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फागुन के दिन चार भाग ३० -कौन है चुम्मन ? पृष्ठ ३४७
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इसलिए दूबे भाभी का राजी होना जरुरी है...आज सुबह सुबह आनंद बाबू गुड्डी का मुंह देख कर उठे थे और सुबह से अब तक ३० ( गुंजा ) से लेकर ३२ ( रीत ) ३४ (संध्या भाभी ) और ३६+ ( दूबे भाभी ) हर साइज की नाप जोख कर चुके,
इसलिए ही तो वो चाहते हैं की हर रात गुड्डी के साथ और हर सुबह उसका मुंह देख के उठें, हर दिन अच्छा होगा।
दुविधा में तो नहीं लग रही हैं संध्या भाभी...कहते हैं न मन मन भावे मूड हिलावे, मुट्ठी में पकड़ते ही संध्या भाभी गीली हो गयीं, उनके पति के आगे तो ये और उनकी ना ना का जवाब दूबे भाभी ने दे दिया
“ना बाबा ना…” संध्या भाभी ने हाथ बाहर निकाल लिया- “आदमी का है या गधे घोड़े का?”
“अरे तेरे आदमी का है या बच्चे का? अभी तो इसे बच्चा कह रही थी। हाँ एक बार ले लेगी ना तो तेरे मर्द से हो सकता है मजा ना आये…” दूबे भाभी अब मेरी ओर से बोल रही थी।
और जो एक बार ले चूका होता है, तुलनात्मक अध्ययन के बाद, उसका मन और करता है, इसलिए सबसे ज्यादा गर्मायी तो संध्या भाभी ही थीं।
इस संध्या भाभी का तो जैसे साँझ के समय सूरज लाल-लाल हो जाता है...दोनों ओर से ठोंकना तो शायद मुश्किल होगा, लेकिन एक ओर से तो संध्या भाभी का बाजा बजना पक्का है
आनंद बाबू भले ही झिझकें लेकिन संध्या भौजी बिना बाजा बजे, उन्हें जाने नहीं देंगी और दूबे भाभी का साथ भी है
हाँ.. प्रैक्टिकल के साथ गुरु दक्षिणा...एकदम कुछ भांग और बियर और कुछ अब तक की होली की रगड़ाई, आनंद बाबू की काफी झिझक तो ख़तम ही हो गयी है बाकी स्ट्रिप टीज के बाद, जब ' सब चीज ' सबने देख ही लिया तो क्या छिपाना
चन्दा भाभी ने अपनी रात की पाठशाला में बोल ही दिया था, " कल जब सब छत पे सबके सामने तुझे नंगे..."
तो बस वही और हाँ रीत है न मुंहदिखाई करवाने के लिए
स्वाद चखने के बाद तो और लार टपक रहा है...स्वाद चख तो लिया ही संध्या भाभी ने , हाँ पूरी दावत होगी तो आराम से
नहीं.. नहीं..आप ऐसे मित्रों के एक एक व्यू लाख के बराबर हैं।
दांव पेंच के सम्मिलित प्रयास से दूबे भाभी का दूब दिखने लग गया...एकदम और बहुत जुगत लगा के
जवानी की इस दहलीज पर तो रगड़े जाने का भी और रगड़ने का भी उमंग रहता है...रगड़ाई तो सबकी होगी, गुड्डी की भी, लेकिन सबसे ज्यादा आनंद बाबू की
सुबह क्या...रीत का तो पता नहीं लेकिन गुड्डी की तो तय है, होली के हुड़दंग में कहाँ जगह और टाइम मिले लेकिन आज रात तो गुड्डी और आनंद बाबू साथ रहेंगे, और गुड्डी ने पहले से ही पिल्स और वैसलीन खरीद ली है