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Thanks so much, aapki taarif ke liye kya kaahun main, xossip band hone ke baad ye meri pahali nayi kahani hai, aapke comments jo dekhkr bahoot accha lagaKomal ji apke likhne ka andaaz bohot badiya hai.maine xossip pe apki storie padhi thi fagun ke din char.
Thanks, i tried a different style in these posts,... slow simmering but hot thanks for enjoying, bas saath banaaye rakhiyeAwesome update
kuch logo ko har chij men PROBLEM hai asali baat ye hai ki vo Khud PROBLEM hain, lekin aisi PROBLEM ko ignore karana hi Problem ka solution haiApke Solva Saavan ka Jikr to Pushpa ke Srivalli Song me bhi aa gya Komal Ji. Lekin kuchh logon ko usne bhi problem gai
ekdm aur padhte hi comment post kariyega, agala bhaag aapke comment ke baad hi aayegakal mene dekha hi nahi ,aaj raat ko padunga jab disturb karne wala koi nahi hoga
thanks so much i tried to capture picture of those soft erotic momentsBohot hi erotic update
Lazwaab update
Thanks so much next post kalkya likh hai maja aa gya, waiting for next update
Aap ne jo pehli raat ka varnan kiya haiआज सुहाग की रात , सुरज जिन उगिहौं
मुश्किल से पन्दरह बीस मिनट के लिए झपकी लगी होगी ,
उसमें भी मुझे यह अहसास था की वो एकटक मेरे सोते चेहरे को देख रहे हैं ,
मेरी एक लट मेरे गाल पर आ गयी थी , बड़े हलके से इन्होने उसे हटा दिया की कहीं मैं जग न जाऊं , पर।
.. दुष्ट लालची ,.... इनकी ऊँगली मेरे गाल को हलके से चोरी चोरी छूने से बाज नहीं आयी।
और मुर्गे की आवाज ने मेरी नींद खोली ,
इनका मुर्गा भी कुकुड़ू कूं कर रहा था।
एकदम जबरदस्त , और मेरी गुलाबो में ठोकर मार रहा था , तन्नाया , भूखा ,...
और मैंने अबकी खुद ही ,... हम दोनों साइड में लेते थे , एक दूसरे को पकडे , भींचे ,....
मैंने अपने पैर फैलाये और एक टांग उनके ऊपर रख दी ,...
इतना उस मुर्गे के लिए काफ़ी था , ... जोर से उन्होंने मुझे पकड़ रखा ही था , बस कस के एक जोर का धक्का जोर से ,... और ,... मैं हलके से चीखी ,
लेकिन लता की तरह कस के मेरा पैर उनकी कमर पर फंसा , ... वो मेरे अंदर धंसे ,...
वो चाहते भी तो उन्हें नहीं निकालने देती ,...
खिड़की भले ही बंद थी लेकिन पर्दा खुला था , ...
बाहर विभावरी कस कस कर ,रात की कालिमा , रगड़ रगड़ कर साफ़ कर रही थी ,... हलकी हलकी उजास दिखने लगी थी , चिड़िया चहचहाने लगी थीं ,...
ये तो दिसंबर की रात थी , वरना अबतक सुबह दस्तक दे रही होती ,
एक बार अंदर घुसने के बाद न उन्हें अब कोई जल्दी थी , न मुझे कोई घबड़ाहट ,
और अब उनके होंठ , रात में जो हलके से चुंबन चुरा लेते थे , कभी उन्हें लगता था , की मैं मना न कर दूँ , पर अब बड़े हक़ से , उनके होंठ मेरे होंठों को दबोच कर , कभी उनका रस लेते , तो कभी मेरे गोरे गुलाबी गालों को चूस लेते , हलके से कभी दांत भी ,...
और मैं सिहर उठती , सिसक सिसक कर ,...
मुश्किल से अगर कभी मेरे मुंह से नहीं निकल जाता तो तो उनके होंठों के भौंरे मेरे युगल कमल ,
दोनो जुबना पर घात लगा देते ,
अब तक मुझे मालूम पड़ गया था , ये लड़का ,... मेरे चोली के फूलों के पीछे ,... एकदम पागल है , .... उसकी निगाहें , उसकी उँगलियाँ , उसके होंठ ,...
