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Erotica रंग -प्रसंग,कोमल के संग

komaalrani

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भाग ६ -

चंदा भाभी, ---अनाड़ी बना खिलाड़ी

Phagun ke din chaar update posted

please read, like, enjoy and comment






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तेल मलते हुए भाभी बोली- “देवरजी ये असली सांडे का तेल है। अफ्रीकन। मुश्किल से मिलता है। इसका असर मैं देख चुकी हूँ। ये दुबई से लाये थे दो बोतल। केंचुए पे लगाओ तो सांप हो जाता है और तुम्हारा तो पहले से ही कड़ियल नाग है…”

मैं समझ गया की भाभी के ‘उनके’ की क्या हालत है?

चन्दा भाभी ने पूरी बोतल उठाई, और एक साथ पांच-छ बूँद सीधे मेरे लिंग के बेस पे डाल दिया और अपनी दो लम्बी उंगलियों से मालिश करने लगी।

जोश के मारे मेरी हालत खराब हो रही थी। मैंने कहा-

“भाभी करने दीजिये न। बहुत मन कर रहा है। और। कब तक असर रहेगा इस तेल का…”

भाभी बोली-

“अरे लाला थोड़ा तड़पो, वैसे भी मैंने बोला ना की अनाड़ी के साथ मैं खतरा नहीं लूंगी। बस थोड़ा देर रुको। हाँ इसका असर कम से कम पांच-छ: घंटे तो पूरा रहता है और रोज लगाओ तो परमानेंट असर भी होता है। मोटाई भी बढ़ती है और कड़ापन भी
 

komaalrani

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वाई, बड़ोदा और रीत
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तभी रीत ने अपनी पेरीफेरल विजन से देखा उसे कोई देख रहा है। और सतर्क हो गई। उसने मीनल को भी इशारा किया। रीत ने झुक कर ‘वाई’ के गले के पास की एक नस दबा दी, सिर्फ दस सेकंड के लिए, और उसका असर ये हुआ की अब वो किसी तरह एक घंटे के पहले होश में नहीं आने वाला था। उससे भी ज्यादा ये हुआ की अब उसके सारे सिम्पटम हार्ट अटैक के थे, नब्ज़ स्लो हो गई थी, खून दबाव कम हो गया था। कोई डाक्टर भी बिना ई॰सी॰जी॰ किये ये नहीं कह सकता था कि, इसे हार्ट अटैक नहीं हुआ।

तब तक वही हुआ जिसका रीत को डर था। ढेर सारे काम करने वाले इकट्ठे हो गए, मारो मारो करते, और पीछे वही आदमी था जिसे रीत ने पेरीफेरल विजन से देखा था, वो सामने नहीं आ रहा था, लेकिन लोगों को उकसा रहा था- “यही दोनों हैं, क्या किया तुम दोनों ने मारा है इन्हें?”


मोर्चा मीनल ने फिर सम्हाला- “तुम लोग समझते क्यूँ नहीं, इन्हें हार्ट अटैक हुआ है, तुरंत हास्पिटल ले जाना जरूरी है…” वो बोली।

“हास्पिटल ले चलना है तो रेलवे हास्पिटल ले चलना है, प्रतापनगर…” एक बोला।

रीत अभी भी झुकी उसकी नब्ज़ देख रही थी। उसने कनखियों से देखा, वही आदमी अभी भी भीड़ को उकसा रहा था।

वो उठकर खड़ी हुई और बोली- “मैंने रिफायनरी की एम्बुलेंस को फोन कर दिया है वो अभी आ रही होगी…” उसने उस बैंड के सहारे जब रेड अलर्ट किया था तभी करन को बोल दिया था की वो रिफायनरी के एम्बुलेंस से आये।

“अरे रिफायनरी वाले कभी एम्बुलेंस नहीं भेजंगे, पहले इनको उठाओ आफिस में ले चलो…” एक कोई और चिल्लाया।

