कोमल जी,
आप को फिर से देख कर दिल को बहुत ही सुकून और खुशी मिली |जब तक आप फोरम पर नही थी तब तक फोरम सुना पड़ा था, आप आ गये मानो फिर से जान आ गयी है l
कोमल जी आप स्वस्थ रहे, खुश रहे, ईश्वर आप को विपदा से बचाए, मेरी ईश्वर से यही कामना है l
आप की लेखन कला अद्भुत है, शब्दो का चयन, उपमा, अलंकार, रस अद्भुत रूप में रहता है l
आप कहानी मे रस की ऐसी बरसात होती है की तन मन भीग जाता है, लेकिन आत्मा तृप्त नहीं होती है,उसकी लालसा बड़ती जाती है l
सास और बहु की जोड़ी बहुत ही लाजवाब है
दमाद जी की पांचो ऊँगली घी में है
अभी तो शुरुवात हुई है दमाद जी साथ, अभी तो बहुत कुछ बाकी है l पुराने खिलाडी आज नए खिलाडी को अपने गुर भी तो सिखाना जरुरी है l
कोमल जी सासु जी का हाल खुलाशा भी तो होना चाहिए l
आप का बहुत बहुत आभार