Lakshmanain
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कोमल जी आपका यह पोस्ट बहुत शानदार था कोमल जी आपसे कुछ कहना था वह और टीचर ही क्या जो 200 स्टूडेंट को पढ़ा ना सके वह मूवी में के हीरो ही क्या जो 100 200 गुंडो को मार ना सके इस कहानी का हीरो ही क्या जो 5 6 ननंद को को 6 7 भोजाइयों को गभिन्न ना कर सके वह हीरो ही क्या जो तुम्हारे सास के ऊपर चचिया सास के ऊपर बुआ के ऊपर मौसी ऊपर मामी के ऊपर ना चढ़ सके वह हीरो किस काम का मेरी बात तो समझ ही गई होगी कोमल जी मैं क्या कहना चाहता हूं हीरो का क्या रोल रहेगा जानने के लिए इच्छुक हैं हम हीरो के बारे में ऐसा कुछ लिखो कोमल मैं शुरू से लेकर अंत तक हीरो का दबदबा बना रहे हीरो जैसा फिलिंग आना चाहिए मेरी बात पर थोड़ा गौर करना आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कमेंट जरुर करके बताना आपका राय क्या है आपका लाइक कमेंट दोनों कर दे रहा हूं आपका बहुत-बहुत धन्यवादअसीस
कोमल मैं आपकी हर एक कहानी में पड़ा हूं लेकिन पूरा नहीं पड़ा हूं इसलिए कि उसमें हीरो को रोल देखकर गढ़वा जैसा लगता है जैसे अभी जोरू का गुलाम पकड़ लो आपकी कहानी उसका पढ़ने के बाद फीलिंग क्या आती है पता है कोमल मैं आपको कोई मांस खाकर हड्डी फेंक दीजिए कोई कुत्ता खाए कुत्ते वाली फीलिंग आती है किस लिए कुत्ते वाली फीलिंग आती है वह भी बता दे रहा हूं मतलब किसी को भोगने के बाद तब जाकर झूठा हीरो को मिलता है खाने के लिए यह हुआ कुत्ते वाली फीलिंग दूसरा उसे कहानी में गढ़वा बोल-बोल के सचमुच में एकदम गढ़वा ही बना दी हो इसलिए गढ़वा लगता है कि जो हीरो दूसरे को गांड मारना चाहिए उसकी गांड दूसरे से खुद मरवा दे रही हो आप इसलिए गढ़वा लगता है तीसरा मां बहन भौजाई बीवी का जैसे दलाल लगता है दलाल कैसे लगता है मैं बताता हूं भोजी कोठी पर बहन जिले की रंडी बीवी दूसरे से छुड़वाने में बेस्ट इसलिए दलाल लगता है हीरो वाली फीलिंग किधर आती है इससे अच्छा होता कि वह जो बेचारा कंपनी में कम कर रहा है कंपनी छुड़वा दो यार जब घर में चार रंडियां कमाने वाली हो हीरो को कमाने की जरूरत क्या है जो फ्री में कर रही हैं वही पैसा लेकर करें हीरो को भी आराम मिले पूरा दलाल लगता है हीरो किधर लगता है यह उसे कहानी पढ़ने के बाद यही फीलिंग आती है सिर्फ इस पर आपका क्या कहना है कमेंट करके जरूर बताना बहुत-बहुत धन्यवाद यह जो दो पोस्ट की हो जोरू को गुलाम में बहुत शानदार था हीरो के बारे में ऐसा कुछ लिखो कोमल मैं की जो शुरू से लेकर अंत तक हीरो को दबदबा बना रहे हीरो जैसे फीलिंग आना चाहिए बस आपसे यही कहना था लाइक कमेंट कर दिया हूं बहुत-बहुत धन्यवादऔर,....
Gazab update, nanadon ko hukamname se bandh dia hai. ab to unko bhabhi o ki baat man ni padegi. Aur sab nanadon ko ashish bhi Holika mai se ajib dhang se balki reeti rivaj se mili hai, lekin ek bhabhi ko bhi kuchh special ashish mili hai. Very deep meaning historical update.I read it after taking tea to understand it.अपडेट पोस्टेड
प्लीज पढ़िए, लाइक करिये, इंज्वाय करिये
लेकिन, लेकिन,... कमेंट भी जरूर करिये
यह पोस्ट कुछ अलग सी है धीमी आँच वाली, रुक रुक के पढ़ने वाली,... इसलिए जरूर बताएं कैसी लगी
Kahani to badi gambhir ho gyi. Kantara movie ki tarahअसीस
और उन्होंने मेरी सास की ओर देखा,... मेरी सास गाँव की सबसे बड़ी औरतों में थीं और उन्हें सब रीत रिवाज अच्छी तरह न सिर्फ मालूम थे बल्कि उनमें उन्हें विश्वास भी था, वो उठी और कुछ लड़कियों की ओर इशारा किया,... ये वह लड़कियां थीं जो पिछली होली के बाद रजस्वला हुयी थीं और उनका कामछिद्र अभी अक्षुण था,... पांच ननदें, उभार भी बस आ रहे थे, ... सिर्फ अपनी देह को धारण किये,... एक एक करके,
उन्होंने बहुत दुलार से पहली लड़की को अपनी बायीं जांघ पर बिठाया, अपनी बाएं हाथ की तर्जनी को अपनी योनि के अंदर पूरी तरह घुमाया थोड़ी देर तक,... और उसी योनि रस से डूबी ऊँगली में, चांदनी में चाशनी चमक रही थी,...
