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Incest रिस्तो मे प्यारकी अनुभुती

dilavar

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रिस्तोमे प्यारकी अनुभुती
अध्याय - २४८

कहातो बंसी कपडे पहेनकर मुस्कुराते जागृतीके रुमकी ओर चला गया.. उनका लंड जटके मारने लगा.. क्युकी आज उनकी खुदकी बीवीने उनको अपनी बहेनको चोदनेके लीये भेज रही थी.. तो बंसी जागृतीके रुमके पास आ गया ओर दरवाजेको धका मारा.. तो दरवाजा अंदरसे लोक था.. तभी बंसीने धीरेसे दरवाजेपे नोक कीया.. तो जागृतीको लगा उनकी भाभी सांती होगी.. उसे ये उमीद नही थीकी बंसी आयेगा.. ओर उसने दरवाजा खोल दीया.... अब आगे

तो सामने बंसी मुस्कुराते खडा था.. तो जागृती सारा मामला समज गइ.. ओर वो जोरोसे हसते दरवाजा बंध करने लगी.. लेकीन वो उसमे कामयाब नही हुइ.. क्युकी बंसी तबतक जागृतीको हटाकर अंदर आ चुका था.. ओर दरवाजा लोक कर रहा था.. तो जागृती सबकुछ समज गइ.. ओर सरमाते हसते हुअ‍े इधर उधर भागने लगी.. तो बंसी भी हसते हुअ‍े उनके पीछे भागने लगा..

जागृती : (सरमाते हसते धीरेसे) भाइ.. नीकल जाओ.. दीदी देख लेगी.. हें..हें..हें..

बंसी : (पकडनेकी कोसीस करते) तेरी बडी दीदीने ही भेजा हे.. तु फीकर मत कर.. बहुत दिनोसे हाथ नही आ रही थी.. आज तो तु गइ कामसे.. आजा..

जागृती : (बेडकी ओर घुमते जोरोसे हसते) भाइ.. आज नही प्लीज.. यार पहेले हमारी सादी तो होजानेदो..

बंसी : (बेडके उपर चडते) वो भी होजायेगी.. फीकर मत कर.. याद कर.. तुमने मुजसे अ‍ेक वादा भी कीया था.. की अ‍ेक बार सादीसे पहेले मीलेगे.. तो फीर क्यु नखरे कर रही हे..? आगइ.. अब कहा भागेगी..

जागृती : (जोरोसे हसते बंसीसे छुटनेकी कोसीस करते) भाइ.. छोडो मुजे.. मेने अ‍ैसा कोइ वादा नही कीया था.. हें..हें..हें.. उइ.. मां.. दीदी.. बचाओ मुजे.. हें..हें..हें.. भाइ छोडो वहा दुखता हे.. आइ.. आह.. सीइइइ.. धीरे दबाओनां.. आइइइ..

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बंसीने बेडके उपर चडते जागृतीको दबोच लीया.. तो वो जोरोसे हसते पीछे घुम गइ.. ओर बंसीने उसे पीछेसे कसके अपनी बाहोमे भीच लीया था.. ओर उनके दोनो बुब्सको मसलने लगा.. तो जागृती भी जोरोसे हसते बंसीसे छुटनेकी नाकाम कोसीस कर रही थी.. ओर धीरे धीरे करते उनका वीरोध कम होने लगा.. ओर वो बंसीसे छेडनेकी वजहसे मदहोस होने लगी.. ओर उनका विरोध सेस मात्र रेह गया..
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जागृती : (आंख बंध करते धीरेसे मदहोसीमे) भाइ.. थोडा धीरे दबाओनां.. वहा दर्द होता हे.. लगता हे आज आप अपने मनकी करोगे.. अंह.. अंह.. आइ.. सीसससस आह... सीसससस.. भाइ नीचे नही.. वहा नही..

जागृती बहुत गरम हो चुकी थी.. ओर वो अचानक पलटकर बंसीकी ओर होगइ.. ओर बंसीको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लीया.. तो बंसी जागृतीके चहेरेको पागलोकी तराह चुमने लगा.. ओर जागृती भी आंख बंध करते अपने चहेरेको इधर उधर करने लगी.. दोनोके उपर वासना पुरी तराह हावी हो चुकी थी.. ओर बंसीने जागृतीके होठोको अपनी गीरफ्तमे ले लीया.. दोनो अ‍ेक दुसरेके होठोको चुमने लगे..

