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Aru sis tum ne mere muh se shabd chheen liyeऔर कैसे कोई कुशल धनुर्धर बाण संधान के पहले प्रत्यंचा को अपने कंधे तक पूरी ताकत से खींचता और फिर बाण छोड़ता है , एकदम उसी तरह , पूरी ताकत से , उसके भैया ने पुश किया , वो ठेलते गए , धकलते गए,
कोमल... मैंने आपके द्वारा लिखी गई बहुत सी कहानियाँ पढ़ी हैं और आपकी हर कहानी उत्कृष्ट है। आप जिस तरह के शब्दों और कहावतों का इस्तेमाल करते हैं, वह एक परिपक्व लेखक का गुण है। मैं आपके लेखन कौशल के आगे नतमस्तक हूं
.Mein to ye baat Komal didi ko many years se bol rahi hu
.Komal didi ek hira hai jiski pehchan sirf hum jesi johri hi kar sakti hai.
Aru yar apni Raji ki new update ke liye poem likhna mat bhul jana.
Vese Komal ki story site par tumare ye shabd bhi mujhe poem jese hi lagte hai.Love u Arushi.