मैं साँस बांधे देख रही थी,... उसी ऊँगली से उन्होंने उस कुँवारी कन्या के योनि के चारों ओर एक त्रिकोण की तरह बनाया,... फिर अपनी जांघ पे लगी होलिका की राख को उसकी कोख पे कुछ मसल दिया और बाकी उसके बस आ रहे उरोजों पर होली की राख लगा कर मसल दिया,,...
बिना बोले हम सब देख रहे थे और मैं धीरे धीरे होलिका देवी का आशीष समझ रही थी, योनि पर त्रिकोण, मतलब अब वो पूरी तरह सुरक्षित है कोई रोग दोष अवांछित गर्भ कुछ नहीं होगा,... और कोख पर आशीष तो सबसे बड़ा, वो उर्वरा होगी, जब चाहे तब,... और जोबन पर होली की राख लग गयी तो अब अगली होली जलने तक उसके जोबन पूरी तरह गद्दर,
एक बात मेरी समझ में तुरंत नहीं आयी लेकिन थोड़ी देर में ही आ गयी, जो योनि में चूत रस से सिक्त की थी उँगलियाँ,... होलिका हम लोग प्रह्लाद, होलिका और हिरण्यकश्यप के तौर पर मनाते हैं, होलिका, प्रहलाद की बूआ,... लेकिन एक और रूप है इस कथा का होली से जोड़ कर, होलिका दहन से जुडी, उसी दिन कामदेव शिव के तीसरी नेत्र से भस्म हुए थे, लेकिन रति के प्रलाप से महादेव ने यह आशीष जरूर दिया की कामदेव को अब शरीर तो नहीं मिल सकता क्योंकि वो भस्म हो चुके हैं,... लेकिन दो बातें जरूर होंगी, अनंग रूप में बिना अंग के और मन्मथ के रूप में सबके मन में रहेंगे, और तो होलिका देवी रति के रूप में भी देखी जाती हैं और भस्म भी काम देव के देह की,... तो जो रति रूपी हो उसके योनिकुंड का स्त्राव जिसके योनि पर लग जाए, ... उसका आकर्षण बढ़ेगा, उसके योनि के जाल में वो जिसे चाहे उसे,... और सौंदर्य की कोई कमी नहीं होगी,...
उस कुछ दिन पहले रजस्वला हुयी लड़की को उन्होंने अपने बाएं अपनी तरह सिद्धासन में बैठा दिया पर इस तरह की उसके योनि ओष्ठ पूरी तरह खुले और बस आ रहे उरोज एकदम तने,... लड़की होने का, जोबन आने का, योनि के परिपक्व होने का गर्व होना चाहिए उसमें शर्म क्या, वह धात्री है, सृष्टि की वाहिका है।
एक एक कर के सद्य रजस्वला कन्याएं तीन उनके बाएं दो दाएं, और सब को उन्होंने उसी तरह आशीषा,...
कुछ भौजाइयों में खुसफुस, कुछ इन्तजार हो रहा था बियहिता ननदों के बीच भी, मुझे बाद में समझ में आया,...
रजस्वला ननदों के बाद बियाहिता का नंबर आया,... सब लोग अब एकटक देख रहे थे, ... किसपर कृपा बरसेगी,...
और उन्होंने सबसे पहले मेरी ननद को बुलाया, सर पर हाथ फेरा फिर कोख पर,... मेरी सास खूब खुश,... और अब ननद को उन्होंने इशारा किया की वो अपनी जाँघे अच्छी तरह फैला के खड़ी हो जाएँ,... सबकी तरह मेरी निगाह भी ननद की खुली चिकनी मांसल जाँघों के बीच फूले हुए भगोष्ठों पर थी,...
उन्होंने उसे बस छुआ था की मेरी ननद गीली हो गयीं, योनि से हल्का स्त्राव निकलने लगा,... और उन्होंने होलिका की वो अधजली लकड़ी,... सीधे ननद की खुली गीली बुर में पेल दिया, ननद ने किसी तरह सिसकी रोकी,... पूरे चार पांच अंगुल तक, ननद की जाँघे और फ़ैल गयीं, बुर सिकुड़ने फैलने लगी,...
फिर उन्होंने अपनी गोद में गिरे आम के बौरों को उठाया, थोड़ा सा मसला और मेरी ननद की कोख पर मसल दिया,... और साथ में दाएं हाथ को खोल के पांच उँगलियाँ दिखायीं,...