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तभी अचानक बंसीने जागृतीको अपनी गोदमे उठालीया.. तो जागृती सरमके मारे बंसीके सीनेमे मुह छुपाने लगी.. ओर बंसी जागृतीको बेडपे लेकर आ गया.. उनको बेडपे सुलाकर उनके पास लेट गया.. तो जागृतीने करवट लेकर बंसीको अपनी बाहोमे भरलीया.. जैसे वो बंसीको अपने तनसे अलग करना ना चाहती हो.. ओर दोनो अ‍ेक दुसरेके मुहमे मुह डालकर जीभसे पेच लडाने लगे.. तभी..
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जागृती : (मदहोसीमे) भाइ.. आपने आनेमे बहुत देर करदी.. मेतो कबसे आपसे मीलनके लीये तरस रही थी.. आपने इतनी जबरदस्ती पहेले क्यु नही की..?

बंसी : (जागृतीके टोपमे हाथ डालते) दीदी.. पता नही.. सायद मां की वजहसे मे सदमे मे था.. तो आपकी ओर ध्यान ही नही दे पाया.. ओर हम अ‍ेक दुसरेसे सरमा रहे थे..

जागृती : (टोप उचा करते) भाइ.. अब छोडो मांको.. उनको अपने तरीकेसे जींदगी जीने दो.. हम अपने तरीकेसे जीयेगे.. ओर इसमे काहेकी सरम..? हम अ‍ेक दुसरेको प्यार करते हे.. ओर ये बात तो हमारी मां ओर दीदीको भी पता हे.. की मे आपसे सादी करने वाली हु.. तो फीर काहेकी सरम.. मे तो उसी दिन आपका इन्तजार कर रही थी.. जब जयश्री ओर श्रीधर भैयाकी सादी थी..

बंसी : (बुब्सको चुमते) जागु.. क्या इस बारेमे मांको भी पता था..? उसने कुछ कहा नही..?

जागृती : (अपनी मांकी बातको छुपाते) भाइ.. आज सीर्फ प्यार करना हे.. बाते हम बादमे करेगे.. आज मे अपना वादा पुरा करना चाहती हु.. जीतना प्यार करना हो करलो.. आजसे ये बहेन आपकी हो गइ..

कहा तो बंसी जागृतीके टोपको नीकालने लगा.. तो जागृती बहुत ही सर्मसार होने लगी.. ओर बंसीका साथ देने लगी.. फीर उसने भी हिंमत करते बंसीके सर्टको नीकाल दीया.. ओर धीरे धीरे करते दोनोके वस्त्र नीकलते गये.. अब जागृती सीर्फ टु पीसमे रेह गइ.. ओर बंसीने भी सीर्फ नीकर पहेना हुआ था.. दोनो के बदन हल्कीसी रोसनीमे चमक रहे थे.. तभी बंसीने धीरेसे जागृतीकी ब्राको भी नीकाल दीया..
 

dilavar

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जागृती : (सरमाते धीरेसे बुब्सको हाथोसे ढकते) भाइ.. बहुत सरम आ रही हे.. प्लीज.. धीरेस करना.. समज गयेनां..?

बंसी : (हाथ हटाकर बुब्स चुमते) हंम.. बुच.. बुच.. हंम.. डार्लींग.. गभराना नही.. बहुत प्यारसे करुगा..

कहेते बंसी जागृतीके बुब्सको चुमते मसलने लगा.. तो जागृती भी मदहोस होने लगी.. ओर वो भी बंसीके होठोको चुमने लगी.. धीरे धीरे करते दोनो प्यारकी आगोसमे खोने लगे.. दोनोके उपर वासना पुरी तराह हावी हो चुकी थी.. तभी बंसी जागृतीकी चुतको पेन्टीके उपरसे ही सहेलाने लगा.. तो जागृतीकी चुत पहेलेसे ही गीली हो चुकी थी.. ओर बंसीने धीरेसे उंगलीया फसाकर जागृतीकी पेन्टीको खीच लीया..

