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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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भाग ५५ माँ
 

komaalrani

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माँ
9,4,228



लेकिन एक बात और छुटकी को नहीं समझ में आ रही थी और उसने पूछ लिया,

"माँ नहीं है , कहाँ गयी कब आएँगी "

और अब गीता थोड़ी खामोश हो गयी पर रुक रुक के उसने सब बता दिया, माँ, बाऊजी, चाचा,...सब,


सब बताया उसने बिना कुछ काट पीट के लेकिन पहले थोड़ी देर चुप रही, गहरी सांस ली,

फिर गीता ने बताना शुरू किया माँ कहाँ गयी, लेकिन अबकी बात शुरू की अपने बाउ जी से,...

' बताया तो था जब मैं पैदा पैदा हुयी,... बल्कि माँ के पेट में आयी तब से बाऊ जी बंबई में "



छुटकी गीता की उमर जोड़ने लगी तो हंस की गीता ने टोका, नौ महीने और जोड़ दे, होली के दिन माँ के पेट में मैं पधारी थी और बाऊ जी बंबई से आये थे,... तब तक उनको करीब साल भर हो गया था बंबई गए,..



फिर कुछ रुक के उसने बाउ जी के बंबई का किस्सा बताया,...



" पहले वो टैक्सी चलाते थे, फिर कोई मारवाड़ी था, उनकी टैक्सी में कभी बैठा तो,... फिर वो उस के ड्राइवर और कुछ दिन के बाद ही, उसकी बहुत सी खोली थीं तो उसका किराया उगाहने के काम पे लगा दिया उसने, दस टका मिलता था उनको,... और पैसे वैसे जोड़ के उन्होंने खुद की पहले एक और फिर एक , दो टैक्सी खरीद ली , और गाँव जवार के दो लड़के उनसे चलवाना शुरू कर दिया , ये मेरे पैदा होने के बाद की बात है, तभी सब उनसे कहते थे की तेरे घर में लक्ष्मी आयी है,... अब बाबू जी दो पैसा जोड़ के, ... खुद तो खाली मारवाड़ी की गाडी या कभी उसकी बीबी या बेटी गयी तो वो चलाते थे, बाकी टाइम वही कभी किराया उगाहना कभी और ऐसे वैसे काम, तनख्वाह के अलावा सब वसूली के काम में दस टका, ... बाबू जी के पहले जो था वो तो,.. बाऊ जी बताते थे या तो किराया उगाह नहीं पाता था या खुदे बीच में, टैक्सी का पैसा और वो उगाही का दस टका जोड़ जोड़ के,... फिर दो टैक्सी और



अब गीता चुप हो गयी और छुटकी ने सवाल दाग दिया. दी आप कभी गयी थीं बंबई कैसा है , मैंने बहुत सुना है, और बाऊ जी का काम धाम...

गीता जैसे अतीत में खो गयी थी, बात वो छुटकी से कर रही थी, लेकिन थी कही और,... बात उसने जारी रखी

मारवाड़ी से ज्यादा उस की बीबी उन को मानती थी,... और कुछ दिन के बाद जब वो सेठ गुजर गया तो उस की बीबी ने और काम धाम बाउ जी को,... सेठ के साथ काम करते करते बाऊ जी बहुत काम सीखगए थे उसका,... कहाँ से कितना पैसा लाना है कितनी खोली किस चाल में सेठ की है, सब उनकी जुबान पे था,... ड्राइवरी उन्होंने छोड़ दी थी, कभी मन करे तो या वो मरवाडिन या उसकी बेटी बस कभी कभी उन दोनों को ले जाते थे, बस अब अपना धंधा पानी

मैं पांच साल की थी तो हम लोग एक बार गए थे, ... तब तक बाउ जी ने डोम्बिवली में कुछ दूकान डलिया भी शुरू कर दी थी, चार पांच टैक्सी चलने लगी थी,... और हम लोग खूब घूमे,... जूते वाला पार्क था था , और इतने आदमी इतने आदमी, गाँव क मेला झूठ, जहाँ जाओ वहां मेला,... " दस साल से थोड़ा ज्यादा ही हुआ.

