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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

motaalund

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भाग १४८

ननदों ने की, जेठानी की दावत



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जेठानी समझ गयी थी ये रिकार्डिंग अब बिल्ली के गले की घंटी बन गयी है , ऊपर से गुड्डी ने थोड़ी और कश्मीरी लाल मिर्च छिडकी। आखिर मेरी जेठानी पर तो उसी के काटने वाली थीं न।

" सुन दिया ,यार आज कल पोर्न साइट्स पर आडियो सेक्स स्टोरीज काफी चल रही हैं और सुना है वो थोड़ा बहुत पैसा भी दे देते हैं। "

" नहीं यार , ऐसे कैसे ,और मान लो पोस्ट कर दें और कोई अपनी बचपन की छिनार भाभी जी की आवाज पहचान ले तो ? " दिया ने और ,



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लेकिन गुड्डी ऐसे कहाँ बोली ,अरे यार पहचान लेगा तो क्या हुआ , आखिर इनके गाँव में तो सबको इनकी कच्ची जवानी की कबड्डी के किस्से मालूम ही होंगे ,फिर बहुत हुआ , भाभी ने अगर कहा हम लोगों से तो देखंगे ,.. डिलीट कर देंगे। "


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जेठानी बेचारी चुपचाप खाने में लगी थीं , और अब समझ गयी थी की गाडी अब नाव पर चढ़ गयी बाजी अब ननदों के हाथ में है और ननदों की चाभी देवरानी के हाथ में।

लेकिन दिया देख रही की मेरी जेठानी सिर्फ वेज डिशेज ही और उससे नहीं रहा गया।

कबाब खाते हुए दिया बोली ,
" मस्त मटन कबाब है , मन करता है बनाने वाले के हाथ चूम लूँ। "

" अरे असली क्रेडिट तो उसे कड़क गरमागरम सेंक कर लाने वाले की है। " मैंने दिया को जेठानी की ओर उकसाया।

" अरे उसके हाथ क्या सीधे गर्मागर्म होंठ ,... " दिया बोली ,और जब तक जेठानी समझ पातीं ,दिया के दोनों हाथ जेठानी जी के सर पर ,
कस के सर पकड़ के सीधे अपने होंठ , मेरी जेठानी के होंठों पर ,



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जेठानी तो कन्या रस की पुरानी शौक़ीन , और दिया ऐसी मस्त गरमागरम लौंडिया के होंठो के रस से कौन परहेज करेगा ,

पर वो लिप्पी थोड़ी ही देर में डीप फ्रेंच किस में बदल गयी और फिर जो चुम्मी का असली मकसद था

दिया ने अपने थूक में लिसड़ा , गीला कुचा कुचाया कबाब ,सीधे जेठानी के मुंह में और साथ में दिया की जीभ भी , जेठानी के मुंह में जब तक उन्होंने वो आधे से ज्यादा कबाब गटक नहीं लिया ,

सावन से भाँदो दूबर क्यों



गुड्डी ने भी दिया की देखा देखी एक बड़ा सा पोर्क चाप सीधे अपने मुंह में और अपने गीले थूक से लिसड़ा के ,गीला कर के ,

जैसे ही जेठानी के होंठों को दिया ने छोड़ा ,गुड्डी ने गपुच लिया।



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और अब जेठानी के मुंह में उनकी छोटी ननद के थूक से लिथड़ा , भीगा सीधे पोर्क चाप ,.

और जब तक जेठानी ने पोर्क चाप गटका होगा तब तक दिया के मुंह के फिश कटलेट ,



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और साथ में मेरी दोनों ननदे बोल बोल के ,क्यों भाभी कैसा लग रहा है मटन मजा आ रहा है न खाने में , अरे नीचे की बिल तो आपकी हाईस्कूल से ही नान वेज घोंट रही है तो फिर ऊपर वाली को क्यों

