मेरी कहानियां
समय समय पर अलग लाग फोरम में पोस्टेड मेरी कहानियों की सूची , लेकिन ये सिर्फ याद पर आधारित है मित्र पाठक पाठिकाएं इसमें और जोड़ घटाना कर सकते हैं
१, होली में फट गयी -यह मेरी पहली कहानी थी और इस फोरम में भी कोमल के किस्से वाले थ्रेड में मैंने इसे फिर से पोस्ट किया है।
२. चांदनी चली गाँव
३. साजन चले ससुराल होली में
४. मजा लूटा होली में
५. साजन बने नन्दोई
६. एक रात सलहज के साथ या लाइफ आफ अ सेल्समैन
७. इट हैपन्ड या शादी के लड्डू या इंडियन वेडिंग
८ Autumn Sonata
9. Yellow Roses
१०. जीजा साली की दास्तान ( तीन कहानियां )
११. एक छोटी सी होली स्टोरी
१२ लेट अस प्ले होली
१३. होली के रंग
१४. ना भूली वो होली
१५. मजा लुटा होली का ससुराल में ( यह कहानी इस फोरम में हैं और छुटकी इसी का सीक्वेल है )
१६. लला फिर अइयो खेलन होरी ( एक छोटी सी रोमांटिक कहानी , जो इस फोरम में है कोमल के किस्से थ्रेड में )
१७. बरसन लागी बदरिया
१८. सावन के झूले पड़े
१९. सोलहवां सावन ( इसका परिमार्धित संस्करण इस फ़ोरम में है जिसमें ढेर सारे नए प्रसंग जोड़े गए हैं ) .
२०. It's a hard hard rain ( in English section in this forum )
21 Red little riding hood or 666 ( unavailable )
२२ ननद की ट्रेनिंग
२३ फागुन की दिन चार
२४ मोहे रंग दे ( इस फोरम में मूल रूप से पोस्टेड )
२५ जोरू के गुलाम ( इस फोरम में जारी, इसका अंग्रेजी रूप पहले पोस्ट हुआ फिर हिंदी रूप जो काफी अलग था पिछले फोरम में अधूरा और अब यहाँ )
२६ छुटकी - होली, दीदी की ससुराल में ( इस फोरम में ही पहली बार और अभी जारी ) ,
यह लिस्ट मैं इसलिए शेयर कर रही हूँ, क्योंकि कई बार मेरे मित्र कहानी का शीर्षक देख के सोचते हैं की शायद ये उनकी पढ़ी हो,... और कई के नाम मिलते जुलते है जैसे मोहे रंग दे के नाम और पहली पोस्टों से शायद लगा होगा की होली की एक और कहानी ,... लेकिन वो कहानी तन से ज्यादा मन को रंगने की है और वो भी नव दम्पति की
उसी तरह फागुन के दिन चार में शुरू में तो बनारस की होली का एक दृश्य है पर वो कहानी एक लम्बे थ्रिलर के रूप में बढ़ी जिसमें तीन शहरों , बनारस, बंबई और बड़ौदा में आंतकवादी साजिश तक मामला जाता है और अफगानिस्तान की टोरा बोरा की पहड़ियाँ , कुछ पडोसी देश भी पर साथ साथ एरोटिक और रोमांटिक प्रसंग भी है पर नाम से कई बार भ्रम रहता है
और एक कारण ये भी ही ये स्मृति के पृष्ठों से धूल उड़ाने का भी काम करेगी,... और अगर कुछ छूटा बचा होगा तो सहृदय पाठक गण याद भी दिलाएंगे।