो मेरी बात को समझते ही नही, फालतू रिश्तों का हवाला देते रहते हैं "
निक्की ने अपने मन मे कहा ..भाई की पार्क वाली हरक़त को याद कर वो फिर से मचल उठी
" मैं ला देती हूँ ..कहाँ रखी है ? "
कम्मो ने हाथ के इशारे से पूछा तो निक्की ने बाथ-रूम की तरफ इशारा कर दिया
" अच्छा वो सब तो ठीक है ..ये बता तू शेव क्यों नही करती ? "
जाने कम्मो को कल रात से क्या हो गया था, मिनट - मिनट पर वो खुलती जा रही थी, बोल्ड होती जा रही थी ..ऐसे टॉपिक पर निम्मी से उसकी कॉन्वर्सेशन अक्सर होती ..बट आज पहली बार हुआ जो उसने निक्की से इस तरह का सवाल पूछा था
" वो वो मों वो !!!! "
निक्की घबरा गयी, उसके हलक से आवाज़ आना बंद हो गयी
" चल रहने दे ..तूने आज तक अपनी मोम से इस तरह की बातें शेर नही की, तभी घबरा रही है ..लेकिन बेटा अब वो वक़्त गया ..सेक्स एजुकेशन का नालेज होना बेहद ज़रूरी है, ख़ास कर तेरी उमर की लड़कियों को ..निम्मी रेग्युलर शेव करती है, ईवन मैं भी ..जब की मेरी एज तुझसे डबल से भी ज़्यादा है ..ये तो सॉफ सफाई रखने वाली रोज़मर्रा की बातें हैं ..सो ग्रो अप माइ चाइल्ड ..अगर फिर भी तुझसे ना हो, मुझे बता देना मैं सॉफ कर दूँगी "
इतना कह कर कम्मो बाथ-रूम मे चली गयी ..वहीं निक्की का मूँह खुला रह गया, ये सोच कर कि उसकी मोम आज भी शेव करती है ..यानी डॅड .. ' नो वे ..नोट अगेन यार '
दीप का चेहरा याद आते ही उसकी चूत पनिया गयी ..निकुंज के प्यार की चिंगारी को कम्मो ने आगे बढ़ा कर आग जो बना दिया था ..सेकेंड. मे निक्की ने अपना हाथ चूत पर घुमाया और बेखोफ अपनी उंगली उसमे एंटर कर दी
" ह्म्म्म्मममम !!!! रिलॅक्स निक्की मोम बाथ-रूम मे हैं "
फॉरन उसने खुद को संभाला ..लेकिन इस सिचुयेशन से बाहर आने मे उसे वक़्त लगना ही था ..नयी - नयी जवानी संभाले नही सम्हल्ती ..फिर अभी तो उसने कुछ भी नही जाना था ..जिस भाई के लिए वो तड़प रही है, प्यार का नाम समझ कर ..वो प्यार नही उसकी चूत की खुजाल है और सही मायने मे इसकी शुरूवात हो चुकी थी
वहीं बाथ-रूम के अंदर जा कर कम्मो ने अपने दिल पर हाथ रख लिया, जो किसी जेनरेटर के माफिक हिल रहा था, धड़क रहा था ..विश्वास से परे कि उसने निक्की से झूट बोला .. ' आज भी शेव करती हूँ '
" कल तो बड़ा समझाया था आज कहाँ गयी ? "
थक - हार कर कम्मो ने अपने अंतर्मंन को आवाज़ दी ..लेकिन अब उससे मिलन हो पाना ज़रा मुश्क़िल था ..ये बदलाव तो कम्मो ने खुद अपने अंदर लाया है ..बेटे को वापस पाने की तड़प का नतीजा था जो उसकी ज़ुबान इतनी ज़्यादा खुल गयी थी ..दिमाग़ के घोड़े एक दम सटीक दौड़ रहे थे ..पर इन सब बातों के अलावा जो सबसे बड़ा अंतर उसने खुद के अंदर महसूस किया, वो था .. ' पिच्छले 15 बरसों मे पहली बार उसकी चूत मे हलचल पैदा हुई थी, हाथ लगाए बगैर '
" मोम फ्रेश हो रहे हो क्या ? "
काफ़ी देर से कम्मो बाथ-रूम मे घुसी थी ..निक्की ने नॉर्मल होते ही उससे सवाल किया
" अभी आई !!!! "
सिर्फ़ इतने बोल मूँह से बाहर निकाल कर उसने पल्लू से अपना चेहरा सॉफ किया, जो पसीने से तर हो चुका था ..फिर 2-3 गहरी साँसे लेने के बाद, हॅंगर पर टँगी पैंटी उतार ली ..और फाइनली बाथ-रूम से बाहर आ गयी
" अच्छा बेटा मैं भी कुछ पॅकिंग कर लूँ ..थोड़ी देर मे आती हूँ "
कम्मो से खड़ा रहना मुश्किल हो गया ..हलाकी उसकी चूत मे अभी सिर्फ़ हलचल पैदा हुई थी ..ऐसा नही कि उसे मास्टरबेट करने की इक्च्छा हो ..बस थोड़ी देर का सूना पन चाहती थी ..ठंडी हवा मे कुछ देर सोना चाहती थी
" ओक मों "
स्माइल करते हुए उसने कम्मो के हाथ से फ्रेश पैंटी ले ली ..और मा अपनी बेटी का माथा चूम कर कमरे से बाहर निकल गयी
.
