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Adultery छुटकी - होली दीदी की ससुराल में

komaalrani

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ये सुगना भौजी तो बस खेल तमाशा हीं देख रही है...
कुछ इनका भी...
खेल तमाशा देख नहीं दिखा रही हैं

सब पठान टोलियां वाली जो पानी पाने के लिए तरस रही हैं सुगना भाभी उन सबका इंतजाम करेंगी , और भी बहुत कुछ है सुगना भाभी का किस्सा जो बस एक दो पोस्ट के बाद ही आएगा।

आयुषी जी से मैंने एक वायदा किया था उसे निभाने में भी सुगना भौजी ही काम आएँगी ,
 

komaalrani

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और जब पीछे कुदाली चली तो गुलबिया के गांड़ का गुड़गांव हो गया....
एकदम सही हाल बयान किया

मरद तो गुलबिया का पंजाब रहता है, होली दिवाली में भी कभी आया कभी नहीं आया, कभी छुट्टी नहीं कभी रिजर्वेसन नहीं।

तो पिछवाड़ा क्या अगवाड़ा भी,...
 

komaalrani

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गुलबिया चमेलिया की कबड्डी की जोड़ी....
चुदवाने और गांड़ मरवाने में जुगलबंदी कर रही है....
और कच्ची कलियाँ जो आज ही बिरादरी में फड़वा के शामिल हुईं हैं

देख रही हैं, सीख रही हैं। और सबसे बढ़के हिना
 

komaalrani

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मीना बाजार की मीना लुट गई...
असली मीना बाजार तो तब लूटेगा, जब पठान टोली वालियों का नंबर आएगा,

तम्मन्ना, ज़ीनत, मुमताज़, शमा, दो दर्जन है लुटवाने के लिए बेताब
 

komaalrani

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पन्नू अब अब शरीर के हर पन्ने को पढ़ेगा...
और फिर कलम का प्रयोग करके लिखाई भी करेगा...
सफ़ेद स्याही से 😂 😂
 

komaalrani

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बेचारी का मर्द बाहर था... तो क्या करती..
आखिर भौजाई भी तो कभी ननद थी....
और मरद बाहर रहे तो देवर का वैसे भी हक है

द्वितीयो वर - देवर

“देवरः कस्मात् द्वितीयो वर उच्यते ।” इति निरुक्तेः । ३ । १५ ॥
 

komaalrani

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लगता है केवल कुंवारे देवर हीं मजा ले रहे हैं...
शादीशुदा देवर/जेठ/नंदोई तो भौजाईयों के इस जमघट से दूर हैं...
जैसे आपके साजन...
एकदम सही कहा आपने सिर्फ कुंवारे देवर ही, विवाहित पुरुषों और सास को तो दिन भर गाँव में भी नहीं रहना था।

मानव मन,...एक तो हर भौजाई किसी न किसी की पत्नी होती, फिर कहीं उस पति के मन में अपनी पत्नी का किसी और के साथ मजे लेते देखना, मन में ईर्ष्या पैदा कर सकता था।

दूसरे वह किसी न किसी का जेठ भी होता और गाँव में जेठ और ससुर तो वैसे भी बेराये जाते हैं,

तीसरी बात सास और पति के रहते, भौजाई लोग भी खुल के मजे नहीं ले पातीं

और देवर ननद का तो रिश्ता ही भाभियों के लिए मजे का मजाक का है ,

इस लिए सास और विवाहित पति वर्जित थे और कब्बडी वाले दिन तो सारे पुरुष, लेडीज ओनली मामला था।
 
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komaalrani

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तबले के साथ साथ तबेला भी....
छेद छेद में भेद करना अच्छी बात नहीं, फिर जब भौजाइयां कम हो देवर ज्यादा तो ऑप्टिमाआईज करना ही पडेगा
 

komaalrani

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Next Part soon
 

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भाग ८१ - बारी भौजाइयों की
 
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