• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Incest पापी परिवार

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
टाइम तेज़ी से बीत-ता गया, पर निकुंज अब तक बाहर नही निकला ..शंकित मन से कम्मो ने उसे आवाज़ देना चाही, लेकिन ना जाने क्यों उसे लगा जैसे बाथ-रूम के अंदर कोई तो गड़बड़ चल रही है

" दरवाज़ा बंद है, शवर भी शालु है ..फिर पिच्छले 45 मिनट से अंदर क्या कर रहा होगा ? "

कम्मो बेड से नीचे उतर गयी, दबे पाव गेट पर पहुचने मे उसे ज़्यादा वक़्त नही लगा और जैसे ही उसने अपने कान गेट पर लगाए, अंदर उसका बेटा किसी से फोन पर बातें करता जान पड़ा

.

.

निकुंज वाय्स :- " यार पिच्छले 1 घंटे से लगा हूँ ..खड़ा ही नही हो रहा "

आवाज़ बेहद दबी थी पर फिर भी कम्मो को सुनाई दे गयी ..हैरानी मे उसने अपने मूँह पर हाथ रख लिया ये जान कर .. ' अंदर उसका बेटा मास्टरबेट कर रहा है '

.

( सिर्फ़ निकुंज के आवाज़ें ही उसे सुनाई दे रही थी ..फोन की अगली साइड कौन था, या क्या कह रहा था ..उसे पता नही चल पाया )

.

निकुंज वाय्स :- " यार कल रात टेबल के कोने से टकराकर लंड पर गहरी चोट आ गयी थी ..अब उस टाइम कौन सा क्लिनिक खुला मिलता ..तभी सोचा मूठ मार कर देख लू ..शायद कोई हल निकल जाए ..पर ऐसा लगता है, अब मेरी लाइफ ख़तम ..साला पता ही नही चल रहा लंड बॉडी से अटॅच है भी या नही "

बाहर कम्मो अत्यंत गंभीरता से बेटे की बातों को सुनने लगी ..उसके मश्तिश्क मे भूचाल आ गया ये सुन कर .. ' लंड खड़ा क्यों नही हो रहा ..उसमे जान क्यों नही आ रही ? '

.

निकुंज वाय्स :- " यार मज़ाक छोड़ मेरी फ्यूचर लाइफ का सवाल है "

.

निकुंज वाय्स :- " अबे कोई गर्लफ्रेंड नही मेरी, तेरी भाभी भी अब तक नही आई ..क्या करूँ बता ना साले "

.

निकुंज वाय्स :- " हां नसें बेजान हो गयी हैं ..आयिल मसाज तू ठीक कह रहा है "

.

निकुंज वाय्स :- " यार रंडी के पास नही जाता, तुझे पता तो है ..अब किससे चुस्वाउ ..हां समझ रहा हूँ तेरी बात, करेंट नही मिल रहा होगा ..पर ये टेंपोररी झटका कहीं मेरी पूरी ज़िंदगी खराब ना कर दे "

.

निकुंज वाय्स :- " आह्ह्ह्ह !!!! हां बॉल्स मे तो पेन हो रहा है, लाइव हैं "

.

निकुंज वाय्स :- " नही यार किसी रंडी से नही चुस्वा सकता ..अच्छा क्या इससे जान आ जाएगी ? "

.

निकुंज वाय्स :- " मालिश के साथ ब्लोवजोब ..फिर वही बात, नही हो पाएगा ..चल अब मेरा दिमाग़ मत खा मैं रख रहा हूँ ..आगे जो भी होगा आख़िर भुगतना तो मुझे ही है ..बाइ "

.

निकुंज ने यहाँ कॉल कट किया और कम्मो उसी तरह दबे पाव बेड पर जा कर लेट गयी ..उसकी पेशाब घबराहट मे ख़तम सी हो गयी थी ..इससे पहले वो कुछ और सोच पाती ..बाथ-रूम का गेट खोल कर निकुंज बाहर निकल आया ..फॉरन कम्मो ने अपनी आँखें बंद की और गहरी नींद मे होने का नाटक करने लगी

कुछ देर बाद निकुंज ने साथ लाया ट्रॅक पहेन लिया और दैनिक रन्निंग के लिए निकल पड़ा ..लेकिन उसके मन मे तो यही आ रहा था, वापस होटेल लौटे ही नही ..ट्रेन के नीचे कट कर मर जाए

.वो रूम से बाहर निकल गया ..मेन गेट बंद होते ही कम्मो ने वापस अपनी आँखें खोल ली, जिनमे से अब ढेरो आँसू बह रहे थे

फॉरन उसने अपनी दोस्त नीमा का नंबर. डाइयल किया

" हेलो नीमा ..मुझे ये बता किस आयिल की मसाज पेनिस के लिए ठीक रहती है, और हां ( पॉज़ ) ..प ..पर्फेक्ट ब्लोवजोब कैसे दिया जाता है ..बकवास मत करना, सीधे मेरे सवालो के जवाब दे ..अच्छा ठीक है मैं 30 मिनट से रिटर्न कॉल करती हूँ ..बाइ "

इतनी बात होने के बात कॉल कट हो गया और कम्मो अचेत हो कर वापस बेड पर गिर पड़ी
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
पापी परिवार--39

इन मुंबई :-

मार्केट मे तीनो बास्किन &;; रॉबिन्स स्टोर पर पहुचे ( आइस-क्रीम )

" चलो जिसे जो ऑर्डर करना हो कर दे "

दीप ने अपनी दोनो बेटियों के चेहरे पर सरसरी निगाह डालते हुए कहा ..निम्मी का उतावला पन और निक्की का शांत, उदास मन उसकी आँखों से नही छुप सका

" नही - नही !!!! आज मटका कुलफी खाना है ..लेकिन उसके पहले ढेर सारी पानी - पूरी "

इससे पहले तीनो मे से कोई भी कार से बाहर उतरता ..निम्मी ने एक और डिमॅंड पेश कर दी

" निम्मी अब मटका कुलफी कहाँ मिलेगी, मुझे नही पता ..हां पानी - पूरी ज़रूर खा लेना "

ड्राइविंग सीट के बगल मे बैठी निम्मी से दीप ने कहा

" चाहिए माने चाहिए, कहीं भी ढूंढीए "

निम्मी अपना मूँह फुलाते हुए बोली और इसके साथ ही निक्की के चेहरे पर खोई मुस्कुराहट वापस लौट आई ..बहेन की ज़िद से ना वो अंजान थी ना दीप

" हां डॅड !!!! मटका कुलफी खाए तो बरसो बीत गये, थोड़ा सर्च कर लेते हैं ..कहीं ना कहीं मिल ही जाएगी "

निक्की ने पिच्छली सीट से थोडा आगे को झुक कर निम्मी के गले मे अपनी बाहें डाल दी ..और बड़े प्यार से उसके मुलायम गालो को मसल्ने लगी ..प्यार तो उसे निम्मी से बेहेद था, पर जता नही पाती थी

[ कुछ भी कहा जाए ' चावला ' फॅमिली का मैं अट्रॅक्षन रघु के बाद, अब सिर्फ़ निम्मी थी ..उसकी अठखेलियाँ, नादानी, पल मे नाराज़गी, पल मे प्यार ..जो जी मे आया बिना सोचे कह देना, पसंद आए तो ठीक .. ' माफी की उम्मीद :- माइ फुट '

पूरे परिवार मे निम्मी अकेली शॅक्स थी, जो जब चाहे किसी के भी रूम मे बिना बताए चली जाती, गले लग जाती, गोद मे बैठ जाती ..फिर चाहे वो गोद उसके डॅड की हो या भाई निकुंज की

सबसे बड़ी बात जो निम्मी के अंदर देखी जा सकती है ..लिहाज और शरम से उसका रिश्ता कोसो दूर था ..कैसे भी कपड़ो मे वो पूरे घर मे घूम लेती, फिर चाहे घर के मर्द उत्तेजित क्यों ना होते रहें ..परिवार का हर सदस्य, चाहे मेल हो या फीमेल ..सभी उसकी प्यारी, छोटी, चंचल, कुँवारी चूत का दीदार अक्सर कर लेते ..पैंटी तो नाम मात्र के लिए पहनी होगी उसने अपने जीवन मे..लेकिन चाह कर भी कोई ज़्यादा दिन तक उस द्रश्य को अपने मश्तिश्क मे क़ैद नही रख पाता ..शायद यही वजह थी जो निम्मी को बिगड़ने का बल मिला और आज बात यहाँ तक पहुच गयी कि उसका सगा पिता, उसके नाम से थर-थर कांपता है / कब विस्फोट हो जाए पता नही ]

" वाउ !!!! वो रहा पानी - पूरी का ठेला "

कार थोड़ी आगे बढ़ी और निम्मी ने चिल्ला कर अपने हाथ से रोड की दूसरी साइड खड़े ठेले की तरफ इशारा किया ..दीप ने फॉरन कार को लेफ्ट मूव किया लेकिन इससे पहले ही उस शैतान ने हॅंड-ब्रेक खीच दिया और गिरने की परवाह किए बागेर ही डोर खोल कर रोड को पार करने लगी

" बेवकूफ़ कहीं की ..निम्मी रुक "

