लता : (आंसु बहाते हग करते) दीदी.. बस..? इतनीसी बात करनेके लीये डर रही थी..? अगर मुजे पहेले पता होता तो मे पहेलेसे ही इस घरमे बडे भाइकी बीवी बनकर आ चुकी होती.. दीदी.. इस बातका मुजेतो पहेलेसे ही सक था.. क्युकी मेरी मां बहुत ही कामी ओरत हे.. सीर्फ हमारे बापुके साथ ही नही..
मेरी सादीसे पहेले ही उनका बडेभैयाके साथ भी रीलेशन हे.. वो भी मुजे पता हे.. मेने दोनोको कइ बार सेक्स करते देखा भी हे.. तब ही मेने बडेभैयाका हथीयार देख लीया था.. तभी तो मे इनकी ओर आकर्सीत हुइ हु.. बस.. अब आप मुजे भी अपनी छोटी बहेनके रुपमे स्वीकार कर लीजीये..
पुनम : (आंसु पोछते) बस.. बस दीदी.. अब सांत होजाओ.. अब मे आपको कभी भाभी नही कहुगी.. आजसे आप मेरी छोटी बहेन हे.. दीदी.. आगे चलकर मुजे..आपको.. सृती भाभीको ओर भावना भाभी को ही सब सम्हालना हे.. वो कैसे इस बारेमे आप तीनो मुजपे छोड दीजीये.. इनमे अभी लखन भैया भी हमारे साथ हे.. बस.. अभी सीर्फ इतना कहेना हे आप रमाभाभी.. ओर नीलमको ज्यादा तवजो मत देना..
लता : (मुस्कुराते) हां दीदी.. येतो बताइअे उन दोनोसे हमे क्या खतरा हे.. ताकी मेभी चौकनी रहु..
पुनम : दीदी.. अभी जैसा चल रहा हे चलने दो.. अब आप नीलमको धिरेनसे प्यार करनेमे नही रोकेगी.. उनको जो भी करना हो करने दो.. क्युकी मेभी धिरेनको प्यार नही करती.. ओर मुजे यहा वापस भी तो आना हे.. जब मे यहा हमेसाके लीये वापस आजाउगी.. तब हम चारोको इस हवेलीको सम्हालना हे.. ओर रमाभाभीके साथ भी अैसा व्यवहार करना.. जैसा अभी करती आइ हो.. क्युकी उन दोनोको पता नही चलना चाहीये की हमे उन दोनोके बारेमे सब पता हे..
लता : (मुस्कुराते) दीदी तो फीर रमा भाभी ओर नीलुसे कैसा खतरा हे..? इस बारेमे खुलकर बताइअेनां..
पुनम : (मुस्कुराते) हां दीदी.. अब इस बातको सुनकर आप वीचलीत मत होना.. क्युकी इसके लीये मेने लखन भैयासे मीलकर कुछ प्लान भी बनाया हे.. बस.. लखन भैयाको जडी बुटी देनेका अेक कारण येभी हे..
लता : (सरमाकर हसते) वैसे भी हमारा भाइ कमीना.. हे भी बहुत ठरकी.. हें..हें..हें..
पुनम : (जोरोसे हसते) कमीनी गालीयातो मत दे पती हे तेरा.. हें..हें..हें..
लता : (सरमाते हसते) दीदी.. तब पता नही थाकी मेरा भाइ ही मेरा पती हे.. वरना उसे गालीया देते प्यार करती.. हें..हें..हें.. इसका मतलब आखीर मैनेभी अपने भाइसे ही सादी की हे.. हें..हें..हें.. दीदी वो रमाभाभीके बारेमे बताइअेनां..