वैसे तो कोई बोलता नहीं था लेकिन मेरी सास के मुंह से हलके से निकल गया महीना,.. तो उन्होंने सर हिला के मना कर दिया और कुछ इशारा किया जो मेरी सास समझ गयीं और झुकी निगाह से पूछा
" दिन ? "
और अबकी मुस्करा के उन्होंने हां में सर हिलाया, थोड़ा सा होली की राख निकाल के ननद की कोख पे और कुछ उनके जोबन पर मला और फिर प्यार से उनके गाल पर हाथ फेरा,
अब मैं समझ गयी, पूरी बात ,... मेरी ननद पांच दिन के अंदर गाभिन होंगी, उनकी कोख पर देवी की कृपा होगी देवी रक्षा करेंगी, और जोबन से दूध बहेगा,... चेहरे पर हाथ फेरने का मतलब, की होगी उनकी तरह सुन्दर गोरी मस्त लड़की,... मेरी ननद की शादी के तीन साल हो गए थे, अब मेरी सास भी नानी और ननद की सास दादी बनने का इन्तजार कर रहे थीं।
और ये मुझे मालूम था ये बातें जो अभी हो रही हैं चंद्र टरे सूरज टरे तब भी नहीं टलने वाली हैं.
अगला नंबर मोहिनी भाभी का लगा, और दो महीने का इशारा मिला, फिर एक और मेरी जेठानी थीं चार साल से ऊपर होगया लेकिन अभी भी कोख हरी नहीं हुयी दो बार गर्भपात हो गया था, डाकटर हकीम को दिखाया,... चार महीने का आशीष मिला और उनकी कोख पे बहुत देर उन्होंने आम का बौर और भभूत मला, कोई रोग दोष हो,.... कोई बुरी नजर हो किसी का साया हो तो ये उससे रक्षा करेगा,... वो बहुत खुश,..
फिर उन्होंने मेरी दो ब्याहता ननदों को भी बुलाया जिनका अभी गौना भी नहीं हुआ था, ढाई - तीन महीने में जेठ में साइत निकली थी , नीलू और लीला,... दोनों को उन्होंने आशीष दिया और इशारा किया तीन महीने,
गुलबिया मुझे देख कर मुस्करायी,... मैं समझ गयी, तीन महीने का मतलब तीन महीने नहीं तीन महीने के अंदर, ... तो गौने की रात भी गाभिन हो सकती हैं दोनों या गौने के पहले ही,...
बहुत बहुत धन्यवाद, पहली लाइक और पहले कमेंट के लिए,अलग तो है लेकिन बहुत अलग नहीं लगी। ऐसी ही स्थिति आपकी एक और कहानी में भी वर्णित है लेकिन अधूरी सी (अनुज और गुड्डो)।
उसके बाद कहानी वहीं रुक गई, मुझ जैसे पाठकों ने आपसे उसे आगे बड़ाने का आग्रह भी किया था।
आपने यहां तो सच में बांध सा दिया, एक तांत्रिक सम्मोहन जैसा महसूस हुआ।
आपका जवाब नहीं कोमल मैम।
सादर
Thanks so much for visitng the thread and posting your comments. bane rahiye kahani ke saathA good build up for the next upcoming episode, good work . Really excited for the upcoming mayhem in the village, please post it ASAP.
Bahut shandar update hai Kumar mam joru ka gulam Jo kahani hai comment box Mera kholo to like comment kaise karunga usmein Bhala Jo ek do bhag badhiya lag Raha hai uska Hi like comment de dun kholna hai to kholo Jo comment kiya tha uska jawab achcha kharab kuchh to bolati aapहुकुमनामा
बात आपकी एकदम सही है मेरी अगली कहानी भले छोटी हो कोशिश करुँगी एकदम ऐसे ही हो,कोमल जी आपका यह पोस्ट बहुत शानदार था कोमल जी आपसे कुछ कहना था वह और टीचर ही क्या जो 200 स्टूडेंट को पढ़ा ना सके वह मूवी में के हीरो ही क्या जो 100 200 गुंडो को मार ना सके इस कहानी का हीरो ही क्या जो 5 6 ननंद को को 6 7 भोजाइयों को गभिन्न ना कर सके वह हीरो ही क्या जो तुम्हारे सास के ऊपर चचिया सास के ऊपर बुआ के ऊपर मौसी ऊपर मामी के ऊपर ना चढ़ सके वह हीरो किस काम का मेरी बात तो समझ ही गई होगी कोमल जी मैं क्या कहना चाहता हूं हीरो का क्या रोल रहेगा जानने के लिए इच्छुक हैं हम हीरो के बारे में ऐसा कुछ लिखो कोमल मैं शुरू से लेकर अंत तक हीरो का दबदबा बना रहे हीरो जैसा फिलिंग आना चाहिए मेरी बात पर थोड़ा गौर करना आपका बहुत-बहुत धन्यवाद कमेंट जरुर करके बताना आपका राय क्या है आपका लाइक कमेंट दोनों कर दे रहा हूं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद