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Thanks so much for the first comment and there is another final post after your comment, ... thanks again.Bahut khoob komal bhabhi
Thanks so much for the first comment and there is another final post after your comment, ... thanks again.Bahut khoob komal bhabhi
Fabulous combination of sports & adult content.
Yeh sirf Komal didi jesi gr8 writer hi kar sakti thi,kisi aam writer ke bas ka nahi hai
aise sports aur sexy content mix karna.
Aur jab director bhabhiji hai to bhabhi o ko to jeetna hi tha.
gr8 super duper gazab updates
So lovely of u favourite writer &I feel sex is also a sport, it burns calories, keep one fit and happy, and a fit agile body helps both in sports and sex. And i feel while indulging in sex, sporting spirit is important, never bother who comes first. playing is winning. some tennis and swimming champions become sex symbols too,
and thanks so much for such a generous praise. yes it is a different experience and is successful because of support like yours. Thanks again
Keep your cupboard well stocked of condoms. Lubes . Gels and other erotic materials as per your preferences. Ab barish me koi kitni der pakode kha sakta hai.Ab precautions bhi bata hi do,
kya kya leni hai, ha ha.
Vo to mazak tha ,thanks for caring Aru sis
Thanks so much for gracing the thread, aapke comment aur like regular milte hain thanksMaza hi maza
Samne agar koi takkar dene vala na ho to jit bhi bekar lagti he.गीता, छुटकी और थर्ड अम्पायर
( गीता, छुटकी दोनों आउट )
और ऐन मौके पर चमेलिया ने आके उसे बॉडी टैकल किया और मैंने भी अब दूसरा टखना पकड़ा, और लाइन से दूसरी ओर खींच के ले गयी, अब हम चार वो अकेले, और मैदान के दांये कोने,... पल भर के लिए उसकी पीठ लगी तो छुटकी और चमेलिया दोनों उसके ऊपर चढ़ गयीं,... पर लग रहा था की गिरने में गीता के सर में हल्की सी चोट लग गयी है,...
गुलबिया ने उसकी लेगिंग फाड़नी शुरू की तो मैंने मना किया और इशारा किया बस कस के दोनों पैरों को पकड़ के फैला के रख, क्योकि अब वो पैरों के जोर जमींन पर धक्का मार के उठने की पूरी कोशिश करेगी,...
ननदों की टांग फ़ैलाने में किस भौजाई को मज़ा नहीं आएगा, आखिर उनके भाई पहले दिन से हम लोगो की टाँगे फैलाते हैं
तो गुलबिया ने कस के गीता की टाँगे फैलायीं,...
पर हम लोग थक रहे थे , और गीता में गजब की ताकत थी और वो धोबिया पछाड़ ऐसे कितने ही दांव जानती थी, एक साथ दो तीन,.. पर छुटकी तो अब उसकी छोटी बहन थी,...
छुटकी ने उसके कान में अपनी बात रखी,
गीता गुस्सा तो नहीं हुयी पर जोर से सर हिला रही थी न न में, मैं देख रही थी, पर जिस तरह से गीता मुस्करा रही थी, मैं समझ रही थी की बस वो छुटकी को चिढ़ा रही है तंग कर रही है,... और अब मैं भी समझाने में लगी, कुछ मैंने कान में उससे कहा, कुछ वो फुसफुसा के बोली,...
लेकिन कनखियों से मैंने देखा की सासों का अम्पायर का पैनल था उसमें एक को शक हो गया ,और शक होने की बात थी, अगर गीता फंस गयी थी, दबोच ली गयी थी तो अब तक हमें उसके कपड़ें फाड़ने शुरू कर देने चाहिए थे और गीता भी चुपचाप पड़ी छुटकी उसके ऊपर चढ़ी वो उसको हटाने की कोशिश नहीं कर रही थी,... वो थर्ड अम्पायर थी, मेन तो मेरी सास ही थीं, दूसरी को भी आज सुबह छुटकी ने होली में अपनी कच्ची अमिया चखा के उसका दीवाना बना दिया था,... पर ये थर्ड अम्पायर ( बाद में पता चला की वो गीता के भाई कम यार अरविंदवा की चोदी थीं, और ये बात गितवा को भी मालूम थी ) वो तिरछी निगाह से देख रही थीं, और उनके खिलाफ जा के मेरी सास या दूसरी अम्पायर बोलना भी नहीं चाह रही थीं,...