दीप भी चीखा, कार एक झटके के साथ बंद हो गयी और रोड के रश ट्रॅफिक को ध्यान मे ना लाते हुए, वो भी निम्मी के पीछे दौड़ पड़ा

सामने से आती बेहद स्पीड कार की टक्कर निम्मी को ज़रूर लगती अगर दीप ने ज़बरदस्ती उसका हाथ ना पकड़ा होता

घबराहट मे निम्मी की आँखें बंद हो गयी और जब खुली तो उसने खुद को दीप की मज़बूत बाहों मे क़ैद पाया

" पागल है क्या ..बेवकूफ़ "

इसके साथ ही दीप बरस पड़ा ..निक्की भी कार से बाहर उतर आई ..लेकिन अपने डॅड के हाथों का इशारा पा कर वहीं खड़ी उनके लौट आपने का इंतज़ार करने लगी ..अंजाने भय ने उसके बदन को शून्य मे बदल दिया था

" डॅड बस करो ..नही खाना कोई मटका कुलफी "

डाट अगर पहले कभी सही होती, तो आज भी सह लेती ..जान कर की थोड़ी देर पहले उसके मरने के चान्सस 100% थे ..निम्मी के चेहरे पर भी गुस्सा छा गया

" तुझे समझ पाना नामुमकिन है निम्मी ..तू कुछ भी कर मुझे क़ुबूल होगा ..पर अपना ये बच्पना छोड़ दे "

बेटी की रग - रग से वाकिफ़ दीप ने टॉपिक का यहीं एंड कर दिया और दोनो कार के पास पहुच गये

" दी मैं और कुछ नही सुनूँगी ..मुझे घर जाना है "

निक्की उसे कुछ बोल पाती पर इससे पहले ही निम्मी ने उसके मूँह पर भी लगाम कस दी

तीनो घर की तरफ लौटने लगे ..जहाँ दीप निम्मी के बिहेवियर से तंग चुका था वहीं निक्की के मन मे कम्मो की कही बात याद आ गयी .. ' दोनो बहनो को साथ रहना चाहिए, निक्की !!!! बड़ी बहेन होने का फ़र्ज़ निभाना सीख '

घर की गली मे पहुचते ही निक्की का चेहरा खिल उठा

" डॅड एक मिनट. कार रोको "

दीप ने उसका कहा मान कर कार को रोक दिया

" जा शैतान कर ले अपने मन की ..वो सामने खड़ा है तेरी मटका कुलफी का ठेला "

निक्की ने अपने हाथ का इशारा करते हुए कहा

" मुझे नही खाना ..घर चलो "

मूँह फुलाए बैठी निम्मी ताड़ गयी कि अब दोनो बाप-बेटी उसे मनाने मे जुट जाएँगे

" अब नाटक मत कर ..कोई नाराज़ नही है तुझसे ..डॅड 1000/- का नोट ढीला करो फटाफट और मेरी पॉकेट मनी मे जोड़ देना "
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
निक्की ने उसे मक्खन लगाते हुए कहा और अगले ही पल निम्मी के हाथो मे 1000/- का करारा नोट आ गया

" मैं रिटर्न नही करने वाली, तू बाद मे चैंटना मत मुझसे "

कमीनी निम्मी ने अपने दाँत बाहर निकाल दिए और निक्की ने उसके सर पर हाथ फेरते हुए हां का इशारा कर दिया

" डॅड ई'म सॉरी ..मैं इससे बड़ी हूँ, लेकिन इसे सुधार नही पाई ..ट्रस्ट मी !!!! आगे से इसे हमेशा अपने साथ रखूँगी "

निम्मी के थोड़ा दूर जाते ही निक्की ने दीप से कहा ..दीप उसकी बात पर मुस्कुराया लेकिन शंकित भाव से ..वो जानता था .. ' जब मा-बाप का कंट्रोल उसकी छोटी बेटी को नही सुधार पाया तो आगे कोई नही सुधार पाएगा '

थोड़ी देर मे निम्मी 3 कुलफियाँ हाथ मे लिए लौट आई ..1 निक्की के हवाले कर उसने दीप पर नज़र डाली और फॉरन अपनी जीभ बाहर निकाल कर उसे चिढ़ा दिया

" दोनो मेरी हैं ..मेरे ख़याल से अब हमे घर चलना चाहिए "

अगले ही पल निक्की और दीप ज़ोरो से हँसने लगे ..शायद निम्मी का यही बच्पना था जो चाह कर भी कोई उससे ज़्यादा देर तक नाराज़ नही रह पाता था ..बक्की बातों मे उसकी बहुत जादू था, मर्द हो या औरत, अपने कंट्रोल मे कैसे लिया जाए ..निम्मी इसमे मास्टर थी

घर आते ही निक्की अपने रूम मे चली गयी और निम्मी अपने डॅड के साथ हॉल के सोफे पर पसर गयी ..हलाकी उनके बीच अब सिर्फ़ आइ कॉनटॅकटिंग ही शेष थी ..लेकिन इसमे भी निम्मी दीप पर कहेर धाने लगी

केयी तरह की सेडक्टिव आवाज़ें निकालते हुए निम्मी कुलफी को चूँसना स्टार्ट कर देती है, कभी पहली और कभी दूसरी ..मेल्ट कुलफी का लिक्विड उसकी उंगलयों से बह कर हाथो की कोहनियो तक पहुच गया था

" ह्म्‍म्म्म !!!! "

दीप ने पूरा मन बना रखा था, एक नज़र भी निम्मी की तरफ नही देखेगा ..लेकिन दोनो बेहद सॅट कर बैठे हुए थे, वो चाह कर भी सोफे से नही उठ पाया ..उसके कानो मे गूँजती मादक आवाज़ें ..कान के पर्दो को फाड़ने लगी ..थोड़ी देर बाद हालात ऐसे हो गये, दीप के लंड ने पॅंट मे सर उठाना शुरू कर दिया

निम्मी ने अपना काम ज़ारी रखा ..दोनो कुलफ़ियों के टॉप पर अपने दाँत गढ़ाते हुए उसने लंड के सुपाडे जैसा शेप बना लिया और मूँह मे गोल गोल घुमाते हुए पिघले रस को स्क्वर्ट करने लगी

" स्लप्र्रर्र्र्ररर !!!! "

इस मन्मोहक साउंड ने जैसे दीप का सारा कंट्रोल तोड़ दिया और उसने अपना चेहरा जो अब तक ऑपोसिट डाइरेक्षन मे मुड़ा हुआ था, निम्मी के फेस की तरफ घूमा लिया

निम्मी के फेस को देखते ही दीप की गान्ड फट गयी ..उसकी बेटी अपने रसीले होंठो पर कुलफी का टॉप ( सुपाड़ा ) रगड़ती हुई, उसके खड़े लंड को घूर रही थी ..निम्मी की आँखों मे उसने एक तरफ का उतावला पन महसूस किया, जैसे वो अपने डॅड के लंड को उस कुलफी से कंपेर कर रही हो

दीप को समझते देर नही लगी कि जो कुलफी चुसाई का ड्रामा इतनी देर से चल रहा है, वो असलियत मे उसके लंड को इमॅजिन करते हुए हो रहा है ..वो जितना निम्मी की आँखों मे देखता जाता, आँखें उतनी मादक आकार लेती जाती ..कुछ देर बाद उसकी बेटी जैसे किसी बाहरी दुनिया मे पहुँच गयी थी, उसकी पलकों ने जैसे झपकना ही छोड़ दिया

" आईईईई !!!! "

दीप सोफे पर उच्छल पड़ा, वजह थी सपनो मे खोई उसकी बेटी ने कुलफी की टिप को, ज़ोर से अपने दांतो मे भींच कर काट लिया ..अंजाने भय मे आ कर दीप ने फॉरन अपनी आँखें बंद कर ली ..और दुआ मनाने लगा कहीं फ्यूचर मे ये सब सच ना हो जाए ..निम्मी के मन को पढ़ना शायद किसी के बस मे नही था ..एक पल मे नाराज़ हो कर अगले चन्द ज़ेक्स. मे जो मुस्कुरा दे ..ऐसी थी उसकी छोटी बेटी

कुछ देर बाद सोफे पर हलचल हुई ..दीप चाह कर भी अपनी आँखें नही खोल सका, बस शूकर मनाता रहा ..उसकी बेटी उसके खड़े लंड को छु ना ले, यहाँ तक कि उसकी सोच इतनी आगे पहुच गयी जैसे निम्मी ने अपना चेहरा नीचे झुकाना शुरू कर दिया हो, दीप की साँसें रफ़्तार से फूलने लगी ..धीरे-धीरे उसकी बेटी इतने नीचे झुक गयी कि लंड और उसके चेहरे के बीच, ज़रा सा भी फासला नही बचा ..और इसके तुरंत बाद ही खड़ा लंड मुट्ठी मे कसा जा चुका था

" निम्मी !!!! "

दीप पूरी ताक़त से चीखा, लगा जैसे घर मे भूचाल आ गया हो ..फॉरन अपनी आँखें खोल कर उसने सोफे से उठना चाहा ..लेकिन ये क्या उसका लंड तो खुद, उसके हाथ मे था, निम्मी तो हॉल से जा चुकी थी