जब वो कस के मेरे निप्स पर दोनों होंठ लगाए ,... मैं एकदम गीली हो रही थी , सिसक रही थी ,
गिनगीना रही थी , मेरे हाथों ने अपने आप उनके सर को पकड़ कर और जोर से , मेरी ओर ,...
मेरी देह अब मेरी रही कहाँ था , ... मन तो पहले भी ये चुरा ले गया था ,
उस दिन जब मेरी शादी में पहली बार चार आँखों का खेल शुरू हुआ ,...
और आज पहली रात में तन भी ले गया ये चोर चुरा कर ,... बल्कि डाका डाल कर ,...
और ' वो ' भी अंदर धंसा घुसा ,....
इनकी सलहज , मेरी रीतू भाभी ने बहुत सी बातें सिखायीं थी , ...
और उसमें एक ये भी थी की मरद की मलाई से बढ़कर कोई चिकनाई नहीं होती ,... इसलिए जैसे वो झड़े , दोनों निचले होंठ भींच कर , सब का सब अपने अंदर समेट लो , ... एक भी बूँद बाहर न छलकने दो , ...
अगली बार के लिए वही सबसे बड़ी चिकनाई होगी ,...
और यहाँ तो दो बार का , एकदम किनारे तक भरा ,... बजबजा रहा ,...
इसलिए अबकी इन्होने वैसलीन नहीं लगाई थी तब भी , धँसाने में ,... मैं नहीं कहूँगी दर्द नहीं हुआ , चीख निकल गयी मेरी ,... लेकिन ,... इनके कमर में ताकत भी तो जबरदस्त , ...
धीमे धीमे कर के आधे से ज्यादा अंदर था ,....
मेरी निगाह मैन्टलपीस पर रखी घड़ी पर पड़ी , सवा छः बजने वाले थे ,
पूरब में आसमान पर हलकी हलकी लालिमा छाने लगी थी, पूरी रात इनकी बाँहों में बीती ,
और ,... और शायद इनको भी अहसास हो गया था की बस अब कुछ देर में सुबह होने वाली थी ,...
बस इन्होने फिर एक बार , मेरी दोनों टाँगे इनके कंधे पर , ... और अब जब ये मेरे भारी नितम्बों के नीचे तकिया लगा रहे थे , मैंने खुद उन्हें औरऊँचा उठा लिया ,
बस फिर तो धक्के पर धक्का , अबकी दोनों हाथ इनके मेरे जुबना पर ही थे , हम दोनों एक दूसरे को अच्छी तरह देख रहे , कभी ये झुक के मुझेचूम लेते तो अब हिम्मत कर के मैं भी अपने होंठ ऊपर उठा कर , और सच बोलूं तो , पहली दो बार के मुकाबले ये तो एकदम दस गुनी तेजी से ,
एकदम मुझे मसल कुचल कर के रख दिया उस बदमाश ने ,...
पूरे आधे घंटे तक , और मैं बावरी भी अब उन्ही का साथ दे रही थी ,...
चुन चुन कर मेरी नंदों ने बिस्तर पर गुलाब की पंखुड़ियां , जूही और चमेली की कलियाँ ,...
मेरे साथ वो भी मसल दी गयीं ,.. पता नहीं कितनी बार मेरी आँखों के आगे तारे नाचे ,
मैं एकदम शिथिल हुयी पर अबकी उनके धक्के कम होने का नाम नहीं ले रहे थे ,...
और जब हम दोनों साथ साथ ,... वो मेरे ऊपर , मेरे अंदर ,...
तो भी मैं जो उन्हें कस के अपनी बाँहों में भींचे थी , वो पकडन कम नहीं हुयी
हम दोनों एक दूसरे को जकड़े दबोचे , थोड़ी देर वो मेरे ऊपर , .....
और फिर अगल बगल , .... वो मेरे अंदर पूरी तरह धंसे , न उनका मन कर रहा था मुझे छोड़ने का
और मेरा तो ,... जिस दिन मैंने उन्हें पहले पहल देखा था उस दिन से ही ,...
बस यही सोचती थी किसी तरह ये लड़का एक बार पकड़ में आ जाए ,...
लेकिन श्रीमती घडी देवी न , ...