दिया बुदबुदा रही थी ,

"चल चल अभी तो कुचा कुचाया खिला रही हूँ ,जाने दो इन लोगों को आज,...रात को पचा पचाया भी खिलाऊंगी ,यही कबाब पोर्क और रोगन जोश जो मेरे पेट में जा रहा है न ,... कल सुबह तक भौजी तोहरे पेट में ,... हमरे पेट से तोहरे पेट में ,... "




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मैं सुन रही थी तो जेठानी ने तो जरूर ही सुना होगा।

और साथ में गालिया भी ,एक से एक ,

दिया तो गाली देने में मेरे टक्कर की थी पर आज गुड्डी भी उसके कान काट रही थी ,

जेठानी की कोई मायके वाली बची नहीं थी जिस पर उन दोनों ने कुत्ते गधे न चढ़ाये हों।

और फिर बियर तो जेठानी खुद ,दूसरा कैन खुद खोला उन्होंने।



आधे से ज्यादा नान वेज टेबल का दोनों ने जेठानी को खिलाया , और साथ में बियर और गालियां भी

सच में इस डाइनिंग टेबल पे खाना खाने का मजा आज से पहले इतना कभी नहीं आया था इसके पहले तो बस मुंह बंद करके बैठों , जेठानी जी की ज्ञान की बातें सुनो और वही लौकी तोरई भिंडी।

और कोई दिन नांगा नहीं जाता था जब किसी बात के लिए मेरी मम्मी को ब्लेम न किया जाता हो ,



'क्या सिखाया है ,'

और अगर सास ने कुछ बोल दिया तो फिर तो एकदम जेठानी ,



'मैं पहले ही कह रही थी अरे संस्कार भी तो मैं पहले ही कह रही थी न की शराबी कबाबी लोगों का घर पर आप तो,..."



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"अरे मैंने बोला भी था ,मेरे बुआ की सगी भतीजी , तीन साल से विद्या विनोदिनी करके बैठी है , गाँव की है , सिलायी कढ़ाई सब,..."

एकदम संस्कारी , रंग भी ठीक ठाक है कौन हम लोगों को उसे फिलिम में काम कराना है ,पर आप तो पढ़ी लिखी के चक्कर में

( यह बात मुझे अभी समझ में आयी संदीप का किस्सा खुलने के बाद की वो संदीप की चचेरी बहन थी , और संदीप उससे जमाने से कबड्डी खेलता था इसलिए, , फिर लाल डायरी के मुताबिक़ वो गाभिन भी थी , एक्सप्रेस डेलिवरी देती, पर बेचारी जेठानी उनके तो सारे प्लान फेल हो गए और अब ननदें उनका पिछवाड़ा चौड़ा करने में जुडी थीं दोनों बहने ,एक ममेरी एक चचेरी )

पर मेरा ध्यान वापस दिया की एक इनोवेटिव गाली ने खींचा

" ई छिनारपना अपनी महतारी क पेट में से सीख के आयी हो न ,जब ओनके पेट में थी तो तोहरे मामा , हचक हचक के तोहरी माई के , कुल ननिहाल वाले बिना नागा और आप पेट में ध्यान लगा के चुदाई के सारे आसन , हैं न , तभी तो झांटे आयी नहीं और चूत में एक के बाद एक मूसल घर के हरवाहे और ग्वाले से लेकर अपने भाई के साथ भी ,चलो ख़तम करो बियर "

अबकी गुड्डी थी, जो एक ज़माने में इनकी चमची होती थी। सच में किसी के अपने मुहरों से उसे पिटवाने का मज़ा ही और है।

इनकी बची खुची जूठी बियर का आधा कैन भी उनके पेट में


और अब जो जेठानी की नियति थी



टेबल साफ करना ,सारे बरतन ,किचेन ,पोंछा ,.. घंटे भर का काम।



और हम सब जेठानी के बैडरूम में ,

…………
जेठानी के सारे संस्कार तो उनकी गांड़ में घुसानी चाहिए....
और जेठानी भी तो इन सब में रस ले रही हैं....