" बेटे तू अपना समान पॅक कर ले ..हम बाइ रोड जाएँगे ..जिससे वापसी मे रघु को साथ लाने मे दिक्कत नही होगी "
कम्मो ने कहा
" मोम कितने दिनो के लिए जा रहे हो आप दोनो ? "
निक्की ने सवाल किया
" शायद एक ही दिन मे वापस आ जाएँ ..या 2-4 दिन भी लग सकते हैं ..एक दम से प्लान बना तो हॉस्पिटल की फॉरमॅलिटीस पूरी होने मे वक़्त तो लगेगा ना "
कम्मो ने निक्की को जवाब दिया
" 2-4 दिन ..नो मोम, जल्दी आने की कोशिश करना ..मैं यहाँ अकेले बोर हो जवँगी ..यू नो, अभी तो मैं ठीक से चल भी नही सकती "
निक्की की असली तड़प थी अपने भाई से दूर हो जाना ..पर अब वो भाई कहाँ रहा, वो तो उसका पहला प्यार बन गया है
निक्की का सॅड चेहरा देख कर निकुंज को बेहद कष्ट हुआ ..जहाँ एक ओर उसके दिल मे कम्मो के लिए नफ़रत पैदा हुई थी ..वहीं दूसरी तरफ मा के गंदे मंसूबों को जान ने के बाद, अपनी बहेन के लिए एक्सट्रा केर का जनम
कम्मो :- " डोंट वरी !!!! निम्मी और तेरे डॅड तेरा ध्यान रख लेंगे ..मैने इनसे कह दिया है, 2-3 दिनो तक घर से बाहर कम ही जाएँ "
निक्की :- " निम्मी ने तो रख लिया मेरा ख़याल ..देखना मोम, यहाँ आप दोनो गये और उसकी शैतानियों मे कितना इज़ाफ़ा हो जाना है "
" वो तेरी छोटी बहेन है निक्की, उसे वक़्त देना सीख ..अगर तू ही उससे बात नही करेगी तो वो मेच्यूर कैसे होगी ..कहने को तो तुम बहने हो, बट दोनो मे ज़मीन - आसमान कर अंतर है "
अब कम्मो के लेक्चर से निकुंज का सर्द दर्द होने लगा .. ' क्या एक आप का काला साया कम पड़ता है, जो मेरी बहेन को निम्मी के सुपुर्द कर रही हो, वो कितनी बिगड़ी है मैं जानता हूँ ..बस शरम के लिहाज़ से कुछ कह नही पाता ..अब तो मुझे लगता है उसे बिगाड़ने मे भी आप हाथ होगा ..और डॅड का ब्लाइंड सपोर्ट तो उसे है ही "
निकुंज अब अपने पूरे परिवार का दुश्मन बनने को तैयार था ..सिर्फ़ निक्की के खातिर
" मैं पॅकिंग करने जा रहा हूँ ..जब चलना हो आवाज़ दे देना "
इतना कह कर निकुंज कमरे से बाहर चला गया
" मोम एक बात पूच्छू ..भाई इतना नाराज़ क्यो हैं ? "
बीते विषय से अंजान निक्की ने सवाल किया ..हलाकी उसे पता था उसका भाई खुद उसकी वजह से परेशान है, नाराज़ है ..लेकिन फिर भी वो कम्मो के मूँह से अपनी बेगुनाही सुनना चाहती थी ..एक झूट .. ' हां निक्की तेरी सोच सही है ..निकुंज तेरा प्यार है '
" हां मुझे भी थोड़ा टेन्षन मे दिख रहा है ..लेकिन तू फिकर मत कर, मैं उसका माइंड रेफ्रेश कर दूँगी ..प्रॉमिस "
कम्मो के स्माइलिंग रिप्लाइ पर निक्की ने उसे ज़ोरदार हग किया और इसी के साथ उसकी फ्रोक ऊपर उठ गयी ..कल से उसने ड्रेस चेंज नही किया था और यहाँ तक ' पी ' करने के बाद भी उसने पैंटी नही पहनी ..रीज़न कुछ भी हो बस उसका मन नही हुआ अपनी आज़ाद जवानी को वापस क़ैद करने का
