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मेने फिल्मों के नजर से नहीं, मेरे पिता जी के गांव के नजर से ये कहा था।
Avsji Bhai aur ek kahani likhiye naa stanpan pe
तो फिर मोहब्बत का सफर जैसे ही एक और कहाणी लिखीयेभाई, केवल स्तनपान पर कैसे लिखूं कहानी?
कहानी स्तनपान हो सकता है, लेकिन situational
और ऐसी परिस्थितियां "मोहब्बत का सफ़र" में बहुतायत से थीं। लेकिन केवल स्तनपान पर पूरी कहानी लिख पाना, थोड़ा कठिन है।
Bahut hi ajib request thi unkiभाई, केवल स्तनपान पर कैसे लिखूं कहानी?
कहानी स्तनपान हो सकता है, लेकिन situational
और ऐसी परिस्थितियां "मोहब्बत का सफ़र" में बहुतायत से थीं। लेकिन केवल स्तनपान पर पूरी कहानी लिख पाना, थोड़ा कठिन है।
Bahut hi ajib request thi unki
ये तो 50 सालों की ही थी, श्राप भी इतनी लंबी ही लगती है मुझे तो, या शायद और ज्यादा हो।कोई पचास साल की कहानी कहने में दो साल लगे मुझको! इससे बड़ी कहानी अब कभी नहीं लिखूँगा (ऐसा लगता है मुझे)
कोशिश कर के मैंने जीवन के कई रंग दिखाए... संबंधों के कई रंग दिखाए!
आपको कहानी पसंद आई, जान कर बहुत अच्छा लगा भाई... बहुत कम लोग रहे, जो इस कहानी के साथ पूरे समय तक बने रहे। आप भी उन्ही गिने-चुने लोगों में से हैं।
मत-भेद अवश्य हुआ आपसे, लेकिन मति-भेद नहीं हुआ। यह अच्छा लगा! नहीं तो, कुछ पाठक तो मखा के इस कहानी से कन्नी काट लिए।
अब "श्राप" भी पढिये - हाँ आपने बताया कि आप किरदारों से जुड़ नहीं पा रहे हैं, लेकिन पढ़ने में क्या है!
Thank you so much for enjoying this story.Amazing story brother. I loved it