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और गप्पाक,
पीछे से हाथ डालके उन्होंने उस स्कूल वाली के नए आते टेनिस बाल साइज उभार दबा दिए , मसलने लगे , और उनकी बहना सिसकने लगी.
कभी वो जोर से उसकी छोटी छोटी चूँची मसलते तो कभी उँगलियों से बस निप्स फ्लिक कर देते, खूंटा उनका उनकी बहन के पिछवाड़े धक्के मार रहा था
पर कमान अभी भी कम्मो भौजी के हाथ में थी, उन्होंने अपनी टांग के सहारे करवट लेती ननदिया की एक टांग उठा दी, बस उनके देवर के मूसल को महल मिल गयी अगवाड़े के छेद की,
और गप्पाक,
थोड़ा सा सुपाड़ा अंदर, और अबकी मेरी छुटकी ननदिया चीखी नहीं, बस हलकी सी सिसकी ली
और उन्होंने भी धक्का जोर से नहीं मारा बाद दोनों जोबना पकड़ के धीमे धीमे सरकाते गए,... एक तो उनकी मलाई से ननद रानी की बिल गीली थी दूसरे एक बार चुदने के बाद चूत खुद लंड के लिए व्याकुल हो रही थी,
जैसे कोई झूले पर हलके हलके धक्के मारे बस वैसे ही वो धीमे धीमे अपनी उस छुटकी बहिनिया की चूत में अपना लंड पेल रहे थे और लंड के साथ उनकी उँगलियाँ, होंठ सब कुछ, पीछे से कभी वो उसके गाल पर चुम्मा लेते बहुत प्यार से तो कभी साइड से उसकी चूँची चाट लेते, उनके हाथ दोनों प्यार से दोनों रुई के फाहे ऐसे मुलायम नयी नयी आयी चूँचियों का रस ले रहे थे,
उनकी बहन पिघल रही थी, मस्त हो रही थी,
मेरी आँखे फटी रह गयीं जब मैंने देखा की उनके धक्के तो रुक गए पर मेरी छुटकी ननद खुद आगे से धक्के मार रही है , पीछे की ओर, अपने भैया का लंड घोंटने के लिए
और कम्मो भी खाली नहीं बैठी थीं।
वो मेरी और कम्मो भौजी के छुटकी ननदिया के ,जस्ट आये छोटे छोटे बूब्स मीज रहे थे और कम्मो भौजी उनके मेल टिट्स कभी हलके से सहला देतीं तो कभी जोर से पिंच कर देतीं, कम्मो भौजी की बड़ी बड़ी कड़ी कड़ी चूँचियाँ पीछे से उनके देवर की पीठ में रगड़घिस कर रहे थे , निप्स बरछी की नोक की तरह धंसी पड़ रही थीं , कम्मो भौजी का दूसरा हाथ बहुत प्यार दुलार से अपने देवर के चौड़े नितम्बो को सहला रहा था , कभी कभी उनकी शैतान उंगलिया पिछवाड़े की दरार में रगड़ भी देतीं,
और अपनी बहन की चूत में उनके लंड का धक्का और तेज से लगता।
कम्मो भौजी अपनी जीभ की नोक से अपने देवर के कान में सुरसुरी करतीं तो कभी हलके से कान की लर ( इयर लोब्स ) काट लेतीं, और साथ में हलके फुसफुसा रही थीं,
" क्यों मजा आ रहा है बहिनिया को चोदने में बहन चोद."
जवाब वो एक और धक्का कस के अपनी छुटकी बहिनिया की चूत में मार के देते,
" क्यों क्या है तेरी बहिनिया, बहन चोद? "
कम्मो भौजी ने सवाल उनसे पूछा
लेकिन जवाब उनकी शोख बहिन ने दिया,
" भाई चोद " और साथ साथ कस एक एक धक्का पीछे की ओर मारा,
पूरा तो नहीं लेकिन आलमोस्ट पूरा बित्ते भर का खूंटा उनकी बहिनिया ने लील लिया था और भाई बहिन मस्त चुदाई का मजा ले रहे थे, वो पीछे से खुली बिल में धक्के थे , गुड्डी रानी ने टांग उठा के आलमोस्ट पूरा घोंट लिया था और चुदाई में अपने भैया का पूरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर में,
लगता है ये कोकशास्त्र बड़ा (सचित्र -चौरासी आसन सहित ) अच्छी तरह आज पढ़ के आये थे , और अपनी के बहिनिया के साथ सब के सब ट्राई करने मूड में थे और उनकी बहिन भी पूरा साथ दे रही थी और कुछ थोड़ी बहुत गड़बड़, कमी बेसी हो भी जाए तो कम्मो भौजी थीं न नाउन की तरह गाँठ जोड़ने वाली
पीछे से हाथ डालके उन्होंने उस स्कूल वाली के नए आते टेनिस बाल साइज उभार दबा दिए , मसलने लगे , और उनकी बहना सिसकने लगी.