पसीने से लथपथ दीप को सम्हलने का मौका मिल पाता तब तक उसकी दोनो बेटियाँ हॉल मे दौड़ कर आ गयी

जहाँ निक्की के चेहरे पर घबराहट और सवाल था वहीं निम्मी उसे बेहद शांत खड़ी दिखाई दी, उसका राइट हॅंड जिससे थोड़ी देर पहले उसने कुलफी को पकड़ा हुआ था, एक के बाद एक उंगली उसके मूँह के अंदर जाती ..थोड़ी देर उसमे लगे मीठे रस का स्वाद चूसने के बाद, अगली उंगली का नंबर आ जाता

" वो ..वो डिन्नर का क्या करना है ? "
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
भयवश कहीं निक्की की नज़र उसके पॅंट के फुलाव पर ना पड़ जाए, दीप ने फॉरन पास रखी टेबल से अख़बार उठा लिया ..और सोफे पर वापस बैठते हुए अपनी टाँगो के ऊपर रख दिया

" ज़ोरों की भूक लगी है "

झूठी स्माइल देते हुए दीप ने अपनी घबराहट पर काबू पाना चाहा, जो घटने की बजाए और बढ़ने लगी, निम्मी उसके सोफे की तरफ अपने कदम बढ़ाने लगी थी

" मोम बना कर गयी हैं, बस पाँच मिनट "

इतना कह कर निक्की किचन की तरफ मूड गयी, निम्मी का आगे को बढ़ता हर कदम दीप के रोंगटे खड़े करने को काफ़ी था ..मन मे ऊपर-वाले का नाम जप्ते हुए वो लगातार अपनी चोर नज़रों से उसके चेहरे को देखने की कोशिश मे लगा रहा ..वहीं उसकी बेटी का फेस एक्सप्रेशन इस वक़्त इतना नॉर्मल था जैसे कुछ देर पहले, कुछ हुआ ही ना हो ..आश्चर्य मे भर का दीप का हलक सूखने लगा, जिसे ना तो उसकी थूक तर कर पाती ना ही ए/सी की ठंडक

" निम्मी सामान को टेबल पर रखने मे हेल्प कर "

कानो मे अपनी बड़ी बहेन की आवाज़ सुनाई देते ही निम्मी के कदम पलट कर किचन की तरफ मूड गयी और दीप की जान मे जान लौट आई

" मेरे ही घर मे मेरा बलात्कार हुआ जा रहा है "

दीप ने माथे पर आए पसीने को पोन्छ्ते हुए कहा और साथ ही रिमोट से ए/सी के टेम. को 4 पॉइंट डाउन पर उतार कर, अख़बार से खुद को हवा लगाने लगा

.

.

अगले 30 मिनट. तक चले डिन्नर के दौरान ..निम्मी बिल्कुल चुप रही, शायद ही कोई शब्द उसने अपनी ज़ुबान से बाहर निकाला हो, सिर्फ़ अपनी प्लेट मे मूँह डाले खाती रही

दीप तो हैरान, परेशान था ही, कहीं ना कहीं निक्की को भी उसके चुप रहने से घुटन सी होने लगी ..कुछ भी हो निम्मी के बच्पने का आदि पूरा घर हो चुका था, और सभी उसे हमेशा इसी बच्पने मे देखना चाहते थे

दो रोटी खा कर निम्मी चेर से उठ गयी

" दी मैं सोने जा रही हूँ, आप कमरे मे आ जाना ..गुड नाइट "

रूखी सी आवाज़ मे अपनी छोटी सी बात कह कर निम्मी बहेन के कमरे की तरफ चल दी ..निक्की ने उसे कम खाने को ले कर टोका भी लेकिन वो बिना पीछे मुड़े रूम मे एंटर हो गयी

" बेटा मैं भी सोने जा रहा हूँ ..और हां तेरी मोम को कॉल कर दूँगा, उसका बेग यहीं छूट गया है "

दीप भारी मन से सीढ़ियाँ चढ़ते हुए अपने कमरे मे पहुच गया ..निक्की को तो पता ही नही चला आख़िर बात क्या है, बस अनुमान स्वरूप ..उसकी मोम और भाई के दूर जाने का गम मान कर, वो भी उदास मन के साथ अपने कमरे की तरफ चल दी

बेड पर निम्मी उसे सोती दिखाई दी, प्रेमवश उसके माथे को चूमते हुए निक्की भी जल्द नींद के आगोश मे चली गयी

ओं 1स्ट फ्लोर ..दीप बेड पर सिर्फ़ शॉर्ट्स पहने लेटा, निम्मी के बारे मे सोच रहा था ..अचानक से उसकी बेटी इतनी शांत कैसे हो गयी, दीप को अचंभा हुआ ..दिमाग़ पर ज़्यादा ज़ोर डालने की वजह से बीता पूरा सीन उसकी आँखों मे उतर आया और शॉर्ट्स के अंदर हाथ डाले कब वो मास्टरबेट करने लगा, उसे पता ही नही चला

इसी बीच उसने कम्मो को कॉल लगाया ..और लंड हिलाते हुए पूरा वीर्य अपने शॉर्ट्स मे निकाल दिया

.

.

.

.

.

सुबह 6:30 बजे नीचे हॉल मे रखा लंड लाइन बजने लगा ..दीप की नींद एक पल मे हवा हो गयी, सारी रात सिर्फ़ निम्मी के बारे मे सोच कर वो ज़रा भी नही सो पाया था ..बेड से नीचे उतर कर उसने पोलो टी-शर्ट डाल ली और हॉल मे आ कर कॉल अटेंड किया

" हां बेटा ..ओके ओके ..चल रखता हूँ "

कॉल पर निकुंज ने उसे पुणे पहुचने की जानकारी दी और कुछ हल्की - फुल्की कॉन्वर्सेशन होने के बाद कॉल कट कर, दीप वहीं सोफे पर बैठ गया

.
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
ठीक 10 मिनट बाद उसे निम्मी सीढ़ियों से नीचे उतरती हुई दिखाई दी ..जाने कब वो निक्की के कमरे से अपने कमरे मे पहुचि

" गुड मॉर्निंग डॅड "

बड़ी कातिल स्माइल देते हुए उसने दीप के दोनो गालो को किस किया और पास रखे झाड़ू को उठाने चल दी

इस वक़्त निम्मी ने बेहद ढीली पर्पल लोंग टी-शर्ट और उसके नीचे कॉटन कपड़े का वाइट हाफ पॅंट पहेन रखा था ..एक तरह से उसका हाफ पॅंट तभी नज़र आता जब वो हल्का फूलका झुकती ..बाकी दूर से कोई नही कहता निम्मी ने टी-शर्ट के नीचे कुछ पहेन भी रखा है या नही

" झाड़ू !!!! "

दीप ने हैरत भरी निगाह अपनी बेटी पर डाली, यकीन से परे था निम्मी कभी सॉफ-सफाई के काम भी कर सकती है

.

.

थोड़े अंतराल के बाद ही निम्मी ने अपना मॅजिक फिर से दिखाना शुरू कर दिया ..बड़े सेडक्टिव अंदाज़ मे वो आगे को झुकती और छोटे से पॅंट के अंदर छुपे उसके बड़े-बड़े गोल चूतड़ो का दीदार कर, दीप पर रात का बचा आधा नशा वापस हावी होने लगा

जब वो उसके काफ़ी नज़दीक से झाड़ू मारने लगी तब दीप को क्लियर पता चल गया, निम्मी ने हाफ पॅंट के अंदर पैंटी नही पहनी है, पॅंट टाइट होने से उसकी चूत का उभार काफ़ी उभार कर दिखाई दे रहा था ..और दोनो फांको की सेंटर लाइन पर नज़र जाते ही दीप का लंड शॉर्ट्स से बाहर आने की ज़िद पकड़ने लगा

" डॅड थोड़ा पैर ऊपर कीजिए, सोफे के नीचे सॉफ करना है "

दीप ने उसका कहा मान कर अपने दोनो पैर मोड़ कर सोफे पर रख लिए ..लेकिन यहाँ तो निम्मी जैसे उसे झाड़वा ही देती, दीप नेक टी-शर्ट से बाहर को उच्छाल खाती चुचियों को देखते ही दीप ने अपनी आँखें बंद कर ली और जब खोली तब निम्मी वहीं अपने घुटनो के बल बैठी उसके लंड को घूरती दिखाई पड़ी

.

.

