Kattu5464
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Haaa hamari good morning to aap karva hi deti ho aapka jitna dhanywaad karu utna Kam h bus aap hamara sath mat chhodnaare issse acchi Good Morning kya hogi,..
Haaa hamari good morning to aap karva hi deti ho aapka jitna dhanywaad karu utna Kam h bus aap hamara sath mat chhodnaare issse acchi Good Morning kya hogi,..
sure aap jaise frnds ke comments aate rahen himmat bani rahegi posts aati rahengiHaaa hamari good morning to aap karva hi deti ho aapka jitna dhanywaad karu utna Kam h bus aap hamara sath mat chhodna
Thanks so much, lekin aapke comments ke liye shiidat ka intezzar karana padata hai, ek sher yaad aayaNice Update Komal
Dono bahanon ne badi masti kar liya gadi main ab dekhte hai ek ghante main kya kya karti hai kya didi chhotki ki gand marwa deti hai ki nahi
bahooooooooooooooot bahoooooooooooooooooot ThanksssssssssAap itne shnaadr tarike se deti h ki.... land khada rakh k aapka aane ka intjaar karte hai.....
Kasam se maja aa gya bhabhi ji
Thanks to mujhe dene chaahiye,... aap time nikal ke aate hain comments dete hainHum aapke Saath Hai jaha tak aap bolo waha tak hum sath denge aapka hame itna maja diya h aapne uske liye thank you soo soo much
Super Update Komal jii( भाग ७ )
रेल में धक्क्म पेल
फिर मैंने एक और तकिया उनके चूतड़ के नीचे लगाया ,
छुटकी चूसना छोड़ के देख रही थी मैं क्या कर रही हूँ ,
मैंने इनके दोनों नितम्ब फैला के छुटकी को इनके पिछवाड़े का छेद दिखाया , और उससे कहा इसे फैलाये रहे ,
बस अब मेरी जीभ ने शरारत शुरू कर दी , पहले जीभ गोलकुंडा का चक्कर काटती रही , फिर जीभ की टिप सीधे गोल छेद के अंदर , मैं रीमिंग कर रही थी , चपड़ चपड़ चाट रही थी ,
इनकी रीमिंग करवाने में हालत खराब हो जाती थी , और यही तो मैं चाहती थी ,...
और अब छुटकी भी अपने काम में लग गयी , पिछवाड़े का छेद बड़ी बहन के हिस्से में , और मोटा तन्नाया लंड छोटी बहन के हिस्से में ,...
दो चार मिनट में ही इनकी हालत खराब हो गयी , ...
तभी मैं चौंकी ,...
जो स्टेशन गुजरा था ,... कोई उसका नाम ले रहा था ,... वो हमारे गाँव के पहले का आखिरी बड़ा स्टेशन था यहाँ से एक घंटे पूरा लगता था यानी एक घंटे में हमें उतरना होगा , और तब तक ,...
शाम से इनका मन कर रहा था ,...
मैंने छुटकी को इशारा किया , वो बगल में हट गयी और मैं उनके ऊपर सवार ,
पहले तो मैं चार पांच मिनट उन्हें तड़पाती थी , अपनी चूत इनके सुपाड़े पर रगड़ रगड़ कर लेकिन आज उसका टाइम नहीं था ,...