बस मैंने भी गुलबिया को इशारा किया उसकी लेगिंग खींचने के लिए,... लेकिन तबतक वो सास लोगों का पैनल पास में और मैंने झुक के गीता को इशारा किया, ... बस जल्दी से वो हार मान ले,... और उसकी अभी की नहीं आगे की सभी शर्ते हम सब भौजाइयों को कबूल,... छुटकी को भी,...
जब तक जिन को शक था वो पास में पहुंचतीं, गीता ने जमीन पर चार बार हाथ पटक कर अपनी हार मान ली,...
बस हम लोगों ने आपस में हत्थी मारी और पकड़ के गीता को उठाया, मान गयी मैं गीता को असली ननद मेरी, क्या मस्त नाटक किया उसने,... जैसे उसके सर में बहुत जोर से गिरने से चोट लगी हो और चक्कर आ रहा हो, ... और छुटकी देखने लगी की कोई खून तो नहीं निकला,...
लेकिन वो थर्ड अम्पायर बहुत नाराज,...
उन्हें लगा की कुछ नूरा कुश्ती हो गई,... गीता इतनी आसानी से हार मानने वाली नहीं थी,... पर अब कोई कुछ कर भी नहीं सकता था गीता ने खुद हार मान ली थी और इस तरह बैठी की उसके सर में तेज चोट गिरने से लगी,...
बड़ी देर तक उन लोगों में आपस में बात होती रही,... वो गीता को जिन्दा करने पे जिद कर रही थी लेकिन गीता खुद खेल से बाहर हो गई थी,...
पर अब उन्होंने लगाया की छुटकी ने फ़ाउल कर दिया, इसलिए छुटकी को भी गीता के साथ आउट होना पडेगा,...
मुझे बहुत बुरा लगा पर मिश्राइन भाभी ने आंख से इशारा किया की मैं कुछ न बोलूं और ये फैसला मान लूँ,... हमारी लीड दो की बरकरार रहती, और अब सात मिनट सिर्फ बचा था,...
पर जो सास नैना ननदिया को सपोर्ट कर रही थीं उन्होंने बोला की अब नैना की टीम में सिर्फ तीन बची है, तो गीता के साथ उसे फाउल हुआ उसे कम्पनसेट करने के लिए एक किसी को उनकी टीम में जिन्दा करने के लिए,...
मैं डरी की कहीं लीला, नीलू या रेनू में से कोई जिंदा हुयी तो उनकी डिफेंस टीम फिर से जिन्दा हो जायेगी , और जो भी हमारी ओर से जाएगा पक्का पकड़ा जाएगा,... लेकिन मेरी सास थीं न चतुर चालाक, बिना उनकी बात काटे वो बोलीं
" एकदम सही बात,... और जो ननदों की टीम का लास्ट आउट हुआ वो जिन्दा हो जाएगा "
मैंने चैन की सांस ली, यानी पायल।
लेकिन मेरी ओर से अब मिश्राइन भौजी लड़ने पर उतारू हो गयीं,... पायल और कम्मो दोनों फुर्तीली थीं पकड़ने में तो नहीं पर हमला करने में दोनों तेज थी और हमारी टीम के लोग थक रहे थे और वो जरूर किसी को मार के जातीं और ये बात तय हो गयी की पायल रेड करने या हमारे पाले में नहीं आ सकती पर पकड़ सकती है ,
लेकिन सबसे बड़ा नुक्सान ये हुआ की हमारी लीड फिर से एक की हो गई, और एक की लीड तो कभी भी
फिर ड्रा होने पर कैसे फैसला होगा ये अम्पायर ही तय करेंगी,
अब नैना के साथ कम्मो और पायल,...
