• If you are trying to reset your account password then don't forget to check spam folder in your mailbox. Also Mark it as "not spam" or you won't be able to click on the link.

Erotica फागुन के दिन चार

komaalrani

Well-Known Member
22,111
57,273
259
फागुन के दिन चार भाग २७

मैं, गुड्डी और होटल

is on Page 325, please do read, enjoy, like and comment.
 
Last edited:

sunoanuj

Well-Known Member
3,349
8,923
159
Bahut hi behtarin update … har ke update ek se badh kar ek hai … 👏🏻👏🏻👏🏻👏🏻🌸🌸🌸
 

Mass

Well-Known Member
9,032
18,695
189
Thanks so much, your comments take care of the tiniest details and you commend the efforts made in every area including pictures. Such attentive readers are rare and I am privileged to have you as a regular reader. No words of thanks will be enough, Please bas kahani se jude rahiye, story need readers like you.

:thanks: :thanks: :thanks: :thanks: :thanks:
HaHa...Madam aap majaak accha karti ho...agar aap mujhe apne story se bhaga bhi doge to main yeh story chhodunga nahi :)
It is my privilege to read such a lovely masterpiece. Thank you once again.

komaalrani
 

komaalrani

Well-Known Member
22,111
57,273
259
" रीत की रीत , रीत ही जाने " बिल्कुल ठीक कहा आपने । इस लड़की की इंटेलिजेंसी , इसकी वाक - चातुर्यता , बाल मे से भी खाल निकाल लेने की कुशलता इन्हे विशिष्ट और बाकी लड़कियों से अलग बनाती है ।
शेरलाॅक होम्स की तरह उन्होने जिस तरह से ' जल कहां थी ' की तहकीकात करी और फिर ठोस - तरल - गैस का पाठ पढ़ाई वह वास्तव मे अद्भुत था ।
लेकिन सबसे अधिक आश्चर्यचकित किया उन्होने प्रसिद्ध फिल्मकार सत्यजीत रे साहब की फिल्मों का जिक्र करके ।
आजकल के नौजवान बल्कि यूं कहूं सत्यजीत रे साहब के होम स्टेट ' बंगाल ' के भी नौजवान इनके अविश्वसनीय प्रतिभा से अनभिज्ञ हैं ।
इन्होने अपनी पहली फिल्म ' पथेर पांचाली ' से ही दुनियाभर मे ख्याति अर्जित कर ली थी । लेकिन इन्हें आलोचनात्मक प्रशंसा भी झेलनी पड़ी थी । इन पर आरोप था कि वो भारतीय गरीबी का निर्यात करने वाले फिल्म निर्देशक है ।
मुझे याद है जब इन्हें 1992 मे आस्कर का विशेष पुरस्कार " मानद अकादमी पुरस्कार " प्राप्त हुआ था । इनसे पहले यह पुरस्कार सिर्फ पांच व्यक्ति को मिला था जिनमे एक सर्वश्रेष्ठ अदाकार चार्ल चैप्लिन साहब थे ।
इसी से आप सत्यजीत रे साहब की योग्यता का आकलन कर सकते है ।
इनकी फिल्म मे सबसे अधिक काम उस वक्त के सबसे महान और सबसे प्रतिभाशाली अभिनेताओं मे से एक सौमेन मित्र साहब ने किया था ।
उत्पल दत्त साहब के बारे मे क्या ही कहा जाए ! सत्यजीत रे साहब ने इनकी भूरी भूरी प्रशंसा की थी ।
उत्पल दत्त साहब की काॅमिक टाइमिंग गजब की थी । ऐसा लगता था जैसे उत्पल दत्त साहब एक्टिंग नही बल्कि नेचुरल लाइफ फिल्मों मे जी रहे थे ।

बंगाली फिल्म इंडस्ट्रीज मे , खासकर बंगाली लेंग्वेज फिल्म मे सत्यजीत रे साहब , सौमेन मित्र साहब , उत्पल दत्त साहब , उतम कुमार साहब , सुचित्रा सेन जी का योगदान सबसे अधिक है ।


खैर , रीत मैडम के साथ साथ आनंद भाई साहब भी सत्यजीत रे के बिग प्रशंसक निकले । इसके साथ दोनो का टेस्ट डांसिंग पर भी एक समान है ।

कहीं रीत की माया मे आनंद साहब नई रीत न अपना ले !
इस रीत के चक्कर मे कहीं अपना प्रीत न गंवा बैठे !