भले हीं ऊपर से कुछ भी दिखावा करे...
अंदर हीं अंदर मजे ले रही है....
 

motaalund

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दिया की दावत



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वो और दिया।

दिया टीन क्वीन , सिर्फ अपने कालेज की ही नहीं बल्कि ,...
धक् धक् करने लगा , उसकी कच्ची अमियाँ न जाने कब से तूफ़ान मचा रही थीं ,
और सबसे बढ़कर , बंदी ये बिंदास है।

और सबसे बढ़कर दोस्तों की दोस्त और दुश्मनों की दुश्मनजैसे उसे पता चला की मेरी जेठानी उसकी पक्की सहेली गुड्डी की पिलानिंग में रोड़े बल्कि बड़े बड़े पत्थर अटका रही हैं वो एकदम ,
और उसकी हेल्प के बिना ज्वालामुखी बनी मेरी जेठानी को शीशे में उतारना मुश्किल नहीं नामुमकिन था।

और अब उन्ही जेठानी के बिस्तर पे दिया और ये ,

मैं और गुड्डी भी, ज्यादातर दर्शक की भूमिका में।

ये तो कब से ललचाये थे दिया के कबूतरों के लिए और आज तो उसकी हाईस्कूल वाली स्कूल की यूनिफार्म में इंटर पास कबूतर कैसे समाते ,
बस उन्होंने उन कच्चे टिकोरों पे धावा बोला और दिया ने उन के शार्ट में छुपे तन्नाए पगलाए मूसल चंद पर।

पर शुरुआत दोनों ने कपड़ों के ऊपर से ही की , वो दिया के गदराये जोबन सहलाते मसलते रहे और दिया भी बस शार्ट के ऊपर ही और
मुझे ही आना पड़ा अपनी ननद की सहायता के लिए , एक झटके में मैंने इनकी शार्ट खींच दी।

फटा पोस्टर निकला हीरो।
मूसल चंद बाहर।

एकदम टनटनाये फनफनाये , पूरे बालिश्त भर के ,

कुछ देर तक तो दिया बस देखती रही पर उससे रहा नहीं गया और अपनी कोमल कलाई में लेकर पहले तो हलके हलके

फिर कसके और पहले ही झटके में पहाड़ी आलू को मात करता मोटा सुपाड़ा बाहर।

और उधर वो क्यों पीछे रहते ,जबसे दिया को देखा था उन्होंने तबसे उसके कबूतरों के वो दीवाने हो गए थे।

टॉप का बटन , फ्रंट ओपन ब्रा का हुक और

कबूतर पिंजड़े से बाहर।
और उनके हाथों में कैद ,

फिर हाथों के बाद होंठों का नंबर , दिया के होंठ इनके सुपाड़े पर

और इनके होंठ दिया के निप्स पे।
इस दिया की तो जम कर लेनी होगी...
इसका इंतजार बहुत दिनों से था...

आखिर उसे भी अपने भैया और गुड्डी के भैया का अंतर पता होना चाहिए...
खैर अलग-अलग खाने का मजा अलग-अलग होता है....
उसी तरह दिया भी स्वाद बदल के देखेगी....
 

motaalund

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मस्ती




फिर हाथों के बाद होंठों का नंबर , दिया के होंठ इनके सुपाड़े पर



और इनके होंठ दिया के निप्स पे।




दिया के चेहरे से लग रहा था कितनी मस्ती छायी है उसके ऊपर


और जिस तरह से दिया ने इनके पी होल को चूसा चाटा ,अपनी जीभ की टिप डाल के सुरसुरी की

और फिर एकझटके में ६ इंच लंड करीब २/३ उसके मुंह के अंदर




मैं समझ गयी मेरी ये ननदिया सच में खेली खायी है।



और वो भी एक जोबन उनके हाथों के नीचे दबाया कुचला जा रहा था और दुसरे पर इनके होंठ मेहरबान थे।

बीच बीच में हलकी हलकी बाइट भी ,

लेकिन ननद के पैंटी हरण से बढ़ कर भाभियो के लिए क्या सुख होगा और दिया तो मेरी फेवरिट ननद ,


बस उस पंजाबी कुड़ी की मलमल सी चिकनी जाँघों से सरकती हुई ,लेसी पैंटी मैंने निकाल के बाहर कर दी।




और दूसरी बात इनका जो शहद के छत्ते में मुंह लगाने वाला गुण था ,मैं अपनी फेवरिट ननद को उसका मजा दिए बिना कैसे रह सकती थी। .