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तो जागृती सरमके मारे अपनी चुतपे हाथसे ढकने लगी.. तभी बंसी भी बेडसे उतरके अपना नीकर नीकाल देता हे.. तो आज पहेली बार जागृतीने बंसीके लंडको इतना करीबसे देखा.. तो वो देखकर सरमा गइ.. ओर बंसी भी वापस जागृतीके बगलमे लेट गया.. तो जागृतीने उनको फीरसे अपनी बाहोमे भरलीया.. ओर बंसीके होठोको चुमने लगी.. ओर बंसी जागृतीके उपर चड गया.. ओर चुमने लगा..
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बंसी : (मुस्कुराते) दीदी.. आज हम दोनो मीले इनसे पहेले तुजे जनतका मजा करवाता हु..

जागृती : (सरमसे पानी पानी होते) हंम.. भाइ.. मुजे कुछ होगा तो नही..? दीदीको पता हेना आप यहा हो..

बंसी : (मुस्कुराते बुब्स चुमते) कुछ नही होगा.. ओर तेरी दीदीको भी सब पता हे.. उन्होने ही मुजे यहा भेजा हे.. यही समजले आज हम दोनोकी सुहागरात हे.. फीर अ‍ेक सुहागरात हम सादीके बाद भी मनायेगे..

जागृती : (सरमाते धीरेसे) भाइ.. असली सुहागरात हमारी आज ही हे.. फीर सादी तो सीर्फ अ‍ेक औपचारीक रेह जायेगी.. देखीये.. आज हमारी सादीसे पहेले मीलनेका मे अपना वादा पुरा कर रही हु..

कहेते बंसीके बालोमे हाथ घुमामे लगी.. तो बंसी भी जागृतीको चुमते नीचेकी ओर सरकने लगा.. तो जागृती सरसे पांव तक कांपने लगी.. बंसी जागृतीकी नाभीको चुमते नीचेकी ओर जाने लगा.. तभी उसे अपनी बहेनकी चुतके दर्शन हुअ‍े.. जो जागृती इधर उधर मुह करते बहुत सरमा रही थी.. ओर आखीर बंसीने अपना मुह जागृतीकी चुतपे लगा दीया.. तो जागृतीने अपने दोनो पैर सीकुड लीये..

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बंसी : (सर उचा करते) दीदी.. पैर खोलोनां..

जागृती : (पैर खोलते सरमाते धीरेसे) भाइ.. वहा रहेने दोनां.. मुजे बहुत सरम आ रही हे..

बंसी : (मुस्कुराते) अरे कुछ नही होता.. देखना तुजे कैसे जनतकी सेर करवाता हु..

कहेते बंसी जागृतीकी चुतमे अपनी जीभ घुसा देता हे.. ओर धीरे धीरे चुतके दानेको टटोलने लगता हे.. जागृती सातवे आसमानपे उडने लगी.. ओर वो दोनो हाथोसे चदर पकडते आंख बंध करके छटपटाने लगी.. वो अपनी कमर उछालते बंसीके बालोको खीचने लगी.. तो बंसी जागृतीकी चुतमे जीभको अंदर बहार करते जीभसे चुतको चोदने लगा.. तो जागृतीसे बरदास्त नही हुआ.. ओर वो जोरोसे सीसकारीया करने लगी..

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आज बहारकी खीडकीसे जागृती जगहपे सांती सबकुछ देख रही थी.. ओर अपनी चुतको सहेला रही थी.. अंदर दोनो भाइ बहेन फोर प्लेयका मजा ले रहे थे.. कुछ देरके बाद जागृती भी बंसीके लंडको मुठीयाते उनके होठोको चुस रही थी.. फीर दोनो भाइ बहेन सीक्स नाइन पोजीसनमे अ‍ेक दुसरेके अंगोसे खेलने लगे.. ओर दोनोने अ‍ेक दुसरेका रस नीकालके अ‍ेक दुसरेको संतुस्ट कीया..
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तो जागृती बहुत ही सर्मसार होगइ.. ओर बंसीसे नजरे चुराने लगी.. तभी बंसी उसे गोदमे उठाकर बाथरुमके अंदर ले गया.. दोनो बीलकुल नंगे थे.. ओर वहा दोनोने मुह साफ करके सावर लीया.. तभी सावर लेते अचानक जागृती बंसीकी बाहोमे समा गइ.. तो बंसी उनकी पीठको सहेलाने लगा.. जागृतीने बंसीकी ओंखोमे देखा.. फीर अपनी नजरे जुकाली.. तो बंसीने उनके होठोको चुमलीया..
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फीर बंसी जागृतीको गोदमे ही उठाकर बहार ले आया.. ओर बेडपे बीठा दीया तो जागृती खडी होकर आयनेके सामने चली गइ.. ओर अपने बालोको जटकते हल्कासा शींगार करने लगी.. तो बंसी उनके पीछे चला गया.. ओर जागृतीको पीछेसे अपनी बाहोमे भरलीया.. उनको पीछेसे गलेपे कीस करने लगा.. तो जागृती आहे भरते उतेजीत होने लगी.. ओर बहुत ही सरमाइ.. वो पलटकर बंसीकी बाहोमे समा गइ..
 