वैसे अपडेट मे महान जादूगर ' गोगियापाशा ' और ' पी सी सरकार जूनियर का जिक्र भी आया था । आधुनिक जादूगरी के दुनिया मे जहां तक मुझे याद है , गोगियापाशा का नाम सबसे पहले आता है जिन्होंने एक अमेरिकन एयरपोर्ट को ही अदृश्य कर दिया था । इसके बाद पी सी सरकार का नाम आता है जिन्होंने एक बार शिप पर स्वयं को लोहे के जंजीर से बंधवा कर फिर खुद को एक बक्से मे बंद कर समुद्र मे फेंकवा दिया था ।

इस स्टोरी मे बदलाव स्पष्ट नजर आ रहा है । GST का जिक्र उन दिनों दूर दूर तक नही था ।


बहुत ही खूबसूरत अपडेट कोमल जी ।
आउटस्टैंडिंग एंड अमेजिंग अपडेट ।
बहुत बहुत धन्यवाद, इतने अच्छे कमेंट्स के लिए

रीत और आनंद में आपने एकदम सही कहा , कई उभयनिष्ठ बिंदु मिले जो उन्हें मित्र बनाते हैं,

आनंद ने रसलीन के एक दोहे की एक लाइन कही, जिसे रीत ने पूरा किया,

आनंद और रीत दोनों ही फेलू दा की कहानियों और फिल्मो के फैन निकले और आनंद रीत की ऑब्जर्वेशन क्षमता और तुरंत विश्लेषण के साथ साथ रीत के जीवन दर्शन के नजरिये से बहुत प्रभावित है

और जहाँ तक सत्यजीत राय की बात है इसी फोरम में मैंने एक थ्रेड सत्यजीत राय की जन्मशताब्दी पर शुरू किया था जिसमें उनके बारे में काफी जानकारी है और कई मित्र पाठकों ने भी उसमें कंट्रीब्यूट किया।

आनंद ने रीत को शुरू में ही बता दिया की दिल तो गुड्डी के पास है और फिर गुड्डी रीत की पुरानी सहेली, छोटी बहन सरीखी, तो दिल विल वाला मामला तो नहीं जहाँ पर बनारस के रिश्ते होली का माहौल और दोनों ने एक दूसरे को भांग खिला दिया है तो कुछ मस्ती , कुछ मजा तो होगा ही,

और वो सब अगली पोस्ट में

एक बार फिर से आपका आभार समय निकाल कर कहानी की पढ़ने और इतना विस्तृत और सहृदय टिप्पणी करने के लिए
 

komaalrani

Well-Known Member
22,111
57,273
259
उफ्फ्फ.... जब शरारत और रोमांस को आप मिक्स कर देती हो तो कुछ अजीब सा मीठा आभास करवा देती हो आप. क्या जबरदस्त एहसास करवाया. मुजे तो मोहे रंग दे की याद आ गइ. बस फरक बिन ब्याहे प्रेम की कहानी है. और इस बार सजनी के बदले साजन की जुबानी का एहसास है. फिर भी बाथरूम वाली सेविंग क्रीम वाली जबरदस्त शारारत वही छेड़ छाड़ वाला एहसास करवाती है. जो वहां शादी के माहौल का एहसास करवाया था. प्रेमी के नजर से प्रेमिका के आकर्षक का एहसास जबरदस्त था. दिल को छू गया ये अपडेट.