" डॅड ..ये ग़लत है "

निम्मी ने उसके चेहरे को देख कर कहा, जो हाल ही फीका पड़ा गया

" डॅड मैं पूच्छ रही हूँ ....ये क्या है ? "

इस बार निम्मी की आवाज़ थोड़ी ज़्यादा तेज़ थी ..दीप ने घबरा कर अपनी बड़ी बेटी के कमरे के दरवाज़े को देखा, जो ओपन था

" क ..क ..क्या है ? "

हकलाते हुए दीप ने जवाब दिया ..वो सोफे से अब उठ नही पाता ..क्यों कि निम्मी उसके ठीक सामने अपने घुटने मोड बैठी थी ..साथ ही उसने अपने दोनो हाथो से सोफे के जायंट्स पकड़ रखे थे

" एनफ ईज़ एनफ डॅड ..एक बार नही, मैं तीन बार पकड़ चुकी हूँ ..आप जब-जब मुझे देखते हो ..आपका ..ये बड़ा क्यों हो जाता है ? "

दीप की तो जैसे सिट्टी - पिटी गुम हो गयी ..घबरा कर उसने अपने हाथ से खड़े लंड को छुपाना चाहा तभी निम्मी वापस गरज पड़ी

" हाथ हटाओ डॅड ..नही तो मैं दी को बुलाती हूँ ..अब वही आप से सवाल जवाब करेगी "

निम्मी ने अपना चेहरा निक्की के कमरे की तरफ घुमाया ही था कि दीप ने फॉरन अपना हाथ लंड से हटा कर निम्मी के मूँह पर रख दिया

" पागल पन मत कर निम्मी ..आइ'म सॉरी ..चल अब मुझे जाने दे "

दीप ने उसके मूँह को दबाते हुए बोला और तभी निम्मी ने अपने दोनो हाथो का क़ब्ज़ा सीधे उसके खड़े लंड पर कर दिया ..एक साथ जैसे दोनो के बदन झुलस कर रह गये ..जहाँ मस्ती मे भर का दीप के मूँह से करारी आह निकली, वहीं निम्मी की चूत से रस का बाहर आना शुरू हो गया

अपने आप दीप के हाथो की पकड़ उसके मूँह पर से ढीली हो गयी ..लेकिन निम्मी ने ज़रा भी संकोच नही दिखाया और केयी दफ़ा अपनी मुट्ठी को पंप करते हुए दीप को टीस करने लगी ..लंड इस वक़्त बेहद कड़क खड़ा था, जिसके हाथ मे आने के बाद निम्मी का जिस्म बुरी तरह से काँपने लगा ..पर किसी तरह की घबराहट का कोई एक्सप्रेशन दिए बगैर, वो गुस्से से भरी रही

" निम्मी माफ़ कर दे ..मैं तेरा डॅड हूँ बेटा ..छोड़ दे उसे "

दीप को लगा जैसे अभी हाल धरती फटे और वो सोफा समेत उसके अंदर समा जाए ..या उसके घर पर कोई बॉम्ब गिर पड़े ..या तूफान उसे उड़ा कर ले जाए ..लेकिन उस डिफयूज़र का क्या करे जो इस वक़्त अपने हाथो ने उसका हथियार पकड़े बैठी थी ..लंड मे उबाल आना दोगुना हो गया और दीप की साँसे मानो रुक सी गयी, उसे लगा कहीं अगले ही पल वो झाड़ ना जाए

" अच्छा जी !!!! आज मैने आप का नुनु पकड़ लिया तो बड़ी बातें आ रही हैं ..याद है उस दिन कैसे मेरी पुसी चाट रहे थे, और आस होल भी ..तब मैं आप को बेटी नज़र नही आई "

निम्मी ने अपनी नसीली आँखों से दीप को घायल कर दिया ..इस वक़्त उसका चेहरा मानो सिंदूर मे डूबा हुआ लाल दिखाई दे रहा था ..वहीं आगे को झुके होने से उसके बूब्स, डार्क ब्राउन निपल साहित दीप के लिए क्लियर विज़िबल थे

" वो ..वो उस वक़्त ...मैं तेरा इलाज कर रहा था "
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
दीप ने सोचा, तोड़ा एमोशनल हो कर कहेगा तो शायद निम्मी मान जाएगी ..उसने अपना मूँह शरम से नीचे झुका लिया ..बस एक ही चिंता उसे बार बार खाए जा रही थी ..कहीं इस वक़्त निक्की अपने कमरे से बाहर ना निकल आए

" इलाज !!!! चलो ठीक है डॅड ..उस दिन आपने मेरी हेल्प की ..आज मैं आप की कर देती हूँ ..बताओ ये कैसे छोटा होगा ? "

निम्मी मुस्कुरा दी ..दीप फुल उसके क़ब्ज़े मे था ..अब चाहे तो वो उसके इशारे पर नाचने तक को राज़ी हो जाता

" क्या कहा ? "

दीप बेहोश होते - होते बचा ..लगातार खड़े लंड पर बेटी के हाथो का घर्षण उसे सीत्कार करने को मजबूर करने लगा

" मैं हाथ हटा रही हूँ डॅड ..कोई चालाकी मत करना ..मैने नेट पर हर तरह के पेनिस देखे हैं,बड़े छोटे काले गोरे ..लेकिन आज रियल मे देखना है "

इतना कह कर उसने अपने हाथो की पकड़ ढीली कर दी ..लेकिन कहीं दीप उसे धोखा ना दे दे उसने अपना चेहरा निक्की के दरवाज़े की तरफ घुमा लिया, ताकि अगले ही पल कोई नया विस्फोट कर सके

" बेशरम ..मैं तेरा डॅड हूँ "

मौका मिलते ही दीप सोफे से उठने को तैयार हो गया ..निम्मी के बोल्ड पने पर उसे बड़ी हैरानी हुई ..कितनी आसानी से एक बेटी ने अपने बाप से कह दिया, वो पॉर्न देखती है और अब लाइव देखना चाहती है ..वो भी अपने सगे बाप का खड़ा लॉडा

" अच्छा मैं बेशरम !!!! मोम को बोला ना तो आप की खटिया खड़ी हो जाएगी ..डॅड मेरे 3 गिनने से पहले आप का शॉर्ट्स नीचे हो जाना चाहिए ..1 ..... "

निम्मी ने उसे अंतिम चेतावनी दे कर कहा ..दीप को लगा जैसे अभी थप्पड़ से उसका गाल लाल कर दे ..लेकिन वो खुद ग़लती मे था, जब उसने अपनी बेटी को नंगा देखा था तो अब उसकी बेटी भी अपने बाप को नंगा देखना चाहती है ..ये तो गिव &; टेक वाली बात हो गयी

" 2 .... "

दीप पागल सा हो गया ..अगर इसी वक़्त उसने अपने लंड को शॉर्ट्स से आज़ाद नही किया तो पक्का पुणे टूर के बाद, उसकी आत्मा उसके शरीर से आज़ाद हो जायगी ..निम्मी ज़रूर कम्मो को उसका सच बात देगी ये उसे पता था ..बदला लेने मे तो उसकी बेटी से बड़ा कमीन सारे संसार मे मिलना मुश्क़िल होगा

" 3 .... "

टोटल काउंटिंग हुई और दीप ने मजबूर हो कर खड़े लंड को शॉर्ट्स से बाहर निकाल दिया ..निम्मी का चेहरा उसकी टाँगो की जड़ से थोड़ा ही ऊपर था ..लंड नेकेड होते ही उसने अपनी आँखें बंद कर ली

" हो गया ..चल अब हट जाने दे "

दीप ने खुश हो कर कहा कहा क्यों कि निम्मी ने अपनी आँखें बंद कर ली थी, उसने लंड को वापस शॉर्ट्स मे डालना चाहा ..लेकिन ठीक इसी वक़्त निम्मी ने उसे फिर से टोक दिया

" डॅड लाइफ मे 1स्ट टाइम रियल मे देखूँगी ..समझो बात को ..थोड़ा स्ट्रॉंग तो हो जाउ "

निम्मी ने अपनी उंगलियों से शॉर्ट्स की एलास्टिक टटोली ..और कामयाबी के बाद दोनो हाथो की मुट्ठी मे इलास्टिक को कस कर पकड़ लिया ..फॉर शुवर अब दीप का सोफे से उतना नामुमकिन था

" डॅड आँखें खोल रही हूँ "

निम्मी के दिल की धड़कने दीप सॉफ सुन सकता था ..सिर्फ़ इसी सोच से की उसकी बेटी जिस लंड से दुनिया मे आई है आज उसी का दीदार करने को पागल हुई जा रही है ..लंड फूल कर लोहा हो गया

" ओह माइ गॉड ..डॅड ये तो मॉन्स्टर है ..फक !!!! "
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
निम्मी की आँखें बड़ी हो कर काँचों मे तब्दील हो गयी ..शॉर्ट्स के अंदर खड़ा लंड इतना बड़ा होगा ..उसे चक्कर आने लगे ..गुलाबी सुपाडे की गोलाई और नसों का तनाव इतना भयानक था ..निम्मी अपने होंठो को चबाने लगी ..उसकी गरम साँसे लंड की नाज़ुक चमड़ी पर महसूस होते ही दीप मदहोशी से भर गया ..और सुपाडे पर प्री कम का जमावड़ा इकट्ठा होने लगा

" डॅड इसकी स्मेल बहुत स्ट्रेंज है "

निम्मी की चूत अब किसी भी पल झाड़ सकती थी ..उसके बूब्स सख़्त और निपल नुकीले पर नुकीले होने लगे ..थोड़ा सा चेहरा और नीचे झुका कर निम्मी लंड के सुपाडे को सूंघने लगी ..कयि बार ज़ोरदार साँसें अंदर बाहर करने के बाद लंड की खुश्बू जैसे उसकी रूह मे समा गयी