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जागृती : (मुस्कुराते धीरेसे) भाइ.. आज हम दोनोकी सुहागरात हे.. तो क्या मे आपके लीये थोडासा शींगार करलु..?

बंसी : (गोदमे उठाते) नही.. तु अ‍ैसे ही बहुत खुबसुरत हे.. मेरी बहेन जैसी ही हे.. मेरे लीये बहुत खुबसुरत हे.. चल आजा..

जागृती : (सरमाते हसते) भाइ.. अब तो हमारी सादी भी होजायेगी.. तो क्या तब भी आप मुजे बहेन कहोगे..?

बंसी : (बेडपे लीटाते हसते) हां.. मे अब भी सातीको भी बुआ कहेता हु.. जब हम दोनो मीले होते हे.. ओर मेरी फेन्टासी मेरी बीवीओको प्यार करनेकी कभी नही रही.. मुजे आपसी रीस्ते पसंद हे.. तो तुम दोनो जींदगी भर मेरी बहेन ओर बुआ ही रहोगी.. क्युकी मे मेरी बहेन ओर बुआसे प्यार करता हु.. बीवीको नही..

जागृती : (मुस्कुरमते) तो फीर श्रीधर भैयाकी सादीमे तो बहुत इसारा कर रहे थे..? मेने आपको कीतनी हीन्ट दी.. आपने हींमत ही नही की.. वरना उसी दीन हम दोनोके बीच सबकुछ हो जाता..

बंसी : (होंठ चुमते) यार मे कैसे आता..? वो लखन भैया मुजे बंसीके पास बीठाकर खुद अपनी बहेनको सेट करनेमे लगे हुअ‍े थे.. लगता हे वोभी बहुत जल्द पुनम दीदीको चोद लेगे..

जागृती : (मुस्कुराते) कमीने सभी मे सभी दोस्तो अ‍ैक जैसे ही हे.. सबको अपनी बहेनको ही चोदनेमे मजा आता हे.. अब आजाओ.. आपकी भी तम्मना पुरी करलो.. मे चुदवानेके लीये रेडी हु.. चोदलो अपनी बहेनको..

फीर दोनो बाते करते उतेजीत होगये ओर प्यार करने लगे.. अब बंसी जागृतीके उपर चडके छा गया.. तो बंसीका तगडा लंड जागृतीकी चुतपे ठोकर मारते अपने नये बीलमे घुसनेके लीये जटके मारने लगा था.. जीसे जागृतीको भी अपनी चुतपे बंसीके लंडकी चुंभन महेसुस हो रही थी.. उनकी चुत पनीयाने लगी.. बंसी जागृतीके होटोका रसपान करते उनके बुब्सको मसल रहा था..