पुनम : (मुस्कुराते) हां सुन.. रमा भाभीकी तेरे मामाके साथ सादी नही हुइ थी तभीसे ही उसे पैसोसे बहुत लगाव हे.. ओर उपरसे तेरी नानीने उनको पैसेके बदले खरीदा हे.. मानोना.. वो बहुत ही गरीब थे.. जब तेरे मामाका अेक्सीडन्ट हुआ तब भानुभाइने ही सब खर्चा दिया हे.. तभी वो पैसे देखकर भानुभाइकी ओर ढल गइ.. ओर उनके साथ रीलेशन रखलीये.. वो पैसोके लीये कीसीभी हद तक जा सकती हे..
लता : (आस्चर्यसे धीरेसे) दीदी.. तो क्या वो भाइसे प्यार नही करती थी..? कहीयेना आपको तो सब पता चलजाता हे..
पुनम : (मुस्कुराते साथ चलते) हंम.. सुन.. उसने भानुभासे इसीलीये सादी की.. क्युकी वो समजती थीकी होस्पीटलमे अपने पतीपे इतना खर्चा कीया.. तो इनके पास बहुत पैसे होगे.. लेकीन यहा आकर उनका सपना सपनाही रेह गया.. फीर उसने बडे भैयाको भी रीजानेकी बहुत कोसीसकी.. लेकीन उनमे भी वो कामयाब नही हुइ.. क्युकी बडे भाइ.. भानुभाइको कभी धोखा नही देते.. इसीलीये भाइने उनपे कोइ ध्यान नही दीया..
लता : (आस्चर्यसे देखते) क्या..? कमीनी अैसी हे..? फीर..
पुनम : (मुस्कुराते) अरे दीदी.. आगेतो सुन.. सुनकर तेरा तो दिमाग ही चकरा जायेगा.. जब उनकी दाल वहा नही गली.. तब उसने हमारे लखन भैयाको फसालीया.. इसके लीये उसने अेक बहुत ही खतरनाकर चाल चली हे.. ओर वो भी अपनी बेटीको जरीया बनाके.. तुम सुनोगी तो उनको गालीया देने लगोगी..
लता : (धीरेसे) दीदी आज उनके बारेमे मुजे सबकुछ बताही दीजीये.. कमीनी दीखनेमे तो कीतनी भोली हे..
पुनम : दीदी.. जब आप ओर भाइ नीलुको धिरेनके वहासे लेकर आये.. फीर नीलु अपने घरपे चली गइ तब उसने नीलुको समजाकर अपने विस्वासमे लेलीगा.. ओर अपने प्लानमे सामील करलीया.. अपने प्लानके मुताबीक उसने हमारे लखन भैयाको नीलुके प्यारमे फसाकर उनके साथ फीजीकल रीलेशन रखेनेके लीये नीलुको राजी करलीया हे.. ताकी नीलु उनकी पढाइके आखरी साल लखन भैयासे प्रेगनेन्ट होजाये.. तबतक वो आइ पीलकी गोली लेती रहेगी..
लता : (चोंकते देखते) व्होट..? लेकीन क्यु..? वो नीलुको लखनसे क्यु प्रेगनेन्ट करवाना चाहती हे..? ओर नीलु इस कामके लीये राजी भी कैसे होगइ..?
पुनम : (कातील मुस्कानसे) दीदी.. आखीर नीलु भी तो उनकी बेटी हे.. जीस तराह रमा भाभीको पैसा प्यारा हे उसी तराह उनकी बेटी भी पैसोकी पुजारन हे.. उनके भी महेंगे महेगे सौक हे.. इसीलीये तो धिरेनसे प्यार करती हे.. क्युकी धिरेन बेन्कमे सरकारी जोब करता हे.. तो वो समजती हे उनके पास पैसोकी कमी नही हे.. इसीलीये तो धिरेनको प्यार करती हे.. देखा नही.. वो कैसे जुठ बोलकर धिरेनके साथ उनके घरपे रंगरेलीया मना रही थी.. ओर धिरेनने भी उनको महेगे कपडे ओर महेगा फोन भी तो दीलवाया हे..
लता : (आस्चर्यसे) अच्छा.. तो ये माजरा हे.. फीर..? इनमे रमाभाभी नीलुको लखनसे प्रेगनेन्ट करवाना क्यु चाहती हे..? कोइ खास वजह..?