पहले आसमान पर हलकी सी टिकुली सी , और फिर धूप की किरण , ... हम लोगों की देह पर रंगोली बनाती , शरारती ननदों की तरह छेड़ती , चिढ़ाती , चिकोटियां काटती ,...
घड़ी में पहले मेरी निगाह पड़ी , फिर उनकी , सात बज गए थे , ....
माना भाभी ने नौ बजे तक का अभयदान हमें दिया था ,
लेकिन ,... मैने उठने की कोशिश की लेकिन बहुत जोर से जाँघों में चिलक उठी , एक तेज दर्द की लहर ,...
पर ये लड़का था न ,
उन्होंने सहारा देकर उठाया ,
मैंने झुक कर किसी तरह अपनी रात से बिछुड़ी चोली , लहंगे और चुनर को उठाया ,
बस लपेट लिया किसी तरह ... एक कदम नहीं चला जा रहा था , ...
पर इन्होने सहारा देकर ,... कमरे से सटा हुआ बाथरूम ,...
और उसी के साथ एक ड्रेसिंग रूम भी ,... बस दरवाजा खोल के उन्होंने मुझे अंदर तक ,...
और जब तक मैंने दरवाजा बंद नहीं किया , .... वो लालची मुझे देखता रहा ,...
Awesome updateबीती विभावरी जाग रे
घड़ी में पहले मेरी निगाह पड़ी , फिर उनकी , सात बज गए थे , ....
माना भाभी ने नौ बजे तक का अभयदान हमें दिया था , लेकिन ,...
मैने उठने की कोशिश की लेकिन बहुत जोर से जाँघों में चिलक उठी , एकतेज दर्द की लहर ,... पर ये लड़का था न ,
उन्होंने सहारा देकर उठाया , मैंने झुक कर किसी तरह अपनी रात से बिछुड़ी चोली , लहंगे और चुनर को उठाया , बस लपेट लिया किसी तरह ...
एक कदम नहीं चला जा रहा था , ... पर इन्होने सहारा देकर ,... कमरे से सटा हुआ बाथरूम ,...
और उसी के साथ एक ड्रेसिंग रूम भी ,... बस दरवाजा खोल के उन्होंने मुझे अंदर तक ,... और जब तक मैंने दरवाजा बंद नहीं किया , .... वोलालची मुझे देखता रहा ,...
और जब मैं बाहर निकली , तो कमरा पहचाना नहीं जा रहा था।
बिस्तर पर रात के सारे निशान , एक नयी चादर बिछी थी , एक पोटली ,... मैंने खोल कर देखा तो मेरी चूड़ियों के टुकड़े ,
दबी कुचली गुलाब कीपंखुड़ियां , सब की सब यादों के तौर पर इन्होने समेट कर रख दिया था ,
कल रात की चादर भी ,... सम्हाल कर ,...
और सबसे बड़ी बात तो ,...
बेड टी ,... दो कप , गरमागरम ,...
( तब मुझे पता चला की इसके कमरे के साथ एक जुड़ा छोटा सा किचेनेट भी है )
मैंने उन्हें चिढ़ाया ,
' गंदे ,... बिना ब्रश के , ... चाय "
' तो कर लेता हूँ न अभी ,... "
वो बोले , और खींच कर मुझे अपनी गोद में ,
और उनके होंठ मेरे होंठों पर , जीभ मेरे दांतों पर ,...
चाय के बाद वो बाथरूम में और
मैं , प्याले , दूध का ग्लास , पान की प्लेट लेकर सीधे किचनेट में ,
बाहर निकल कर मैंने एक बार कमरे की छोटी से छोटी चीज़ , मुझे मालूम था ,
मेरी ननदें
अभी आएँगी तो कमरे का डिटेल्ड मौका मुआयना करेंगी ,... एक एक चीज ,...
और फिर मुझे छेड़ने का मौका , ...
