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पापी परिवार--65
"धम्म्म" एक ज़ोरदार आवाज़ सुन नीमा की आँखें पनिया गयी. उसके बेटे ने अपने कमरे के भीतर पहुँच कर कमरे के दरवाज़ा को बल-पूर्वक धकेलते हुए अपनी मा पर अपना अंतिम क्रोध जो ज़ाहिर किया था.
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कुच्छ क्षण फर्श पर उकड़ू बैठे रहने के बाद नीमा वापस खड़े होने का प्रयत्न करती है, उसके घुटने उसके मार्मिक दिल की तरह ही टूट जाने की गवाही दे रहे थे, तत-पश्चात अपने झुक चुके भावुक चेहरे के साथ अपने निष्प्राण पैरो को ज़मीन पर घसीट-ती वह अत्यंत दुखी मा भी अपने बेडरूम में प्रवेश कर गयी.
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लगभग तीन घंटे बीत चुकने के उपरांत नीमा की आँख खुली, उस वक़्त उसे अपना जिस्म बेहद गरम और गहेन पीड़ा से बहाल जान पड़ता है. जैसे तैसे घिसट-घिसट कर वह अपने बाथरूम के अंदर पहुँच पाई और वॉशबेसिन के ऊपर स्थापित काँच में अपने मायूस चेहरे का अक्स देखते ही उसकी हिचकियाँ बँधने लगती है "कभी सोचा ना था कि मेरा लाड़ला बेटा इस तरह अपनी मा के खिलाफ बग़ावत करने पर उतारू होगा और मेरी बेटी भी बेशर्मी की सारी सीमायें लाँघने को तैयार हो जाएगी" वह हौले से बुदबुदाई.
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"ग़लती सिर्फ़ मेरी है वरना क्या मज़ाल जो विक्की और स्नेहा मुझ पर यूँ हावी हो पाते" सोचते हुए नीमा ने कुच्छ गहरी साँसे ली "माना इन हलातो की ज़िम्मेदार मैं खुद हूँ मगर इसका हल भी अब मुझे ही ढूँढना पड़ेगा और इससे पहले कि मेरे बच्चे मुझे कठ-पुतली की तरह नचाना शुरू कर दें मुझे अपने बचाव का कोई ना कोई रास्ता खोज लेना चाहिए" वह वॉशबेसिन के सामने से हट कर शवर के नीचे खड़ी हो गयी और बिना अपने कपड़े उतारे ही शवर का टॅप ऑन कर देती है.
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"वो वक़्त बीत चुका जब बच्चे अपने माता-पिता के कदमो में अपना शीश नवाने को हमेशा तैयार रहते थे और आज का समय ठीक इसके विपरीत हो चला है. विक्की और स्नेहा, दोनो अब डाँटने या पीटने लायक नही रहे. अगर मुझे उन्हें कंट्रोल में लेना है तो बस प्यार ही इसका एक मात्र उपाय है" ठंडे पानी की बूँदें लगातार उसके भभक्ते जिस्म को तर करती रही और राहत के अलावा अपने आप नीमा के मश्तिश्क में दर्ज़नो विचार भी पनपने लगते हैं.
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"यदि दोबारा मैं विक्की को अपने काबू में कर पाती हूँ तो स्नेहा के ऊपर भी लगाम कसना मेरे लिए मुश्क़िल नही रहेगा और विक्की कैसे मेरी मुट्ठी में आएगा यह मुझे बहुत अच्छे से मालूम है" उसका मुरझाया चेहरा फॉरन खिल उठता है और खुद ब खुद उसके हाथ उसके गीले वस्र्तो को अति-तीव्रता से उतारना आरंभ कर देते हैं.
"धम्म्म" एक ज़ोरदार आवाज़ सुन नीमा की आँखें पनिया गयी. उसके बेटे ने अपने कमरे के भीतर पहुँच कर कमरे के दरवाज़ा को बल-पूर्वक धकेलते हुए अपनी मा पर अपना अंतिम क्रोध जो ज़ाहिर किया था.
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कुच्छ क्षण फर्श पर उकड़ू बैठे रहने के बाद नीमा वापस खड़े होने का प्रयत्न करती है, उसके घुटने उसके मार्मिक दिल की तरह ही टूट जाने की गवाही दे रहे थे, तत-पश्चात अपने झुक चुके भावुक चेहरे के साथ अपने निष्प्राण पैरो को ज़मीन पर घसीट-ती वह अत्यंत दुखी मा भी अपने बेडरूम में प्रवेश कर गयी.
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लगभग तीन घंटे बीत चुकने के उपरांत नीमा की आँख खुली, उस वक़्त उसे अपना जिस्म बेहद गरम और गहेन पीड़ा से बहाल जान पड़ता है. जैसे तैसे घिसट-घिसट कर वह अपने बाथरूम के अंदर पहुँच पाई और वॉशबेसिन के ऊपर स्थापित काँच में अपने मायूस चेहरे का अक्स देखते ही उसकी हिचकियाँ बँधने लगती है "कभी सोचा ना था कि मेरा लाड़ला बेटा इस तरह अपनी मा के खिलाफ बग़ावत करने पर उतारू होगा और मेरी बेटी भी बेशर्मी की सारी सीमायें लाँघने को तैयार हो जाएगी" वह हौले से बुदबुदाई.
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"ग़लती सिर्फ़ मेरी है वरना क्या मज़ाल जो विक्की और स्नेहा मुझ पर यूँ हावी हो पाते" सोचते हुए नीमा ने कुच्छ गहरी साँसे ली "माना इन हलातो की ज़िम्मेदार मैं खुद हूँ मगर इसका हल भी अब मुझे ही ढूँढना पड़ेगा और इससे पहले कि मेरे बच्चे मुझे कठ-पुतली की तरह नचाना शुरू कर दें मुझे अपने बचाव का कोई ना कोई रास्ता खोज लेना चाहिए" वह वॉशबेसिन के सामने से हट कर शवर के नीचे खड़ी हो गयी और बिना अपने कपड़े उतारे ही शवर का टॅप ऑन कर देती है.
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"वो वक़्त बीत चुका जब बच्चे अपने माता-पिता के कदमो में अपना शीश नवाने को हमेशा तैयार रहते थे और आज का समय ठीक इसके विपरीत हो चला है. विक्की और स्नेहा, दोनो अब डाँटने या पीटने लायक नही रहे. अगर मुझे उन्हें कंट्रोल में लेना है तो बस प्यार ही इसका एक मात्र उपाय है" ठंडे पानी की बूँदें लगातार उसके भभक्ते जिस्म को तर करती रही और राहत के अलावा अपने आप नीमा के मश्तिश्क में दर्ज़नो विचार भी पनपने लगते हैं.
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"यदि दोबारा मैं विक्की को अपने काबू में कर पाती हूँ तो स्नेहा के ऊपर भी लगाम कसना मेरे लिए मुश्क़िल नही रहेगा और विक्की कैसे मेरी मुट्ठी में आएगा यह मुझे बहुत अच्छे से मालूम है" उसका मुरझाया चेहरा फॉरन खिल उठता है और खुद ब खुद उसके हाथ उसके गीले वस्र्तो को अति-तीव्रता से उतारना आरंभ कर देते हैं.