Black horse
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सपने पूरे होने शुरू हो गए, बधाईघर आयी मोरी छोटी ननदिया
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लाइट्स से पता चल रहा था की हम लोग टाऊनशिप में घुस गए हैं और अपने घर की ओर मुड़ गए हैं।
….
काले काले बादल छाए थे , हल्का अँधेरा था ,और जिधर हम लोगों का घर था ,घरों के बीच में थोड़ी दूरी भी ,आगे छोटा सा लान और पीछे किचन गार्डन ,
जब वो गाडी घर के सामने रोक रहे थे तो मुझे एक शरारत सूझी।
वो गाडी की डिक्की खोल कर सामान निकाल कर घर में गए ,मैंने आगे की सीट से अपना पर्स उठाया , गुड्डी की ब्रा पैंटी , हाईस्कूल वाला सफ़ेद ब्लाउज ,स्कर्ट और गाड़ी से निकल पड़ी।
और मुस्कराते हुए लान का गेट खोल कर उससे बोली ,
आ न ,...
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जहाँ कार खड़ी थी वहां से दस पांच कदम पर लॉन में और मुश्किल से ६० -७० कदम घर का दरवाजा ,
लेकिन गुड्डी बिचारी उहापोह में ,
कार का दरवाजा खोलकर झिझकती वो बोली
"पर भाभी मेरे कपडे ,.. मैं ,.. "
" हैं न मेरे पास ,देख तेरी स्कर्ट ,तेरा ब्लाउज ,... मैंने गुमाये नहीं है। "मैं उसे चिढ़ाते बोली।स्ट्रीट लाइट हम लोगों के घर से थोड़ी दूर थी ,इसलिए गेट पर झुटपुटा अँधेरा ही रहता था।
"पर भाभी ,मेरे कपडे ,... " वो बिचारी परेशान हो रही थी।
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वो भाभी कौन जो ननद को परेशान न करे ,..
" अच्छा चल आ , दे दूंगी यार ,... अब ये तो तुझे भी नहीं आते , मेरे किस काम के ,... " मैंने छेड़ा फिर हड़काया
" देख मैं अंदर जा रही हूँ , तीन तक गिनती गिनूँगी , आना हो तो आओ ,... कार रात भर वही खड़ी रहेगी , और तुम जानती हो ,पीछे वाला दरवाजा ठीक से बंद भी नहीं होता तो रात में कहीं आस पास के लौंडे ,... "
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और दो तक ही गिन के मैं घर की ओर बढ़ गयी ,
और वो ,... जब तक मैं दरवाजे पर पहुंची उसके पहले ही कार का दरवाजा खोल के उनकी बहना ,वैसे ही ,बर्थडे सूट में ,... लान पार करते ,दरवाजे पर
तभी वो सामान ले कर बाहर निकले ,... और मैंने उन्हें इशारा किया
" अरे तेरा माल देख चुदवाने के लिए कितना बेताब है , मैं लाख कहा कपडे पहन ले , पर बोली भैया तो अभी उतार देंगे ही। "
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और फिर उनसे बोली ,अरे यार मेरी ननद और तेरा माल पहली बार हमारे घर में ऐसे थोड़ी ही ,...घर की चौखट ,...
और इशारा समझ कर उन्होंने अपनी ममेरी बहन को गोद में उठा लिया और ऐसे
वो हमारे घर की चौखट पार कर के अंदर।
……मुश्किल से दो साल हुए थे जब मैंने इनके मायके की चौखट पार की थी ,
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ननद ,जेठानी ,सास ,...
यह मत करो ,वह मत करो
और आज गुड्डी ने इस घर की चौखट पार कर ली।
जिस तरह से मैं चाहती थी ,एकदम उसी तरह से ,
और जिसकी गोद में ,मैं चाहती थी ,उसी की गोद में।
मेरे बिना कुछ कहे उसे पता चल गया होगा की यहां कौन क्या तय करता है ,और अब बस उसे वही ,...
असली बात तो ये ही की ये कहना न पड़े की क्या करो ,क्या न करो और अगला खुद वही करे ,...
आगे आगे वो अपनी ममेरी किशोर कुँवारी बहन को गोद में उठाये ,
और पीछे पीछे मैं ,गुड्डी की ब्रा ,पैंटी ,स्कर्ट ,टॉप ,मेर हाथ में ,
और गुड्डी अपनी भैया की गोद में स्कूल के साक्स और शूज पहने ,
सिर्फ।
……………….