गीता जैसे लग रहा था एक बार फिर से बंबई वापस चली गयी थी, ... मुस्कराती हुयी छुटकी को समझा के बोली,



जानती हो छुटकी बाऊ जी ले गए थे वहां तू सोच नहीं सकती,... इतना पानी इतना पानी , हमरे गाँव क सौ बल्कि ज्यादा पोखरा ताल सब समाय जाएँ ,...

छुटकी ने किताब में पढ़ा था उसके कोर्स में था वो हंस के बोली,

" दी समुन्दर,.. "


" हाँ, वही,... " गीता खिलखिलाते हुए बोली बाऊ जी बताये थे, हम भी बाद में भूगोल में पढ़े लेकिन किताब में उतना अंदाजा नहीं लग सकता,... और सबसे बड़ी बात, सांझ की जून हम सब लोग टहल रहे थे, मैं माई बाऊ जी , अरविन्द,... अपने यहाँ तो सूरज धीरे धीरे,... मैं वही देख रही थी,... वहां वो झप्प से डूब गया, एकदम आग क गोला,... जैसे कउनो मनई पानी में झट्ट से डुबकी मार ले, अभी दिख रहा अभी नहीं एकदम वैसे। "



" बाउ जी आते नहीं थे यहाँ,... और यहाँ की खेती बारी,... "छुटकी ने धीमे से पूछा


" आते थे, कई बार होली, दिवाली और उसके बाद एक बार कम से कम कम दस पंद्रह दिन के लिए जब फसल की कटाई होती,... और मेरे लिए गुड़िया , लिटा दो तो पट्ट से आँख बंद कर लेगी, बैठा दो तो चट्ट से आँख खोल लेगी मेरी सहेलियां जलती थीं और भैया के लिए कपडे, मेरे लिए भी ,...

और गीता फिर शांत हो गयी चुप, एकदम चुप चेहरा भी एकदम खामोश, फिर धीरे धीरे बोलना शुरू किया

लेकिन खेत बारी धीरे धीरे माँ ने खुद देखना शुरू कर दिया था,...

धीरे धीरे आना जाना कम होने लगा,... बस त्योहार त्यौहार, लेकिन आते ही गाँव के सब लड़के पीछे,.... हम भी चलेंगे, हम को भी काम दिलवा दीजिये, गाँव जवार में बहुत इज्जत थी,... तब तक बाऊ जी का काम धाम बहुत बढ़ गया था, छह सात टैक्सी चलने लगी थी, और भी कुछ धंधा,.. खुद की दूकान कैसे छोड़ के आते, मैंने एक बार बोल दिया उनको आने को ,तो वो वो तो कुछ नहीं बोले, माँ ने ही मुझे समझाया

गीता रुक रुक के बाऊ जी के बारे में बोल रही थी

हर महीने पैसा भेजते थे उसी से सबसे पहले गाँव में हमारे खेत में अपना ट्यूबवेल लगा, नहीं तो सरकारी ट्यूबवेल,... और उस का कोई भी भरोसा नहीं, कभी इनका नंबर कभी उनका नंबर, खेत झुरा रहा है लेकिन,... पर जब से अपना टुयुबवेल हो गया तो,... गाँव में कोई कोई बोलता था बंबई क कमाई,.... मैं ने माँ से बोला तो माँ बोली तो बोलने दो न कौन हराम क कमाई है देह तोड़ मेहनत कर रहे हैं मेहरारू बच्चा छोड़ के दो पैसा जोड़ने के लिए


एक बार आये तो तीन साल पहिले तो भैया के लिए फटफटिया ख़रीदे, हम सब लोग बनारस गए थे उसी साल


उस बार माँ भी उनके साथ गयी थी, दो महीना रहीं वहां, गर्मी क छुट्टी थी, मैं और भैया दोनों ननिहाल में थे,... उसी साल बाउ जी ने अंबरनाथ कउनो जगह है उँहा वहां एक एक कमरे का, का बोलते हैं वन बी एच के, वाला मकान खरीदे माँ के नाम से,...