images-26 images-27
बहुत बहुत धन्यवाद कमेंट और सपोर्ट के लिए।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,111
57,273
259
जबरदस्त. जिस कहानी मे शारारत ना हो तो कोमलरानी नहीं. मझा आआ गया. बीवी बने तो गुड्डी रानी जैसी. बाँट के खाती है. खुद साली को को साजन के बिस्तर तक ले आए. अमेज़िंग लेडी को कोल्ड फीलिंग्स. मुझे सबसे ज्यादा पसंद आई.

सेविंग क्रीम के बदले हेयर रिमूवर क्रीम. वाह. यहाँ तो आप ने जोरू के गुलाम वाली फीलिंग्स ला दी. मेला छोनु मोनू....

और गुंजा के नाम से जो 61,62 वाला किस्सा तोजबरदस्त मज़ेदार था.

images-31 images-32
गुड्डी की छेड़खानी से यह कहानी भरी पड़ी है, और मूंछे साफ़ करने के पीछे भी गुड्डी के साथ गूंजा का भी हाथ है
 

komaalrani

Well-Known Member
22,111
57,273
259
अमेज़िंग. सिर्फ बातो से ही इरोटिका का एहसास करवा दिया.

मम्मी.... पढ़ते हुए तो मुजे भी हसीं आ ही गई. मतलब मान लिया आनंद बाबू ने. जबरदस्त.... आखिर होने वाला ससुराल जो है भैया. मम्मी.

लेकिन अपने वाले का कोई बखान करें तो सीना चौड़ा हो जता है. तो गुड्डी कैसे फूली ना समाती. ऊपर से वो भी मायका मे.

छुटकी तो सच मे कमल की है. उसके किस्से तो किसी भी कहानी मे. शरारती और मज़ेदार ही होते है.


I love this Update.

IMG-20240418-091749 IMG-20240418-091643
upload image
मम्मी और छुटकी की यह पोस्ट उन्हें बनारस से दूर रहने पर भी बनारस से जोड़ती है और खासतौर से छुटकी जिस तरह से चोली के अंदर रंगभरे गुब्बारे रखने की बात करती है

एक बार फिर से धन्यवाद
 
10,174
42,760
258
आपकी वह पोस्ट ही ऐसी महत्वपूर्ण थी, और अगली पोस्ट करीब करीब पूरी तरह नयी मैंने लिखी, रीत के चरित्र के कुछ पहलुओं की झलकी देने के लिए, जैसे वह कितनी आब्जर्वेंट है, विश्लेषण की क्षमता कितनी अधिक और कितनी तेज है, और आनंद बाबू से दोस्ती के लिए जो कॉमन इंट्रेस्ट है जैसे सत्यजीत राय, म्यूजिक डांस वो सब भी ,

अक्सर किसी भी महिला पात्र का प्रवेश होता है बात देह संबंध की ओर मुड़ने लगती है लेकिन मैं मानती हूँ की हर महिला या कोई भी कैरेक्टर हो भले ही वो छोटा सा रोल हो लेकिन उसे इस तरह से गढ़ा जाना चाहिए की वह एक दो पोस्ट में आने पर भी अपनी छाप छोड़ दे जैसे शोले में साम्भा या मौसी का कैरेक्टर है, इसलिए इस कहानी में अब तक जो तीन किशोरियां आयी सब का रोल, स्वरूप और आनंद बाबू से रिश्ता अलग है। गुड्डी की बात ही अलग है वो ऐसा बिन बोला रोमांस है जिसमे पात्र हर दूसरी लाइन में आयी लव यू नहीं बोलते लेकिन बिन बोले सब कुछ कहते हैं। और गुड्डी की सबसे बड़ी बात है, ' हक़ से ' , वो पूरा हक़ जताती है और आनंद बाबू ने वो हक़ उसे दे भी दिया है।