मेरे साथ मिश्राइन भौजी, गुलबिया और चमेलिया,...
Wah muje komaliya se bhi badi umid thi. Ye vala update jyada romanchak tha.कम्मो
बिछ गया जाल
अब नैना के साथ कम्मो और पायल,...
मेरे साथ मिश्राइन भौजी, गुलबिया और चमेलिया,...
पायल हमारे पाले में नहीं आ सकती थी ,... सात मिनट का खेल बचा था लीड सिर्फ एक की ननदें एक बार फिर से बोलने लगी थीं,गेम कभी भी पलट सकता था,
नैना ने कम्मो को भेजा, ... पिछली बार उसने चननिया को मारा था और अबकी वो किसी को भी मारती तो गेम गया,... प्वाइंट बराबर और एक्स्ट्रा टाइम मिलता तो हमारी टीम के सब थक रहे थे,....
बस मैंने चमेलिया और गुलबिया के साथ तय कर लिया इस स्साली कम्मो को न सिर्फ पकड़ना है बल्कि उसकी गाँड़ भी मारनी है,..असल में वो कुँवारी थी तो ऊँगली तो नहीं कर सकते थे पर रगड़ाई जम के होगी , और अबकी मिश्राइन भाभी भी गेम में ,...
मेरी ट्रिक ये थी की अगर वो पकड़ी गयी तो झाड़ने के लिए उसे पांच मिनट , तो बस उसके बाद दो मिनट बचेंगे और वो टाइम हमें सिर्फ बचा लेना होगा।
कम्मो को नैना कुछ समझा रही थी, और इधर से मैं और मिश्राइन भाभी कम्मो को देख रहे थे,
एकदम मस्त माल,... उमर में तो छुटकी के ही आस पास की होगी, ... गोरी छरहरी,... चेहरे पर खूब लुनाई,... लेकिन जान मारते थे उसके छोट छोट जुबना, और वैसे ही कातिल थे छोटे छोटे लौंडा छाप चूतड़,... एकदम टेनिस बॉल के तरह के उभार उसके टॉप को फाड़ रहे थे और मैं बस ये सोच रही थी की नंदों के उभार टॉप के अंदर नहीं बाहर ही अच्छे लगते हैं,...
अभी चलना नहीं शुरू की थी लेकिन लौंडे कई थे जो उसके ऊपर लाइन मार रहे थे,...
और खेल में फुर्तीली गज़ब की, पर अगर हमें जीतना था तो इस कच्ची कली को न सिर्फ पकड़ना होगा, बल्कि पटकना होगा, कपडे फाड़ के उसको झाड़ना भी होगा और उसके साथ साथ बाहर बैठी हर ननद को याद दिला देना होगा की भले भौजाइयों को उनके भाई रोज चोदते होंगे लेकिन आज भौजाइयों का दिन और उन सब ननदों की माँ बहन सब चोदी जाएंगी, चाहे सीधे चाहे जबरदस्ती, एही बगिया में न सिर्फ आज भर और साल भर,...
लेकिन ये सिर्फ हम नहीं बाहर बैठी, भौजाइयां भी जानती थीं की ये सब डिपेंड करता था की कम्मो के आने पर उसका स्वागत कैसे किया जायेगा,
लीड सिर्फ एक प्वाइंट की रह गयी थी, उनकी ओर अभी भी तीन खिलाड़ी थीं और हमारी ओर से सब लोग थक रही थीं, पकडे जाने के पूरे चांसेज थे,... और अगर कहीं लीड ख़तम हो गयी तो,... कुछ भी हो सकता था,...
