Final Chapter .
इसके पहले अध्याय में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा की आवश्यकता के साथ साथ मूल दुनिया एवं विपरीत दुनिया के पहलू को उजागर किया गया है । और क्या खूब किया गया है ! ये अध्याय पढ़ कर ऐसा लगता है जैसे हम किसी सत्संग में बैठे किसी ज्ञानी या महात्मा का प्रवचन सुन रहे हो ।
वैसे इसकी वास्तविकता और वैधता पर विभिन्न विचार हो सकते हैं पर आपने एक फिलासफर की तरह बहुत ही बेहतरीन ढंग से हमारे सामने प्रस्तुत किया है ।
वायुमंडल में नाइट्रोजन , कार्बन डाइऑक्साइड , आक्सीजन , हिलियम , फास्फोरस , एथेन इत्यादि करीब एक सौ तेरह से उपर गैस है और सभी का अपना अपना एक अलग ही महत्व है । किसी भी एक की कमी प्रकृति की संतुलन बिगाड़ सकती है ।
इस कहानी की शुरुआत सभ्यता का पहला केंद्र हिमालय की गोद में बसा कंचनजंगा के गांव से शुरू होती है । यहां के मूल निवासी सात्विक आश्रम में बसे हुए लोग हैं ।
ये कहानी थी सर्पमेरिच के जन्म और उसके उत्थान की । किस तरह से उसके फादर मारूति ने अपने आश्रम के नियमों के खिलाफ जाकर वो जगह छोड़ी और कावेरी नदी के किनारे अपना आशियाना बनाया ।
मारूति ने प्रकृति के नियमों के विरुद्ध आचरण किया और सर्पमेरिच का जन्म करवाया । इसी के साथ हमें विश कृतिमा एवं विश निलायणी के अस्तित्व में आने का भी जानकारी प्राप्त हुआ ।
दोनों एक खास नक्षत्र और ग्रहों के मिलान पर पैदा हुए थे । पर जहां सर्पमेरिच बुरी शक्तियों का पुजारी बना वहीं विशेष समुदाय के लोगों ने अच्छाईयों को अपनाया ।
बहुत ही इंटरेस्टिंग कहानी थी इन दोनों की ।
सर्पमेरिच जवान हुआ । दो शादियां की । एक पुत्री और छः पुत्र हुए । अपनी सता बढ़ाने के लिए विभिन्न प्रकार की सिद्धियों की प्राप्ति की और पुरे युनिवर्स के कई ग्रहों पर कब्जा किया । सता को बरकरार रखने और अपने शक्तियों को अभेद्य करने के लिए " मस्तिष्क महल " का निर्माण किया । और ये महल एक जगह नहीं बल्कि अठारह जगहों पर बनवाया । हर मस्तिष्क महल में अपना एक गुलाम नियुक्त किया । अस्तक भी उन्हीं गुलामों में से एक था । जोरोन और पृथ्वी जो पुरे युनिवर्स में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में सबसे आगे थे , पर कब्जा करने का भरसक प्रयास किया ।
इसके बाद कहानी आ जाती है निश्छल पर जो युनिवर्स ट्रैवल था । अपने युनिवर्स ट्रैवल के दौरान उसे मस्तिष्क महल के बारे में पता लगा और फिर अपस्यू के साथ मिलकर मस्तिष्क महल के राज पर शोध शुरू हुआ ।
कैरेक्टर स्टिक आफ सर्पमेरिच -
सर्पमेरिच अपने आप को प्रकृति और भगवान मानता है । वो मरने के बाद भी किसी दूसरे शरीर से बाहर आ जाता है । उसके प्रथम मृत शरीर को संरक्षित करके रखा गया था जिसके कारण वो बार बार मृत्यु के पश्चात भी वापस लौट आता है । वो काफी महत्वाकांक्षी और दिमाग से परिपक्व है । हजारों साल से उसकी कोशिश है कि वो मूल दुनिया के साथ साथ विपरीत दुनिया में भी अपनी बादशाहत कायम रखें ।
हमने युद्ध में देखा कि अस्तक के खात्मे के बाद युद्ध समाप्त हो जाती है ।
पर नहीं । ये तो सिर्फ एक " मस्तिष्क महल " की समाप्ति हुई ।
सर्पमेरिच तो मरा ही नहीं है । जो मरे थे , वे उसका क्लोन थे या कृत्रिम रूप ।
पर अंतिम पार्ट में ये सब क्या हो गया ! निश्छल , जीविशा , शेरिन , हुयू , नंदिनी , अंश , ड्रैगन के बच्चे , बाघों का परिवार सब मारे गए । वो भी विलेन के हाथों ।
हो ही नहीं सकता । ऐसा हो ही नहीं सकता । जरूर नैन भाई ने हमें चक्करघानी में डालने के लिए ऐसा लिखा है ।
इस स्टोरी के अंतिम पार्ट में ये सभी सही सलामत और हंसते खेलते नजर आयेंगे ।
हां , सर्पमेरिच के बारे में नहीं पता क्योंकि उसके अभी भी सोलह " मस्तिष्क महल " बाकी है । उसके लौंडे और छोकरिया की कहानी भले समाप्त हो सकती है ।
सुपर से भी अधिक अधिक ऊपर अपडेट्स थे नैन भाई ।
आउटस्टैंडिंग एंड सेंसेशनल अपडेट्स ।