यही रीत नहीं चाहती थी।

एक बार अगर वाई को वो उठा ले आते तो क्या होता पता नहीं। उसे वाई जिन्दा चाहिए था। वो जेड का हश्र बनारस में देख चुकी थी। आई॰बी॰ और पुलिस वाले देखते रह गए और कालिया ने भारी भीड़ में उसे गोदौलिया में खतम कर दिया। रीत ने फिर करन को फोन लगाया। करन ने बोला वो एम्बुलेंस में निकल गया है बस दो-तीन मिनट में पहुँच रहा है।

लेकिन दो-तीन मिनट भी मुश्किल पड़ रहे थे।

तब तक ऐम्बुलेंस के सायरन की आवाज भी सुनायी पड़ने लगी। दो आर॰पी॰एफ॰ वालों के पास गए और यार्ड का गेट भी खुलवा दिया। वो आदमी जो लोगों को भड़काने में लगा था, अब नहीं दिख रहा था। तब तक ऐम्बुलेंस आ गई और ऐम्बुलेंस से करन उतरा, एक डाक्टर की ड्रेस में, और पीछे से चार स्ट्रेचर बियरर, रीत समझ रही थी जैसे करन डाक्टर नहीं था, वैसे वो स्ट्रेचर बियरर नहीं थे बल्की स्पेशल फोर्स के थे। और तभी रीत को फिर वो दिखा, वो आगे बढ़ा उठाने में सहायता करने के लिए।

लेकिन अबकी करन ने उसे डांटा- “हार्ट पेशेंट है सब लोग नहीं हैंडल कर सकते, सब लोग हटिये दूर हटिये…” और स्ट्रेचर बियरर ने उसे उठाकर अंदर डाल दिया।

करन ने रीत से बोला- “असलं में ऐम्बुलेंस का ड्राइवर नहीं मिल रहा था इसलिए मैं खुद ही ड्राइव करके आया हूँ, यहाँ से हम सीधे भाईलाल ले जायेंगे, तुरंत ऐंजियोप्लास्टी करनी पड़ेगी…”


सब लोग अब तारीफ की नजर से रीत की ओर देख रहे थे।

तब तक वो फिर नजर आया, और कुछ ढूँढ़ने लगा- “यहाँ इनका एक बैग था…”

रीत समझ गई वो किस बैग की बात कर रहा था। अब तो करन आ गया था रीत को किस बात का डर, उसने जोर से उसे डांटा- “जरा सी देर होने से इनके जान जा सकती है और तुम्हें बैग की पड़ी है?”

रीत ने करन से पूछा- “डाक्टर साहेब, हम लोगों की बाइक भी गेट के पास है, आपके रास्ते में पड़ेगी अगर आप हम दोनों को वहाँ ड्राप कर देते, बज गया है और हम दोनों को…”

उसकी बात काटकर बहुत सीरियस आवाज में करन बोला- “जल्दी बैठो…”

और बाकी इकठ्ठा लोगों से उसने कहा की- “आप में से जो लोग आना चाहते हों कल भाईलाल में आ जाइयेगा, आज तो ये आई॰सी॰यू॰ में ही रहेंगे और हमने रेलवे हास्पिटल को भी बोल दिया है वहाँ से भी एक डाक्टर पहुँच रहे हैं, चिंता की कोई बात नहीं है…”

ऐम्बुलेंस यार्ड से पल भर में बाहर हो गई। अब रीत और मीनल मुश्कुरायीं और दोनों ने जोर से हाई फाइव किया। मुर्गा पिंजड़े में था।
 
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दबोली




ऐम्बुलेंस यार्ड से पल भर में बाहर हो गई। अब रीत और मीनल मुश्कुरायीं और दोनों ने जोर से हाई फाइव किया। मुर्गा पिंजड़े में था।