बस आखिरी खेल था कम्मो को पकड़ने का रगड़ने का,... अगर हम उसे, झाड़ते तो हमें पांच मिनट का टाइम मिल जाता और फिर दो मिनट का ही खेल बचता और लीड दो की हो जाती,...
कम्मो आ रही थी,...
मिश्राइन भाभी थक के कमर पकड़ के बैठ गयीं, हांफ अलग रही थीं,
किसी तरह से मैंने और गुलबिया ने उन्हें पकड़ के उठाया,... कम्मो देख रही थी,... और वो भी जान रही थी की अगर कहीं एक प्वाईंट उसने स्कोर कर लिया तो ननदों की जीत पक्की, और सब लड़कियों में उसका नाम हो जाएगा, जैसा नैना का नाम है , गीता का है वैसे उसका भी,...
अब मिश्राइन भाभी को बचाने के लिए सिर्फ में और गुलबिया थे, छुटकी, जिस के ऐंकल क्लैम्प और थाई होल्ड का कमाल सब ननदें देख चुकी थी और उस से बचती थीं, अब गेम के बाहर हो गयी थी, पिछली बार जब कम्मो ने मिश्राइन भाभी पर हमला करने की कोशिश की थी तो आगे छुटकी थी और कम्मो ने आखिरी मिनट पर चननिया को आउट कर के प्वाइंट स्कोर कर लिया था पर मिश्राइन भाभी के आस पास भी फटक नहीं पायी थी,
पर अब वह ढाल नहीं थी, दूसरे वो जानती थी की मिश्राइन भाभी को आउट कर के न वो सिर्फ एक प्वाइंट स्कोर करेगी , ननद की टीम बराबर पर आ जाएगी बल्कि हम सब की हिम्मत एकदम टूट जायेगी,... और फिर मैच एक बार ननदों की ओर जा सकता है,...
और जो मिश्राइन भाभी बार बार कमर पकड़ रही थीं, वो एक आसान टारगेट दिख रही थीं
चमेलिया दूसरे किनारे पर,
और जैसा मैं सोच रही थी कम्मो ने सीधे मिश्राइन भाभी के ऊपर हाथ मारने की कोशिश की, लेकिन गुलबिया और मैं दीवाल बन के कभी सामने कभी साइड में , ... लेकिन उसकी ताकत फुर्ती थी, जब हम सामने से उसे रोकते तो कम्मो साइड से मिश्राइन भाभी को छूने की कोशिश करती और हम उधर जाते तो चिढ़ाते हुए सामने आ जाती, ...
मिश्राइन भाभी एकदम पीछे की तरफ, उनके पीछे बस चार पांच कदम जगह बची थीं , अगर वो ध्यान नहीं देतीं और गलती से भी लाइन से बाहर हो जातीं तो अपने आप गेम से आउट हो जातीं, ...और हमारी लीड घट के जीरो,... और फिर ननद स्साली पूरी ताकत लगा के,....
कम्मो कन्नी काट के कभी दाएं कभी बाएं,... और हम लोग भी उसे पकड़ने के बजाय बस डिफेन्स में,... हाँ अगर छुटकी होती तो, उसका ऐंकल क्लैम्प और थाई होल्ड दोनों ही जबरदस्त था और अब ननदों की टीम भी ये बात समझ गयी थी,... पर छुटकी के निकाले जाने के बाद हमारा डिफेन्स में स्कोर करना मुश्किल था, बस बचा ले जाए बड़ी बात थी,...
