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एकदम ये बात मेरी कहानी मोहे रंग दे में भी आयीशादियों में जनवासे में वधू पक्ष की ओर से जासूस भी नियुक्त किये जाते थे...
वर पक्ष में किसका क्या नाम और रिश्ता है...
ताकि नाम के साथ गारियों से स्वागत किया जाए...
लेकिन एक बार हास्यास्पद बात ये हो गई कि दुल्हे और लड़की के भाई का नाम एक हीं था और दुल्हे के रिश्ते से दी जाने वाली गारियों में किसे दी जा रही है..
ये सुन के दोनों पक्ष मुस्कुरा रहे थे...
जहाँ लड़की की बहनें जिद्द कर के तिलक में आयीं ( सामान्यतया लड़कियां नहीं जातीं ) और इस मिशन के साथ की दूल्हे की बहनों का और सारी महिला रिश्तेदारों का नाम पता कर के आये
लेकिन जो आपने कहा है वो सिचुएशन भी आती है, और अगर वधु पक्ष में उस नाम वाला हुआ तो उस का नाम हटा के, सिर्फ इशारे से, लाल कोट वाला, पीली शर्ट वाला कह के काम चलाया जाता है।
रीत रिवाजों और गानों से मैं कहानी को जमीन से जोड़ के रखने की कोशिश करती हूँ।