रीत ने करन को सारी बातें समझा दिया कि डिवाइस किस तरह बाटम वाल्व में लगे हैं और एक रेक रिफायनरी में आलरेडी प्लेस हो गया है। दो रेक में यार्ड में वो लगा रहे थे और वो भी कुछ देर में रिफायनरी में पहुँच जाएंगे। रीत ने अपने झोलेनुमा पर्स में से निकालकर वो बैग भी दे दिया, जिसमें कुछ डिवाइसेज रखी थी। फोरेंसिक और बाम्ब डिस्पोजल वाले जो रिफायनरी में बने कंट्रोल रूम में थे, उसकी जांच कर लेते जिससे उन्हें बाम्ब की मेकेनिज्म समझने में आसानी होती।


रीत ने ये भी बता दिया की ये करीब एक घंटे बेहोश रहेगा। तब तक वो वहाँ पहुँच गए जहाँ बाइक थी। उतरने के पहले, रीत को कुछ याद आया- “हाँ एक का पूरे जबड़े का एक एक्स रे तुरंत निकलवा लेना, मैं थोड़ी देर में काल करूंगी…”


वो दोनों उतर के बाइक पे सवार हो गईं। ऐम्बुलेंस फिर रिफायनरी में बने कंट्रोल रूम की ओर मुड़ पड़ी।

रास्ते में कोई ढाबा सा दिखा, एकदम सूनसान टाइप, और रीत पीछे से चिल्लाई- “मोड़ मोड़ इधर रोक यार…” और अंदर घुस के धम्म से बैठ गई और रीत ने लम्बी सांस लेते हुए कहा- “अरे यार भगवान ने ये लड़के क्यों बनाये और बनाये तो भेजे में थोड़ी सी अक्कल डाल देते…”

“एकदम सही बोल रही हो…” मीनल ने जबरदस्त अंगड़ाई ली और हामी भरी।

“बता, दो खूबसूरत लड़कियां, जवानी के बोझ से लदी उसके बगल में बैठी थी। ये नहीं की कुछ प्यार भरी बात करें, दो-चार शेर वेर सुनाये, कुछ नहीं तो गोरे गुलाबी गालों पे हाथ ही फेर लेते, लेकिन नहीं, उन्हें तो बस, उस दुष्ट को ले जाने की जल्दी थी…” ठंडी सांस भरकर रीत बड़े अफ्सोस से बोली।

“कदर जाने ना मोरे राजा, कदर जाने ना…” उसी टोन में अंगड़ाई लेते हुए, पीछे हाथ करके, अपने उभारों को और उभारती, मीनल बोली।

“अरे यार हमारी कदर ना करते तो कम से कम इस गद्दर जवानी की तो कदर करते…” रीत ने अपना दुःख जाहिर किया,

रीत अपना दुखड़ा और रोती तब तक एक लड़के सा आर्डर लेने आ गया।

लड़का- “क्या खाएंगी?”

“हम तो गम खाते हैं और आँसू पीते हैं, जहर मिलेगा तुम्हारे यहाँ?” रीत अब उसपर चढ़ गई।

मीनल ने बात सम्हाली। लड़के को उसने रोका और रीत से पूछा- “सुन दबोली खायेगी…”

रीत ने हामी में सिर हिलाया। थोड़ी देर में टेबल पर दबोली, खाखड़ा, और फरसाण थे, और वो दोनों उसे खतम करने में जुटी थी। रीत ने करन को फोन लगाया।

लेकिन उसके कुछ बोलने पूछने के पहले करन बोल पड़ा- “तुम्हें कैसे पता था की उसके जबड़े में कुछ गड़बड़ होगा…”

“क्योंकी मैं रीत हूँ सिम्पल, सामने वाले दोनों दांत ना…”
 

paarth milf lover

I m a big big milf and shayari lover💕♥️
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वाई, बड़ोदा और रीत


तभी रीत ने अपनी पेरीफेरल विजन से देखा उसे कोई देख रहा है। और सतर्क हो गई। उसने मीनल को भी इशारा किया। रीत ने झुक कर ‘वाई’ के गले के पास की एक नस दबा दी, सिर्फ दस सेकंड के लिए, और उसका असर ये हुआ की अब वो किसी तरह एक घंटे के पहले होश में नहीं आने वाला था। उससे भी ज्यादा ये हुआ की अब उसके सारे सिम्पटम हार्ट अटैक के थे, नब्ज़ स्लो हो गई थी, खून दबाव कम हो गया था। कोई डाक्टर भी बिना ई॰सी॰जी॰ किये ये नहीं कह सकता था कि, इसे हार्ट अटैक नहीं हुआ।

