chodumahan
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पैंटी उतारने की ख़ुशी तो वर्ल्ड कप जीतने से ज्यादा है..ननद की पैंटी
" देखिये दी ,आपकी देवरानी आपके लिए क्या चीज जीत के लायी है "
कमरे में घुसते ही मुस्करा के मैंने उन्हें उकसाया।
थोड़ा उनका मूड भी हल्का हुआ , उठ बैठीं , बोलीं ,
" बोल न ,.. पहेली क्यों बुझा रही है। "
और मैंने मुट्ठी खोल के उन्हें दिखा दिया ,
हम दोनों के ननद की पैंटी।
एकदम चेहरे पर ४०० वाट का बल्ब जल गया।
ख़ुशी से वो मेरे पास आगयीं और अपनी उत्सुकता दबाती , पूछ बैठीं ,
" हे उसकी ,... है ?"
मैंने सर हिला के हाँ बोल दिया।
अब तो वो ख़ुशी के मारे ,...
मैंने बोला था न ,गुड्डी पहले एकदम,... जबरदस्ती अच्छी बच्ची बनी फिरती थी , और हमारी मेरी और मेरी जेठानी दोनों की ,मजबूरी
एकलौती ननद , तो गारी भी तो उसी के नाम से और छेड़ेंगी भी तो उसी को न , और गारियाँ हम दोनों को एकदम खुल्ल्मखुल्ला वाली पसंद थी ,
वरना गारी क्या , और वो भी ननद भौजाई के बीच.
लेकिन ट्रोफी जीतने के लिए सब कुछ उतार के प्रदर्शन करना होगा..
जैसे ट्राफी जीतने के बाद लोग चूमते है. उसी प्रकार इसके सारे अंग चूमने होंगे
सिर्फ उस्ताद नहीं...ननद की पैंटी
और मैंने वो जीत की ट्राफी मैंने उनके हवाले कर दी।
" तू भी न , ...एकदम उस्ताद है " ख़ुशी से पैंटी पकड़ते वो बोलीं और मुझे भींच लिया।
मैंने भी कस के अँकवार में उन्हें दबाते हुए कबूल किया ,
" दी आखिर आप की देवरानी हूँ कुछ तो असर होगा न। "
और हम दोनों कमरे से बाहर आगये ,
भइया बहिनी मिल के टेबल सेट कर रहे थे।
उस्तादों के उस्ताद....
बेमिशाल प्रस्तुति...