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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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1०० वां भाग

छुटकी -होली दीदी की ससुराल में का १०० वां भाग पोस्टेड, पृष्ठ १०३५


भाग १०० - ननद की बिदायी

कृपया पढ़ें और अपने कमेंट जरूर दें
 
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raniaayush

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कोमल तुम्हारा नाम क्या है। "

मैं मारने के लिए कोई चीज ढूंढती उसके पहले उन्होंने दूसरा सवाल दाग दिया , जो थोड़ा मुश्किल था ,

" अच्छा चल तेरे नाम का पहला अक्षर क है न , तो ये बताओ अक्षर क्या है , और क्यों हैं ? "

मैंने थोड़ा सर खुजलाया , इनकी माँ बहन को गाली दी मन ही मन, लेकिन मैं भी बनारस की , मैंने सोच कर बोल दिया ," अक्षर, मतलब भाषा का बिल्डिंग ब्लाक, सबसे बेसिक यूनिट,... "



पर इन्हे संतुष्ट करना आसान नहीं था , उन्होंने ना ना में सर हिलाया और फिर पूछा ,

" नहीं नहीं , जैसे क , तो ये लिखा जाता है की बोला जाता है , ... "

पर जो बात बतायीं उन्होनी , सच बताऊँ , किसी से बताइयेगा नहीं , कोमल के दिमाग में भी कभी नहीं आयी थी , ...



जीभ, तालू , होंठ के संयोग से जो हवा मुंह से निकलती है , वो एक आवाज होती है , लेकिन हर आवाज अक्षर , या शब्द नहीं होती। उसी तरह हम लाइने , कुछ ज्यामितीय आकृतियां उकेरते हैं , लेकिन हर बार उस का भी अर्थ नहीं होता , लेकिन जब दोनों को मिलाकर, जैसे हमने एक लाइन , गोला , पूँछ ( ाजिसे स्कूल में मास्टर जी सिखाते हैं क लिखने के लिए ) और उसको एक ख़ास अंदाज में बोलते हैं , तो ये दोनों का कन्वर्जेंस अक्षर होता है , और उसी के साथ जुड़ा होता है एक सोशल सैंक्शन , सभी लोग एक इलाके के , जो साथ साथ रहते हैं यह मान लेते हैं की इस ज्यामितीय आकृति के लिए यह जो आवाज निकल रही है वह क होता है ,

मैं चुपचाप सुनती रही , ये बात कभी मैंने सोची भी नहीं थी , कितनी बार क ख ग लिखा पर , पर मेरी आदत चुप रहने की नहीं थी तो मैं बोल पड़ी ,

" और उसी को जोड़ कर शब्द बनते हैं ,... "

ज्यादातर इनकी हिम्मत नहीं होती थी मेरी बात काटने की , माँ बहन सब की ऐसी की तैसी कर देती मैं , और उपवास का डर अलग, लेकिन आज बात काटी तो नहीं लेकिन थोड़ी कैंची जरूर चलायी।

" हाँ और नहीं , कई ट्राइबल सोसायटी में रिटेन लैंग्वेज अभी भी नहीं है , पर शब्द हैं गीत हैं कहानियां है , तो एकदम नैरो सेन्स में हम उन्हें लिटरेट नहीं मानते , लेकिन उनका अपना लिटरेचर अलग तरीके का है , लेकिन लिखने का फायदा है की सम्प्रेषण आसान हो जाता है , समय और स्थान के बंधन से हट कर , जो अशोक ने शिलालेख पर लिखा, वो हजारों साल बाद भी पढ़ कर उस समय के बारे में , पता चल जाता है , ... फिर जो यहाँ लिखा है उसे हजारो किलोमीटर दूर भी भेजा जा सकता है , तो कोई भी जीव, समाज , सभ्यता, संस्कृति अपने को प्रिजर्व करना चाहती है , तो लिखित भाषा उसमें सहायक होती है , ... "

मेरा भी दिमाग अब काम करने लगा था , मैंने जोड़ा और साहित्य ,

" एकदम लेकिन उसके पहले व्याकरण , और फिर वही बात सामाजिक स्वीकृत की , मान्यता की और बदलाव की भी , संस्कृत ऐसी भाषा भी , व्याकरण के नियम , शब्दों के अर्थ सब बदलते हैं , लेकिन हर अक्षर जिसमें अर्थ छिपा रहता है एक डाटा है , अच्छा चलो ये बताओ ढेर सारा डाटा एक साथ कब पहली बार संग्रहित किया गया होगा ,

मैंने झट से जवाब दिया और जल्दी के चक्कर में गलत जवाब दिया , कंप्यूटर पर उन्होंने तुरतं बड़ी हिम्मत कर के मेरी बात काटी ,

नहीं किताब ,और समझाया भी , जब शिलालेख पर , गुफाओं में कुछ उकेरते थे तो समय और स्थान की सीमा रहती थी पर किताब के एक पन्ने पर कितनी लाइनें , कितने शब्द , फिर जो एक के बाद एक पन्ने को जोड़ कर रखने की तरकीब निकली तो कितनी बातें एक साथ एक जगह और भाषा के साहित्य में बदलने में किताबों का बड़ा रोल था , ,





मोहे रंग दे पेज १६६ पोस्ट १६५८
इतनी सुंदर जानकारी और विचार बिंदु प्रदान करने के लिए धन्यवाद। एक अक्षर की उतपत्ति की जो जानकारी बताई है वो पाना आसान नहीं है।🙏🙏🙏
 

komaalrani

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Movie "Yaadein" by Sunil Dutt... monologue and thinking about near and dear ones characters.
Jabrdst comparison kiya aapne , yaaden ki yaad dila ke ,... apane dhang ki alag picture thi, sirf ek actor ke sahare
 
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komaalrani

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सखी सहेलियों, बहनों-भौजाईयों सबके देखने परखने की अलग-अलग कसौटी होती है...
कई बार घर का माहौल- आस-पास का परिवेश... अपने बड़ों-बुजुर्गों द्वारा लादी गई इच्छाएं..
ये मन की बहुत सारी इच्छाओं को दबा देती है....
साजन-सजनी में कुछ भी ढंका-छिपा नहीं होना चाहिए...

एकदम सही कहा आपने, और मेरी कहानी,

मोहे रंग दे,... साजन सजनी के इसी रूप को दर्शाती है।

Where each is both
 
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komaalrani

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खुली हवा में साँस लेना ... एक अलग ताजगी का अहसास करा देता है...
उन गांठों को खोलकर एक पंछी को जो केवल फडफडा रहा था... आजाद कर दिया....

इस कहानी की मूल भावना यही है आपके कमेंट्स ने इसे शब्द दे दिए
 
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Well balanced and thoughtful post...
Thanks so much
 
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komaalrani

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Update kab aayegi didi ji
aaj meri doosari story pe, jahan Incest katha chal rhi hai kal yahan pe meanwhile please read the last posts and share your comments
 
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komaalrani

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भाग ३४

इन्सेस्ट कथा - चाची ने चांदनी रात में,...

a long update posted, please do read, enjoy, like and share your views on each post, i will be waiting
 

komaalrani

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इतनी सुंदर जानकारी और विचार बिंदु प्रदान करने के लिए धन्यवाद। एक अक्षर की उतपत्ति की जो जानकारी बताई है वो पाना आसान नहीं है।🙏🙏🙏
Thanks so much, credit goes to readers like you who trigger such posts, thanks again.
 

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जोरू का गुलाम ( दूसरा हिस्सा )

भाग १५८



जल्द
 
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