लेकिन तभी मुझी से एक ' गलती ' हो गयी। मैं और गुलबिया दो हाथ की दूरी बना के रख रहे थे जैसे कम्मो पास आती तो हम पास आके अपना हाथ जोड़ के कम्मो को रोक ले रहे थे लेकिन तभी जब कम्मो साइड की ओर बढ़ी बायीं और तो मैं भी उधर,... और मेरे और गुलबिया के बीच जगह बढ़ गयी और उसी के बीच एकदम झुक के कम्मो ने घेरा पार कर लिया
और सीधे मिश्राइन भाभी के पास
लेकिन एक पल के लिए वो घबरा गयी जब मिश्राइन भौजी बजाय पीछे हटने के सीधे उसकी ओर और उसके ऊपर गिर पड़ीं, अच्छा खासा वजन उनका दूसरा होता तो उनके नीचे दब जाता पर गिरने के पहले कम्मो सम्हली और मुड़ के वापस,... उसका काम हो गया था मिश्राइन भौजी 'टच ' हो गयी थीं,... लेकिन अबतक मैं और गुलबिया दोनों हाथ से उसे रोकने के लिए तैयार थे,... मिश्राइन भाभी की देह का पूरा जोर लगने से वो अभी सम्हल नहीं पायी थी,... वो झुक के नीचे से निकलने की कोशिश करती तो हम दोनों भी झुक जाते,...
लेकिन कम्मो थी बड़ी ताकत वाली, पल भर के लिए रुकी पर अपनी देह की पूरी ताकत से उसने हम दोनों ने हाथ की जो चेन बनायी थी, उसे अपने साइड से धक्का मार के तोड़ दिया,...
पर उसी समय मैंने अपनी टांग कम्मो की टांग में फँसाई , उसका पूरा ध्यान सिर्फ धक्का देकर बचने में था,...
वो लड़खड़ा गयी,... और उसी समय सामने से आकर चमेलिया ने तेजी से बॉडी टैकल किया। अपनी पूरी देह का जोर लगा के उसे रोक दिया,... गुलबिया भी झुक के बैठ गयी थी और उसने लड़खड़ाती कम्मो की दायीं टांग कस के पकड़ ली,... बायीं टांग मेरे हिस्से में आयी और हम दोनों ने घसीट के घिर्रा के , उसे लाइन से एकदम दूर , ...
मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान रोकी,
मान गयी मैं मिश्राइन भौजी को, उनका थक के बैठ जाना, हम दो लोगों के सहारे से मुश्किल से उठना,... उनके इशारे पे मैंने गुलबिया को कम्मो को पल भर के लिए रस्ता दिया और जिस तरह वो कम्मो के ऊपर भहरायीं,... सब कुछ उन्ही का नाटक था, उनका बिछाया हुआ जाल और कम्मो फंस गयी,...
अब तो बस निचोड़ना बचा था।
वो तड़फड़ा रही थी उठने की कोशिश कर रही थी,... हम लोगों ने दोनों पैर पकड़ रखे थे तो वो दोनों हाथ के जोर से जमीन पर पुश कर पलटने की कोशिश कर रही थी, किसी तरह चमेलिया कम्मो के कंधो को दबोच कर रोके थी
Bas isi ka intjar tha. Superb. Maza aa gaya. Ragadi to gai. Nandiya to ragadvane ke lie hi hoti he.ननदिया पकड़ी गयी, रगड़ी गयी
वो लड़खड़ा गयी,... और उसी समय सामने से आकर चमेलिया ने तेजी से बॉडी टैकल किया। अपनी पूरी देह का जोर लगा के उसे रोक दिया,... गुलबिया भी झुक के बैठ गयी थी और उसने लड़खड़ाती कम्मो की दायीं टांग कस के पकड़ ली,... बायीं टांग मेरे हिस्से में आयी और हम दोनों ने घसीट के घिर्रा के , उसे लाइन से एकदम दूर , ...