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जीसे जागृती बहुत ही उतेजीत हो चुकी थी.. ओर उसने अ‍ेक हाथ नीचेकी ओर लेजाते बंसीके लंडको पकड लीया.. ओर अपनी चुतपे घीसने लगी.. तो बंसी भी उतेजीत होते कांपने लगा.. ओर जागृतीके होठोको जोरोसे चुसने लगा.. जब लंड गीला हो गया.. तो जागृतीने उसे अपनी चुतके लव होलपे सेट करदीया.. ओर बंसीको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लीया.. बंसी जागृतीकी गरदनको चुमने लगा..
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अब दोनोकी आंखोमे वासना पुरी तराह हावी हो चुकी थी.. जागृती कामुक नजरोसे बंसीकी ओंखोमे देखने लगी.. जैसे उनकी चुतमे लंड घुसानेकी मनते कर रही हो.. बंसीने जागृतीके होठोको अपनी गीरफ्तमे लेलीया.. ओर दोनो हाथ मंजोसे पकडकर अपनी कमरको थोडासा पुस करते अ‍ेक जटका मारा.. तो बंसीका आधा लंड चुतमे घुस गया.. तो जागृती छटपटाते बंसीसे होठोको छुडानेकी कोसीस करने लगी..
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तभी अचानक बंसीने अ‍ेक ओर जटका मारा.. तो उनका पुरा लंड जागृतीकी चुतमे घुस गया.. ओर जागृतीकी जोरोसे चीख नीकल गइ.. ओर उनकी आंखसे आंसु बहेने लगे.. हालाकी वो लखनसे कइ बार चुद चुकी थी.. लेकीन वो बंसीके सामने जाहीर होने देना नही चाहती थी.. इसीलीये जागृतीको ये चीखने चीलानेका नाटक करना पडा.. ओर वो आज तक बंसीसे दुर भागती रही सायद यही वजह थी..

सांती : (बहारकी ओर मनमे चुत सहेलाते) कमीनी.. कैसा नाटक कर रही हे.. जैसे अपने भाइसे पहेली बार चुद रही हो.. उनको पता होगाकी उनका भाइ उनको ठोकेगा तो उसे पता चल जायेगाकी ये पहेलेसे ही चुदी चुदाइ हे.. कमीनी सायद इसीलीये बंसीको मीलनेके लीये डर रही होगी.. जो भी हो.. आज अपने भाइके नीचे आही गइ.. अब देखती हु बंसी उनका क्या हसर करता हे..

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तो दुसरी ओर बंसी अ‍ैसे ही जागृतीकी चुतपे लंड घुसाकर उनके होठो ओर बुब्सको चुम रहा था.. जागृती उनसे नजरसे चुराते उनकी पीठमे नाखुन चुभा रही थी.. तभी उसने बंसीको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लीया.. ओर धीरे धीरे अपनी कमर हीलाने लगी.. आज बहुत दिनोके बाद वो भी अपने भाइके लंडसे चुदवा रही थी.. तो बंसी भी धीरे धीरे कमर हीलाते जागृतीको चोदने लगा..
 

dilavar

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धीरे धीरे करते दोनोके बीच घमासान चुदाइ होने लगी.. बंसीके हर सोटके साथ जागृतीके बुब्स तालमेलमे उछलने लगे.. अब तो जागृती भी कामुक सीसकारीया करते बंसीको ओर जोरोसे चोदनेके लीये उक्साने लगी थी.. वो जब भी स्खलीत होनेकी कगारपे होती बंसीको जोरोसे अपनी बाहोमे भीच लेती.. ओर बंसीके होठोसे लीपलोक करलेती.. जब जड जाती तो नीढाल होते अ‍ैसे ही पडी रहेती..
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तब भी बंसी उनको जोरोसे चोदता रहेता.. ओर कुछ देरके बाद जागृती फीरसे उतेजीत होजाती ओर बंसीका साथ देने लगती.. अ‍ैसे ही बंसीने जागृतीको दो दो बार जडा दीया.. ओर अब भी उनको जोरोसे चोद रहा था.. अबकी बार वो भी अपनी मंजीलके करीब पहोंच रहा था.. तो वो जागृतीके तनसे चीपक गया.. ओर उनके गलेके मुह डाकर गरदन चुमते जोरोसे अपनी कमर हीलाने लगा..
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तो जागृती भी खेली खीलाइ थी.. तो वो भी समज गइ.. की बंसी जडने वाला हे.. तो वो भी अपनी कमर उछालते बंसीको ओर जोरोसे चोदनेके लीये कहेजे लगी.. ताकी वो भी बंसीके साथ अपनी मंजीलपे पहोंच सके.. जागृतीने बंसीकी गरदनपे दोनो हाथ डालकर बंसीको अपने तनसे सटालीया.. ओर उनकी कमरपे दोनो पैर रखके कमरको नीचेकी ओर दबाने लगी.. ताकी बंसीका पुरा लंड उनकी चुतमे घुस जाये..
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बंसी जोरोसे कमर हीलाते जागृतीको चोदने लगा.. तो कुछ ही देरमे दोनो अपनी मंजीलके करीब पहोंच गये.. ओर दोनोने अपने होठोसे होठ मीलाके लीपलोक करलीया.. बंसीने पुरा लंड जागृतीकी चुतकी जड तक घुसादीया.. ओर रुक रुकके अपनी कमरको जटके देते लंडसे पीचकारीया छोडने लगा.. तो जागृतीको भी अपनी बच्चेदानीपे गरम महेसुस हुआ.. ओर वो भी उतेजनासे कांपते हुअ‍े बंसीके साथ जडने लगी..
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कुछ ही देरमे बंसी जागृतीके सीनेपे ढेर होगया.. ओर जागृती बंसीकी पीठको सहेलाने लगी.. दोनोका जोस ठंडा हो गया.. तभी जागृतीको अहेसास हुआ की बंसीने उनको चोद लीया हे.. वो बहुत ही सरमाने लगी.. ओर बंसीकी पीठ सहेलाते बंसीसे नजरे चुराते इधर उधर देखने लगी.. उसे अपनी चुतपे अब भी बंसीका लंड सख्त महेसुस हो रहा था.. जो रेह रेह अब भी जटके मार रहा था.. तभी..