हाँ जो एक बार इनका सुपाड़ा मेरी चूत ने घोंट लिया तो मेरी शरारते शुरू हो गयीं ,
मैं कस कस के अपनी चूत से इनके सुपाड़े को दबा रही थी , निचोड़ रही थी ,... और मेरे लम्बे नाख़ून इनके निप्स को स्क्रैच कर रहे थे ,
उनके दोनों हाथों को अपने हाथों से कस के दबोच के , उनके ऊपर झुक के मैंने उन्हें चूम लिया और साथ में एक कस के धक्का मारा
क्या कस के धक्का सिर्फ मरद मार सकते हैं ,
एक बार में ही आधा खूंटा मेरे अंदर , और एक बार मैं फिर कस के उसे अपने अंदर भींचने लगी ,
और साथ में छुटकी की ओर इशारा करते हुए उनके कान में फुसफुसा रही थी , इन्होने
उन्हें छोड़ते ही मैंने छुटकी को भी इशारा किया और छुटकी भी अपने जीजू पर , उसकी चूत इनके मुंह पर पर ,
चूत चटोरे तो ये बचपन से ,
अब हम दोनों बहने इनके ऊपर चढ़ीं , ... मैं लंड का मजा ले रही थी , मेरी छोटी बहन की चूत इनके होंठों का
बेचारी मारे दर्द के चुदवा नहीं सकती थी , और उसकी कच्ची कोरी कुँवारी बिनमारी गाँड़ इन्होने मेरे नन्दोई के नाम लिख दी थी , तो यही सही ,
मैंने जोर से छुटकी से बोला
" अरे तेरे जीजू ने बचपन से अपनी भोंसड़ी वाली माँ का भोंसड़ा चूस चूस के प्रैक्टिस की है और मेरी ननद की भी , चुसवा ले कस के "
" एकदम दीदी , अरे बहुत माँ बहन का मजा ले लिया इन्होने अब साली का नंबर है "
और वो भी हम लोगों को देख देख के , उनके मुंह में अपनी कच्ची चूत रगड़ने लगी , ... ये अपने दोनों हाथों से उसकी छोटी छोटी चूँचियों को दबा रहे मसल रहे थे
गाडी अपनी रफ़्तार से चली जा रही थी , बाहर अब अँधेरा थोड़ा कम होने लगा था , अमराई , खेत गाँव अब सुबह के झुटपुटे में हलके हलके दिखने लगे थे
मैंने दो चार धक्के और मारे , और अब लंड एकदम मेरी बच्चेदानी से चिपका , ... मैं हलके से अपने को ऊपर खींचती और फिर जब खाली सुपाड़ा मेरे अंदर रहा जाता तो जैसे सरकते हुए कोई घोंटे , मैं हलके से पुश करते ,
और साथ में रुक रुक के निचोड़ती कस कस के दबोचती भी , ...
बाहर की हलकी फगुनाहट वाली बयार भी आ रही थी , चांदनी हलकी पड़ने लगी थी , आसमान में ललछौंही रौशनी की एकाध रेखा आ रही थी
हम तीनो में सबसे ज्यादा हालत खराब थी छुटकी थी पर मुझे उनकी प्लानिंग का पूरा ध्यान था , छुटकी को एकदम मस्त करना था लेकिन झड़ने नहीं देना था जिससे जब हम गाँव पहुंचे तो वो एकदम मस्तायी गर्मायी रहे ,...
Nice Update Komal jiiरेल में मस्ती
बाहर की हलकी फगुनाहट वाली बयार भी आ रही थी , चांदनी हलकी पड़ने लगी थी , आसमान में ललछौंही रौशनी की एकाध रेखा आ रही थी
हम तीनो में सबसे ज्यादा हालत खराब थी छुटकी थी पर मुझे उनकी प्लानिंग का पूरा ध्यान था , छुटकी को एकदम मस्त करना था लेकिन झड़ने नहीं देना था जिससे जब हम गाँव पहुंचे तो वो एकदम मस्तायी गर्मायी रहे ,...
मैंने आगे बढ़ के छुटकी के कान में कुछ कहा , पहले तो वह झिझकी थोड़ा शरमाई , लेकिन मेरे एक दो बार कहने पर , जोर जबरदस्ती करने पर वो मान गयी , उसने अपने को थोड़ा उठाया
और वो अबकी जो बैठी तो उसके पिछवाड़े का मुंह सीधे इनके मुंह पर , और मैंने उन्हें उकसाया छुटकी से बोल के
" अरे छुटकी मेरी उस भोंसड़ी वाली सास , छिनार रंडी ननद की गाँड़ बहुत बचपन में चाटा है इन्होने , दोनों किसी से मरवाने जाती थी तो इन्ही से चटवा के जाती थी , तेल का खर्चा बचाती थीं , छिनार ,... तो मेरी बहन की क्यों नहीं चाटेंगे ,... एकदम जीभ अंदर तक घुसवा के चटवाओ ,... "