तब तक वही हुआ जिसका रीत को डर था। ढेर सारे काम करने वाले इकट्ठे हो गए, मारो मारो करते, और पीछे वही आदमी था जिसे रीत ने पेरीफेरल विजन से देखा था, वो सामने नहीं आ रहा था, लेकिन लोगों को उकसा रहा था- “यही दोनों हैं, क्या किया तुम दोनों ने मारा है इन्हें?”


मोर्चा मीनल ने फिर सम्हाला- “तुम लोग समझते क्यूँ नहीं, इन्हें हार्ट अटैक हुआ है, तुरंत हास्पिटल ले जाना जरूरी है…” वो बोली।

“हास्पिटल ले चलना है तो रेलवे हास्पिटल ले चलना है, प्रतापनगर…” एक बोला।

रीत अभी भी झुकी उसकी नब्ज़ देख रही थी। उसने कनखियों से देखा, वही आदमी अभी भी भीड़ को उकसा रहा था।

वो उठकर खड़ी हुई और बोली- “मैंने रिफायनरी की एम्बुलेंस को फोन कर दिया है वो अभी आ रही होगी…” उसने उस बैंड के सहारे जब रेड अलर्ट किया था तभी करन को बोल दिया था की वो रिफायनरी के एम्बुलेंस से आये।

“अरे रिफायनरी वाले कभी एम्बुलेंस नहीं भेजंगे, पहले इनको उठाओ आफिस में ले चलो…” एक कोई और चिल्लाया।

यही रीत नहीं चाहती थी।

एक बार अगर वाई को वो उठा ले आते तो क्या होता पता नहीं। उसे वाई जिन्दा चाहिए था। वो जेड का हश्र बनारस में देख चुकी थी। आई॰बी॰ और पुलिस वाले देखते रह गए और कालिया ने भारी भीड़ में उसे गोदौलिया में खतम कर दिया। रीत ने फिर करन को फोन लगाया। करन ने बोला वो एम्बुलेंस में निकल गया है बस दो-तीन मिनट में पहुँच रहा है।

लेकिन दो-तीन मिनट भी मुश्किल पड़ रहे थे।

तब तक ऐम्बुलेंस के सायरन की आवाज भी सुनायी पड़ने लगी। दो आर॰पी॰एफ॰ वालों के पास गए और यार्ड का गेट भी खुलवा दिया। वो आदमी जो लोगों को भड़काने में लगा था, अब नहीं दिख रहा था। तब तक ऐम्बुलेंस आ गई और ऐम्बुलेंस से करन उतरा, एक डाक्टर की ड्रेस में, और पीछे से चार स्ट्रेचर बियरर, रीत समझ रही थी जैसे करन डाक्टर नहीं था, वैसे वो स्ट्रेचर बियरर नहीं थे बल्की स्पेशल फोर्स के थे। और तभी रीत को फिर वो दिखा, वो आगे बढ़ा उठाने में सहायता करने के लिए।

लेकिन अबकी करन ने उसे डांटा- “हार्ट पेशेंट है सब लोग नहीं हैंडल कर सकते, सब लोग हटिये दूर हटिये…” और स्ट्रेचर बियरर ने उसे उठाकर अंदर डाल दिया।

करन ने रीत से बोला- “असलं में ऐम्बुलेंस का ड्राइवर नहीं मिल रहा था इसलिए मैं खुद ही ड्राइव करके आया हूँ, यहाँ से हम सीधे भाईलाल ले जायेंगे, तुरंत ऐंजियोप्लास्टी करनी पड़ेगी…”


सब लोग अब तारीफ की नजर से रीत की ओर देख रहे थे।

तब तक वो फिर नजर आया, और कुछ ढूँढ़ने लगा- “यहाँ इनका एक बैग था…”

रीत समझ गई वो किस बैग की बात कर रहा था। अब तो करन आ गया था रीत को किस बात का डर, उसने जोर से उसे डांटा- “जरा सी देर होने से इनके जान जा सकती है और तुम्हें बैग की पड़ी है?”