जागृती : (सरमाते धीरेसे) भाइ.. अब उपरसे हटीयेनां.. मुजे बाथरुममे जाना हे.. नीचे खराब हो गया हे..

बंसी : (धीरेसे होंठ चुमते) दीदी.. हम सभी दोस्तोकी अ‍ेक आदत हे.. जबतक हम अपनी मासुकाकी चुतको दो बार अपने पानीसे सीच नही देते.. तबतक हम अपना हथीयार बहार नही नीकालते.. तो आप भी दुसरे राउन्डके लीये तैयार होजाइअ‍े.. मुजे आपको वापस चोदना हे..

जागृती : (सरमाते धीरेसे) क्या..? भाइ.. अ‍ेक बारमे ही आपने मेरी हालत खराब करदी हे.. तो दुसरी बामे आपको कैसे जेल पाउगी..? क्या हम थोडी देरके बाद नही कर सकते..? हंम.. थोडा आराम करलो.. फीर हम दुबारा करेगे.. देखो.. मेरी पुरी चुत आपके पानीसे भरी हे.. अ‍ेक बार इसे साफ करलु..? हंम..? हमारे पास पुरी रात पडी हे.. फीर जीतनी मरजी हो चोद लेना..

बंसी : (धीरेसे कमर हीलाते) नही.. मतलब नही.. ओर अब आप भी दो बार चुदवानेकी आदत डाललो.. क्युकी अब हर दिन आपको दो बारसे पहेले मे छोडने वाला नही हु.. ओर सांती बुआको भी मे अ‍ैसे ही दो बार चोदता हु..

जागृती : (नैन चुराते ससर्मसार होते मुस्कुराते) सीससस... भाइ.. इस बार धीरेसे करोना.. नीचे अब भी जलन हो रही हे.. पता नही मुना भाइने सबको कोनसी जडी बुटी पीलाइ हे.. जयश्री ओर बरखा केह रही थी उनके भाइ भी उनकी हालत बीगाड देते हे.. भाइ.. मे यही सोउगी.. दीदीके सामने बहुत सरम आयेगी..

सांती : (खीडकीसे धीरेसे) क्यु..? कोइ जरुरत नही हे.. कलसे तुभी हमारे साथ सोयेगी केह देती हु..

बंसी : (हसते खीडकीकी ओर देखते) सांती तुम..? अंदर आजाओनां.. हें..हें..हें..

जागृती : (सरमसे पानीपानी होते धीरेसे) दीदी.. आप..? जाइअ‍े यहासे.. मुजे सरम आ रही हे..

सांती : (हसते धीरेसे) क्यु..? जब हर रात तुम हम दोनोका लाइव सो देखती थी.. तब तो तुजे सरम नही आती थी.. आज पता चलाना हमारे पतीको जेलना इतनी आसान बात नही हे.. देखलीया..? आज तुम दोनोकी सुहागरात हे.. तो मे आज अंदर नही आउगी.. फीर कलसे तो तुजे भी हमारे साथ सुलाउगी.. कमीनी कहीकी.. आज आइ हे हाथमे.. बंसी.. इनको सुबह तक छोडना नही.. वरना सुबह आपकी खैर नही..

जागृती : (सरमाते मुस्कुराते धीरेसे) दीदी.. जाइअ‍ेनां.. आपके सामने मुजे बहुत सरम आ रही हे..