इशारा वो समझ गए

दिया नहीं समझी तो मैंने उसे धक्के मार के पलंग पर गिरा दिया , और आँख मार के इशारा किया वो समझ गयी सरेंडर के मजे ,


बस इनके शार्ट से मैंने अपनी ननद को ब्लाइंड फोल्ड किया और गुड्डी ने अपने भइया कम बहनचोद यार ज्यादा की आँखों में होनी सहेली की ३२ डी डी वाली लेसी ब्रा बाँध दी।


दिया खूब गोरी थी जैसी पंजाबी कुड़ी होती हैं , चिकनी भी और गदरायी भी।

उसकी जाँघे कुछ मैंने फैलाई और कुछ उसने खुद ,झांटो का सवाल ही नहीं था लगता है वो 'वहां ' भी वैक्सिंग कराती थी ,

गुलाबी कसी किशोर फुद्दी ,




और बिना किसी भूमिका के मैंने सीधे भरतपुर में ही सेंध लगायी।

ढेर सारी क्रीम मैंने दिया की चिकनी चूत पर लिथेड़ दी और फिर एक चेरी सीधे अपनी ननद की चूत में ,एकदम अंदर तक।





टास्क उन्हें गुड्डी ने दिया



तीन मिनट के अंदर चेरी उनके मुंह में होनी चाहिए और पांच मिनट में उसकी सहेली की पनियाई बुर पानी फेंक देनी चाहिए।

और मैं कुछ इधर उधर ढूंढ रही थी , और मुझे मिल गया।

मेरी निगाह गुड्डी पर पड़ गयी जिसने अभी अभी अपने सो काल्ड भइया की आँखों पर अपनी सहेली दिया की ब्रा से जबरस्त ब्लाइंड फोल्ड कस दिया था , मैं

उनके हाथ बाँधने के लिए कुछ ढून्ढ रही थी और उनकी छिनार भाईचोद बहना की ब्रा से अच्छा क्या होता ,




गुड्डी भी दिया की तरह टॉप लेस और उसकी ३२ सी ब्रा से मैंने इनकी मुश्के एकदम कस के बाँध दी और मैं और गुड्डी एक साथ बोले ,



योर टाइम स्टार्टस नाऊ।
आपकी माया अपरंपार और मस्ती भी अपरंपार

बहुत खूब.....
 

motaalund

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योर टाइम स्टार्टस नाऊ-ट्रेजर हंट



और फिर तो जैसे उन्हें महक लग गयी हो ,

हाथ बंधे ,आँखों पर ब्लाइंड फोल्ड , पर सेकेंडों में वो दिया की फैली खुली जाँघों के बीच में।
यही उनकी बात सबसे अच्छी थी ,सेन्स आफ टाइमिंग ,जैसे धीमे आंच पे कुछ पके बस उसी तरह ,

सिर्फ जीभ की टिप से उस पंजाबी कुड़ी की टीनेज चूत के चारों ओर लगी मलाई उन्होंने सटकना शुरू किया , और फिर बीच बीच में



जैसे गलती से ,

जीभ की टिप , बस छू भर देती दिया की चूत के क्रीम में डूबे पपोटों को और

दिया सिसक उठती , तड़प जाती।



पर फिर उनकी जीभ एक बार उस जादुई दरवाजे से दूर , कुछ देर में दिया अपने आप चूतड़ मचका रही थी , और उनकी जीभ की टिप

किसी एक बाल वाले ब्रश की तरह ,उसके गुलाबी भगोष्ठों , खूब फूली फूली पुत्तीयों के किनारे किनारे