तब तक मम्मी का फोन आया ,... और बजाय मेरी 'दुर्दशा' पूछने के इनका हाल पूछा
' दामाद जी कैसे हैं ' ,... मेरे घर में सब नंबरी दलबदलू ,... इनकी सास , सलहज , सालियाँ ,... सारी की सारी , अब मेरा साथ छोड़ के इनकासाथ देती हैं ,
' चाय अच्छी बनाते हैं , ... " मैं खिलखिला के बोली।
" तेरा हलवा बना की नहीं , "
पीछे से इनकी सलहज की आवाज आयी ,
मन तो हुआ की बोल दूँ , रात भर रोड रोलर चला मेरे ऊपर ,.. लेकिन रीतू भाभी भी फिर छोड़ती नहीं मुझे ,... मैं चुप रही। पर मम्मी भी न अबवो मैदान में आ गयी ,
"अरे दामाद जी ने कचकचा कर प्यार किया की नहीं। "
मैं चुप रही , पर भौजी के सामने चुप रहना आसान था क्या ,
उन्होंने बोला था की ठीक आठ बजे फोन कर के सुहाग रात का सारा हाल पूछूँगी ,
और अगर साफ़ साफ़ , खुल कर नहीं बताया न तो , ... और ठीक आठ बजे
उनका और मम्मी का फोन आ गया।
" मैं पूछती हूँ , नन्दोई जी ने फाड़ तो तेरी दी ही होगी , ये बता कित्ती बार ,... "
मैं खिलखिलाती रही ,
भौजी ने समझाया था दो बार तो करेगा ही , ...
" साफ़ साफ़ बोलो , कित्ती बार चुदी ,.... अब तो समझ में आया क्या पूछ रही हूँ ,.... "
" भौजी , आपके रिकार्ड की बराबरी कर ली। " हँसते हुए मैं बोली ,
डेढ़ दो साल हुआ होगा जब भौजी आयी थीं , और अगले दिन हम सब ननदों ने , और सबसे आगे थी मैं , उनसे उगलवा लिया , तीन बार ,...
लेकिन उसके बाद कोई नयी भौजी आती गाँव में या किसी लड़की की शादी हो के जाती तो पहला सवाल यही होता और रीतू भाभी हर बार यहीकहतीं , मेरी किसी ननद ने मेरे रिकार्ड की बराबरी नहीं की ,
पहली रात में तीन बार।
" तुम सच में मेरी असली ननद हो , "
ख़ुशी उनकी आवाज में छलक रही थी लेकिन वो मुद्दे पर आ गयी ,
" बोल कित्ता बड़ा है , .... ६ इंच , सात इंच ,... "
अब मेरी बारी थी चिढ़ाने की ,
" ननदोई आपके हैं आप पूछ लीजिये न , बल्कि नाप ही लीजियेगा जब मिलेंगे "
" और क्या तू समझती है छोडूगी , और सिर्फ नापुंगी क्यों , घोंटूंगी भी , पहला हक़ सलहज का होता है ननदोई पर। "
इनकी सलहज भी न ,...
लेकिन इत्ती आसानी से वो अपनी ननद को नहीं छोड़ने वाली थी वो , बोलीं , चल आज छोड़ दिया लेकिन कल इसी समय फोन करुँगी एकदम सहीसही बताना , बल्कि फोटो व्हाट्सऐप कर देना , पर कुछ तो बोल अंदाज से ,
" भाभी जो आपने बताया था , आखिरी में , उससे थोड़ा सा ज्यादा ,.... "
लेकिन तब तक वो बाथरूम से बाहर निकल आये और मैंने उनकी सहलज को बोल दिया
" भौजी आप सीधे उन्ही से पूछ लीजिये न , वो आगये हैं ,... "
और वहीँ से मैंने उन्हें हंकार लगाई , ...
" जल्दी आइये , आपकी सलहज आप से कुछ पूछना चाहती हैं ,
और वो भी एकदम लपक कर ,...
फिर तो सिर्फ सलहज ही नहीं सास भी , और स्पीकर फोन तो ऑन ही था खूब लहक लहक कर ,... दस मिनट के बाद लेकिन उन्होंने स्पीकरफोन बंद कर दिया , और वो और उनकी सहलज , थोड़ी देर ये तो सिर्फ हाँ हूँ , कर रहे थे ,... बस एकदम अभी ,... बोल कर उन्होंने फोन रखदिया , ...
मैं बिस्तर पर नहायी धोयी ताज़ी फ्रेश साडी ब्लाउज पहने , नौ बजे ननदों के आने के लिए तैयार बैठी ,.... और फोन रखते ही उन्होंने मुझे हलकेसे पुश किया ,
मैं आधी पलंग पर पीठ के बल, और एक झटके में ,