सांती : (हसते धीरेसे) हां जा रही हु.. लेकीन तुम दोनोका शो देखनेके बाद.. बंसी.. आप इसे अ‍ेक बार ओर मेरे सामने चोदलो.. फीर कल देखती हु.. कैसे हमारे साथ नही आती..

कहा तो बंसी अ‍ेक बार फीर कमर हीलाते जागृतीको चोदने लगा.. तो दुसरी ओर सहेरमे भी देर रात सृतीका बर्थडे मनाकर रजीया ओर नीलम सोने चली गइ.. तब लखन सृतीको गोदमे उठाकर उनके बेडरुममे लेकर आगया ओर सृतीको उनके बेडपे बीठा दीया.. ओर मुडकर जाने लगा तभी सृतीने सरमाके धीरेसे लखनका हाथ कसके पकड लीया.. तो लखन मुडके हसते हुअ‍े सृतीकी ओर देखने लगा..
 

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सृती : (कातील नजरोसे धीरेसे सरमाते) भाइ.. मेरा बर्थडे गीफ्ट..?

लखन : (मुस्कुराते) हां बोलो.. क्या चाहीये..?

सृती : (कातील नजरोसे मुस्कुराते धीरेसे) आजकी रात.. आप यही रुकजाइअ‍ेनां.. सुबह चले जाना..

लखन : (मुस्कुराते) दीदी.. देखलो.. फीर कुछ गलत होजायेगा.. हें..हें..हें..

सृती : (हसते धीरेसे) होजानेदो.. भाइ.. मुजे मेरा बर्थडे गीफ्ट चाहीये.. अभी.. देदो मुजे..

लखन : (मुस्कुराते पास बैठते) हंम.. मागलो.. क्या गीफ्ट चाहीये आपको..?

सृती : (सर्मसार होते धीरेसे) भाइ.. गीफ्ट मे.. हमारी सुहागरात.. देदो मुजे वो सुख.. जीसके लीये मे कइ दिनोसे आपसे मीलनेके लीये तडप रही हु.. भाइ.. मुजे अपनालो.. यही मेरी गीफ्ट हे..

लखन : (मुस्कुराते दरवाजेकी ओर जाते) ठीक हे दीदी.. मे अभी आया..

सृती : (जटसे) भाइ.. आप कहा जा रहे हो..? रुक जाइअ‍ेनां..

लखन : (पीछे मुडकर मुस्कुराते) अरे पहेले दरवाजा तो बंध करलेनेदो.. मे चेन्ज करके आता हु..

सृती : (मुस्कुराते) भाइ रहेने दोना.. यहा कौन आयेगा..? सबको पता हे.. आप सीर्फ चेन्ज करके आजाओ..

कहेते सृती सरमाके हसने लगी.. लखन चेन्ज करने चला गया तो इधर सृतीके दिलकी धडकन बढने लगी.. उनको उमीद नही थी.. की लखन आज उनके साथ रुकेगा.. वो लखनको पुरी तराह समर्पीत होजाना चाहती थी.. सृती तो पहेलेसे अपनी नाइटी पहेनकर सोइ हुइ थी.. फीर कुछ देरके बाद लखन आ गया.. ओर फीर भी दरवाजा खाली बंध करदीया.. सृती बहुत ही सरमाने लगी..

ओर लखन उनके पास आ गया तो सृती थोडी साइडमे खीसक गइ.. लखनको अपने पास बैठनेके लीये जगहदी.. तो लखन सृतीसे सटकर बैठ गया.. ओर उनकी कमरमे हाथ डालकर सृतीको अपनी आगोसमे लेलीया.. तो सृती हसने लगी.. ओर लखनकी कमरमे हाथ डालकर उनके कंधेपे सर रखके बैठ गइ.. दोनोने अ‍ेक दुसरेकी कमरपे हाथ रखा था.. तभी लखनने सृतीके होठोको चुम लीया..

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लखन : (मुस्कुराते) दीदी.. आज हम दोनोके बीच अ‍ेक नये रीस्तेकी सुरुआत हो रही हे.. कैसा लगेगा आपको..?