और एक बाज की तरह झपट्टा मार के उन्होंने दिया की चूत अपने होंठों के बीच

स्पंजी रसमलाई की तरह ,खूब स्वाद ले ले कर , हलके हलके चूसना शुरू कर दिया ,

अभी उनकी जीभ उस गुलाबी सुरंग में नहीं घुसी थी ,जहाँ वो चेरी छिपी थी।



एक मिनट जस्ट हुए थे , और उन्हें कोई जल्दी भी नहीं लग रही थी।

चूसने की रफ़्तार, धीमे धीमे बढ़ने लगी और दिया की देह की अगन भी ,

उह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हहह नहीं मत करो उफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ छोडो न ,

वो सिसक रही थी ,चूतड़ पटक रही थी ,

पर इतनी मस्त बुर छोड़ने के लिए थोड़ी ही होती है ,

और अब उनकी जीभ हलके से , बस हलके से बीच में दिया की गुलाबी क्लिट बस छू भर देती ,



और जैसे ४४० वोल्ट का करेंट , वो मस्त पंजाबी कुड़ी एकदम उछल जाती ,

नहीं नाहीईईईईई मत , ओह्ह्ह्ह भैय्या उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़


और उन्होंने पल भर के लिए उस जादू के बटन को अपने होंठो के बीच लेकर हलके हलके ,

दिया लग रहा था अब गयी तब गयी ,

दो मिनट हो चुके थे और और अब जब होंठों ने क्लीट को छेड़ा तो जीभ उस लव लेन के अंदर

लेकिन बस ऊपरी इलाके में

पर असली जादू तो वहीँ हैं और उनकी एक्सपीरियन्स जीभ

दिया ऐसी नयी बछेड़ी , इस पक्के चूत चटोरे के हाथ लगी थी ,



दिया लगातार चूतड़ पटक रही थी सिसक रही थी

गुड्डी टाइम अनाउंस कर रही थी ,

दो मिनट दस सेकेण्ड

दो मिनट बीस सेकेण्ड



बस चालीस सेकेण्ड बचे है

और अब उनकी जीभ एकदम चूत के अंदर

पच्चीस सेकेंड बचे थे जब ट्रेजर हंट कम्प्लीट हुआ आउट उनकी जीभ उस मोती के साथ



चेरी के साथ बाहर निकली ,और उन्होंने अपने होंठों में दबी फंसी वो चेरी मुझे गुड्डी को दिखाई और

जैसे ही बॉक्सिंग रिंग में हाथ पकड़ के ,

पर गुड्डी भी न ,दिया उसकी पक्की सहेली ,

बोली अभी असली काम तो बचा है भैया ,इस स्साली कमीनी को झाड़ना। पक्की छिनार है ये घंटों मूसल चलता है इसकी गुलाबो में तब जाके कहीं ये छिनार ,

बस दो मिनट

और वो फिर वापस काम पे ,

उनके होंठों पे दबी चेरी , उनके होंठो के साथ दिया की क्लीट पे अब सिर्फ चेरी ही टच कर रही थी मेरी पंजाबी ननदिया की क्लिट


और जब दिया ने कांपना शुरू किया तो बस , एक बार फिर उन्होंने होंठ हटा लिए और हम दोनों को दिखा के चेरी गड़प।

और अब उन्होंने अपने असली रूप में , होंठ जीभ सब कुछ चूसना , चाटना जीभ से चोदना



क्या कोई मरद लंड से चोदेगा जैसा वो जीभ से चोदते थे ,
१० सेकेण्ड में दिया की चूत ने पानी छोड़ दिया।

पर उन्होंने दिया की चूत नहीं छोड़ी।

जीभ हचक हचक के सटासट ,सटासट उस कुड़ी को चोद रही थी ,

और होंठ दिया की रसीली बुर चूस रहे थे।

दिया की हालत ख़राब ,एकदम पानी पानी , बार बार कभी गुड्डी से कभी मुझसे



एकदम लथपथ ,

और जब मैंने और गुड्डी ने उनका सर हटाया अभी चार मिनट भी ठीक से नहीं हुए थे।

पर मेरी ननद सिर्फ एक बार झड़े , ... मैंने पिच को दुबारा ठीक किया ,

फिर वही व्हिप्ड क्रीम , लेकिन अभी एक क्रीम में डूबी स्ट्राबेरी के साथ लम्बी लम्बी मैंगो स्लाइसेज भी ननद रानी की चूत में

