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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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Chain se padhne bhi nhi dete guddi ko....गुड्डी की पढ़ाई
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और मैं गुड्डी के कमरे में।
दबे पाँव।
……..
गुड्डी का कमरा हल्का सा खुला हुआ था ,वो पलंग पर पेट के बल , उसके होंठों में एक पेन्सिल अटकी,
आंखे लैपटॉप की स्क्रीन से चिपकी,
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पेट के बल लेटने से उसके बबल बॉटम ,मस्त दिख रहे थे , वो अपनी हाईस्कूल वाली स्कर्ट ,ब्लाउज में थी , स्कर्ट कुछ उठ गया था और
गोरे गदराये चूतड़ , हलके हलके झलक रहे थे।
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उसकी कच्ची अमिया तकिये से दबी ,
मैं ठिठक के रह गयी।
मन तो यही कह रहा था था , बस उसके ऊपर चढ़ के ,... उसकी कुँवारी गांड मार लूँ , दोनों छोटे छोटे जुबना पकड़ के।
वो लैपटॉप में कोई एक्सरसाइज करने में बिजी थी।
गांड तो मैंने नहीं मारी ,लेकिन सीधे उसके ऊपर चढ़ गयी , और मेरे दोनों हाथ मेरी ननदिया के कच्चे जुबना पे।
"हे भाभी ,... छोड़ न ,...प्लीज दब रही हूँ "
और मैंने ,... और कस के दबा दिया। साथ में चिकने माखन से गाल चूम लिए।
" भाभी , फिजिक्स केमेस्ट्री ख़त्म बस अभी बायोलॉजी कर रही थी , छोडो न "
नीचे से वो कसमसाती बोली।
ननद के जोबन और ब्लाउज में बंद ,... कितनी नाइंसाफी ,... वो भी मेरे घर में ,...मैंने आराम से गुड्डी के स्कूल ड्रेस वाली ब्लाउज के बटन चट चट खोलते हुए , चिढ़ाया ,
"अरे ननद रानी ,.. बायोलॉजी छोड़ , अब सेक्सोलॉजी शुरू कर। "
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और अगले पल हम दोनों चिपके बैठे , लैपटॉप मेरी लैप में , और गुड्डी मेरी बांहों में।
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कसमसाती हुयी वो शोख टीनेजर बोली , भाभी डाउनलोड ख़तम हो होने वाला था।
जिस कोचिंग में वो ज्वाइन करने वाली थी , उन्होंने ही सारा टेक्स्ट और जितने क्लास उसके आने के पहले हो गए थे ,उनके क्लास नोट्स , जो टेस्ट हो हो गए थे उनके क्वेस्चन पेपर भेजे थे। जो मैं कमरे में घुसी तो गुड्डी पेट के बल लेटी बायोलॉजी का टेस्ट पेपर कर रही थी।
तबतक इंडिकेशन आ गया , बॉयोलॉजी का डाउनलोड भी ख़तम हो गया था।
फ़िज़िक्स केमेस्ट्री के टेस्ट पेपर जो ऑनलाइन उसने किया था उसके रिजल्ट भी ,... वो टॉप . 1 पर्सेंटाइल में थी। सिर्फ चार लोग उस पर्सेंटाइल में थे ,तीन लड़कियां उसको जोड़ कर और एक लड़का।
और गुड्डी रानी के स्कूल ड्रेस वाले बटन भी खुल गए थे , उसके जोबन अब उसकी भौजी के हाथों में ,
" यार इत्ता अच्छा रिजल्ट ,.. कुछ मीठा हो जाय , ... " और मेरे होंठ ननद रानी के होंठों पर , थोड़ी देर में ही उस टीनेजर के होंठ भी मेरे होंठों का जवाब दे रहे थे। मैंने जीभ अंदर घुसेड़ दी ,और अच्छी ननद की तरह वो जीभ चूसने लगी।
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" हे सुन तू तू आते ही पढ़ाई में जुट गयी ,... कोचिंग वालों से मेरी बात हो गयी है , परसों शाम को बुलाया है ,... तबतक तेरी छुट्टी ,... "
मैंने होंठों को छुड़ा कर उसे समझाया और फिर लैपटॉप के फ़ोल्डर्स दिखाए , जो उसी की नाम के थे।
" तेरे भइया ने बनाये है , इसे तो खोल के देख ,..असली ज्ञान की बातें इसमें हैं "
और गुड्डी ने खोल दिया ,...
Kaise fasaaa rahe h chidiya ko.....भाग १६४
गुड्डी की ' ख़ास पढ़ाई '
" भाभी , फिजिक्स केमेस्ट्री ख़त्म बस अभी बायोलॉजी कर रही थी , छोडो न "
नीचे से वो कसमसाती बोली।
ननद के जोबन और ब्लाउज में बंद ,... कितनी नाइंसाफी ,... वो भी मेरे घर में ,...
मैंने आराम से गुड्डी के स्कूल ड्रेस वाली ब्लाउज के बटन चट चट खोलते हुए , चिढ़ाया ,
"अरे ननद रानी ,.. बायोलॉजी छोड़ , अब सेक्सोलॉजी शुरू कर। "
और अगले पल हम दोनों चिपके बैठे , लैपटॉप मेरी लैप में , और गुड्डी मेरी बांहों में।
कसमसाती हुयी वो शोख टीनेजर बोली , भाभी डाउनलोड ख़तम हो होने वाला था।
जिस कोचिंग में वो ज्वाइन करने वाली थी , उन्होंने ही सारा टेक्स्ट और जितने क्लास उसके आने के पहले हो गए थे ,उनके क्लास नोट्स , जो टेस्ट हो हो गए थे उनके क्वेस्चन पेपर भेजे थे। जो मैं कमरे में घुसी तो गुड्डी पेट के बल लेटी बायोलॉजी का टेस्ट पेपर कर रही थी।
तबतक इंडिकेशन आ गया , बॉयोलॉजी का डाउनलोड भी ख़तम हो गया था।
फ़िज़िक्स केमेस्ट्री के टेस्ट पेपर जो ऑनलाइन उसने किया था उसके रिजल्ट भी ,... वो टॉप . 1 पर्सेंटाइल में थी। सिर्फ चार लोग उस पर्सेंटाइल में थे ,तीन लड़कियां उसको जोड़ कर और एक लड़का।
और गुड्डी रानी के स्कूल ड्रेस वाले बटन भी खुल गए थे , उसके जोबन अब उसकी भौजी के हाथों में ,
" यार इत्ता अच्छा रिजल्ट ,.. कुछ मीठा हो जाय , ... " और मेरे होंठ ननद रानी के होंठों पर , थोड़ी देर में ही उस टीनेजर के होंठ भी मेरे होंठों का जवाब दे रहे थे। मैंने जीभ अंदर घुसेड़ दी ,और अच्छी ननद की तरह वो जीभ चूसने लगी।
" हे सुन तू तू आते ही पढ़ाई में जुट गयी ,... कोचिंग वालों से मेरी बात हो गयी है , परसों शाम को बुलाया है ,... तबतक तेरी छुट्टी ,... "
मैंने होंठों को छुड़ा कर उसे समझाया और फिर लैपटॉप के फ़ोल्डर्स दिखाए , जो उसी की नाम के थे।
" तेरे भइया ने बनाये है , इसे तो खोल के देख ,..असली ज्ञान की बातें इसमें हैं "
और गुड्डी ने खोल दिया ,...
ओरल सेक्स ,
सेक्स पोजीशन , और ढेर सारी नीली पीली फ़िल्में ,..
मन ही मन सोच रही थी स्साली जिस काम के लिए तुझे जेठानी से बचा के ले आयी हूँ वो सीख पर उससे बोली
" दिन में थ्योरी करना , और रात में अपने भइया कम सैंया के साथ प्रैक्टिस ,... उसमें १०० में १०० आने चाहिए ,.. " मैंने गुड्डी को छेड़ा।
गुड्डी शर्मा गयी पर एक फोल्डर उसने खोल लिया , डीप थ्रोट ,...
" देख कैसे चूस रही है मस्त ,.. होंठ दांतों के ऊपर , कैसे जीभ की नोक से पेशाब वाले छेद को सुरसुरा रही है , "
गुड्डी के निपल मसलते हुए मैंने दिखाया भी ,सिखाया भी।
और चिढ़ाया भी,
'बस थोड़ी देर की बात है , अभी आ रहे होंगे तेरे फाड़ने वाले, ... फड़वाने के पहले ऐसे कस कस के चूसना '
मेरी ननद बड़ी क्विक लर्नर थी , मैं श्योर थी ,वो मेरी जेठानी का भी नंबर डकायेगी। फिर गीता और मंजू बाई ऐसी गुरुआनी भी तो उसे मिलनेवाली थीं ,जिनकी किताब के पहले पन्ने पर ही किंक लिखा होता था।
बस दो तीन दिन की बात थी ,एक बार ज़रा उसकी ठीक से फ़ट जाय , फिर तो गीता और मंजू ,
गीता ने आज सुबह ही दोस्ती शुरू कर दी थी , भौजाई और ननद का रिश्ता भी बना लिया ,...