रीत ने करन से पूछा- “डाक्टर साहेब, हम लोगों की बाइक भी गेट के पास है, आपके रास्ते में पड़ेगी अगर आप हम दोनों को वहाँ ड्राप कर देते, बज गया है और हम दोनों को…”

उसकी बात काटकर बहुत सीरियस आवाज में करन बोला- “जल्दी बैठो…”

और बाकी इकठ्ठा लोगों से उसने कहा की- “आप में से जो लोग आना चाहते हों कल भाईलाल में आ जाइयेगा, आज तो ये आई॰सी॰यू॰ में ही रहेंगे और हमने रेलवे हास्पिटल को भी बोल दिया है वहाँ से भी एक डाक्टर पहुँच रहे हैं, चिंता की कोई बात नहीं है…”

ऐम्बुलेंस यार्ड से पल भर में बाहर हो गई। अब रीत और मीनल मुश्कुरायीं और दोनों ने जोर से हाई फाइव किया। मुर्गा पिंजड़े में था।
Mann gye itna soch k likhna... Hmari taraf se apk sex story ka women booker prize diya jaata hai🥇
 

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कालिया



लेकिन उसके कुछ बोलने पूछने के पहले करन बोल पड़ा- “तुम्हें कैसे पता था की उसके जबड़े में कुछ गड़बड़ होगा…”

“क्योंकी मैं रीत हूँ सिम्पल, सामने वाले दोनों दांत ना…”

एक बार फिर करन ने रीत की बात काटी और बोला- “दोनों दांत नकली हैं और एक्स रे में खोखले दिख रहे हैं…”

“जी नहीं उनमें, पोटैशियम सायनाइड भरा है, दबोली खाते हुए रीत बोली, और जोड़ा- “उसके होश में आने के पहले ही उसे निकाल देना वरना उससे कोई भी बातचीत नहीं हो पायेगी…”



“लेकिन ये सब तुम्हें कैसे मालूम है?” करन ने चकित होकर पूछा।

“बताया तो, सिम्पल यार क्योंकी मैं रीत हूँ। बनारस में जेड का बहुत प्रोटेक्शन किया था पुलिस और आई॰बी॰ ने, हाँ इसी का मौसेरा भाई, तब भी कालिया ने उसे ऊपर पहुँचा दिया। और जब पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला की किसी अच्छे डेंटिस्ट से उसने दांत बनवाया था, जिसने दांत में बजाय सोना भरने के सायनाइड भर दिया था…”

रीत ने दबोली की दूसरी प्लेट खतम करते हुए कहा और फिर करन से पूछा- “सब मुझसे पूछ लिया अपने मोहल्ले का भी तो हाल बताओ…”

“अरे यहाँ, उसका तो मैंने बता दिया, ओह्ह… क्या गड़बड़ किया चलो कोई बात नहीं बाकी ही उखाड़ दो…” करन बोला।

“क्या गड़बड़ कर दिया, तुम लड़कों से एक लड़की तो सम्भलती नहीं, टेररिस्ट कहाँ से संभलेगा…” रीत ने खिंचाई की।



“अरे नहीं यार, वो डेंटिस्ट, उसने गलती से ऊपर की जगह, नीचे के दांत निकाल दिए। उसी को बोल रहा था टेंशन मत ले, फिर से ऊपर वाले भी निकाल ले, टू बी सेफर साइड अगल-बगल के दो और निकाल दे…” करन बोला,







“अरे नहीं यार, वो डेंटिस्ट, उसने गलती से ऊपर की जगह, नीचे के दांत निकाल दिए। उसी को बोल रहा था टेंशन मत ले, फिर से ऊपर वाले भी निकाल ले, टू बी सेफर साइड अगल-बगल के दो और निकाल दे…” करन बोला