" बेटा मैं अभी आई "
चूत विज़िबल होते ही कम्मो ने गेट की तरफ देखा, कहीं वापस उसे निकुंज की आँखों से सामना ना करना पड़े, ऐसा सोच कर वो तेज़ी से दरवाज़े की तरफ दौड़ पड़ी ..वहीं शरम्वश निक्की ने तुरंत फ्रोक को नीचे खीचा, जिसका दीदार उसकी मोम चन्द सेकेंड. के लिए कर चुकी थी
वापसी मे उसने कम्मो की आँखों मे कयि तरह के सवाल देखे और डर के मारे सेहेम गयी
" बेटा अभी तूने..... "
बिना पूरी बात कहे कम्मो ने पूछा ..निक्की के होश उड़ गये, जानती थी उसकी मोम का पहला सवाल यही होगा
" वो ..वो मोम मुझे याद नही रहा ..आक्च्युयली जब मैं बाथ-रूम मे चेंज करने गयी थी ..तब, तब घुटने मे दर्द इतना था कि मुझे ध्यान नही रहा "
हड़बड़ाहट मे निक्की के मूँह से टूटे - फूटे शब्द निकलने लगे ..उसने चोर नज़रो ने कम्मो के चेहरे को देखा जो ज़रा सा भी नाराज़ नही दिखाई दिया ..जान मे जान आते ही निक्की ने चैन की साँस ली और चुप हो गयी
" कोई बात नही कभी - कभी ऐसा हो जाता है ..लेकिन ध्यान रखा कर, निकुंज तेरे कमरे मे दिन - रात आता जाता है ..कहीं उसने देख लिया तो ..और फिर तेरी फ्रोक इतनी बड़ी भी नही जो हर बार ' उसे ' छुपा सके "
कम्मो ने अपनी उंगली का इशारा बेटी की टाँगो की जड़ पर करते हुए कहा ..निक्की शर्मा गयी, अगर कम्मो नाराज़ हुई होती तो निक्की के एक्सप्रेशन भी उसी हिसाब के होते
" अब आप को कैसे बताऊ मोम ..भाई के लिए ही तो मैने पैंटी नही पहनी ..मैं तो चाहती हूँ वो बार-बार मेरी पुसी को देखें ..अपनी उंगलियों से उसी तरह रब करें जैसे उन्होने पार्क मे किया था ..पर वो मेरी बात को समझते ही नही, फालतू रिश्तों का हवाला देते रहते हैं "
निक्की ने अपने मन मे कहा ..भाई की पार्क वाली हरक़त को याद कर वो फिर से मचल उठी
" मैं ला देती हूँ ..कहाँ रखी है ? "
कम्मो ने हाथ के इशारे से पूछा तो निक्की ने बाथ-रूम की तरफ इशारा कर दिया
" अच्छा वो सब तो ठीक है ..ये बता तू शेव क्यों नही करती ? "
जाने कम्मो को कल रात से क्या हो गया था, मिनट - मिनट पर वो खुलती जा रही थी, बोल्ड होती जा रही थी ..ऐसे टॉपिक पर निम्मी से उसकी कॉन्वर्सेशन अक्सर होती ..बट आज पहली बार हुआ जो उसने निक्की से इस तरह का सवाल पूछा था
" वो वो मों वो !!!! "
निक्की घबरा गयी, उसके हलक से आवाज़ आना बंद हो गयी
" चल रहने दे ..तूने आज तक अपनी मोम से इस तरह की बातें शेर नही की, तभी घबरा रही है ..लेकिन बेटा अब वो वक़्त गया ..सेक्स एजुकेशन का नालेज होना बेहद ज़रूरी है, ख़ास कर तेरी उमर की लड़कियों को ..निम्मी रेग्युलर शेव करती है, ईवन मैं भी ..जब की मेरी एज तुझसे डबल से भी ज़्यादा है ..ये तो सॉफ सफाई रखने वाली रोज़मर्रा की बातें हैं ..सो ग्रो अप माइ चाइल्ड ..अगर फिर भी तुझसे ना हो, मुझे बता देना मैं सॉफ कर दूँगी "