बल्कि मैंने खुद उसकी चूत मैंगो स्लाइसेज से चोदी ,

और एक बार फिर वो ,


पर अबकी मुझे और मुझसे ज्यादा गुड्डी को , दिया पर रहम आ गया

और गुड्डी को दिया से ज्यादा अपने भइया के तन्नाए बेसबरे खूंटे पर

और उसकी हेल्प से उसकी सहेली और उसके भइया

69 वाली चूत चुसाई लंड चुसाई की क्लासिकल पोज में





और मैं मान गयी दिया दिया को क्या मस्त लंड चूसती थी ,एकदम मेरे टक्कर की ,

और अबकी बाजी खूब लम्बी चली ,

मुझे मालूम था की ये तो इतने जल्दी झड़ने वाले नहीं और हुआ वही ,दिया ही।

पर अगले राउंड में गेम के नियम बदल गए ,



दिया को हम लोगों ने मिल के बाँट लिया ,
दिया की चेरी पहले हीं उसके भैया ने लूट ली है....

अब तो आपके सैंया दिया की ऐसी बजाएं कि इसी चुदाई को याद करके भैया का इंतजार करते हुए अगली बार के लिए बेकरार रहे...
 

pprsprs0

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और फिर तो जैसे उन्हें महक लग गयी हो ,

हाथ बंधे ,आँखों पर ब्लाइंड फोल्ड , पर सेकेंडों में वो दिया की फैली खुली जाँघों के बीच में।
यही उनकी बात सबसे अच्छी थी ,सेन्स आफ टाइमिंग ,जैसे धीमे आंच पे कुछ पके बस उसी तरह ,

सिर्फ जीभ की टिप से उस पंजाबी कुड़ी की टीनेज चूत के चारों ओर लगी मलाई उन्होंने सटकना शुरू किया , और फिर बीच बीच में



जैसे गलती से ,

जीभ की टिप , बस छू भर देती दिया की चूत के क्रीम में डूबे पपोटों को और

दिया सिसक उठती , तड़प जाती।



पर फिर उनकी जीभ एक बार उस जादुई दरवाजे से दूर , कुछ देर में दिया अपने आप चूतड़ मचका रही थी , और उनकी जीभ की टिप

किसी एक बाल वाले ब्रश की तरह ,उसके गुलाबी भगोष्ठों , खूब फूली फूली पुत्तीयों के किनारे किनारे



और एक बाज की तरह झपट्टा मार के उन्होंने दिया की चूत अपने होंठों के बीच

स्पंजी रसमलाई की तरह ,खूब स्वाद ले ले कर , हलके हलके चूसना शुरू कर दिया ,

अभी उनकी जीभ उस गुलाबी सुरंग में नहीं घुसी थी ,जहाँ वो चेरी छिपी थी।



एक मिनट जस्ट हुए थे , और उन्हें कोई जल्दी भी नहीं लग रही थी।

चूसने की रफ़्तार, धीमे धीमे बढ़ने लगी और दिया की देह की अगन भी ,

उह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हहह नहीं मत करो उफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ छोडो न ,

वो सिसक रही थी ,चूतड़ पटक रही थी ,

पर इतनी मस्त बुर छोड़ने के लिए थोड़ी ही होती है ,

और अब उनकी जीभ हलके से , बस हलके से बीच में दिया की गुलाबी क्लिट बस छू भर देती ,



और जैसे ४४० वोल्ट का करेंट , वो मस्त पंजाबी कुड़ी एकदम उछल जाती ,

नहीं नाहीईईईईई मत , ओह्ह्ह्ह भैय्या उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़