रीत से भी उन्होंने साफ़ साफ़ बोल दिया की दिल तो अब गुड्डी के पास है।

गूंजा एक जवानी की पहले सोपान पर चढ़ती किशोरी है, साली का रिश्ता, उत्सुकता

लेकिन रीत चंदा भाभी की तरह प्रौढ़ा तो नहीं , वय से किशोरी है पर मन और मस्तिष्क से पूरी तरह परिपक्व, और उस की एक बात " ज

' " कल अब नहीं है, आनेवाला कल भी नहीं है, बस आज है, बल्कि अभी है, उसे ही मुट्ठी में बाँध लो, उसी का रस लो, यह पल बस, "
इस ने आनंद बाबू को बता दिया रीत के मन और मानस के बारे में,

बहुत सी बातें शौक, आनंद बाबू और रीत में मिलते हैं, पहली बात तो साहित्य विशेष रूप से रीतिकालीन कवि

रसलीन के एक दोहे की अंतिम लाइन आनंद ने कही और रीत ने उसे पूरा कर दिया,

फिर सत्यजीत रे और फेलु दा और म्यूजिक और डांस, तो दोनों में दोस्ती के सारे बिंदु है

लेकिन ये कहाँ लिखा है दो दोस्त, मस्ती नहीं कर सकते या लड़का लड़की दोस्त नहीं हो सकते
शोले मूवी की तुलना किसी भी फिल्म से हो ही नही सकती जहां हर एक किरदार इस फिल्म के जरिए अमर हो गए ।
बड़े अदाकारों की बात तो छोड़िए , एकाध सीन्स या एकाध संवाद बोलने वाले कलाकारों ने भी अमिट छाप छोड़ दी थी ।
यहां तक कि धन्नो ( घोड़ी ) बेजुबान जानवर की भूमिका भी कोई भुल नही सकता ।
ऐसी फिल्म शताब्दी मे एकाध बार ही बन पाती है ।
 

komaalrani

Well-Known Member
22,111
57,273
259
वाओ..... सायद ये भी कहानी की लीड हीरोइन है. मझा आ गया.

और ऊपर से देवर भाभी वाला सीन वो भी फागुन मे. अमेज़िंग. लगता है मतलब सायद अक्सन शुरू होने वाला है.

बट रीत है नई नवेली दुल्हन.



images-28 IMG-20240418-102644
Thanks so much for your regular support.

:thanks: :thanks: :thanks: :thanks:
 

komaalrani

Well-Known Member
22,111
57,273
259
जबरदस्त..... आनंद बाबू... साली कहोगे या भाभी. दोनों रिस्ता लगेगा. प्रेम मे हलकी सी जलन कुछ अलग सा मीठा अहसास देती है. ऊपर से रीत के रूप ने तो माहौल को कुछ और ही रूप दे दिया. केटरिना..... माझा आ गया.

IMG-20240418-103409 IMG-20240418-103428

एकदम सटीक कमेंट दिया आपने धन्यवाद
 
Last edited:

komaalrani

Well-Known Member
22,111
57,273
259
सच मे रीत का दिमाग़ तो चाचा चौधरी से भी तेज़ है. आनंद बाबू से कुछ भी उगलवा सकती है. रियल साली वाली छेड़ छाड़ तो अब शुरू की है रीत ने. साले बनारस मे है तू.

अब क्या करें रीतवा भाभी भी तो लगी. वो भी बनारस वाली. अब बनारस मे दिल बहोत चोरी होते है.

सबसे मज़ेदार तो आनंद बाबू का कबूलनामा था. जो दिल चोरी बली बात पर बोला. और ज्यादा गुड्डी का देखना. भावुक और रोमांटिक सीन दिल छू लेने वाला.

IMG-20240418-105108 IMG-20240418-105053
🙏🙏🙏🙏🙏🙏
 
Top