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बहुत ही शानदार लाजवाब और मस्ती भरा अपडेट है लगता है आनन्द को एडवांस बुकिंग करवाके रहेगी
बहुत ही शानदार लाजवाब और मस्ती भरा अपडेट है लगता है आनन्द को एडवांस बुकिंग करवाके रहेगी
वाह कोमल मैम
जबरदस्त, कहानी में इतने पात्र और सभी की भूमिका में दिलचस्प मोड़, लगता है पुरानी कहानी में शानदार कशीदाकारी दिखाई देने वाली है।
अब तो और भी उत्सुकता जग गई है कि आप आगे किस से क्या करवायेंगी।
आपका जवाब नहीं।
सादर
एकदम सही कहा आपने गुंजा का नंबर बस लगते लगते रह गया, सिर्फ दो बातें बीच में आ गयी, सरसो के तेल का अभाव और गुंजा की एक्स्ट्रा क्लास, लेकिन गुंजा की भूमिका आगे भी आएगी और जबरदस्त आएगीआनंद साहब के पांचो उंगलियाँ घी मे और सर कढ़ाई मे है । किरदार बदल जाते हैं लेकिन आनंद साहब की खिदमतगारी नाॅन स्टाप जारी रहती है ।
इस बार बारी थी गुंजा की । एक अल्हड़ , कमसिन और चंचल बाला की ।
जिस तरह रीत ने अपने अदाओं और नारी सुलभ नखरों से आनंद साहब को घायल कर डाला था ठीक उसी तरह इस बार गुंजा ने आनंद साहब को साक्षात दण्डवत करने के लिए कमान अपने हाथ मे ले लिया ।
एक और इरोटिक होली का वर्णन आपने गुंजा और आनंद साहब के मार्फत से हमारे समक्ष प्रस्तुत किया ।
बचपन की यादें , खासकर स्कूल और कॉलेज के समय की यादें हमारे मानस पटल से धूमिल होती नही । गुंजा की स्कूल की होली हमे भी अपने अतीत की ओर ले चली गई । वैसे यह यादें थी तो सेक्सुअल पर होली का विशेष सिचुएशन भी तो था ही ।
गुड्डी के इशारों से लगा कहीं चंदा भाभी के बाद अब गुंजा का ही नम्बर न लग जाए पर लगता है यह परिस्थिति दोबारा यहां वापस आने पर ही बनेगी ।
शायद संध्या भाभी इस कड़ी की दूसरी नम्बर पर होंगी ।
एक बार फिर से इरोटिक लेखन का अद्भुत स्किल ।
और बहुत ही खूबसूरत अपडेट कोमल जी ।
फटने वाली चीज तो फटेगी, आज नहीं तो कलदूबे भाभी ने सही समय पर फटने के लिए बचा लिया...
न चार सौ पार हुआ न सारे छेद फटेंगेअबकी बार .. चार सौ पार के तर्ज पर..
अबकी बार .. सारे छेद फाड़...
यही तो फगुनाहट हैऔर फागुन में तो मस्ती हीं छा जाती है...
चाहे लड़के हों या लड़कियां... देह में एक अजब सी कशमकश छाई रहती है...
एवमस्तुसंध्या भाभी का कल्याण होना चाहिए....
और उस समय सिर्फ लड़कियां औरतें ही होती थीं तो मजाक भी काफी खुल के, देह से जुड़ेचूड़ी पहनाने वाली.. नोह टूंगने वाली(नाखून काटने जो गाँवों में आती थी)..
अपनी रस भरी बातों से मजमे को ठहाका लगाने को मजबूर कर देती थी...
एकदम एक खूब बड़ा सा अपडेट गुंजा का,लेकिन ऊपर तो आपने लिखा कि अगला अपडेट गुंजा पर बेस्ड होगा..
और वो भी जो अब तक उपलब्ध नहीं था...
अरे नहीं देखिये आता कौन है सीढ़ी सेओहो.. तो गुड्डी रीत की उन शरारतों में भी आनंद बाबू की भलाई छुपी हुई थी...
छप्पन भोग... में से पहले किस पर हाथ फेरेंगे...
लेकिन हर बार की तरह... फिर सीढ़ी पर आहट...
ये सीढ़ी तो विलेन बना बैठा है...