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सुनील -अजय
अजय ने सीधे, मेरी सलवार का नाड़ा खोलते हुये कहा-
“ऐसा कुछ नहीं है, बिचारी चूत को चुदना ही है, आखिर लण्ड को इतना तड़पाती है…”
और उसने मेरी सलवार घुटने तक सरका दी और मेरी चूत को कस के दबोच लिया।
मैंने चन्दा की ओर निगाह डाला तो वह कस-कस के सुनील का लण्ड चूस रही थी। उसकी साड़ी भी जांघों के ऊपर उठ चुकी थी और सुनील अपनी दो उंगलियों से उसको चोद रहा था।
अजय ने तब तक मुझे घुटने और कोहनियों के बल कर दिया और कहने लगा-
“चलो, तुम्हें सिखाता हूँ कि सलवार सूट पहने-पहने कैसे चुदवाते हैं…”
मेरे पीछे आकर उसने मेरी टांगें फैलायीं पर सलवार पैरों में फंसी होने के कारण वह ज्यादा नहीं फैला पाया और मेरी जांघें कसी-कसी थीं। उसने एक उंगली मेरी चूत में कस-कस के अंदर-बाहर करनी शुरू कर दी और मैं जल्द ही गीली हो गयी।
मेरी कमर पकड़कर अब उसने चूत फैलाकर अपना लण्ड एक करारे धक्के में अंदर धकेल दिया।
मेरी जांघें सटी होने के कारण मेरी चूत भी खूब कसी थी और लण्ड चूत की दीवारें को कस-कस के रगड़ता घिसता जा रहा था।
मुझे एक नये किस्म का मजा मिल रहा था।
थोड़ी देर इसी तरह चोद के अब अजय ने मेरे रसभरे झुके हुए मम्मों को कुर्ते के ऊपर से ही पकड़ लिया था
और उन्हें दबा-दबा के कस के चोदने लगा।
हमारी देखा देखी, सुनील ने भी अब अपना लण्ड चन्दा के मुँह से निकाल लिया था और उसकी जांघों के बीच आकर चुदाई करने लगा।
अजय ने मेरा कुरता ऊपर सरका दिया था और अब मेरी खुली लटकी चूचियां कस-कस के निचोड़ रहा था। पर थोड़ी ही देर में अजय ने मेरे सारे कपड़े उतार दिये और मुझे लिटाकर, मेरी टांगें अपने कंधे को रखकै कस-कस के चोद रहा था।
यही हाल बगल के पलंग पे चन्दा की भी थी जिसको सुनील ने पूरी तरह निर्वस्त्र कर दिया था और उसके मोटे-मोटे चूतड़ पकड़ के कस-कस के चोद रहा था।
पहली बार था कि हम और चन्दा अगल बगल इस तरह दिन में, पलंग पर अगल बगल लेटकर,
अजय और सुनील से खुल्लमखुल्ला चुदा रहे थे। सुनील की निगाह अभी भी मेरे चूतड़ों पर थी।
चन्दा ने उसकी चोरी पकड़ ली, वह बोली-
“क्यों आज उसकी बहुत गाण्ड मारने का मन कर रहा है क्या, जो चोद मुझे रहा है पर चूतड़ उसके घूर रहा है…”
और मुझसे कहा-
“हे गुड्डी, मरवा ले ना गाण्ड आज, रख दे मन मेरे यार का…”
“ना बाबा ना, मुझे नहीं मरवानी गाण्ड, इतना बोल रही है तो तू ही मरवा ले ना…”मैं डर से सिहर गयी , कांपते मना करते बोली,
अजय और सुनील दोनों मुश्कुरा रहे थे-
“यार आज साथ-साथ चुदाई कर रहे हैं। तो कुछ बद कर करें ना…”
कुछ देर बाद सुनील बोला-
“मुझे मंजूर है…”
मेरी चूची पकड़कर कसके चोदते हुये, अजय ने कहा-
“तो ठीक है, जिसका यार पहले झड़ेगा, उसके माल की गाण्ड मारी जायेगी…”
सुनील ने शर्त रखी।
अजय और चन्दा दोनों एक साथ बोले-
“हमें मंजूर है…”
पर मैं बोली-
“हे गड़बड़ तुम लोग करो पर, गाण्ड हमारी मारी जाय…”
पर हमारी सुनने वाला कौन था।
अजय मेरी चूची रगड़ते, गाल काटते, कसकर चोद रहा था और सुनील भी चन्दा की बुर में सटासट अपना लण्ड पेल रहा था।
हम दोनों एक बार फिर डॉगी पोज में थे , कातिक की कुतिया बने , मैं और चंदा , और हम दोनों के यार हमें धकाधक चोद रहे थे , एकदम सटे , अजय मुझे सुनील उसे
पर तभी मैंने ध्यान दिया कि चन्दा ने कुछ इशारा किया और सुनील ने अपना टेमपो धीमे कर दिया
बल्की कुछ देर रुक गया।
मैं कुछ बोलने ही वाली थी की अजय ने मेरी क्लिट पिंच कर ली और मैं झड़ने लगी।
मैं अपनी चूत में कस के अजय का लण्ड भींच रही थी, अपने चूतड़ कस-कस के ऊपर उठा रही थी, और अपने हाथों से कस के उसकी पीठ जकड़ ली।
और जल्द ही अजय भी मेरे साथ झड़ रहा था।
जब हम दोनों झड़ चुके तो मुझे अहसास हुआ कि… पर साथ-साथ झड़ने का जो मजा थमैंने जब बगल में देखा तो अब चन्दा भी खूब कस-कस के चूतड़ उछाल रही थी और वह और सुनील साथ-साथ झड़ रहे थे।
मैं शांत बैठी थी तो अजय और सुनील एक साथ दोनों मेरे बगल में आ गये और गुदगुदी करने लगे।
अजय बोला- “हे… यार… चलता है…” और उसने मेरे गाल को चूम लिया।
मेरे दूसरे गाल को सुनील ने और कस के चूम लिया। अजय ने मेरी एक चूची पकड़ के दबा दिया। सुनील ने मेरी दूसरी चूची पकड़ के मसल दिया।
“हे… एक साथ… ध-दो…” चन्दा बोली।
“अरे जलती है क्या… अपनी-अपनी किश्मत है…” अब मैं भी हँसकर बोली और
मैंने अपने मेंहदी लगे हाथों में दोनों के आधे-खड़े लण्ड पकड़ लिये, और आगे पीछे करने लगी।
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बहुत ही बढ़िया । सावन की फुहारें खुल कर पड़ रही है । छुट्टियां भी 7 दिन ओर आगे बढ़ गई है तो मस्ती भी आगे बढ़ेगी
मस्त हैएकदम सही कहा आपने , सोलवां सावन है जम कर बरसना चाहिए ,
Nice sexy hot update waiting next Update