सृती : (जोरोसे बाहोमे भीचते) भाइ.. इस पलका मे कइ दिनोसे इन्तजार कर रही थी.. आज मे बहुत खुस हु.. थेन्क्स.. आज आपने मुजे वाकइ बहुत बडी सरप्राइज दी हे.. थेन्क्यु सो मच..

लखन : (मुस्कुराते) दीदी.. कहीये.. ओर क्या गीफ्ट चाहीये आपको..?

सृती : (सरमाते धीरेसे) भाइ.. आज हम दोनोका मीलन होगा.. यही तो मेरी गीफ्ट हे.. फीर भी आप देना चाहते हो मे जो मांगु वो गीफ्ट दोगे मुजे..?

लखन : (मुस्कुराते गाल चुमते) हंम.. आइ प्रोमीस.. अ‍ेक बार मांगके तो देखो..?

सृती : (लखनकी बाहोमे सरमाते धीरेसे) भाइ.. आज मुजे हमेसाके लीये अपनी रानी बनालो.. करलो मुजसे सादी.. मे पुरा जीवन आपकी अर्धागींनी बनकर बीताना चाहती हु..

लखन : (होंठ चुमकर) दीदी.. सादीतो होही जायेगी.. आप ओर पुनोदी तो कबसे मेरी रानी होगइ हो.. जब भाभीमांने कहा था.. कुछ ओर मांगलो.. उनसे भी बढकर..

सृती : (सर्मसार होते धीरेसे मुस्कुराते) भाइ.. मुजे ओर कुछ भी नही चाहीये.. मुजे सीर्फ मेरा भाइ चाहीये.. जो मुजे बेइम्तहा प्यार करे.. भाइ.. यही समजलो आज हम दोनोकी सुहागरात हे..

लखन : (मुस्कुराते) हंम.. वोतो यहा आया तब ही पता था.. की आज आपके इरादे कुछ नेक नही हे.. हें..हें..हें.. दीदी.. याद हे आपको..? मेने आपको कुछ कहा था.. जब आपने मेरा टेस्ट कीया था..

सृती : (लखनकी ओर हसते देखते) क्या..? आपने..? हें..हें..हें.. मुजे तो कुछ याद नही.. बताइअ‍ेनां..?

लखन : (हसते) अच्छा..? याद कीजीये.. मेने आपको कुछ चेलेन्ज दीया था.. देखलो.. भाइकी सभी बीवीयोमे पहेली आप हो.. जो आज मे आपसे मीलन करुगा.. हें..हें..हें..

सृती : (थोडी दुर होते सामने देखते हसते) अरे हां यार.. मे तो उस बातको भुल ही गइ थी.. आपकी बात सच होगइ.. हें..हें..हें.. लेकीन भाइ.. फीर भी आप गलत हो.. क्युकी अब मे आपके भाइकी बीवी नही हु.. क्युकी आपके भाइके साथ मेरा सादीका रीस्ता खतम होचुका हे.. ओर दुसरी बात.. तब आप मेरे देवर थे.. तो मे मेरे देवरसे नही.. मे मेरे भाइसे मीलन कर रही हु.. तो आपकी बात जुठ साबीत हुइ.. हें..हें..हें..

लखन : (बाहोमे लेते) दीदी.. आपका पैर.. कही दर्द होने लगातो..?

सृती : (मुस्कुराते) अरे कुछ नही होगा.. आप इनकी परवाह मत करो.. अब दर्द नही हे.. अब कोइ बहाना नही चलेगा.. हां.. आज मे कुछ नही करुगी.. जो भी करना हे आपको ही करना पडेगा.. मे अ‍ैसे ही लेटी रहुगी.. बस.. अ‍ेक बार मुजे ठीक होजाने दीजीये.. फीर देखना मे आपको कीतना प्यार दुगी..

कहातो लखन मुस्कुराने लगा.. ओर खडा होकर सृतीको बेडपे लीटा दीया ओर खुदभी उनकी बगलमे लेट गया.. तो सृती सरमाकर लखनकी ओंखोमे देखने लगी.. ओर लखनके हाथोमे उंगलीया फसाली.. लखनने सृतीकी ओर करवट लेली.. तो सृती भी लखनकी ओर करवट लेकर उनके सामने होगइ.. दोनो अ‍ेक दुसरेकी आंखोमे देखने लगे.. ओर धीरे धीरे करते दोनोके चहेरे नजदीक आगये....

कन्टीन्यु
 
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