और तब तक कउनो एजेंसी थी, जिसके जरिये गांव के आस पास के लड़कों को सऊदी और पता नहीं कहाँ कहाँ भेजते थे उसमे भी आठ आने की हिस्सेदारी ले लिए थे,... दूकान भी कई हो गयी थी, माँ बताती थी, बाउ जी की अपने इलाके के जितने लोग बंबई में थे सब में गोरेगांव, जोगेश्वरी, ठाणे हर जगह अपने ओर के लोगों में उनकी अच्छी,...


लेकिन बोलते बोलते गीता अचानक चुप हो गयी, जैसे उसके चाँद से चेहरे पर ग्रहण छा गया. आंखे डबडबा गयीं।


छुटकी की कुछ समझ में नहीं आया, वो बस एकटक उसका मुंह देखती रही,... फिर हिम्मत कर के धीरे से बोली, फिर क्या हुआ दी,...



गीता बड़ी देर तक चुप रही, फिर बोली,


बाउ जी का पता नहीं चल रहा है , "
 
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और बाऊ जी चले गए



लेकिन बोलते बोलते गीता अचानक चुप हो गयी, जैसे उसके चाँद से चेहरे पर ग्रहण छा गया. आंखे डबडबा गयीं।

छुटकी की कुछ समझ में नहीं आया, वो बस एकटक उसका मुंह देखती रही,... फिर हिम्मत कर के धीरे से बोली, फिर क्या हुआ दी,...


गीता बड़ी देर तक चुप रही, फिर बोली,

बाउ जी का पता नहीं चल रहा है , "

वो फिर चुप हो गयी, अंगूठे से जमीन कुरेदती रही, आँखे बस अब बरसीं, तब बरसीं,... बड़ी देर तक वो चुप रही, छुटकी की भी हिम्मत नहीं पड़ी की कुछ बोले। वो चुप्पी ही बहुत कुछ कह रही थी।

कुछ रुक कर के गीता ने बोलना शुरू किया जैसे बोलने से बांटने से मन का कुछ बोझ उतर जाएगा

"करीब साल भर से,... मुझे भी नहीं पता था, माँ ने मुझे बताया भी नहीं,... हाँ जाने के पहले भैया को उन्होंने सब बता दिया था,... "

गीता फिर चुप हो गयी लेकिन अबकी बोलना शुरू किया तो हिम्मत कर के उसने अपने को सहज कर लिया था,... और अब रुकी नहीं, उसने बताया,

उसके बाबू जी एक ट्रेवल एजेंसी में आधे के हिस्सेदार थे जो लोगों को काम दिलाने के लिए बाहर भेजती थी, और अब सिर्फ अपने नहीं बल्कि आसपास के जिलों के लड़के भी,... कुछ को जब तक कागज वागज बनता बंबई में ही कहीं ड्राइवरी, तो कहीं कारपेंटरी, बिजली, इसी तरह के कारीगर वाले काम , और लड़के चार पांच महीने में सीख के पक्के भी हो जाते,...

अंबरनाथ में ही उन्होंने दो कमरे का एक और मकान ले लिया था, पहले वाला किराए पर उठा के , माँ गयी थी जब उस घर की पूजा हुयी थी,...