" एकदम दी , " और फिर उनसे बोली
" हाँ चाटो न जीजू , चाटो न ,... "
मुंह तो उनका बंद था साली के पिछवाड़े से लेकिन आँख तो खुली थी , जो उन्होंने तरेर कर देखा तो खिलखिलाते हुए इनकी साली बोली
" अरे जीजू जो अपनी माँ बहन की चाटते थे , गाँड़ , हां ऐसे ही , एकदम कस जीजू मेरी गाँड़ , मजा आ रहा है न साली की गाँड़ चाटने में ,... "
वो सच में कस कस के चाट रहे थे और मैं उन्हें हचक के चोद रही थी , छुटकी को नहीं मालूम था इनके गाँव में पहुंच के क्या होने वाला था
इस कच्ची की कली की गाँड़ मारने के लिए उसकी गाँड़ चाटना क्या, कुछ भी कर सकते थे
पर उसका असर बड़ा खतरनाक पड़ा , दो चार मिनट में ही मारे जोश के ,
गाड़ी नाव पर थी , बाजी पलट गयी थी ,
मैं बर्थ पर लेटी , मेरी दोनों टांगे इनके कंधे पर मेरी जाँघे इनके कंधे पर और ये ,... एकदम तूफ़ान मेल
जैसे धुनिया रुई धुनें , ... मैं चीख रही थी सिसक रही थी , लग रहा था अब बिना झड़े ये नहीं रुकने वाले ,
मैं दो बार झड़ी , लेकिन इनकी रफ़्तार ज़रा भी धीमी नहीं पड़ी , पर जब मुझे लगा की ये भी , ... इनकी देख काँप रही थी ,
अचानक इन्होने मेरी बुर से लंड निकाल लिया और बगल में मेरे साथ लेटी मेरी छोटी बहन
उसने सोचा भी नहीं था , इन्होने उसकी दोनों टाँगे फैलायीं ,.. मैंने जाँघे कस
गचाक ,
Shandaar Update Komal jiiछुटकी ने खायी
रबड़ी मलाई
अचानक इन्होने मेरी बुर से लंड निकाल लिया और बगल में मेरे साथ लेटी मेरी छोटी बहन
उसने सोचा भी नहीं था , इन्होने उसकी दोनों टाँगे फैलायीं ,.. मैंने जाँघे कस
गचाक ,
पूरी ताकत से कमर पकड़ के उन्होंने पेल दिया लेकिन अभी भी बहुत कसी थी उसकी ,
जैसे भोंथरे चाक़ू से कोई किसी नन्हे मेमने की गरदन हलाल करे , ...
दरेरते , रगड़ते , फैलाते
चार पांच धक्के के बाद उनका मोटा सुपाड़ा मेरी छोटी बहन की चूत में धंस गया था ,
अंड़स गया था
मैं समझ रही थी , वो बस झड़ने वाले थे और वो चाहते थे की छुटकी की चूत में ही उनकी मलाई ,...
छुटकी चीख रही थी चिल्ला रही थी चूतड़ कस कस के पटक रही थी ,
इनका सुपाड़ा घुसा हुआ था और उसके आगे इन्होने पेलना बंद कर दिया था , तभी गाडी एक स्टेशन से बिना रुके गुजरी और मेरी निगाह उस स्टेशन पर पड़ी ,
बस मैं चीखी नहीं , अगला स्टेशन हमारा था बस मुश्किल से दस पंद्रह मिनट
मुझे मम्मी की सिखाई एक ट्रिक याद आ गयी अभी कल रात जब ये अपनी सास को चोद रहे थे तो मैंने इस्तेमाल भी की थी ,
मैं इनके पिछवाड़े और
मेरी दो उँगलियाँ एक साथ इनके पिछवाड़े के अंदर ,... पूरी ताकत से , आखिरी पोर तक और मैंने ढूंढ लिया जो मैं ढूंढ रही थी , ये झड़ने के एकदम करीब थे ,....अखरोट के साइज की प्रोस्ट्रेट ग्लैंड, ब्लैडर के ठीक नीचे होती है। और लिंग के जड़ के एकदम पास। वीर्य का स्त्रोत होने के साथ, यह पुरुष के लिए ‘महा आनंद’ का स्रोत भी होती है। जैसे महिलाओं की योनि के अंदर जी प्वाइंट होता है।
उसी तरह प्रोस्ट्रेट के पीछे, पी प्वाइंट होता है, चरम सुख का श्रोत। झड़ते समय जो मजा आता है, उससे भी सौ गुना ज्यादा, और देर तक जैसे रुक-रुक कर बार-बार बादल बरसें बस, वैसे ही। और उस पी प्वाइंट को छूने का, प्रोस्ट्रेट मसाज का सिर्फ एक ही रास्ता है, गुदा के अंदर से।