कभी वो जोर से उसकी छोटी छोटी चूँची मसलते तो कभी उँगलियों से बस निप्स फ्लिक कर देते, खूंटा उनका उनकी बहन के पिछवाड़े धक्के मार रहा था
पर कमान अभी भी कम्मो भौजी के हाथ में थी, उन्होंने अपनी टांग के सहारे करवट लेती ननदिया की एक टांग उठा दी, बस उनके देवर के मूसल को महल मिल गयी अगवाड़े के छेद की,
और गप्पाक,
थोड़ा सा सुपाड़ा अंदर, और अबकी मेरी छुटकी ननदिया चीखी नहीं, बस हलकी सी सिसकी ली
और उन्होंने भी धक्का जोर से नहीं मारा बाद दोनों जोबना पकड़ के धीमे धीमे सरकाते गए,... एक तो उनकी मलाई से ननद रानी की बिल गीली थी दूसरे एक बार चुदने के बाद चूत खुद लंड के लिए व्याकुल हो रही थी,
जैसे कोई झूले पर हलके हलके धक्के मारे बस वैसे ही वो धीमे धीमे अपनी उस छुटकी बहिनिया की चूत में अपना लंड पेल रहे थे और लंड के साथ उनकी उँगलियाँ, होंठ सब कुछ, पीछे से कभी वो उसके गाल पर चुम्मा लेते बहुत प्यार से तो कभी साइड से उसकी चूँची चाट लेते, उनके हाथ दोनों प्यार से दोनों रुई के फाहे ऐसे मुलायम नयी नयी आयी चूँचियों का रस ले रहे थे,
उनकी बहन पिघल रही थी, मस्त हो रही थी,
मेरी आँखे फटी रह गयीं जब मैंने देखा की उनके धक्के तो रुक गए पर मेरी छुटकी ननद खुद आगे से धक्के मार रही है , पीछे की ओर, अपने भैया का लंड घोंटने के लिए
और कम्मो भी खाली नहीं बैठी थीं।
वो मेरी और कम्मो भौजी के छुटकी ननदिया के ,जस्ट आये छोटे छोटे बूब्स मीज रहे थे और कम्मो भौजी उनके मेल टिट्स कभी हलके से सहला देतीं तो कभी जोर से पिंच कर देतीं, कम्मो भौजी की बड़ी बड़ी कड़ी कड़ी चूँचियाँ पीछे से उनके देवर की पीठ में रगड़घिस कर रहे थे , निप्स बरछी की नोक की तरह धंसी पड़ रही थीं , कम्मो भौजी का दूसरा हाथ बहुत प्यार दुलार से अपने देवर के चौड़े नितम्बो को सहला रहा था , कभी कभी उनकी शैतान उंगलिया पिछवाड़े की दरार में रगड़ भी देतीं,
और अपनी बहन की चूत में उनके लंड का धक्का और तेज से लगता।
कम्मो भौजी अपनी जीभ की नोक से अपने देवर के कान में सुरसुरी करतीं तो कभी हलके से कान की लर ( इयर लोब्स ) काट लेतीं, और साथ में हलके फुसफुसा रही थीं,
" क्यों मजा आ रहा है बहिनिया को चोदने में बहन चोद."
जवाब वो एक और धक्का कस के अपनी छुटकी बहिनिया की चूत में मार के देते,
" क्यों क्या है तेरी बहिनिया, बहन चोद? "
कम्मो भौजी ने सवाल उनसे पूछा
लेकिन जवाब उनकी शोख बहिन ने दिया,
" भाई चोद " और साथ साथ कस एक एक धक्का पीछे की ओर मारा,
पूरा तो नहीं लेकिन आलमोस्ट पूरा बित्ते भर का खूंटा उनकी बहिनिया ने लील लिया था और भाई बहिन मस्त चुदाई का मजा ले रहे थे, वो पीछे से खुली बिल में धक्के थे , गुड्डी रानी ने टांग उठा के आलमोस्ट पूरा घोंट लिया था और चुदाई में अपने भैया का पूरा साथ दे रही थी।
थोड़ी देर में,
लगता है ये कोकशास्त्र बड़ा (सचित्र -चौरासी आसन सहित ) अच्छी तरह आज पढ़ के आये थे , और अपनी के बहिनिया के साथ सब के सब ट्राई करने मूड में थे और उनकी बहिन भी पूरा साथ दे रही थी और कुछ थोड़ी बहुत गड़बड़, कमी बेसी हो भी जाए तो कम्मो भौजी थीं न नाउन की तरह गाँठ जोड़ने वाली