तो दो ढाई साल पहले उस एजेंसी वाले, मालिक उस का कोई सेख या पता नहीं कौन बाहर रहता था,... बाउ जी से बोला की कउनो मुल्क है क़तर, वहां कउनो खेला होने वाला है तो बहुत काम है खास तौर से राजगीर,... बिजली, बढ़ई, और डेढ़ गुना पैसा मिलेगा,.... उनका कमीशन भी दो गुना होगा,... बस बाउ जी पूरा एक टीम, हमारे गाँव के आस पास के भी आठ दस लड़के,. गाँव जवार वालों से वो कोई पैसा नहीं लेते थे और नौकरी न मिलने तक रहने खाने की जिम्मेदारी उनकी थी,... तो वो पूरा एक टीम तैयार करके भेजे पंद्रह बीस लोगों की .. और साल भर पहले जहाँ वो भेजे थे वहां से फिर बुलौवा आया काम बहुत है और अबकी वो खुद भी दस बारह लड़को के साथ "



गीता का चेहरा एकदम जर्द पड़ गया था सूखे पत्ते की तरह,... किसी तरह आवाज निकल रही थी,...



माँ मना भी की थी, मुझी से चिट्ठी लिखवाई थी, सब कसम किरिया,... लेकिन बाऊ जी माने नहीं बोले की वहां से बार बार बोल रहा है की, बस छह महीने साल भर की बात है और उनको काम वाम नहीं करना है खाली मैनेजरी करनी है यहाँ के जो सब लोग जाते हैं, बोली खाना पीना बड़ी दिक्कत हो रही थी,... तो वही सबों से काम लेने के लिए और यहाँ जितना चार साल में कमाएंगे, उतना वहां साल भर में, ,.. हाँ फूटबाल क कउनो बड़ा खेल होना है तो सब काम टाइम से बढ़िया से होना है बोनस अलग देगा और और बंबई वाला टैक्सी का दूकान का पैसा तो आता ही रहेगा,... उनके कोई जानने वाले थे उनको बोल के गए थे की गाँव मनीओर्डर कर देंगे,



और गीता फिर चुप्प और बड़ी मुश्किल से बोली,

और बाऊ जी चले गए।

छुटकी को कुछ तो तो मालूम था वो कब तक चुप रहती बोली,

" लेकिन दी, खाड़ी में कमाने तो बहुत लोग जाते हैं , हमारी एक जुबेदा भाभी है उनके मर्द भी बिजली का काम,... "

" हाँ " गीता ने काट के अपनी बात फिर से शुरू की " मैं भी जानती हूँ गाँव के तो कितने.,… साल भर में एक बार महीने भर की छुट्टी मिलती है, लेकिन पासपोर्ट रखवा लेते हैं उसके पहले एकदम नहीं आ सकते, और सैकड़ों लोग एक साथ रहते हैं, साथ रहना खाना,... और पैसा आता रहता है यहाँ , दुबई से आते हैं तो समान अलग,... महीना भर रहे फिर वापस, बाऊ जी कितनों लोगो को भेजवाए थे लेकिन यहाँ मामला दूसरा हो गया था . "

गीता रुक गयी और फिर बोली,

" बाऊ जी जब गए तो पांच छह महीने पहले तक हर हफ्ते शुक्र के दिन वहां से फोन आता था , मैं भी बात करती थी खुस थे , ... लेकिन बाद में बोले की कउनो खेला होने वाला है बहुत मकान और न जाने का का बन रहा है, तो काम ख़तम होने के बाद ही,... आ पाएंगे ,... लेकिन पांच महीने से कोई फोन भी नहीं आया, गाँव के एक दो लोगों से माँ ने बात की तो वो लोग समझाये की काम ज्यादा होने पे फोन रखवा लेते है , कुछ नहीं होगा पर,... "


गीता के चेहरे पर फिर झाईं सी छा गयी और वो रुक गयी,...

बोलने की कोशिश की पर आवाज नहीं निकल पायी। आवाज रुंध सी गयी, दो तीन बार के बाद धीमे धीमे वो बोली,...



माँ के जाने के कुछ दिन पहले,... चार पांच दिन पहले,... मुझे नहीं दिखाया,... भैया एक अखबार कहीं से लाया था, दो दिन पुराना, ...
 