करन ने बात पूरी भी नहीं की थी की मीनल चालू हो गई- “जीजू उस हसीना की फोटो मिली…”







रीत समझ गई, मीनल किसकी बात कर रही थी। वही आदमी, जिसने लोगों को उनके खिलाफ उकसाया था, उनके कब्जे से उसको ले जाना चाहता था और जब कुछ नहीं हो पाया तो बैग को कब्जे में करना चाहता था।



“हाँ एकदम…” करन बोला।

“लेकिन यार्ड में कोई उसको पहचान नहीं पाया। उन लोगों ने सिर्फ ये बताया कि, वो तेजी से उन लोगों के पास आया की तुम दोनों उनके बास की पिटाई कर रही हो, और वो बेहोश होकर गिरे पड़े हैं। इसीलिए उत्तेजित होकर वो आये थे। आर॰पी॰एफ॰ के लोग भी उसे नहीं पहचान पाये। लेकिन गुजरात पुलिस के लोग अस्योर कर रहे हैं की बारह घंटे के अंदर वो उसे ढूँढ़ निकालेंगे। बस स्टेशन, ट्रेन हर जगह वो फोटो सर्क्युलेट हो गई है…”

लेकिन वाई भी नहीं बचा,... जब उसके नीचे के दांत डाक्टर ने निकालने की कोशिश की, उसकी बेहोशी टूट गयी और उसने वो दांत, सायनाइड का असर तुरंत हुआ,..

और अब खोज बची थी वाई के उस असिस्टेंट की जिसका फोटो मीनल ने खींचा था और करन ने पुलिस, सेंट्रल फोर्सेज सबको,

और अब कालिया ने उस का भी पत्ता साफ़ कर दिया , परफेक्ट कट आउट,...
और वही देख कर मीनल चीखी थी, सर कटी लाश

से। वो इतनी जोर से उछली की रीत आलमोस्ट पलंग से नीचे आ गई। मीनल के सिर के पास ही, करन का मोबाइल रखा था। वो उसी को दिखा दिखाकर चिल्ला रही थी।

और जब रीत और करन ने उसे देखा तो उनकी भी हालत खराब हो गई, एक कटा हुआ सर, एक कटे हुए सिर का फोटो। जब कारण ने उसे खोला तो देखा ये पुलिस कमिश्नर का मेसेज था, ये सिर माही नदी के किनारे से मिला था थोड़ी देर पहले और कुछ ही दूर पे उसका धड़ भी था। यह फोटो उन्होंने रीत और मीनल को पहचानने के लिए दिया था की क्या ये वोही आदमी है, जो “वाई” की हेल्प के लिए कोशिश कर रहा था, और जिसके स्नैप मीनल ने खींचकर पुलिस के पास भेजे थे?

जिस तरह मीनल चिल्ला रही थी, उसमें कोई शक नहीं था, वो बस बोल रही थी, वही है, वही है।

कालिया का शिकार, बनारस की तरह बड़ौदा में भी कालिया ने, जहाँ से कुछ तार जुड़ते उसी को काट दिया था। वहां जेड को आई बी और पुलिस के घेरे के बीच, भरी भीड़ में चाक़ू का शिकार बनाकर यहाँ वाई तो खुद ही सायनाईड वाले दांत से लेकिन जो उसका हेल्पर था वाई २ उसे कालिया ने साफ़ कर दिया था

और अब कालिया आज यहाँ

उसका चाकू गुड्डी को लगा,...
 