पुनम : (मुस्कुराते) हां.. ताकी इस बातका हमारे बडे भाइको पता चल जाये.. की लखनने नीलुको प्रेगनेन्ट करदीया हे.. ताकी वो नीलुकी सादी लखन भैयासे करवादे.. ओर वो कायदेसे लखन भैयाकी बीवी होजाये.. ताकी इस हवेलीकी आधी जायदादकी मालकीन बन जाये.. फीर दोनो ही मां बेटी दोनो भाइके बीच फुट डालवाके जायदादका बटवारा करवा दे.. ओर हमारी आधी जायदादकी मालकीन बन सके..
लता : (आस्चर्यसे धीरेसे) ओह.. माय.. गोड.. कुती.. कमीनी.. रंडीकी ओलाद.. दीदी.. कमीनीओने क्या प्लान बनाया हे.. अच्छा हे आपको ओर बडी दीदीको सब पता चल जाता हे.. वरना ये दोनो कमीनीतो हमारा घर ही बरबाद कर देती.. कमीनीओको छोडना मत.. क्या कोइ पैसोके लीये इतना नीचे गीर सकती हे..?
पुनम : (मुस्कुराते) हां दीदी.. तभी तो हमे लखन भैयाको ये जडीबुटी देनेकी आवस्यक्ता पडी.. हमे भी पता था लखन भैयाको ओर उनके सभी दोस्तोको मुना भाइने स्टेमीनाके लीये आयुर्वेदीकका कोर्ष करवाया हे.. फीर भी हमने इनको जडीबुटी दी.. ताकी इनका हथीयारभी बडा ओर मोटा होजाये.. हमे लखन भैयाका अैसे बहुत उपयोग करना हे.. उन मा बेटीकी तो फाडके रखदेगे.. कमीनी.. अपनी बेटीको लखन भैयासे चुदवानेका बहुत सौक हेनां.. अब देखो भैया दोनोकी क्या हालत करते हे..
लता : (सरमाकर हसते) दीदी.. क्या रमा भाभीको भी.. मतलब.. वो भी..?
पुनम : (मुस्कुराते) हां.. आपको पता नही वो भी चुदवानेकी कीतनी सौकीन हे.. नीलुसे पहेले तो वो लखन भैयाका लेनेके लीये उछल रही हे.. आपको पता नही हे वो भी लखन भैयाको प्यार करने लगी हे.. क्युकी अब उनको भानुभाइ संतुस्ट नही करपाते.. ओर उनको भानुभाइमे अब कोइ इन्ट्रेस भी नही हे.. क्युकी भानुभाइ भाइके प्रती बहुत ही वफादार हे.. उनको पता हे भानुभाइ उनका इस जायदादके मामलेमे साथ नही देगे.. तो उसने लखन भैयाको फसालीया हे..
लता : (थोठी सोचमे) दीदी.. ये दोनो कमीनी तो बहुत ही खतरनाक नीकली.. लखनको कहेना पडेगा.. की इनसे बचके रहे..
पुनम : (वापस मुडकर चलते मुस्कुराते) नही दीदी.. इसकी चीन्ता तुम मत करो.. तुम लखन भैयाको कुछ मत कहेना.. इन दोनोको तो मे ओर लखन भैयाही नीपट लेगे.. बस.. तुम सीर्फ हमारे बडे भाइपे ध्यान देना.. चलो हम वापस चलते हे..
कहेते पुनम ओर लता हवेली तक बाते करते पहोंच गइ थी.. दोनोही अपनी बातोमे मसगुल थी.. लेकीन पुनम हवेलीके आतेही वापस मुड गइ.. लताका पोजीटीव रीस्पोन्स देखकर पुनमने आज लताको सबकुछ बतानेका फैसला करलीया.. तो लता भी पुनमकी बातोसे खुस नजर आ रही थी.. दोनो बाते करते करते चलकर वापस सामत भाइके घरकी ओर चल पडी..