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गीता रुक गयी और फिर बोली,

" बाऊ जी जब गए तो पांच छह महीने पहले तक हर हफ्ते शुक्र के दिन वहां से फोन आता था , मैं भी बात करती थी खुस थे , ... लेकिन बाद में बोले की कउनो खेला होने वाला है बहुत मकान और न जाने का का बन रहा है, तो काम ख़तम होने के बाद ही,... आ पाएंगे ,... लेकिन पांच महीने से कोई फोन भी नहीं आया, गाँव के एक दो लोगों से माँ ने बात की तो वो लोग समझाये की काम ज्यादा होने पे फोन रखवा लेते है , कुछ नहीं होगा पर,... "


गीता के चेहरे पर फिर झाईं सी छा गयी और वो रुक गयी,...

बोलने की कोशिश की पर आवाज नहीं निकल पायी। आवाज रुंध सी गयी, दो तीन बार के बाद धीमे धीमे वो बोली,...

माँ के जाने के कुछ दिन पहले,... चार पांच दिन पहले,... मुझे नहीं दिखाया,... भैया एक अखबार कहीं से लाया था, दो दिन पुराना, ... कमरा बंद कर के माँ को दिखाया,... मुझे माँ के जाने के बाद पता चला,... भैया ने ही बताया,... ४१ लोगों की फोटो छपी थी,... बाउ जहाँ गए थे,... वहां जहाँ मैचवा,... और बहुत काम हो रहा था,... का नाम, हाँ क़तर,... वो लोग जो वहां काम करते हुए,... नहीं रहे,...


गीता फिर चुप हो गयी,... फिर अब उसने बोलना शुरू किया तो नहीं रुकी,...

बहुत खराब खबर थी,... पास के गाँव की दो औरतों ने,... एक को तो मैं जानती भी थी,... सिन्दूर पोंछ लिया, चूड़ी तोड़ दिया,...बिदा होके गौने आयी थी तो मैं गयी थी, गौने के दस दिन के अंदर ही,... उसका मरद, वही बाबू जी वाली एजेंसी से ही,... साल भर हुआ होगा,... बोल के गया था जल्दी आयंगे,... हम लोग चिढ़ाते भी थे की जब अबकी आएंगे तो नौ महीने बाद सोहर होगा,... लेकिन,... लेकिन अखबार में फोटो आयी।




वहां कोई बिल्डिंग गिरी थी और भी कुछ कुछ गड़बड़ हुआ था, ... लेकिन कुछ पता नहीं चल रहा था, कोई खोज खबर नहीं,... अब उस अखबार वाले ने कहीं से पता कर के जितना मिला,... लेकिन,... बाउ जी की फ़ोटो उसमें नहीं थी,...


भैया तो तब भी डरा सहमा,... जिनसे अखबार ले आया था वो उससे बोले थे,... की अरे सबकी फोटुवा अखबार वाले को थोड़ी मिली होगी, ... जिसका पता नहीं चल रहा, समझो,...

मैं जान रही थी मामला कुछ सीरियस है,... मैं भी दरवाजे से चिपकी,... माँ की आवाज सुनाई पड़ी , एकदम जोर से भैया से,... नहीं नहीं तोहरे बाउजी को कुछ नहीं होगा, देखो अखबार में उनकी फोटो नहीं है, .. कउनो मुसीबत तो है, लेकिन देखना वो आएंगे जरूर आयंगे,... मैं हूँ न सावित्री,... सत्यवान को ले आउंगी,... इतना बरत पूजा , झूठ नहीं जायेगी,...

मैं जाउंगी उन्हें लाने,...

और जब वो बाहर निकलीं,... तो उन्होंने भैया को कहीं भेज दिया,... मेरा डरा सहमा घबड़ाया चेहरा देख के पहले तो बस वो मुझे देखती रहीं,... फिर उन्होंने मुझे भींच लिया और जैसे बाँध टूट पड़ा,... बस हिचक हिचक के,... उनकी साड़ी, मेरी फ्राक,... उनके आंसुओं से,... और बिना कुछ समझे,... माँ की आंखों से ये आंसू मैं पहली बार देख रही थी,... मैं भी रोने लगी, देर तक तक हम दोनों माँ बेटी एक दूसरे को दबोचे जैसे एक दूसरे का संबल बने आंसू बहाते रहे,... वो डर जो वो भैया से तो छुपा ले गयी थी पर मुझसे नहीं,... और जब चुप हुईं तो भी मुझे भींचे, सुबक सुबक के बोलती रहीं,...

