- 22,506
- 58,887
- 259
अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
कृपया पढ़ें, आनंद लें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
कृपया पढ़ें, आनंद लें, लाइक करें और कमेंट जरूर करें
दिया तो जितना भी दे दे..Diya aur dusri wali saheli ka flashback wala part pending hai unki cherry pop ka bhi kissa vistar mei sunaye
Sahi kahaदिया तो जितना भी दे दे..
कम हीं लगता है....
(मेरा मतलब कहानी में उसके जिक्र और भैया के साथ मजे से भी है.)
आखिर पंजाबी कुड़ी का जलवा तो सिर चढ़ कर बोलता है....
फिर दिया कैसे किसी से कम रहेगी...
Superb superb superb update दीदीयोर टाइम स्टार्टस नाऊ-ट्रेजर हंट
और फिर तो जैसे उन्हें महक लग गयी हो ,
हाथ बंधे ,आँखों पर ब्लाइंड फोल्ड , पर सेकेंडों में वो दिया की फैली खुली जाँघों के बीच में।
यही उनकी बात सबसे अच्छी थी ,सेन्स आफ टाइमिंग ,जैसे धीमे आंच पे कुछ पके बस उसी तरह ,
सिर्फ जीभ की टिप से उस पंजाबी कुड़ी की टीनेज चूत के चारों ओर लगी मलाई उन्होंने सटकना शुरू किया , और फिर बीच बीच में
जैसे गलती से ,
जीभ की टिप , बस छू भर देती दिया की चूत के क्रीम में डूबे पपोटों को और
दिया सिसक उठती , तड़प जाती।
पर फिर उनकी जीभ एक बार उस जादुई दरवाजे से दूर , कुछ देर में दिया अपने आप चूतड़ मचका रही थी , और उनकी जीभ की टिप
किसी एक बाल वाले ब्रश की तरह ,उसके गुलाबी भगोष्ठों , खूब फूली फूली पुत्तीयों के किनारे किनारे
और एक बाज की तरह झपट्टा मार के उन्होंने दिया की चूत अपने होंठों के बीच
स्पंजी रसमलाई की तरह ,खूब स्वाद ले ले कर , हलके हलके चूसना शुरू कर दिया ,
अभी उनकी जीभ उस गुलाबी सुरंग में नहीं घुसी थी ,जहाँ वो चेरी छिपी थी।
एक मिनट जस्ट हुए थे , और उन्हें कोई जल्दी भी नहीं लग रही थी।
चूसने की रफ़्तार, धीमे धीमे बढ़ने लगी और दिया की देह की अगन भी ,
उह्ह्ह्ह ओह्ह्ह्हह्हहह नहीं मत करो उफ्फ्फफ्फ्फ्फ़ छोडो न ,
वो सिसक रही थी ,चूतड़ पटक रही थी ,
पर इतनी मस्त बुर छोड़ने के लिए थोड़ी ही होती है ,
और अब उनकी जीभ हलके से , बस हलके से बीच में दिया की गुलाबी क्लिट बस छू भर देती ,
और जैसे ४४० वोल्ट का करेंट , वो मस्त पंजाबी कुड़ी एकदम उछल जाती ,
नहीं नाहीईईईईई मत , ओह्ह्ह्ह भैय्या उफ्फफ्फ्फ्फफ्फ्फ़
और उन्होंने पल भर के लिए उस जादू के बटन को अपने होंठो के बीच लेकर हलके हलके ,
दिया लग रहा था अब गयी तब गयी ,
दो मिनट हो चुके थे और और अब जब होंठों ने क्लीट को छेड़ा तो जीभ उस लव लेन के अंदर
लेकिन बस ऊपरी इलाके में
पर असली जादू तो वहीँ हैं और उनकी एक्सपीरियन्स जीभ
दिया ऐसी नयी बछेड़ी , इस पक्के चूत चटोरे के हाथ लगी थी ,
दिया लगातार चूतड़ पटक रही थी सिसक रही थी
गुड्डी टाइम अनाउंस कर रही थी ,
दो मिनट दस सेकेण्ड
दो मिनट बीस सेकेण्ड
बस चालीस सेकेण्ड बचे है
और अब उनकी जीभ एकदम चूत के अंदर
पच्चीस सेकेंड बचे थे जब ट्रेजर हंट कम्प्लीट हुआ आउट उनकी जीभ उस मोती के साथ