मैंने बड़ी मुश्किल से अपनी मुस्कान रोकी, मान गयी मैं मिश्राइन भौजी को, उनका थक के बैठ जाना, हम दो लोगों के सहारे से मुश्किल से उठना,... उनके इशारे पे मैंने गुलबिया को कम्मो को पल भर के लिए रस्ता दिया और जिस तरह वो कम्मो के ऊपर भहरायीं,... सब कुछ उन्ही का नाटक था, उनका बिछाया हुआ जाल और कम्मो फंस गयी,... अब तो बस निचोड़ना बचा था।
वो तड़फड़ा रही थी उठने की कोशिश कर रही थी,... हम लोगों ने दोनों पैर पकड़ रखे थे तो वो दोनों हाथ के जोर से जमीन पर पुश कर पलटने की कोशिश कर रही थी, किसी तरह चमेलिया कम्मो के कंधो को दबोच कर रोके थे,...
बाहर से भाभियों का शोर आकाश गूँज रहा था, ...
कपडे फाड़ स्साली के, नंगा कर,... अरे आज सब ननदें नंगी नचायी जाएंगी
और ननदें भी कम्मो की हिम्मत बढ़ा रही थीं, कम्मो कम्मो चिल्ला के,...
किसी भाभी ने ननदों को ललकारा, रोज हमरे देवर, साजन के सामने कपडे उतारती हो आज हम लोगों के सामने,...
तो दूसरी बोली,... अरे हम उतारेंगे नहीं फाड़ेंगे,...
मैच में डेडलॉक था, अगर मैं और गुलबिया कपडे फाड़ना शुरू करते, एक भी टांग छोड़ते ही वो तुरंत उसे दूसरी टांग पे चढ़ा लेती और उसकी चुनमुनिया में सेंध लगाना मुश्किल हो जाता,...
लेकिन मिश्राइन भाभी थी न , उन्होंने कुछ चमेलिया को इशारा किया, चमेलिया ने एक हाथ से कम्मो के नथुनों को दबा दिया पूरी ताकत से,.. कम्मो ने चिरैया की चोंच की तरह मुंह खोल दिया
मिश्राइन भौजी ने अपना पेटीकोट ( साड़ी वो पहले ही उतार चुकी थीं ) कमर तक किया अपने दोनों बड़े बड़े चूतड़ों को फैलाया और अपना पिछवाड़े का छेद सीधे कम्मो के खुले मुंह पे और अपनी दोनों टाँगे कम्मो के दोनों हाथों पर, साथ में अपने हाथ से उन्होंने कम्मो की हथेली पकड़ के दबा दी,... और कम्मो से बोला,...
" सीधे से लेटी रह,... नहीं तो कुछ खाये पिए के मन हो तो बोल,... जरा सा भी हिली न तो मेरे पेट से तोहरे मुंह में,... "और कम्मो जानती थी मिश्राइन भाभी सिर्फ बोल नहीं रही हैं कर भी सकती हैं,...
मिश्राइन भाभी का वजन भी था, अनुभव भी पकड़ भी,... कम्मो ने देह ढीली छोड़ी तो बस चमेलिया ने सीधे कम्मो के टॉप में हाथ डाल के,... चरररर
मेरा हाथ भी कम्मो की शार्ट के अंदर, लेकिन मैं हाल चाल ले रही थी, एकदम मक्खन मलाई, खूब चिक्क्न, झांटे बस दो चार,... वो भी खूब मुलायम दूब की तरह,...
उसकी दोनों टाँगे गुलबिया के दोनों हाथों में और मैं उसकी खुली टांगों के बीच बैठी थी जिससे वो चाह के भी टांग न सिकोड़ सके
कम्मो तड़फड़ा रही थी, अभी भी छूटने की कोशिश कर रही थी, दोनों पैर पटक रही थी, कमर उचका रही थी, चूतड़ों के जोर से ऊपर उचकने की कोशिश कर रही थी, ... पर हम चार लोगों का दबाव और सबसे बढ़ के जिस तरह मिश्राइन भौजी का पूरा वजन, उसके चेहरे और कंधो पर पड़ा था, जिस तरह से वो अपना खुला पिछवाड़ा उसके खुले मुंह पे रगड़ रही थीं और धमका रही थी,
स्साली मुंह बंद करने की सोचना भी मत नाक फिर से बंद कर दूंगी,...
