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" ऐसे क्या घूर रही है कम्मो !!! रेप करेगी क्या मेरा .. क्या काम है जो विक्की दिन - रात यही करता फिरता है " ...... नीमा ने हँसते हुए कहा .... उसका इशारा सॉफ था कि उसका बेटा दिन - रात उसकी चुदाई करता रहता है और यह बात समझते ही कम्मो के गाल शरम से लाल हो उठे, वह भी तो कुछ ऐसी ही काल्पनिक लालसा लेकर अपनी दोस्त के घर आई थी.
" वाह मेरी जान !!! कल तक तो तू नॉर्मल बातें भी घंटो में समझ पाती थी और अभी मेरा इशारा एक पल में समझ गयी .. आख़िर बात क्या है, तेरे तेवर कुछ ठीक नही लग रहे मुझे ? " ...... नीमा ने उसे छेड़ते हुए पूछा .... वह जान चुकी थी कम्मो किसी बात को लेकर बहुत परेशान है और हो ना हो उसकी परेशानी का टॉपिक सेक्स से रिलेटेड ही होगा.
" नही नीमा !!! ऐसी कोई बात नही .. मैं तो बस यूँ ही तुझसे मिलने आ गयी " ...... कम्मो ने झिझकते हुए जवाब दिया .... उसके यह लफ्ज़ बेहद उदासी से भरे हुए थे और जल्द ही नीमा के दिल में घर कर गये.
" रिलॅक्स कम्मो !!! मैं तेरे लिए पानी लाती हूँ " ..... इतना कह कर नीमा ने हॉल की डिन्निंग टेबल से फ्रेश ग्लास उठाया और उसके बगल में रखे फ्रीज़र से पानी की बॉटल निकालने लगी .... हलाकी कुछ बॉटल्स उसके आइ लेवेल पर रखी हुई थी लेकिन वह झुक कर सबसे नीचे वाली बॉटल उठाने लगी.
यही कम्मो की हैरानी का मुख्य विषय था .... आज तक उसने नीमा को सिर्फ़ और सिर्फ़ साड़ी पहने देखा था और इस समय उसके ऊपरी बदन पर पतला सा ग्रीन टॉप और निच्छले बदन पर छोटी सी येल्लो पैंटी थी.
ऐसे में फ्रीज़र के बॉटम से बॉटल निकालते वक़्त नीमा का टॉप उसकी कमर पर पहुच गया और पैंटी उसकी गान्ड की दरार में फसि रह गयी .... उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था, किसी मर्द की क्या औकात .... अपनी दोस्त की मोटी गान्ड देखकर खुद कम्मो का गला सूखने लगा और ठीक उसी टाइम नीमा ने सेम पोज़िशन में पलट कर कम्मो की तरफ देखा.
" ज़्यादा ठंडा पानी नुकसान तो नही करेगा ना ? " ...... नीमा ने पूछा .... दोनो की आँखों का कॉंटॅक्ट ऐसे टाइम हुआ जब कम्मो उसकी गान्ड को घूर कर देख रही थी और ज्यों ही नीमा पलटी .... कम्मो ने सकपकाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ मोड़ लिया लेकिन तब तक नीमा के होंठ मुस्कुराने लगे थे .... सॉफ था उसने यह सब जान बूझ कर किया होगा.
" वाह मेरी जान !!! कल तक तो तू नॉर्मल बातें भी घंटो में समझ पाती थी और अभी मेरा इशारा एक पल में समझ गयी .. आख़िर बात क्या है, तेरे तेवर कुछ ठीक नही लग रहे मुझे ? " ...... नीमा ने उसे छेड़ते हुए पूछा .... वह जान चुकी थी कम्मो किसी बात को लेकर बहुत परेशान है और हो ना हो उसकी परेशानी का टॉपिक सेक्स से रिलेटेड ही होगा.
" नही नीमा !!! ऐसी कोई बात नही .. मैं तो बस यूँ ही तुझसे मिलने आ गयी " ...... कम्मो ने झिझकते हुए जवाब दिया .... उसके यह लफ्ज़ बेहद उदासी से भरे हुए थे और जल्द ही नीमा के दिल में घर कर गये.
" रिलॅक्स कम्मो !!! मैं तेरे लिए पानी लाती हूँ " ..... इतना कह कर नीमा ने हॉल की डिन्निंग टेबल से फ्रेश ग्लास उठाया और उसके बगल में रखे फ्रीज़र से पानी की बॉटल निकालने लगी .... हलाकी कुछ बॉटल्स उसके आइ लेवेल पर रखी हुई थी लेकिन वह झुक कर सबसे नीचे वाली बॉटल उठाने लगी.
यही कम्मो की हैरानी का मुख्य विषय था .... आज तक उसने नीमा को सिर्फ़ और सिर्फ़ साड़ी पहने देखा था और इस समय उसके ऊपरी बदन पर पतला सा ग्रीन टॉप और निच्छले बदन पर छोटी सी येल्लो पैंटी थी.
ऐसे में फ्रीज़र के बॉटम से बॉटल निकालते वक़्त नीमा का टॉप उसकी कमर पर पहुच गया और पैंटी उसकी गान्ड की दरार में फसि रह गयी .... उफफफ्फ़ क्या नज़ारा था, किसी मर्द की क्या औकात .... अपनी दोस्त की मोटी गान्ड देखकर खुद कम्मो का गला सूखने लगा और ठीक उसी टाइम नीमा ने सेम पोज़िशन में पलट कर कम्मो की तरफ देखा.
" ज़्यादा ठंडा पानी नुकसान तो नही करेगा ना ? " ...... नीमा ने पूछा .... दोनो की आँखों का कॉंटॅक्ट ऐसे टाइम हुआ जब कम्मो उसकी गान्ड को घूर कर देख रही थी और ज्यों ही नीमा पलटी .... कम्मो ने सकपकाते हुए अपना चेहरा दूसरी तरफ मोड़ लिया लेकिन तब तक नीमा के होंठ मुस्कुराने लगे थे .... सॉफ था उसने यह सब जान बूझ कर किया होगा.