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कालिया



लेकिन उसके कुछ बोलने पूछने के पहले करन बोल पड़ा- “तुम्हें कैसे पता था की उसके जबड़े में कुछ गड़बड़ होगा…”

“क्योंकी मैं रीत हूँ सिम्पल, सामने वाले दोनों दांत ना…”

एक बार फिर करन ने रीत की बात काटी और बोला- “दोनों दांत नकली हैं और एक्स रे में खोखले दिख रहे हैं…”

“जी नहीं उनमें, पोटैशियम सायनाइड भरा है, दबोली खाते हुए रीत बोली, और जोड़ा- “उसके होश में आने के पहले ही उसे निकाल देना वरना उससे कोई भी बातचीत नहीं हो पायेगी…”



“लेकिन ये सब तुम्हें कैसे मालूम है?” करन ने चकित होकर पूछा।

“बताया तो, सिम्पल यार क्योंकी मैं रीत हूँ। बनारस में जेड का बहुत प्रोटेक्शन किया था पुलिस और आई॰बी॰ ने, हाँ इसी का मौसेरा भाई, तब भी कालिया ने उसे ऊपर पहुँचा दिया। और जब पोस्टमार्टम हुआ तो पता चला की किसी अच्छे डेंटिस्ट से उसने दांत बनवाया था, जिसने दांत में बजाय सोना भरने के सायनाइड भर दिया था…”

रीत ने दबोली की दूसरी प्लेट खतम करते हुए कहा और फिर करन से पूछा- “सब मुझसे पूछ लिया अपने मोहल्ले का भी तो हाल बताओ…”

“अरे यहाँ, उसका तो मैंने बता दिया, ओह्ह… क्या गड़बड़ किया चलो कोई बात नहीं बाकी ही उखाड़ दो…” करन बोला।

“क्या गड़बड़ कर दिया, तुम लड़कों से एक लड़की तो सम्भलती नहीं, टेररिस्ट कहाँ से संभलेगा…” रीत ने खिंचाई की।



“अरे नहीं यार, वो डेंटिस्ट, उसने गलती से ऊपर की जगह, नीचे के दांत निकाल दिए। उसी को बोल रहा था टेंशन मत ले, फिर से ऊपर वाले भी निकाल ले, टू बी सेफर साइड अगल-बगल के दो और निकाल दे…” करन बोला,







“अरे नहीं यार, वो डेंटिस्ट, उसने गलती से ऊपर की जगह, नीचे के दांत निकाल दिए। उसी को बोल रहा था टेंशन मत ले, फिर से ऊपर वाले भी निकाल ले, टू बी सेफर साइड अगल-बगल के दो और निकाल दे…” करन बोला

करन ने बात पूरी भी नहीं की थी की मीनल चालू हो गई- “जीजू उस हसीना की फोटो मिली…”







रीत समझ गई, मीनल किसकी बात कर रही थी। वही आदमी, जिसने लोगों को उनके खिलाफ उकसाया था, उनके कब्जे से उसको ले जाना चाहता था और जब कुछ नहीं हो पाया तो बैग को कब्जे में करना चाहता था।



“हाँ एकदम…” करन बोला।

“लेकिन यार्ड में कोई उसको पहचान नहीं पाया। उन लोगों ने सिर्फ ये बताया कि, वो तेजी से उन लोगों के पास आया की तुम दोनों उनके बास की पिटाई कर रही हो, और वो बेहोश होकर गिरे पड़े हैं। इसीलिए उत्तेजित होकर वो आये थे। आर॰पी॰एफ॰ के लोग भी उसे नहीं पहचान पाये। लेकिन गुजरात पुलिस के लोग अस्योर कर रहे हैं की बारह घंटे के अंदर वो उसे ढूँढ़ निकालेंगे। बस स्टेशन, ट्रेन हर जगह वो फोटो सर्क्युलेट हो गई है…”

लेकिन वाई भी नहीं बचा,... जब उसके नीचे के दांत डाक्टर ने निकालने की कोशिश की, उसकी बेहोशी टूट गयी और उसने वो दांत, सायनाइड का असर तुरंत हुआ,..



और अब खोज बची थी वाई के उस असिस्टेंट की जिसका फोटो मीनल ने खींचा था और करन ने पुलिस, सेंट्रल फोर्सेज सबको,



और अब कालिया ने उस का भी पत्ता साफ़ कर दिया , परफेक्ट कट आउट,...
Gazab kaliya kya baat hai
 

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Thanks Kalia ka kissa page 90 se shuru hua hai vahan se padhen to jayda miaja mileaga
 
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