जीतुलाल : (धीरेसे) होगइ तस्सली..? पड गइ दिलमे ठंडक..? क्या मीला तुजे..? हंम..? जोभी मीला मेरे बेटेको मीला हे तुजे नही समजी..? मे कोइ नुकसानमे नही हु..
ब्रीन्दा : (सख्तीसे धीरेसे) जीतु.. सुकर मनाओ मेने भाइके सामने तेरी ओर तेरी भाभीकी पोल नही खोली.. वरना अभी यहा तुम दोनो कीसीको मुह दिखाने लायक नही रहेते.. समजे..? तुम दोनोको क्या लगता हे.. की ब्रीन्दाको कुछ पता नही चलेगा..? हंम..? तुम भाइको केह रहेथेनां..? की मेने सब बदलेकी भावनासे कीया हे.. तो सुनले.. हां.. मेने सचमे सब बदलेकी भावनासे कीया हे.. जाओ.. तुम दोनोसे जोभी होसके करलो..
जीतुलाल : (तीलमीलाते दबी आवाजमे) ब्रीन्दा.. मुह सम्हालके बोलो.. कीस बातका बदला लीया हे तुने..? हंम..? तुजे क्या पता चल गया हे..? हंम..? बोलो..?
ब्रीन्दा : (कातील मुस्कानसे) अच्छा..? मेरे मुहसे सुनना चाहते हो..? तो सुनो.. जयश्री तेरी ओर दीदीकी बेटी हेनां..? कमीने.. तुमने इतनी बडी बात मुजसे छुपाइ..? अगर तेरा तेरी भाभीसे ही नाजायज रीस्ताथा तो फीर मुजसे सादी करके मेरी जींदगी क्यु खराब करदी..? हंम..? तुजे तेरी भाभीको ठोकनेका बहुत सौक हेनां..?
जा.. अब देखले.. मेने तेरी ही बेटीकी सादी तेरे बेटेके साथ करवादी.. अब तेरा बेटा हर दीन तेरी बेटी यानीकी उनकी बहेनको ठोकेगा.. ओर तु दोनो देखते रहोगे.. तुजे अेक ओर खुस खबर सुनाउ..? मेरे बेटेने तेरी बेटीको ठोक ठोकके प्रेगनेन्ट भी करदीया हे.. अब तुम ओर तेरी भाभी कुछही दिनने नाना नानी भी बन जाओगे.. जा.. तुमसे जोभी हो सके करलेना..
जीतुलाल : (सहेमकर तील मीलाते) ब्रीन्दा.. क्या बक रही हो..? मुह सम्हालके बोलो.. तुजे ये सब कहेते सरम भी नही आती..? मेने सोचा भी नही थाकी तुम इतना नीचे तक भी गीर सकती हो..
ब्रीन्दा : (मुस्कुराते) जीतु.. तुमने अभी मेरे नीचे गीरनेकी हद देखी ही नही.. जब औरतको अपनी इजतपे आंच आती हेनां..? ओर वोभी अपने पतीसे.. तो तुम सोचभी नही सकते हम क्या कर सकती हे.. ओर कहा तक गीर सकती हे.. देखना हे तुजे..? चल.. अेक दिन वोभी तुजे दिखाउगी.. की मे कहा तक गीर सकती हु.. तुमसे जो भी हो सके करलेना..
जीतुलाल : (तीलमीलाते खडा होते) तुम कीतनी कमीनी ओर गीरी हुइ औरत हो.. मुजे आजही डीवोर्स चाहीये.. मे आजही सब पेपर रेडी करवाता हु.. तुम साइन करदेनां..
ब्रीन्दा : (मुस्कुराते सांत लहेजेमे) हां.. करदुगी.. करदुगी.. इतनीभी क्या जल्दी हे..? पहेले इस घर ओर बीजनेसका बटवारा तो होनेदो..? फीर आरामसे जहा कहोगे साइन कर दुगी.. हें..हें..हें..