" तु मत घबड़ा, मैं हूँ न,... बचपन से तुझे,... मैं रहूंगी न,... और तेरा भाई भी,... तुम दोनों को परेशान होने की बात नहीं,... वो आयेंगे,... कुछ नहीं होगा,... मैं रहूंगी न,... "

मेरे कुछ समझ में नहीं आ रहा था बस जब मैं छोटी थी, बिजली कड़कती, कोई जोर से बोलता तो बस माँ की गोद में चिपक जाती,... बस उसी तरह चिपकी,...



गीता ने अबकी जब बोलना बंद किया तो छुटकी की भी समझ में नहीं आरहा था क्या कहे,... कई बार हिम्मत बंधाना भी बड़ा फर्जी लगता है, शब्द से ज्यादा चुप्पी ही सहारा देती है,...

बात फिर से गीता ने ही शुरू की,...

शाम को चाचा का फोन आया,... भाई ने उठाया था,...

अबकी छुटकी ने हिम्मत कर पूछा क्या बोला था चाचा ने वो बंबई में,...



" हाँ, बंबई से,... " गीता बोली, फिर साफ़ किया,... जब से बाउ जी खुद चले गए थे वो लड़को की टीम लेकर,... उनका बंबई वाला हिसाब किताब,... गड़बड़ा रहा था जिसको सम्हाल के बोले थे वो कुछ न कुछ बहाना बना के तो माँ ने चाचा से कहा,... फिर महीने दो महीने के लिए चाचा बंबई का काम धाम देखने लगे , कभी कभी आते,... तो वही माँ को फोन किये थे की उनसे ठीक से सम्हल नहीं रहा है और एक बात और बताये की वो जो एजेंसी वाला सऊदी या पता नहीं कहाँ का है वो फोन किया था... जबसे अखबार में सब फोटो छपी है वहां भी बहुत हल्ला है,...

की बाउजी ठीक हैं,... बकी अभी मैचवा सब होने वाला है दुनिया भर के अखबार टीवी वाले ,... तो तीन चार महीना और जो लोग यहाँ से गए थे उन सब लोगों को एक जगह रखा है , लेकिन ऐसी जगह की कोई मिल न पाए और वो बात भी नहीं करवा पायेगा, हाँ तीन महीना के बाद,....

और साथ में एजेंसी का जो बाउ जी का हिस्सा है वो किसी को वो चाहता है ,... "

गीता रुक गयी, फिर थोड़ा सा मुस्करा के बोली,... माँ भले गाँव की हैं लेकिन बड़ी समझदार वो समझ गयीं की चाचा क्या कहना चाहते हैं

वो खुद बोलीं, " अरे वो एजेंसी जिस को देना चाहता है जिस भाव देना चाहता है दे दो अब ऐसा काम नहीं करना है , लेकिन एक बार बोल देना की आपको उनसे बात करवा दे,... जरूरत हो तो आप चले जाओ,... कह देना की सब कागज हमारी भौजी के पास है और वो कही हैं की बिना उनसे बात किये,... और मैं आ जाउंगी आठ दस दिन में , बंबई का काम देखने, आप चले जाओ,... में सब सम्हाल लूंगी, वहां का भी,... इतने दिनों से सब खेती बारी अकेले देख ही रही हूँ कुछ भी हो अपने भैया का पता जरूर लगा के आना, और मुझसे कुछ छिपाना मत तोहरी भौजी में बहुत हिम्मत है. हम आ रहे हैं बंबई। "
 