चेरी के साथ बाहर निकली ,और उन्होंने अपने होंठों में दबी फंसी वो चेरी मुझे गुड्डी को दिखाई और
जैसे ही बॉक्सिंग रिंग में हाथ पकड़ के ,
पर गुड्डी भी न ,दिया उसकी पक्की सहेली ,
बोली अभी असली काम तो बचा है भैया ,इस स्साली कमीनी को झाड़ना। पक्की छिनार है ये घंटों मूसल चलता है इसकी गुलाबो में तब जाके कहीं ये छिनार ,
बस दो मिनट
और वो फिर वापस काम पे ,
उनके होंठों पे दबी चेरी , उनके होंठो के साथ दिया की क्लीट पे अब सिर्फ चेरी ही टच कर रही थी मेरी पंजाबी ननदिया की क्लिट
और जब दिया ने कांपना शुरू किया तो बस , एक बार फिर उन्होंने होंठ हटा लिए और हम दोनों को दिखा के चेरी गड़प।
और अब उन्होंने अपने असली रूप में , होंठ जीभ सब कुछ चूसना , चाटना जीभ से चोदना
क्या कोई मरद लंड से चोदेगा जैसा वो जीभ से चोदते थे ,
१० सेकेण्ड में दिया की चूत ने पानी छोड़ दिया।
पर उन्होंने दिया की चूत नहीं छोड़ी।
जीभ हचक हचक के सटासट ,सटासट उस कुड़ी को चोद रही थी ,
और होंठ दिया की रसीली बुर चूस रहे थे।
दिया की हालत ख़राब ,एकदम पानी पानी , बार बार कभी गुड्डी से कभी मुझसे
एकदम लथपथ ,
और जब मैंने और गुड्डी ने उनका सर हटाया अभी चार मिनट भी ठीक से नहीं हुए थे।
पर मेरी ननद सिर्फ एक बार झड़े , ... मैंने पिच को दुबारा ठीक किया ,
फिर वही व्हिप्ड क्रीम , लेकिन अभी एक क्रीम में डूबी स्ट्राबेरी के साथ लम्बी लम्बी मैंगो स्लाइसेज भी ननद रानी की चूत में
बल्कि मैंने खुद उसकी चूत मैंगो स्लाइसेज से चोदी ,
और एक बार फिर वो ,
पर अबकी मुझे और मुझसे ज्यादा गुड्डी को , दिया पर रहम आ गया
और गुड्डी को दिया से ज्यादा अपने भइया के तन्नाए बेसबरे खूंटे पर
और उसकी हेल्प से उसकी सहेली और उसके भइया
69 वाली चूत चुसाई लंड चुसाई की क्लासिकल पोज में
और मैं मान गयी दिया दिया को क्या मस्त लंड चूसती थी ,एकदम मेरे टक्कर की ,
और अबकी बाजी खूब लम्बी चली ,
मुझे मालूम था की ये तो इतने जल्दी झड़ने वाले नहीं और हुआ वही ,दिया ही।
पर अगले राउंड में गेम के नियम बदल गए ,
दिया को हम लोगों ने मिल के बाँट लिया ,
Didi veh to me samajh sakti hu.I told you in the message reply, it was Navratri and i desisted from the posting, It was only worship, Garba and a lot of engagemnets i had posted on my both stories applying for 9 day leave of absence, .... and i came back on Vijaydashmi, posted update in both the stories, but what i missed was GAON ka TOUR in your story which i read today and shared my opinion.
My real joy will be when my fav story, hassen badlva will cross 5 Millions and vie for the top spot in this forum
you make meEvery one's taste differ but after reading your stories I too wish more footprints into these story is solicited by each writers/readers/visitors of this forum.