कहातो जीतुलाल गुस्सेसे तीलमीलाने लगा.. ओर टेबलपे हाथ मारते अपने रुममे चला गया.. तो दुसरी ओर जवेरीलाल अपने रुममे जातेही बीजनेसपे जानेके लीये तैयार होने लगे.. तब उनके पीछे वृन्दा भी आगइ.. ओर जवेरीलालका हाथ पकडकर बेडपे बैठ गइ.. तब जवेरीलाल गुस्सेके साथ उनकी ओर सवालीया नजरोसे देखने लगे.. तब वृन्दाने उनको सांत कीया ओर उसे प्यारसे समजाने लगी..
वृन्दा : सुनीयेजी.. आप सांत होजाये.. खामखा आपका बीपी बढ जायेगा.. अेक बार सांत होकर सोचीये.. अभी जोभी हुआ अच्छा नही हुआ.. येतो सोचो जीतु अब कहा जायेगा..?
जवेरीलाल : (थोडा सांत होते) देख वृन्दा.. तु उनकी तरफदारी मत कर.. उसने जोभी ओरतके साथ रीलेशन रखके नीच काम कीया हे वो माफीके लायक नही हे.. इतनी खुबसुरत बीवीको छोडकर वो दुसरी औरतके पीछे पडा हे..? क्या कमी हे ब्रीन्दामे.. ओर वैसे भी मेने उनका हिस्सा उनके बेटेको दिया हे कीसी ओरको नही.. समजी..?
वृन्दा : (थोडी परेसान होते) वो सबतो ठीक हे.. लेकीन जीतुके बारेमे तो सोचीये.. अब वो कहा जायेगा..? कीसके साथ रहेगा..? मे जबसे सादी करके इस घरमे आइ हु.. मेने उनको अेक बेटेकी तराह पाला हे.. वो मेरा बेटा हे..
जवेरीलाल : (सामने देखते) हां वृन्दा मे मानता हु.. तुम उनको अेक बेटेकी तराह प्यार करती हो.. लेकीन अब कुछ नही हो सकता.. मेने जोभी डीसीजन लीया हे सही लीया हे..
वृन्दा : (अपनी चाल चलते) सुनीअे जी.. वैसे भी हमारा कोइ वारीस नही हे.. जो हमारे बुढापेमे सहारा बन सके.. अेक बेटी थी.. तो उसने भी हमारी नाक कटवादी.. ओर वैसेभी जीतुका हीस्सा उनका ही हे.. तो मे सोच रही थी क्युना हम जीतुको हमारे साथ रखे..? वैसे भी वो मेरे बेटे जैसा हे.. तो हमारा बीजनेस भी देखेगा.. ओर हमारा सहारा भी होजायेगा.. ओर उनको रहेनेका ठीकाना भी मील जायेगा..
जवेरीलाल : (कुछ सोचते) हंम.. बाततो तेरी सही हे.. ठीक हे.. कोइ बात नही.. जैसा तुजे ठीक लगे.. वैसे भी मेरा छोटाभाइ हे.. मे कोइ उनका दुस्मनतो हुनही.. जो उसे सडकपे भटकने दुगा.. जा.. जीतुको कहेना अब वो हमारे साथ सहेरमे ही रहेगा.. हम वहा दो बेड वाला मकान ले लेगे.. ओर मे आजही सब बटवारेका पेपर कंपलीट करवाता हु..
कहातो वृन्दाके मनमे खुसीका कोइ ठीकाना नही रहा.. वो मनमे बहुतही खुस होने लगी.. आखीर वो अपने प्लानमे कामयाब जो होगइ थी.. अब जीतुलाल हमेसाके लीये उनके पास रहेने वाला था.. वोभी सबसे दुर.. सहेरमे अकेले.. अब वृन्दा ओर जीतुलाल जब चाहे मीलन कर सकते थे.. वृन्दा यही सोचते अेक्साइटेड होने लगी.. लेकीन अपने चहेरे जाहीर नही होने दीया.. ओर जवेरीलाल जीतुको लेकर बीजनेसके लीये नीकल गये..