इतना कह कर कम्मो बाथ-रूम मे चली गयी ..वहीं निक्की का मूँह खुला रह गया, ये सोच कर कि उसकी मोम आज भी शेव करती है ..यानी डॅड .. ' नो वे ..नोट अगेन यार '
दीप का चेहरा याद आते ही उसकी चूत पनिया गयी ..निकुंज के प्यार की चिंगारी को कम्मो ने आगे बढ़ा कर आग जो बना दिया था ..सेकेंड. मे निक्की ने अपना हाथ चूत पर घुमाया और बेखोफ अपनी उंगली उसमे एंटर कर दी
" ह्म्म्म्मममम !!!! रिलॅक्स निक्की मोम बाथ-रूम मे हैं "
फॉरन उसने खुद को संभाला ..लेकिन इस सिचुयेशन से बाहर आने मे उसे वक़्त लगना ही था ..नयी - नयी जवानी संभाले नही सम्हल्ती ..फिर अभी तो उसने कुछ भी नही जाना था ..जिस भाई के लिए वो तड़प रही है, प्यार का नाम समझ कर ..वो प्यार नही उसकी चूत की खुजाल है और सही मायने मे इसकी शुरूवात हो चुकी थी
वहीं बाथ-रूम के अंदर जा कर कम्मो ने अपने दिल पर हाथ रख लिया, जो किसी जेनरेटर के माफिक हिल रहा था, धड़क रहा था ..विश्वास से परे कि उसने निक्की से झूट बोला .. ' आज भी शेव करती हूँ '
" कल तो बड़ा समझाया था आज कहाँ गयी ? "
थक - हार कर कम्मो ने अपने अंतर्मंन को आवाज़ दी ..लेकिन अब उससे मिलन हो पाना ज़रा मुश्क़िल था ..ये बदलाव तो कम्मो ने खुद अपने अंदर लाया है ..बेटे को वापस पाने की तड़प का नतीजा था जो उसकी ज़ुबान इतनी ज़्यादा खुल गयी थी ..दिमाग़ के घोड़े एक दम सटीक दौड़ रहे थे ..पर इन सब बातों के अलावा जो सबसे बड़ा अंतर उसने खुद के अंदर महसूस किया, वो था .. ' पिच्छले 15 बरसों मे पहली बार उसकी चूत मे हलचल पैदा हुई थी, हाथ लगाए बगैर '
" मोम फ्रेश हो रहे हो क्या ? "
काफ़ी देर से कम्मो बाथ-रूम मे घुसी थी ..निक्की ने नॉर्मल होते ही उससे सवाल किया
" अभी आई !!!! "
सिर्फ़ इतने बोल मूँह से बाहर निकाल कर उसने पल्लू से अपना चेहरा सॉफ किया, जो पसीने से तर हो चुका था ..फिर 2-3 गहरी साँसे लेने के बाद, हॅंगर पर टँगी पैंटी उतार ली ..और फाइनली बाथ-रूम से बाहर आ गयी
" अच्छा बेटा मैं भी कुछ पॅकिंग कर लूँ ..थोड़ी देर मे आती हूँ "
कम्मो से खड़ा रहना मुश्किल हो गया ..हलाकी उसकी चूत मे अभी सिर्फ़ हलचल पैदा हुई थी ..ऐसा नही कि उसे मास्टरबेट करने की इक्च्छा हो ..बस थोड़ी देर का सूना पन चाहती थी ..ठंडी हवा मे कुछ देर सोना चाहती थी
" ओक मों "
स्माइल करते हुए उसने कम्मो के हाथ से फ्रेश पैंटी ले ली ..और मा अपनी बेटी का माथा चूम कर कमरे से बाहर निकल गयी
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