पर वो जोर पूरा लगा रही थी, मैं मिश्राइन भौजी को देख के मुस्करायी और वो भी,... हम दोनों समझ रहे थे, जितना जोर लगाना हो लगा ले , उतनी जल्दी थक जायेगी , फिर हम लोगों का खेला शुरू होगा,...
चमेलिया ने जैसे ही टॉप फाड् के कम्मो का भौजाइयों की ओर फेंका खूब जोर का हल्ला हुआ,
बहुत ही मस्त गोरे गुलाबी उभार, बस अभी उभर ही रहे थे बीच में ललछौंहा निपल,... लौंडो का हाथ कौन कहे अभी तक लगता है ठीक से सूर्य की किरण भी नहीं पड़ी थी उन पर,....
मेरा हाथ कम्मो की दोनों जाँघों के बीच उसकी चुनमुनिया को कभी सहलाता कभी कस के दबोच लेता तो वो सिहर जाती अपने आप उसकी जाँघे सिकुड़ने की कोशिश करती लेकिन मेरी दोनों टाँगे उसकी दोनों फैली जाँघों के बीच,...
" अरे तनी ननद की बुलबुल को हवा पानी देखावा,... " दोनों टाँगे पकड़े गुलबिया ने मुझे उकसाया,... बस
चरर चरर
दोनों हाथ डाल के शार्ट मैंने आराम से फाड़ी और फिर बाहर बैठी अपनी जेठानियों की ओर,... और जरा सा पीछे सरक के जैसे बाहर बैठी भौजाइयां भी कम्मो रानी की बुर का हाल खुलासा देख सकें नजारा ले सकें,...मैं और चमेलिया थोड़ा साइड में हो गए थे जिससे बाहर बैठी सब भौजाई लोग भी कम्मो ननद की बिन फटी कुँवारी चूत का दर्शन कर लें
झाड़ स्साली को,... मिश्राइन भाभी ने मुझे याद दिलाया, लेकिन ऊँगली तो कर नहीं सकती थी इसलिए बस उँगलियों और अंगूठे से दोनों फांको को पकड़ के बस मैं रगड़ रही थी कम्मो की चूत को, कभी पूरी ताकत से एकदम चिपकी फांको को अलग करती, कभी सटा के रगड़ाती, बस आज रात सटी रहेंगी ये फांके कल तो फटनी ही है और सब भौजाइयों के सामने,...
और सब ननदें भौजाइयां बाहर बैठी देख रही थीं,..
लेकिन मिश्राइन भाभी की आंखे,...
ननदें अब समझ गयी थीं क्या होना,... और एक दो छिप के पर मिश्राइन भाभी की आँख
वहीँ से डपटी,... : हे जमुनवा बो,... अरे देख पप्पुवा क बहिनिया, छिप छिप के भागत हो,... अरे उहे बँसवाड़ी के पीछे , हाँ अब घेर्रा के ले आवा, ... हे मुन्ना क माई , अरे गिन लो कितनी ब्याहता ननद हैं कितनी कुँवारी कितनी की फ़ट गयी है कितनी बारी कुँवारी कच्ची,..एक्को बचनी नहीं चाहिए "
मैं कम्मो की चूत मसल रही थी वो गीली भी हो रही थी मस्ती से आँखे बंद हो गयी थीं सिसकियाँ चालू हो गयी थीं
चमेलिया ने भी दोनों जुबना का रस लेना शुरू कर दिया था,
कम्मो की हालत ख़राब थी,...
बाहर बैठी भौजाइयां भी,... अब उन्होंने चारो ओर से ननदों को घेर लिया था , आलमोस्ट बराबर थीं एक के साथ एक,...
लेकिन एक हिम्मती ननद बोली, अरे पहले नयको भौजी कम्मो को झाड़ दें
और मुझे भी लगा की टाइम लग रहा है तो मैंने भी मिश्राइन भाभी की तरह पेटीकोट कमर पे और अब कम्मो ननदिया की चूत पर मैं अपनी चूत जोर जोर से रगड़ रही थी, .... क्या कोई मरद चोदेगा,... और उसे चिढ़ा भी रही थी
तोहरे भाई की जगह भौजाई ही मजा ले ले रही है पहले, ...
और इस बात को सुन के मेरी एक जेठानी ने अपनी सब देवरानियों को ललकारा,...
" अरे सुन सब अपने अपने मयके में नेवता भेजवाय दा ,... नरसों से जेतना सगा रिश्तेदारी के भाई है सबकी दावत यह गाँव का ननद लोग,.. अरे अपने भाइयों से तो खूब चुदवाती है खेताडी बँसवाड़ी में , अब हम लोगन क भाई लोगन का नंबर है ,"
लेकिन सास का जो अम्पायर का पैनल था जिन्होंने हम लोगों के खिलाफ फैसला सुनाया था अपनी घड़ी दिखा के बोला , बस सवा मिनट बचे हैं अगर इतनी देर में कम्मो नहीं झड़ी तो,...
और जीत के इतना नजदीक आके मैं सोच भी नहीं सकती थी
बस अब मैं उठ गयी और कम्मो ननद की बुर कस के चूसना शुरू कर दिया और असर भी तेज हुआ,... कम्मो जोर जोर से चूतड़ पटक रही थी पिघल रही थी सिसक रही थी,
अब मिश्राइन भाभी भी उसके ऊपर से उठ गयी थीं,...
लेकिन वो बाहर से टाइम काउंट कर रही थीं
४० सेकेण्ड ,... ३० सेकेण्ड ,...
बस मैंने कम्मो की क्लिट मुंह में ली और जोर से चूसना शुरू किया, हाथ की उंगलिया फांके भी रगड़ रही थीं
गुलबिया और चमेलिया दोनों कस के निप रगड़ रही थीं, चूस रही थीं तिहरा हमला मेरा, गुलबिया और चमेलिया का साथ साथ,
२५ सेकेण्ड
अब अम्पायर का पैनल कम्मो के सर के पास,... और कम्मो ने झड़ना शुरू कर दिया,... जैसे ज्वालमुखी फूट गया हो , मशीन की तरह उसके चूतड़ उछल रहे थे, पूरी चूत गीली हो गयी थी
२० सेकेण्ड
लेकिन मैंने चूसना जारी रखा, और अभी कभी जीभ से क्लिट फ्लिक करती कभी होंठों से चूसती , और दूसरी लहर कम्मो की देह में वो दुबारा झड़ रही थी,...
बाहर भौजाइयां पागल हो रही थीं,...
१५ सेकेण्ड - अब मेरी सास जो अम्पायर पैनल की मुखिया थीं बोलीं ,... अरे हो गया,... लेकिन मैंने उन मेंबर की ओर देखा जिन्होंने छुटकी का फाउल माना था और अब वो भी मान गयी , हाँ कम्मो झड़ गयी ,
५ सेकेण्ड - कम्मो तीसरी बार झड़ रही थी अब वो थेथर हो गयी थी हिल नहीं पा रही थी , तो मेरी सास ने मुझे पकड़ के उठाया- हो गया छोड़ दे
हम लोगों ने मिल के कम्मो को उठाया और मैंने उसे प्यार से गले लगा के होंठों पर चूम लिया और बोली , मान गए ननद रानी तुमको बहुत दम है
वो भी मुस्करा के बोली, पर भौजी तोहसे कम,... और उसने भी मुझे कस के गले से लगा लिया।
और बाहर। जहाँ गेम से आउट हुयी बाकी आठ ननदें बैठी थीं,...
अब ढाई मिनट बचे थे। यानी हमारी ओर से किसी एक को जाना था.