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komaalrani

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तो चाचा माँ को फोन किये थे की उनसे ठीक से सम्हल नहीं रहा है और एक बात और बताये की वो जो एजेंसी वाला सऊदी या पता नहीं कहाँ का है वो फोन किया था... जबसे अखबार में सब फोटो छपी है वहां भी बहुत हल्ला है,... की बाउजी ठीक हैं,... बकी अभी मैचवा सब होने वाला है टी दुनिया भर के अखबार टीवी वाले ,... तो तीन चार महीना और जो लोग यहाँ से गए थे उन सब लोगों को एक जगह रखा है , लेकिन ऐसी जगह की कोई मिल न पाए और वो बात भी नहीं करवा पायेगा, हाँ तीन महीना के बाद,.... और साथ में एजेंसी का जो बाउ जी का हिस्सा है वो किसी को वो चाहता है ,... "

गीता रुक गयी, फिर थोड़ा सा मुस्करा के बोली,... माँ भले गाँव की हैं लेकिन बड़ी समझदार वो समझ गयीं की चाचा क्या कहना चाहते हैं

वो खुद बोलीं,

" अरे वो एजेंसी जिस को देना चाहता है जिस भाव देना चाहता है दे दो अब ऐसा काम नहीं करना है , लेकिन एक बार बोल देना की आपको उनसे बात करवा दे,... जरूरत हो तो आप चले जाओ,... कह देना की सब कागज हमारी भौजी के पास है और वो कही हैं की बिना उनसे बात किये,... और मैं आ जाउंगी आठ दस दिन में , बंबई का काम देखने , आप चले जाओ,... में सब सम्हाल लूंगी, वहां का भी,... इतने दिनों से सब खेती बारी अकेले देख ही रही हूँ "

गीता अब धीरे धीरे नार्मल हो रही थी उसने छुटकी को ये भी बताया की पास के स्टेशन से, हफ्ते में तीन दिन,... गोदान जाती है सीधे, कल्याण रूकती भी है,... बस भैया ने उसी गाड़ी से माँ का टिकट करवा दिया,... हम लोग भी गए थे छोड़ने,... माँ बस बार बार मुझे भींच रही थी और बोलती भाई का ख्याल रखना,... "

और बंबई पहुंच के , माँ ने,


छुटकी भी अब बातचीत में हिस्सा ले रही थी,

" माँ की पिलानिंग " गीता बहुत देर के बाद खिलखिलाई,... ' एक एक चीज का हिसाब किताब,... रहती वो हम लोगो के साथ थी लेकिन वहां का भी सब हिसाब किताब, और बाउ जी भी सब चीज माँ के नाम पे ही, मकान दूकान,... तो माँ ग्वालिन भौजी से बतिया रही थीं,... की पहुँच के तुरंत तो नहीं लेकिन धीरे धीरे सब चीज समेटेंगी वो, ... माँ हम दोनों से और ग्वालिन भौजी से कउनो बात नहीं छिपाती थीं,...


एजेंसिया पे तो उसी खाड़ी वाले की नजर थी लेकिन माँ ने पक्का कर लिया था जब तक उनकी खुद बाऊ जी से बात नहीं हो जायेगी, तब तक,... पर उसको बंद ही करना था,... टैक्सी भी जो गाँव जवार के लड़के चला रहे थे उन्ही को बेच के,... लेकिन सब नगद,... धीरे धीरे सब काम समेटेंगी सिवाय मकान वाला काम छोड़ के,... और बाकी धंधा बेच के जो पैसा मिलेगा उस से एक दो फ़्लैट और कोई नयी सोसायटी बन रही है उसमें,... उनके मायके के कोई रेलवे में बम्बई में काम करते हैं, बोल रहे थे वहां एक नया स्टेशन आएगा, बस उसी के पास,... स्टेशन के बगल में ही ,.. हफते दस दिन में माँ ने सब चीज कट्रोल कर लिया बंबई पहुँच के, चाचा भी क़तर चले गए और यहाँ उनके खेत का सब काम धाम अब भैया ही देखता है, चाची को उस पे पूरा भरोसा है, और बटाई पे कुछ भी नहीं सब खुद,... "