और उन्होंने पल भर के लिए उस जादू के बटन को अपने होंठो के बीच लेकर हलके हलके ,

दिया लग रहा था अब गयी तब गयी ,

दो मिनट हो चुके थे और और अब जब होंठों ने क्लीट को छेड़ा तो जीभ उस लव लेन के अंदर

लेकिन बस ऊपरी इलाके में

पर असली जादू तो वहीँ हैं और उनकी एक्सपीरियन्स जीभ

दिया ऐसी नयी बछेड़ी , इस पक्के चूत चटोरे के हाथ लगी थी ,



दिया लगातार चूतड़ पटक रही थी सिसक रही थी

गुड्डी टाइम अनाउंस कर रही थी ,

दो मिनट दस सेकेण्ड

दो मिनट बीस सेकेण्ड



बस चालीस सेकेण्ड बचे है

और अब उनकी जीभ एकदम चूत के अंदर

पच्चीस सेकेंड बचे थे जब ट्रेजर हंट कम्प्लीट हुआ आउट उनकी जीभ उस मोती के साथ



चेरी के साथ बाहर निकली ,और उन्होंने अपने होंठों में दबी फंसी वो चेरी मुझे गुड्डी को दिखाई और

जैसे ही बॉक्सिंग रिंग में हाथ पकड़ के ,

पर गुड्डी भी न ,दिया उसकी पक्की सहेली ,

बोली अभी असली काम तो बचा है भैया ,इस स्साली कमीनी को झाड़ना। पक्की छिनार है ये घंटों मूसल चलता है इसकी गुलाबो में तब जाके कहीं ये छिनार ,

बस दो मिनट

और वो फिर वापस काम पे ,

उनके होंठों पे दबी चेरी , उनके होंठो के साथ दिया की क्लीट पे अब सिर्फ चेरी ही टच कर रही थी मेरी पंजाबी ननदिया की क्लिट


और जब दिया ने कांपना शुरू किया तो बस , एक बार फिर उन्होंने होंठ हटा लिए और हम दोनों को दिखा के चेरी गड़प।

और अब उन्होंने अपने असली रूप में , होंठ जीभ सब कुछ चूसना , चाटना जीभ से चोदना



क्या कोई मरद लंड से चोदेगा जैसा वो जीभ से चोदते थे ,
१० सेकेण्ड में दिया की चूत ने पानी छोड़ दिया।

पर उन्होंने दिया की चूत नहीं छोड़ी।

जीभ हचक हचक के सटासट ,सटासट उस कुड़ी को चोद रही थी ,

और होंठ दिया की रसीली बुर चूस रहे थे।

दिया की हालत ख़राब ,एकदम पानी पानी , बार बार कभी गुड्डी से कभी मुझसे



एकदम लथपथ ,

और जब मैंने और गुड्डी ने उनका सर हटाया अभी चार मिनट भी ठीक से नहीं हुए थे।

पर मेरी ननद सिर्फ एक बार झड़े , ... मैंने पिच को दुबारा ठीक किया ,

फिर वही व्हिप्ड क्रीम , लेकिन अभी एक क्रीम में डूबी स्ट्राबेरी के साथ लम्बी लम्बी मैंगो स्लाइसेज भी ननद रानी की चूत में

बल्कि मैंने खुद उसकी चूत मैंगो स्लाइसेज से चोदी ,

और एक बार फिर वो ,


पर अबकी मुझे और मुझसे ज्यादा गुड्डी को , दिया पर रहम आ गया

और गुड्डी को दिया से ज्यादा अपने भइया के तन्नाए बेसबरे खूंटे पर

और उसकी हेल्प से उसकी सहेली और उसके भइया

69 वाली चूत चुसाई लंड चुसाई की क्लासिकल पोज में





और मैं मान गयी दिया दिया को क्या मस्त लंड चूसती थी ,एकदम मेरे टक्कर की ,

और अबकी बाजी खूब लम्बी चली ,

मुझे मालूम था की ये तो इतने जल्दी झड़ने वाले नहीं और हुआ वही ,दिया ही।

पर अगले राउंड में गेम के नियम बदल गए ,



दिया को हम लोगों ने मिल के बाँट लिया ,
Awesome update , aapki likhi kahani kitni bhi padho kam hai
 
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