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Serious *महफिल-ए-ग़ज़ल*

क्या आपको ग़ज़लें पसंद हैं..???

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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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354
तेरे बदन से जो छू कर इधर भी आता है।
मिसाल-ए-रंग वो झोंका नज़र भी आता है।।

तमाम शब जहाँ जलता है इक उदास दिया,
हवा की राह में इक ऐसा घर भी आता है।।

वो मुझ को टूट के चाहेगा छोड़ जाएगा,
मुझे ख़बर थी उसे ये हुनर भी आता है।।

उजाड़ बन में उतरता है एक जुगनू भी,
हवा के साथ कोई हम-सफ़र भी आता है।।

वफ़ा की कौन सी मंज़िल पे उस ने छोड़ा था,
के वो तो याद हमें भूल कर भी आता है।।

जहाँ लहू के समंदर की हद ठहरती है,
वहीं जज़ीरा-ए-लाल-ओ-गुहर भी आता है।।

चले जो ज़िक्र फ़रिश्तों की पारसाई का,
तो ज़ेर-ए-बहस मक़ाम-ए-बशर भी आता है।।

अभी सिनाँ को सँभाले रहें अदू मेरे,
के उन सफ़ों में कहीं मेरा सर भी आता है।।

कभी कभी मुझे मिलने बुलंदियों से कोई,
शुआ-ए-सुब्ह की सूरत उतर भी आता है।।

इसी लिए मैं किसी शब न सो सका 'मोहसिन'

वो माहताब कभी बाम पर भी आता है।।

________'मोहसिन' नक़्वी
 
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TheBlackBlood

शरीफ़ आदमी, मासूमियत की मूर्ति
Supreme
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क्या हो गया है गेसू-ए-ख़म-दार को तेरे।
आज़ाद कर रहे हैं गिरफ़्तार को तेरे।।

अब तू है मुद्दतों से शब ओ रोज़ रू-ब-रू,
कितने ही दिन गुज़र गए दीदार को तेरे।।

कल रात चोब-दार समेत आ के ले गया,
इक ग़ोल-ए-तरह-दार सर-ए-दार को तेरे।।

अब इतनी कुंद हो गई धार ऐ यक़ीं तेरी,
अब रोकता नहीं है कोई वार को तेरे।।

अब रिश्ता-ए-मरीज़-ओ-मसीहा हुआ है ख़्वार,
सब पेशा-वर समझते हैं बीमार को तेरे।।

बाहर निकल के आ दर-ओ-दीवार-ए-ज़ात से,
ले जाएगी हवा दर ओ दीवार को तेरे।।

ऐ रंग उस में सूद है तेरा ज़ियाँ नहीं,

ख़ुशबू उड़ा के ले गई ज़ंगार को तेरे।।

________जॉन एलिया
 
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क्या हो गया है गेसू-ए-ख़म-दार को तेरे।
आज़ाद कर रहे हैं गिरफ़्तार को तेरे।।

अब तू है मुद्दतों से शब ओ रोज़ रू-ब-रू,
कितने ही दिन गुज़र गए दीदार को तेरे।।

कल रात चोब-दार समेत आ के ले गया,
इक ग़ोल-ए-तरह-दार सर-ए-दार को तेरे।।

अब इतनी कुंद हो गई धार ऐ यक़ीं तेरी,
अब रोकता नहीं है कोई वार को तेरे।।

अब रिश्ता-ए-मरीज़-ओ-मसीहा हुआ है ख़्वार,
सब पेशा-वर समझते हैं बीमार को तेरे।।

बाहर निकल के आ दर-ओ-दीवार-ए-ज़ात से,
ले जाएगी हवा दर ओ दीवार को तेरे।।

ऐ रंग उस में सूद है तेरा ज़ियाँ नहीं,

ख़ुशबू उड़ा के ले गई ज़ंगार को तेरे।।

________जॉन एलिया
Greattt bro. Such a beautiful poetry. :applause: :applause: :applause:
 
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