सिर्फ एक पतली सी त्वचा की झिल्ली, बीच में होती है। हाँ लोकेशन का सही अंदाज रहना जरूरी है, और ये आनंद दे पाने वाली महिलाएं बहुत कम होती हैं पर मैं इनके सास की बेटी , मम्मी ने मुझे अच्छी तरह ट्रेन किया था और अबकी ये होली में जो अपने सास के साथ , बल्कि हम तीनो की काम क्रीड़ा हुयी तो मैं पक्की हो गयी , प्रोस्ट्रेट के लोब्स बहुत संवेदनशील होते हैं।
और, जो महिला ये ' जादू ' जानती है वो , उसे गुदा की दीवाल से छूकर, सहलाकर, दबाकर, रगड़कर तरह-तरहकर आनंद तरंगों की लहर पैदा कर सकती है।
इसके साथ ही गुदा की दीवालों पर भी असंख्य नर्व एंडिंग्स होती है जो मजे का संचार करती है। और साथ में लिंग की जड़ भी वहीं होती है।
तीनों का मिलाजुला आनंद अद्भुत होता है।
शब्दातीत।
और मुझ से बढ़कर मजे देने वाली कौन हो सकती थी।
दो ऊँगली मेरी , उनकी गांड में धंसी थी ठीक प्रोस्ट्रेट के ऊपर , पहले हलके हलके दबाती रही , फिर मैंने अपने नाख़ून से उसे खरोच दिया ,
ज्वालामुखी फूट पड़ा , मेरी छोटी बहन की चूत में , मैं नहीं चाहती थी ये गाढ़ी रबड़ी मलाई की एक भी बूँद उसकी चूत से बाहर जाए , अपने दूसरे हाथ से मैंने उसकी उठी टांगों को कस के पकड़ लिया और उससे बोली
" छुटकी , सब भींच ले , समेट ले अपने जीजू की माल मलाई , ... "
और उसने खुद कस के अपनी चूत को सिकोड़ लिया , टाँगे कस के ऊपर कर ली ,
और अब एक बार फिर से मैंने जोर से उस प्रोस्ट्रेट पर जोर लगाया , कस कस के रगड़ने खुरचने लगी , दोनों उंगलियों को मरोड़ कर चम्मच ऐसा बना कर करोच करोच कर ,
वो एक बार फिर से झड़ने लगे , उनकी देह आपे में नहीं थी , जोर जोर से वो काँप रहे थे , तूफ़ान के पत्ते की तरह , और अपनी साली की कसी बुर में धीरे धीरे कटोरी भर मलाई उन्होंने फिर उगल दी।
मेरी निगाह खिड़की से बाहर पड़ी ,... अरे ये जगह तो मैं पहचानती थी , हमारे गाँव के पास की बाजार ,... इसका मतलब बस अब हम पहुँचने वाले हैं , बस दो चार मिनट और ,... उनके पिछवाड़े से ऊँगली निकाले बिना , दूसरे हाथ से मैंने ऊपर के बर्थ से अपने कपडे खींचे , मेरी साडी , पेटीकोट , छुटकी की फ्राक ,
गाडी अब थोड़ा धीमी होनी शुरू हो गयी थी , ...
उन्होंने अपना मोटा लिंग अपनी साली की बुर से बाहर निकाला लेकिन अभी भी आलमोस्ट कड़ा ही था , ...
लेकिन छुटकी ने मेरी सलाह मान के पहले तो अपनी चूत कस के भींच ली , फिर जाँघे भी जोर से समेट ली , और सीट पर बैठ गयी , उसे भी अंदाज लग गया था हम पहंचने वाले है ,
मुझे एक शैतानी सूझी , मेरी दोनों ऊँगली इनकी गांड में धंसी थीं ही ,
मैंने एक बार फिर प्रोस्ट्रेट को कस के दबा दिया , और नतीजा तुरंत हुआ ,
उनकी पिचकारी का सफेद रंग सारा का सारा छुटकी के चेहरे पर ,...
छुटकी को उन्होंने मुंह साफ़ भी नहीं करने दिया, बस खींच के अपनी गोद में बैठा के, जीजा साली दोनों खिड़की के पास बैठे , और जीजा कभी उसे अपने गाँव की आसपास की चीजें दिखाते कभी कुछ,
एक गाना है भोजपुरी में रेल का , रेल में रात भर , तो बस वही जीजा हों चढ़ती उमरिया वाली स्साली हो तो फिर , इंजिन तो फुल स्पीड से चलेगा ही।Super Update Komal jii
Dono bahane khub maza le rahi hai our isme chhotki bhi khub garm ho rahi hai lagta hai ghar jate hi chhotki ki gand fatne wali hai
ekdm are jab Jiaa raat bahr sone nahi dete to kkoyi nahi ,...Nice Update Komal jii
Dono bahanon ne mil kar jija ko bahut pareshan kar diya hai ab to lagta hai chhotki ki chut ki achhe se lagne wali hai
chhotki ghar langdate hua hi jayegi ab to