भाग (१५ )
नैना ननदिया
एक ऊँगली में साबुन लगा के मैंने पिछवाड़े वाले छेद में डाल कर अंदर तक साफ़ किया , ...
और पानी से आगे पीछे जहाँ हेयर रिमूविंग क्रीम लगायी थी सब साफ़ , बस मैं नहाना ख़तम ही कर रही थी , की उनकी आवाज सुनाई पड़ी ,... वो नहाने के लिए वेट कर रहे थे
जल्दी से नहाना ख़त्म करके मैं बाहर निकली और ये बाथरूम में ,...
कमरा बंद कर के मैं आराम से तैयार हो रही थी , पहली बार मैंने बिना पेटीकोट के साड़ी पहनी थी , अबकी बार मम्मी ने सिखाई थी , ...कमर में कोई बेल्ट सी लगा के उसमें फंसा सकते हैं या साड़ी की नॉट लगा के फंसा सकते हैं ,... मैंने वही किया ,
असल में मुझे एक फायदा था , मेरी २६ की कमर पर मेरे हिप्स ३६ + थे , ... और कूल्हे भी एकदम बोनी ,
साड़ी भी मैं नाभी के चार पांच इंच नीचे ही बांधती थी , ... एकदम कूल्हे पर ,... और गहरी नाभि में ही दो चार देवर फंस जाते थे ,
लाल रंग की बैकलेस चोली , सिर्फ एक डोरी के सहारे जो बंधी रहती है ,
और चोली भी ऐसी की मेरे दोनों उभारों से एकदम चिपकी , उन्हें और उभार के रखती थी , ... और आंचल भी मैं ऐसा लेती थी की थोड़ा छुपाओ , ज्यादा दिखाओ ,.. ख़ास तौर से जहाँ देवर नन्दोई का मामला हो ,...
एक उभार तो खुल के और क्लीवेज भी , और दूसरा आधा छिपा , ...
झुक के मैंने आलता की शीशी खोली और खूब चौड़ा महावर , ... पैरों में ,
हर ऊँगली में घुंघरू वाले बिछुए और चार अंगुल , हजार घँघुरु वाली खूब चौड़ी चांदी की पाजेब ,... दूर से पता चल जाए नयकी भौजी आ रही हैं , ...
मांग में खूब चौड़ा सा सिन्दूर , बड़ी सी बिंदी और मंगलसूत्र ऐसा की सीधे मेरे दोनों उभारों के बीच , उस गहराई तक किसी की नजर न पहुंचने वाली हो तो भी पहुँच जाए
मैंने देखा की कुंवारे लड़के शादी शुदा , ख़ास तौर से नयी ब्याहता पर ज्यादा लहालोट होते हैं , एक तो उन्हें लगता है की ' उन्हें एक्सपीरिएंस है ' और दूसरी उससे भी ज्यादा बड़ी बात , किसी की खाली कुर्सी पर बैठने का मज़ा और ही है , इसलिए सुहाग के जितने निशान हैं , सिन्दूर , बिछुए , मंगलसूत्र , सब और उनका जोश ,... अपने नाखूनों में लाल नेलपॉलिश लगाते मैं सोच रही थी ,
कुहनी तक चूड़ियां , फिर गाढ़ी लिपस्टिक ,
काजल और आइब्रो ,...घर में भी मैं सोलहों सिंगार कर के रहती थी , एक तो का पता कब कोई नया सिकार दिख जाए और नैनो के बान चलाने पड़ें, फिर मेरी सासू का भी यही हुकुम था, और उन्हें तो अच्छा लगता ही था, कौन मरद होगा जिसको लिपस्टिक का सुवाद सब मिठाइयों से ज्यादा अच्छा न लगे
जब मैं बाहर निकली तो एक बाथ रूम में ये नहा रहे थे और बगल वाले में सासू जी थीं , खुद छुटकी को नहला रही थीं , मेरी मंझली ननद किचेन में थी और नन्दोई जी ननद के साथ एक राउंड के बाद सो रहे थे ,
तभी मुझे नैना दिखी , और मैंने पहले तो दर्जन भर गालियां , उसे उसकी माँ बहन सब को ,... असली वाली , और फिर रोकते हुए पूछा
" ननद रानी सवारी किधर जा रही है , मेरे किस देवर को जोबन दान करना है " और ये कह के उसे अँकवार में भर लिया फिर हड़काया ,
" तुम तो बोली थी खाना खा के , फिर कहाँ ,... "
नैना सच में मेरी असली ननद थी , एकदम मेरे ऐसी , हंसती खिलखिलाती पहले तो मेरे गालों को चूमा और बोली
" अरे अइसन मीठ मीठ भौजी के छोड़ के कौन जाता , लेकिन जो हमारे सासुर वाले हैं ,... न उन ससुरों को कभो चैन नहीं , वहीँ से ,... और माँ बोली भी की मैं जाउंगी थोड़ी देर में लेकिन सूंघते सूँघते , स्साला बहनचोद , अपने बहन का भंडुआ , यहाँ ,... "
मैं जो बात डर रही थी , वो मेरे मुंह से निकल गयी ,
" अरे ससुरे से कउनो अनवार तो नहीं आया है , कही तुमको ससुराल ले जाने तो नहीं आया है ,... "
वो जोर से हंसी और अबकी कस के अपने उभारों को मेरे उभार से रगड़ती बोली ,
" इतने दिन बाद तो भौजी आप से मुलाकात हुयी है , जेठ से पहले नहीं , ... बल्कि सावन में आप के संग झूला झूल के जाउंगी ,... अरे मेरी सास को कहीं जाना था , अपने मायके ,... घर में कोई है नहीं तो इस आदमी से चाभी भिजवाई है , मेरे पास , और कुछ नहीं ,... बस इस के साथ जाउंगी और शाम को फिर ,... "
मेरी सांस में सांस आयी। मैंने हँसते हुए उसका गाल काट लिया और बोली ,
" मैं समझी की ननद रानी अपने भाइयों के साथ ,... आखिर बेचारे पुराने यार हैं , फिर नए भी तैयार हो गए होंगे ,... "
" अरे नहीं भाभी ,... आप भी न अरे अब सब आप के देवर , अपनी भौजी का इन्तजार कर रहे हैं और आप होली में चली गयीं मायके के यारों से चुदवाने "
" अरे मेरी ननद थी न अपने भाइयों से चुदवाने के लिए ,... " मैं भी अब उसी के लेवल पर आ गयी ,
" अरे भौजी , दर्जन भर से ऊपर आपके देवर सांडे का तेल लगा के मुठिया रहे हैं , कहिये तो मैं नाम गिना दूँ ,... " नैना बोली
और पहला नाम ही उसने जो बोला ,
चंदू ,... मेरे सामने उसकी तस्वीर घूम गयी। चंदू चोदू,
साड़ी भी मैं नाभी के चार पांच इंच नीचे ही बांधती थी , ... एकदम कूल्हे पर ,... और गहरी नाभि में ही दो चार देवर फंस जाते थे ,
लाल रंग की बैकलेस चोली , सिर्फ एक डोरी के सहारे जो बंधी रहती है ,
Uffff kya nigodi jawani hai