" आहह निम्मी बस कर ..म ..मैं झाड़ जाउन्गा "

दीप का कंट्रोल टूटने लगा, उसकी बेटी के नॅचुरल होंठ इस वक़्त सुपाडे के बेहद नज़दीक थे ..सिर्फ़ ख़याल मात्र से, कहीं निम्मी उसे चूसने ना लग जाए दीप की कमर अपने आप ऊपर उठ गयी ..नतीजा सुपाड़ा निम्मी के होंठो से रगड़ खा गया

" डॅड ये क्या किया ..छ्हीई !!!! "

निम्मी थोड़ा ऊपर हुई ..सुपाडे पर लगे प्रेकुं की बूँद तार बनाते हुए उसके गुलाबी होंठो से चिपक गयी ..बड़ी कातिल अदा से उसने अपनी जीभ को होंठो पर घुमाया और पिता के लंड से निकले स्वाद को चखने लगी

" निम्मी देख लिया ना ..अब बस कर ..निक्की बाहर आ गयी तो पंगा हो जाएगा "

दीप एक तरफ तो लंड को छुपाना चाहता था ..लेकिन दूसरी तरफ अपने आप उसका हाथ निम्मी के सर पर चला गया ..निम्मी तुरंत समझ गयी दीप उससे क्या करवाना चाहता है ..वो खुद भी इसी के लिए बेचैन थी ..चाहती थी हर बंदिश मिटा कर डॅड के लंड को चूसना शुरू कर दे ..लेकिन कितना भी बोल्ड पन लड़की मे क्यों ना हो, अट लास्ट झीजक आना लाज़मी है

" डॅड सिर्फ़ किस करूँगी "

इतना कह कर निम्मी ने अपने होंठ सुपाडे पर रख दिए ..दीप के मूँह से मोनिंग होने लगी और फॉरन निम्मी के होंठो ने सुपाडे को चूमना शुरू कर दिया ..लिसलिसे पदार्थ से सराबोर उसके होंठो ने जादू कर दिया, बड़े प्यार से हौले - हौले वो लंड टिप को होंठो से काटने लगी

इसी पोजिशन मे उसने दीप की आँखों मे झाँका, जिसमे वासना के डोरे सॉफ नज़र आ रहे थे ..लग रहा था जैसे वो कह रही हों .. ' निम्मी प्लीज़ अब तड़पाना छोड़ ..और चूसने लग जा अपने डॅड का लंड '

निम्मी से भी कंट्रोल नही हुआ और उसने स्माइल करते हुए अपने होंठो को खोल दिया

" निम्मी मैं कॉलेज जा रही हूँ ..तू घर पर रुकना "

निक्की की आवाज़ सुन कर दोनो चौंक पड़े ..दीप सोफे उठने को हुआ पर निम्मी के मन ने तो जैसे ठान लिया था, अभी नही तो कभी नही ..वो अपने खुले होंठो के अंदर सुपाड़ा डालने ही वाली थी, कि निक्की के कमरे से उसके बाहर निकलने की आवाज़ें आना तेज़ हो गयी

दीप की आँखों के आगे अंधेरे छा गया ..उसे लगा उसकी ज़िंदगी ख़तम ..लेकिन ठीक इसी पल निम्मी ने उसके शॉर्ट्स की एलास्टिक को छोड़ दिया और .. ' रन डॅड ' .. कह कर नीचे पड़ी झाड़ू अपने हाथ मे पकड़ ली

दीप सोफे से कूदा और निक्की अपने कमरे से बाहर निकल आई

" कहाँ जा रहे हो डॅड ? "

दीप की चाल मेन गेट की तरफ बढ़ते देख निक्की ने पूछा ..सही मायने मे दीप अब तक लंड को शॉर्ट्स के अंदर नही डाल पाया था ..वो तो अच्छा हुआ उसकी पीठ निक्की की तरफ थी वरना आज बहुत बड़ा अनर्थ हो जाता

" व ..वो मेरी एक इम्पोर्टेंट. मीटिंग है बेटा ..मैं थोड़ी देर मे लौट आउन्गा "

दीप मेन गेट तक पहुच गया

" लेकिन डॅड "

निक्की ने हैरान हो कर उसे रोका

" बेटा मीटिंग बहुत बड़े लोगो से है ..समझा कर "

और इतना बोल कर दीप टी-शर्ट &; शॉर्ट्स मे मेन गेट के बाहर चला गया

" डॅड कपड़े तो सही पहेन कर जाओ "

निक्की ने इस बार ज़ोर से चिल्लाया तो ज़मीन पर बैठी निम्मी वहीं फर्श पर लॉट-पोट होने लगी ..अपने सर पर 5-6 बार उंगलियो के राउंड देती हुई उसने दीप को पागल करार दे दिया

" तू सही कह रही है निम्मी ..डॅड पागल हो गये हैं "

इसके साथ ही निक्की भी हँसते हुए सोफे पर गिर पड़ी .....
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
पापी परिवार--40

बेड पर अचेत लेटी कम्मो बड़े पशो-पेश मे फसि थी, रोते हुए सिर्फ़ उसे वही बात याद आती रही जो उसके बेटे ने बाथ-रूम मे कॉल कट करते हुए कही थी .. ' आगे जो भी होगा आख़िर भुगतना तो मुझे ही है '

दूसरा झटका उसे नीमा से बात-चीत के दौरान लगा ..उसकी दोस्त के मूँह से उस वक़्त ज़ोरदार सिसकियाँ निकल रही थी, जैसे उसकी धुवांधार चुदाई चल रही हो ..और शायद तभी नीमा ने उसे 30 मीं. से रिटर्न कॉल करने को कहा होगा

एक एक पल सदियों सा बीतने लगा, हलाकी कम्मो ने कॉल पर जो भी जानकारी पूछि ..वो उसकी घबराहट या जल्दबाज़ी कह सकते हैं, वो चाह कर भी निकुंज के दुख मे शरीक नही हो पाती ..बेटे के लंड को छुना या चूसना तो बहुत दूर की बात ..उसके लिए तो ऐसा सोचना तक पाप था

.

.

30 मीं. पश्चात उसने अपने सेल को देखा, बेजान हाथ उसे उठाने तक को मजबूर लगे ..जिस ख़तरनाक मोड़ पर कम्मो खड़ी थी ..उसके एक तरफ खाई ( निकुंज ) और अब दूसरी तरफ कुँवा ( नीमा ) थी

" कॉल पर उससे क्या कहूँगी, मैं ये जानकारियाँ किस लिए ले रही हूँ ? "

खुद के सवाल पर उसकी आँखें बंद हो गयी, जिनकी किनोरो से आँसुओ की बूँदो का निकलना फिर से जारी हो गया ..लज्जा का अनुभव ज़रूरी नही तब ही हो, जब कोई आप के मूँह पर थप्पड़ मार जाए ..असल बेज़्जती तो तब महसूस होती है जब आप का मन बार-बार उसी बात का चिंतन करे

" माना उसने मुझे अपने बेटे के विषय मे बता दिया था, पर मैं नही बता सकती ..एक तो उमर मे वो मुझसे छोटी है, फिर घर समहालने वाली भी तो खुद वही है ..अगर उसका पति दूर ना होता तो यक़ीनन वो वर्तमान हालात के आगे कभी नही झुकती "

कम्मो सोचने मे व्यस्त थी तभी उसका सेल बजने लगा ..उसने पलकें खोल कर स्क्रीन की तरफ देखा ..कॉलिंग नीमा लिखा आ रहा था

" इनके ( दीप ) बारे मे बोल दूँगी "

आँसू पोंछ कर उसने अपने भरे गले को खकारा, ताकि कॉल पर उसके रोने का नीमा को अनुमान ना हो सके

.

.

" हेलो "

कम्मो ने कॉल पिक किया

" हां कम्मो ..सॉरी यार उस वक़्त थोड़ा बिज़ी थी ..हां अब फ्री हूँ ..बोल क्या बात पूच्छना था ? "

नीमा ने जवाब मे कहा ..फॉरन कम्मो की भोएँ तंन गयी ..बीते चार दिन पहले नीमा कितनी गुम्सुम थी, अगर कम्मो उसे समझाने नही जाती, यक़ीनन उसने शूसाइड कर लिया होता ..लेकिन अभी कॉल के वक़्त उसकी आवाज़ मे बेहद उत्साह था, चहेक थी, खुशी थी

कम्मो ( अपने मन मे ) :- " दो ही कारण हो सकते हैं ..या तो विक्की पूरी तरह से ठीक हो गया है, या तो नीमा हालात के हाथो हार गयी है ..थोड़ी देर पहले जो सिसकियाँ मैने सुनी थी, प्रमाण स्वरूप काफ़ी है "

" तुझे सच मे नही पता मैने क्या पूछा था ..ऐसा क्या ज़रूरी काम कर रही थी उस वक़्त ? "

कम्मो ने सवाल किया

" तुझसे कुछ छुपा नही रही, पर ये सच है उस टाइम मैं अपने होश मे नही थी ..क्या पूछा था अब बोल ? "

नीमा ने जवाब दिया

" पहले बता होश कहाँ था तेरा ..मुझे कुछ अजीबो-ग़रीब आवाज़ें भी सुनाई दे रही थी "

कम्मो ने उसकी चुटकी ली, अब ये क्लियर हो गया उस वक़्त नीमा चुदाई मे बिज़ी थी

" कम्मो मैने तुझसे कहा था ना, मैं ज़्यादा दिन ज़िंदा नही रहूंगी, हां मैने अपने अंदर की मा को विक्की के लिए मार लिया है ..जब तेरा कॉल आया, हम सेक्स कर रहे थे "

नीमा ने जवाब दिया बुत इस बार उसकी आवाज़ मे कंपन था, ग्लानि थी ..फिर भी बिना किसी हिचकिचाहट के उसने सच बोल दिया

" ह्म्‍म्म्म !!!! तेरी आवाज़ जब मेरे कानो मे पड़ी, मैं तभी समझ गयी थी, कॉल की दूसरी तरफ क्या चल रहा होगा ..अभी कहाँ हैं दोनो बच्चे ? "

कम्मो ने भी नॉर्मली जवाब दिया ..अगर वो शॉक्ड हो का रिप्लाइ करती, नीमा को ज़रूर हर्ट हो जाता

नीमा :- " स्नेहा तो अपनी मौसी के घर गयी है और विक्की अभी-अभी मेडिकल गया है ..मेरे लिए पेन किल्लर लेने "

कम्मो :- " पेन किल्लर ..किसलिए ? "

" अब जब रात भर मे 6 बार चुदाई हुई होगी ..तो पेन किल्लर तो खानी ही पड़ेगी "

नीमा ने धीमे स्वर मे कहा, बोलते वक़्त उसके गालो पर लाली छा गयी

" 6 बार ..क्या बात कर रही है ..तेरी च ..च ..चूत तो बुरी तरह फट गयी होगी "

इस बार कम्मो बेड पर उच्छल पड़ी ..' एक रात मे 6 बार चुदाई ' ..सुन कर उसके तोते उड़ गये ..सेक्स मे इंटेरेस्ट ना के बराबर होने से वो सिर्फ़ एक राउंड मे ही पस्त हो जाती थी, और नीमा ने एक ही रात मे ' 6 बार ' सेक्स कर लिया वो भी अपने सगे बेटे विक्की के साथ

कम्मो को महसूस हुआ कल रात से उसकी चूचियों मे भारी पन आया है, निपल भी कल रात से ही तने थे, ब्लाउस के अंदर सिर्फ़ पसीना ही पसीना भरा हुआ था , अजीब सी घुटन महसूस कर फॉरन उसने ब्लाउस के ऊपरी दो बटनो को खोल दिया ..असर पड़ा लेकिन नाम मात्र का

" क्या हुआ तू चुप क्यों हो गयी ? "

नीमा हस्ते हुए बोली ..दोनो दोस्त के बीच सेक्स टॉपिक कभी कभार ही हुआ होगा ..लेकिन एक लिमिट से बाहर दोनो ही नही निकल पाए ..पर आज तो जैसे कमाल ही हो गया था ..चूत, चुदाई जैसे शब्द खुल कर मूँह से बोले जा रहे थे

" कुछ नही थोड़ा ब्लाउस अड्जस्ट कर रही थी ..खेर तू बोल क्या बोल रही थी ? "

कम्मो की चढ़ती साँसे नीमा से नही छुप सकी ..बात वो अपने बेटे के साथ हुए सेक्स की कर रही थी, और उसका असर कम्मो पर दिखाई दे रहा था ..शैतानी मे भर कर तुरंत नीमा ने उसके मन की थाह लेने का सोचा

" तो उतार दे ना ब्लाउस को, कौन सा तुझे कोई देख रहा होगा ..मैं तो अभी भी नंगी पड़ी हूँ बेड पर, उठा तक नही जा रहा, विक्की ने हड्डी - हड्डी का चूरमा बना कर रख दिया है ..और चूत तो जैसे फट कर भोसड़ा बन गयी है "

नीमा ने उसे छेड़ते हुए कहा, वो जानती थी एक मा के लिए ये सब सुनना कितना स्ट्रेंज फीलिंग से भरा हो सकता है ..कुछ वक़्त पहले तक तो वो खुद भी यही सोच कर पानी हो जाती थी, लेकिन आज कयि महीनो बाद उसे असीम आनंद की प्राप्ति हुई है, उसका रोम - रोम पुलकित था

" बस कर नीमा शरम नही आती तुझे, मेरी उमर का तो ख़याल कर "

कम्मो से रहा नही गया उसने दो पल को सेल हाथ से छोड़ कर, फुर्ती से अपना ब्लाउस उतार कर बेड पर गिरा दिया ..कुछ गहरी साँसें लेने के बाद उसने वापस सेल अपने कान से चिपकाया

" क्या करूँ कम्मो, आज तो जैसे मैं स्वर्ग मे पहुच गयी हूँ ..कल तक सिवाए किस्मत को दोष देने के अलावा मेरे पास कोई दूसरा चारा नही था, लेकिन आज मैं उसी किस्मत की शुक्रगुज़ार हूँ, जो मुझे चन्द घंटो मे ही इतना सुख मिल गया "

नीमा बोलती रही, और कम्मो बड़े गौर से उसकी बातों को सुनने मे व्यस्त हो गयी ..उसकी चूत मे सिकुड़न आना लाज़मी था, और हुआ भी यही ..अपनी टाँगो को पूरा फैला कर भी कम्मो को चैन नही मिल पाया

" जानती है कम्मो, 3 दिनो से विक्क अपने स्कूल प्रॅक्टिकल मे बिज़ी रहा, मैं जब भी उसके कमरे मे जाती, उसे किताबो मे उलझा पाती ..एक पल को तो मुझे लगता जैसे मैने इस जंग को जीत लिया है, मेरा बेटा अब मास्टरबेट की बुरी लत से आज़ाद हो गया है ..लेकिन दूसरे ही पल मैं उदास हो जाती, शरम नही करूँगी बताने मे ..पर मेरी उदासी की असली वजह थी उसका लंड, जिसे मैने बीते 5 महीनो मे लगातार देखा था ..एक तरह से उसे चूसना मेरे जीवेन की दिनचर्या मे शामिल हो गया था ..कयि - कयि बार तो रात - रात भर मुझे नींद नही आती थी, बस जी मे आता अभी उसके कमरे मे जाउ और सारी रात मज़े से चूसू, उससे खेलु ..आख़िर कब तक एक औरत प्यासी रह सकती है ..मेरे हज़्बेंड के साथ लास्ट चुदाई मैने 10 महीने पहले की थी, वो भी सिर्फ़ एक छोटा सा राउंड

कम्मो पिच्छले कयि महीनो से मेरी चूत मे भयानक आग लगी थी, ऐसी आग जो अब सिर्फ़ लंड से ही बुझ पाती ..मैने बहुत सोचा पर अपना मन नही बदल सकी ..कल जब विक्कीी स्कूल से लौटने वाला था, मैने अपने रूम का गेट खुला छोड़ दिया और सारे कपड़े उतार कर खुद को संवारने लगी, मैने फ़ैसला कर लिया था आज रात मैं उससे से चुद कर ही दम लूँगी

वो घर आने के फॉरन बाद मेरे कमरे मे आ गया, गेट से अंदर झाँकते ही मैं उसे नंगी शीशे के सामने बैठी दिखाई दी, जाने क्यों उसके कदम पीछे हटने लगे और वो मेरे कमरे से बाहर जाने लगा ..लेकिन तभी मैने उसे रोका और अपने पास बुलाया, हौले हौले कदमो से चलता हुआ वो मेरे सामने आ कर खड़ा हो गया, हमारी नज़रें मिली ..हम दोनो की धड़कने तेज़ रफ़्तार से चल रही थी, कम्मो उस वक़्त मेरे हाथ मे कैंची थी, मैं अपनी झाँते काट रही थी

मैं :- " बेटा कुछ काम था क्या ? "

" नो मोम, मैं तो...... "

वो इससे ज़्यादा कुछ नही बोल पाया, लेकिन उसकी नज़र जल्द ही मेरी टाँगो की जड़ को घूर्ने लगी ..मैने लाज़ाकर उसकी आँखों मे देखा, जिनमे बड़ी उत्सुकता थी, उसकी लाल आँखों मे अजीब सी बैचैनि दिखाई दे रही थी ..पहली बार अपनी मा को नंगा देख रहा था, या शायद किसी भी औरत को

वो खड़ा था और मैं चेर पर बैठी थी, पॅंट के अंदर खड़े लंड का फुलाव देखते ही मेरी चूत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया, मैने देर ना करते हुए उसके पॅंट की बेल्ट खोली दी, और अगले ही पल मेरे हाथो मे वापस मेरा खिलौना लौट आया, जिसे मैं 3 दिनो से बहुत मिस कर रही थी

विक्की के लंड मे इतना ज़्यादा तनाव शायद ही मैने कभी देखा होगा, या यूँ कह ले ..उसे अपनी मा का नंगा बदन पसंद आया ..फटी आँखों से अब भी वो सिर्फ़ मेरी चूत को ही निहार रहा था

मैने अपने खुश्क होंठ उसके सूजे सुपाडे पर रख दिए, दोनो ही चीज़ें उस वक़्त अंगार थी ..वो सिसक उठा, और फॉरन मैने अपनी दो उंगलियाँ चूत के अंदर घुसा ली, साथ ही सुपाडे के छेद पर अपनी पायंटेड जीभ चुभाते हुए, उसे तड़पाने लगी ..कल तक जो लंड मेरे लिए बेटे का था, आज मुझे वो किसी गबरू जवान लड़के का दिखाई दे रहा था

उससे सहेन नही हो पाया और उसके हाथो ने मेरे बालो को अपनी मुट्ठी मे भर लिया ..वो चाहता था, मैं फॉरन लंड चूसने लगू पर मैं अगले 5 मिनट तक सिर्फ़ उसे उकसाती रही ..आज शायद उसके मूँह से सुनने को बेताब थी ' मोम चूसो ना '

जल्द ही उसका सबर टूट गया और चिल्लाते हुए उसने ज़बरदस्ती आधा लंड मेरे मूँह के अंदर कर दिया ..मुझे अपना बचाव करने की कोई आज़ादी नही मिल पाई, ज़्यादा वक़्त नही लगा और वो लगभग पूरा लंड मेरे गले के आर - पार निकालने की कोशिश करने लगा ..मैं बार-बार चोक हो जाती, मूँह से बहकर लार मेरी चुचियों तक पहुच गयी थी ..आज पहली बार मैने खुद से सवाल किया .. ' उसका लंड मेरे मूँह मे समा क्यों नही पा रहा ..जिसे मैं आसानी से पूरा निगल लेती थी, आज बड़ा कष्टकारी क्यों लग रहा था '
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
कम्मो तू यकीन नही करेगी, विक्की का ऐसा वहशी रूप मैने 1स्ट टाइम देखा ..अब तक जो भी होता आया था, मेरी मर्ज़ी से ..मैं रोज़ उसके कमरे मे उसे ब्लोवजोब देती, और वो चुपचाप अपनी आँखें बंद किए लेटा रहता था ..काई - काई बार मन के हाथो विवश हो कर मैं घंटे भर तक उसके लंड से खेलती रहती, बिना परवाह किए कि मेरा बेटा उस दौरान कितनी बार झाड़ा और कितनी बार उसकी मा ने उसके वीर्य से अपना गला तर किया ..जब अत्यधिक दर्द से वो बहाल जो जाता, मैं उसे छोड़ देती ..पर एक बार भी उसने मुझसे कोई ज़्यादती नही की ..उस दिन तेरे सामने जो मैं रोई थी, ये उसका ही परिणाम था ..मैं अपनी चूत मे उठती अगन को ज़रा भी शांत नही कर पा रही थी, लग रहा था शूसाइड कर लूँ और सब यहीं ख़तम हो जाए

तूने मुझे साहस तो दिया पर मेरी जगह अगर तू खुद इस जंग से लड़ रही होती ..मजबूरन तुझे भी वही करना पड़ता जो मैने किया

कम्मो विक्की लगातार मेरे मूँह को चोद्ता रहा, मैने भी हार नही मानी और अपना दर्द चूत को सहलाने मे बात लिए ..यहाँ उसकी कमर का एक झटका लगता और वहाँ मेरी उंगलियाँ चूत के और भी ज़्यादा अंदर हो जाती

कुछ देर बाद विक्की झुंझलाने लगा और मैं समझ गयी, मेरा काम अब आसान है ..मैने इशारों से उसे बेड पर चलने को कहा ..फॉरन उसने अपना लंड मेरे मूँह से बाहर निकाला और मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बेड की तरफ ले गया ..अपनी पीठ के बल लेट कर विक्की ने मेरे उसी हाथ को वापस अपने लंड पर रख दिया और एक ऐसी नज़र से मुझे देखा .. ' जिसमे सिर्फ़ और सिर्फ़ वासना भरी थी, तड़प भरी थी ' ..वो कह तो नही पाया पर उसका आशय मुझे पता था ..यक़ीनन वो चाहता था जल्द ही उसे, उसके लंड के तनाव से मुक्ति मिल जाए ..मैने मुस्कुरा कर अपना ढेर सारा थूक लंड पर छोड़ दिया और जीभ से फैला कर उसे चिकनाई से भरने लगी

बस कम्मो यही वो पल था जब मेरे अंदर की मा मर गयी और उसके तुरंत बाद ही मैं अपनी मर्ज़ी से उसके खड़े लंड पर बैठती चली गयी ..शुरूवात मे कयि मुश्क़िलें आई, हज़ार सवालो से विक्की का चेहरा घंभीर होता गया ..लेकिन मैने काम ज़ारी रखते हुए, अपनी कमर उसके लंड पर ज़ोरो से पटाकने लगी ..सही मायने मे दर्द तो उस वक़्त मुझे महसूस हो रहा था, इन 10 महीनो मे मेरी चूत सिकुड कर काफ़ी टाइट जो हो गयी थी

थोड़ी देर बाद विक्की की कमर भी मेरी ताल से ताल मिलाने लगी और बीती रात पूरे 6 दफ़ा हमने अपने रिश्ते को दागदार किया ..या शायद हमेशा करते रहेंगे, अब ये पाप हमे कहाँ तक ले जाएगा पता नही ..पर मुझे सब मज़ूर है "

इतना कह कर नीमा शांत हो गयी, इन आख़िरी दो पंक्तियों मे उसने असल जीवन के सारे राज़ खोल दिए ..माना उसने 10 महीने बाद अपनी चूत मे आराम पाया था, लेकिन वो जानती थी ये आराम जल्द हराम मे बदल जाना है ..जब मा के साथ बेटे ने संसर्ग स्थापित कर लिया, तो यक़ीनन अपनी बहेन के लिए भी उसके विचार मैले हुए बिना नही रह पाएँगे

वहीं होटेल के कमरे मे तो जैसे भूचाल मच गया ..ब्लाउस के ऊपर कम्मो की गीली महरूण पैंटी पड़ी थी और साड़ी अपने पेट पर लेपेटे उसकी उंगलियाँ, अपनी सूजी चूत को और सुजाने मे व्यस्त थी ..वो ज़रा भी होश मे नही थी, एक हाथ से सेल अपने कान पर लगाए और दूसरे की 3 उंगलियों से योनि का मर्दन करते हुए उसे यह भी ध्यान नही रहा, कॉल पर नीमा उसकी आहों को बखूबी सुन रही होगी

" कहाँ खो गयी कम्मो, और तेरी आवाज़ को क्या हुआ ? "

आख़िरकार नीमा ने पूछ लिया, कम्मो की बंद आँखें एक झटके मे खुल गयी ..खुद की हालात देख उसे अचरज तो हुआ पर उसकी उंगलियाँ ज्यों की त्यों चूत के अंदर - बाहर होती रही ..मदहोशी का आलम उस पर ऐसा छाया की अचानक से उसने कॉल पर ऐसी बात कह दी जिसे सुन कर नीमा के भी होश उड़ गये

" अहह !!!! नीमा तूने मेरी चूत मे आग लगा कर रख दी ..खुद तो अपने बेटे से चुद कर शांत हो गयी, अब मैं क्या करूँ ? "

बात कहने के बाद भी कम्मो नही जान पाई उसके मूँह से क्या निकल गया ..वहीं कॉल की दूसरी तरफ नीमा मुस्कुरा दी, वजह कल तक वो खुद इस आग को मिटाने मे असमर्थ थी

" कम्मो बुरा मत मान ना ..पर क्या दीप जी तेरी प्यास नही बुझा पाते ? "

नीमा ने सवाल किया ..हलाकी उसके सवाल का आशय दीप के ऊपर सीधा - सीधा इल्ज़ाम लगाना था, नामार्दी का ..पर फिर भी कम्मो की आहों ने उसका धैर्य तोड़ दिया ..आख़िर लंड की प्यास क्या होती है ये नीमा से बेहतर कौन जान सकता था

" ऐसी बात नही है नीमा, वो तो चाहते हैं रोज़ मुझे चोदे ..पर मैं ही कमज़ोर पड़ जाती हूँ ..आज पहली बार मुझे एहसास हो रहा है कि मैं भी एक औरत हूँ ..चाहती हूँ वो जी भर के मुझे चोदे "

कामो का ये रूप बड़ा भयानक बन गया ..बिखरे बाल, आँखों मे सुर्खियाँ, ब्रा से बाहर निकली दोनो चूचियाँ, पेट पर लिपटी सारी, भारी साँसें ..यक़ीनन वो तड़प रही थी ..अगर इस वक़्त निकुंज कमरे मे आ जाता, तो भी उसे कोई ख़ास फरक नही पड़ना था, वो पूरी तरह अपने होश से बाहर निकल चुकी थी

" कम्मो औरत चाहे लाख अपनी चूत को खुजा ले पर असल खुजली लंड ही मिटा पाता है ..फिर चाहे उस लंड के अनेकों नाम हों ..अच्छा तूने किसी सवाल के मक़सद से कॉल किया था ..बातों मे इतनी उलझ गयी, ध्यान ही नही रहा "

नीमा को उसकी तड़प मे अपनी तड़प का एहसास हुआ, दोनो मे दोस्ती बहुत गहरी थी ..खेर इस मामले मे वो उसकी ज़्यादा कोई मदद तो नही कर पाती ..लेकिन आश्वासन ज़रूर दिया

" कुछ नही नीमा मेरे सारे सवालो के जवाब मिल गये ..मगर ये निगोडी झड़ने का नाम ही नही ले रही ..देख ना पिच्छले 15 मिनट से उंगली कर रही हूँ ..पानी तो बह रहा है, पर जलन नही जा रही "

कम्मो ने बेशर्मी से जवाब दिया, ऐसी तो वो कभी नही थी ..लेकिन इन दो दिनो मे उसके मश्तिश्क मे सिवाए उथल - पुतल के कुछ नही हुआ था

" चल रखती हूँ ..दीप जी का इंतज़ार कर ले, फिर जी भर के शांत कर लेना अपनी निगोडी को ..विक्की भी लौट आया है ..एक आख़िरी राउंड के बाद हम भी सोएंगे ..अपना ख़याल रखना, और निगोडी चूत का भी "

इतना कह कर हँसते हुए नीमा ने कॉल कट कर दिया, पर बेचारी कम्मो की हालत मे सुधार की गुंजाइश ना के बराबर थी ..अगले 15 मिनट तक उसने बिना रुके पूरी तेज़ी से अपनी चूत को रोंदा ..पर चूत का झड़ना नही हो पाया ..मन मसोस कर उसने अपनी साड़ी को घुटनो से नीचे कर दिया और आँखें बंद कर के लेट गयी ..उसका दिमाग़ तो अशांत था ही, शरीर की सारी ताक़त भी अब पस्त हो चुकी थी

.

.

रिसेप्षन पर पहुच कर निकुंज ने आस पास के किसी पार्क की इन्फर्मेशन ली और सफ़ारी से वहाँ के लिए निकल पड़ा

अभी वो आधे रास्ते पहुचा ही था कि उसके सेल की मसेज टोन बीप हुई, देखा तो मसेज निक्की का था ..फॉरन उसने मसेज ओपन किया, लेकिन मसेज ब्लॅंक निकला

दो पल मे उसके चेहरे पर आई सारी मुस्कान मानो झाड़ सी गयी, कितना सुकून मिला था सिर्फ़ ये देख कर की उसके सेल पर आया मसेज उसकी प्यारी बहेन निक्की का है, पर मसेज के ब्लॅंक होने की वजह उससे छुपि नही थी ..वो जानता था घर पर उसकी बहेन सिर्फ़ अपनी भाई के बारे मे ही सोच रही होगी और बिना कुछ लिखे ही, ब्लॅंक मसेज के ज़रिए उसने अपने सूनेपन को निकुंज पर ज़ाहिर कर दिया

" मैने कल रात से एक पल को भी उसे याद नही किया ..और वो मुझे हर पल याद करती होगी "

खुद को दोषी करार देने के बाद उसने निक्की का नंबर सेल स्क्रीन पर ला दिया ..पर उसके अंगूठे मे ज़रा भी दम नही आ पाया ..बस ये सोच कर, बात होने के बाद दोनो की तड़प कम होने के बजाए बढ़ेगी ही, वो कॉल बटन प्रेस नही का पा रहा था

कुछ देर बाद निकले सल्यूशन मे उसने भी एक ब्लॅंक मसेज निक्की के सेल पर सेंड कर दिया और ड्राइव करते हुए जल्द ही पार्क पहुच गया
 

Lodon Ka Raja

Leaving for Few Months BYE BYE TAKE CARE
6,186
48,561
219
घूमने का रियल मक़सद था, थोड़ी देर फ्रेश एर मे साँसे ले सके पर पार्क मे आ कर तो जैसे उसकी घुटन और बढ़ गयी ..मुंबई मे तो हर रोज़ सुबह वो इस वक़्त निक्की के साथ होता था पर आज जैसे किस्मत ने दोनो को कोसो दूर फेक दिया ..निकुंज से सबर नही हो पाया, वो निक्की की आवाज़ सुनने को मचल उठा और इसके फॉरन बाद उसके हाथो ने वापस उसका नंबर डाइयल किया

" हेलो निक्की "

पहली रिंग मे ही उसकी बहेन ने कॉल पिक कर लिया जैसे इसी बात के इंतज़ार मे बैठी हो ..निकुंज ने बात शुरू की

" कैसे हो भाई ..मों कैसी हैं ..भैया से मिले की नही ..सब ठीक है ना वहाँ ? "

एक के बाद एक सवालो की झड़ी लगाते हुए निक्की ने रिटर्न मे पूछा ..लेकिन इन सब सवालो के बीच वो असली सवाल नही पूच्छ पाई .. ' आप को मेरी ज़रा सी भी याद नही आई, हमे बिछड़े पूरे 12 घंटे से ज़्यादा बीत चुके हैं "

" यहाँ सब ठीक है निक्की ..हम रात मे पुणे पहुच गये थे, मोम अभी होटेल मे हैं ..रघु से मिलने 11 के बाद जाएँगे ..तब तक डॉक्टर्स भी हॉस्पिटल आ चुके होंगे "

सेम टोन मे निकुंज बोला ..दोनो की आवाज़ो मे तड़प सॉफ दिखाई पड़ रही थी

निक्की :- " आप कहाँ हो अभी ? "

निकुंज :- " बस ऐसे ही थोड़ा टहलने के लिए होटेल से बाहर निकल आया था "

" किसी पार्क मे बैठे हो ना ? "

अचानक से पूच्छे सवाल से निकुंज घबडा गया, उसकी निगाहें गार्डेन के चारो तरफ घूमने लगी जैसे सच मे उसकी बहेन यही आस - पास कहीं छुपि हो

" तुझे तो सब पता है "

अपनी हरकत पर मुस्कुराते हुए निकुंज ने कहा

" आप को ये पूच्छना चाहिए था था .. ' मुझे कैसे पता आप अभी पार्क मे हो ' ..भाई क्या आप नही जानते मुझे आप की सांसो की रफ़्तार तक का पता है, फिर छोटी-मोटी बातें तो इसकी गिनती मे आती ही नही हैं "

निक्की बोलते-बोलते रुक गयी, उसका गला शायद बहुत ज़्यादा भारी हो गया था

" बस कर बेटा ..मैं और सुन नही पाउन्गा, और ध्यान रखना मैं रो भी सकता हूँ "

बोलते वक़्त सच मे निकुंज की आँखें भर आई ..अब तक उसने खुद को बहुत स्ट्रॉंग किया हुआ था, बट कल रात अपनी मोम के साथ हुई कॉन्वर्सेशन से वो अंदर तक टूट चुका था ..रोने के लिए उसे अपने किसी ख़ास के कंधे की ज़रूरत महसूस हुई, पर वो कंधा उससे मीलों दूर मुंबई मे था

" आप क्यों रोते हो ..रोना तो मुझे चाहिए ..दो दिन पहले मैने अपने प्यार का इज़हार किया था, पर जिससे किया ..उसने अब तक कोई जवाब नही दिया ..मुझे तो लगता है उसे मुझसे प्यार है ही नही, वरना अब तक मुझसे रूठा नही रहता ..भाई मैने जो शर्मनाक हरक़त की थी बाथ-रूम मे ..उसके लिए माफी चाहती हूँ ..अपना ख़याल रखना "

इतना कह कर निक्की ने कॉल कट कर दिया ..अब वो खुल कर रो भी सकती थी और उसके भाई को पता भी नही चलता

" हेलो ..हेलो ..हेलो ..... निक्की मेरी बात सुन "

जान कर, की कॉल कट हो चुका है, निकुंज चिल्लाता रहा ..निक्की ने जो भी बात कही, 100 फीसदी सच थी ..उसे बाथ-रूम वाली बात पर दुख था, जो निकुंज को उसकी बातों से समझ आ गया ..लेकिन जो बात उसके दिल मे टीस कर गयी ..वो थी निक्की का कहना .. ' निकुंज को उससे प्यार नही है "

" अब मैं तुझे कैसे बताऊ बेटा ..मुझसे ज़्यादा प्यार तुझे ना कभी किसी ने किया होगा ..ना कर पाया है ..और ना कभी कर पाएगा ..लेकिन चाह कर भी मैं अपनी नीयत मे खोट नही ला पा रहा हूँ ..और वैसे भी जिस तरह का प्यार तू मुझसे चाहती है ..मैं उस प्यार के काबिल नही रहा, नामार्द हो गया है तेरा भाई "

निकुंज रोने लगा ..किसी मर्द के लिए ये बात कितनी घृणा पैदा करने वाली होगी, की भरी जवानी मे उसका लंड काम करना बंद कर दे

वहीं निक्की खुद की हालत को सुधार कर हॉल मे आई, वो कॉलेज के लिए निकल ही रही थी कि दीप केवल स्टॉर्ट्स &; टी-शर्ट मे ऑफीस जाने का बोल कर घर से बाहर चला गया ..कुछ पल के लिए जैसे निक्की के उदास चेहरे पर स्माइल आ गयी और सोफे पर बैठ कर वो निम्मी के साथ बातें करने मे व्यस्त हो गयी ..
 
Top