और बाऊजी के आने का

गीता अब थोड़ा सहज हो गयी थी, बोली,

चाचा से बात हुयी थी उनकी लेकिन आमने सामने नहीं फोनवे पे,... और चाचा का भी पासपोर्ट वहां रखवाय लिया है , उनका फोन आया था माँ के पास,... इधर से नहीं कर सकते उधर से ही वो भी हफ्ते में एक दिन,... तो माँ ने हम दोनों को भी बताया लेकिन ये भी बोला की जबतक वो खुद बात नहीं कर लेती तो, ... और चाचा ने उन्हें बोला है की बाऊ जी वो फूटबाल वाला सब मैचवा ख़त्म हो गया तो जिसके यहाँ थे उसी ने ६ महीने के लिए सऊदी भेज दिया है और बाऊ जी बोल रहे थे की छह महीने बाद पक्का बम्बई चले जाएंगे।

तो छह महीने बाद बाऊ जी गाँव आएंगे,... छुटकी को तो हर बात का जवाब चाहिए था.



गीता ने लम्बी सांस ली फिर कुछ रुक के बोली,... पता नहीं,... माँ ने बोला था बिना बाऊ जी से मिले गाँव नहीं लौटेंगी और उ मुँहझौंसी एजेंसिया क काम तो एकदम बंद. माँ तो कटाई बुआई तीज त्यौहार आएँगी, हफ्ता दस दिन में आता है फोन उनका,... लेकिन बाऊ जी आएंगे नहीं आएंगे गाँव पता नहीं।

एक बार गीता फिर से चुप हो गयी थी।

माहौल अब थोड़ा नार्मल हो चला था , छुटकी एक बात पूछने की सोच रही थी, हिम्मत कर के उसने पूछ ही लिया,...



" दी, गुस्सा मत होइयेगा, मेरी समझ में एक बात नहीं आयी, ...आप लोगों के पास इतना खेत, बाग़ बगीचा सब है,... लेकिन तब भी बाऊ जी बंबई गए और अब माँ भी,... "
 
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Rajizexy

Punjabi Doc, Raji, ❤️ & let ❤️
Supreme
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भाग ५५ माँ
Different type of update
but interesting one
& after a long time
👌👌👌👌👌
 

komaalrani

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Different type of update
but interesting one
& after a long time
👌👌👌👌👌
Thanks so much for the first to post comment and it goes a long way

Rainbow Thank You GIF by Lumi
Take A Bow Thank You GIF by Iliza


Thank U Reaction GIF by Chloe x Halle
actually last update was posted on 1st May and this one is on 8th May so not a delayed update as i post one update per week in this thread, one or two in JKG and one in Rang-Prasang, making it 4-5 updates in a week. But it is the love which makes even a small delay look long and shows your grear affection thanks sooooooooo much.
 

komaalrani

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Kahani to Apke perspective se hi sunni hai, male character ke perspective se wo maja nhi ata. Me to bus isiliye bol raha hai taki bus family ke baare me pta chal. Ki pitaji / sasur ji kahin ghar se baahar gaye hai ya alag rehte hai ya bhagwan ke pass chale gaye, bus isse jyda or kuch nahi, apki story sabse jyada to isliye achhi lagti gai kyun female side padhne ko milta hai
Is update men aapko shaayd apne savaal ka javab thoda bahoot mil gaya hoga, Geeta ke pita ji ke baare men and please do read and comment, like it when you like the post.
 

pprsprs0

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गोदान , कल्याण स्टेशन , डोंबिवली , अंबरनाथ , बचपन में मेला ओए जुटे के घर.

और वो आख़िरी सवाल इतने खेती होने के बाद भी मुंबई क्यों ??

ये अपडेट काफ़ी पर्सनल लेवल पे है , काफ़ी बेहतरीन लिखा है आपने komaalrani जी 🫡🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻
 
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