" सुन तू अपनी ये पढ़ाई कर , ... तबतक मैं पेट पूजा की तैयारी करती हूँ ,.. " उसे छोड़ कर किचेन में जाते हुए मैं बोली।
पर उछल कर गुड्डी मेरे साथ ,
" नहीं नहीं भाभी ,मैं भी चलती हूँ साथ , ..एक से भले दो ,... जल्दी हो जायेगी। फिर गीता ने सुबह मुझे किचेन की सब चीजें दिखा दी है। "
यही तो मैं चाहती थी , ...उसे इनकी एकदम सच्ची रखैल बनाना ,जो रात में बिस्तर की शोभा बढाए और दिन में घर का सब काम धाम ,
मैंने उसे चूम लिया और कस के उसके चूतड़ पर दो हाथ जड़े ,
" तू न एकदम अपने मायके वालियों की तरह बचपन की छिनार हो , समझ गयी तू क्या चाहती है , एक से तेरा काम नहीं चलने वाला है , तुझे दो दो चाहिए , वो भी बारी बारी से नहीं साथ साथ ,... एक आगे ,..एक पिछवाड़े ,... चल तू भी क्या याद करेगी ,आखिर तेरी भाभी हूँ ,... उसका भी इंतजाम करवा दूंगी ननद रानी। "
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Wowसांझ की बेला
बारिश होगी ,हवा भी थमी ।
और जगने पर जिस पर पहली निगाह पड़ती है , वहीँ पड़ी , फोन और टैब पर। ढेर सारे मेसेज , मिसेज खन्ना , दिया और इनके भी दो टेक्स्ट मेसेज थे।
पहला मेसेज था की ये आफिस में थोड़ा बिजी हैं , साढ़े सात बजे तक आएंगे।
और दूसरा , वही ,.. स्माइली ,.. किस्सी , हम लोगों की शादी के दो साल से ऊपर होगये थे पर ये भी न , आज तक ,..
फिर व्हाट्सएप , मिसेज खन्ना का डेढ़ घंटे पहले का मेसेज और पहले थम्स अप स्माइली ,... मैंने जो नाम के २ सजेस्ट किया था , और जो लोगो ,मोनोग्राम , थीम ,... सब कुछ पसंद आ गया था , कल दो स्पांसर के साथ मिसेज खन्ना का डिनर था , वो प्रोग्राम का ८० % स्पांसर करेंगे , ... और मिसेज दीर्घलिंगम ने सिर्फ एक चेंज कराया ,
जो बजट सुजाता ने बनाया था उसे ढाई गुना करा दिया ,... ८० % स्पांसरशिप , १२ % कारपोरेट आफिस से वोमेन इम्पॉवरमेंट और स्किल अपग्रेडेशन के नाम पर ग्रांट इन ऐड , बचा हुआ ८ % हमें प्रोवाइड करना था। लेकिन ढाई गुना ओवर इंवायसिंग का मतलब ,.. हम लोगो की अच्छी खासी सेविंग ,.. लेडीज क्लब को फायदा।और थोड़ा बहुत पैडिंग तो हम लोगों ने पहले भी कर रखी थी, फिर हमारी यूनिट के भी रिसोर्सेज, सारे टेंडर तो सुजाता के हस्बेंड के यहाँ से ही होके निकलते थे और सी एस आर यहाँ का अब इन्ही के पास आ गया था, मतलब वो ८ % भी आसानी से मैनेज हो जाएगा , और बोनस बोनांजा
सुजाता का भी मेसेज था , ... इसी के बारे में , और लेडीज क्लब की मीटिंग के बारे में , मिसेज खन्ना के लौटने के बाद , चार पांच दिन बाद।
मैंने मिसेज खन्ना को थैंक्स दिया ,सुजाता को बोला , मिसेज खन्ना के आने के बाद उनसे मिल कर ही फिक्स करेंगे। अभी अगले हफ्ते तक तो मैं बहुत बिजी रहने वाली थी।
दिया ने ढेर सारी वीडियो क्लिप्स भेजी थीं , सब में जेठानी पर एक साथ दो दो , और कुछ में तो तीन ,
मान गयी अपनी जेठानी को मैं अभी दो दिन हुए होंगे उनके देवर ने पिछवाड़े का फीता काटा था, अपने भाइयों, चरवाहों चरवाहों से बचा के ले आयी थी मेरे मरद से मरवाने फड़वाने के लिए,... मेरे सामने लेकिन अब गाँड़ मरवाने में पूरी उस्ताद लग रही थी , खुद धक्का मार मार के एक से एक लौंड़े घोंट रही थी पिछवाड़े और सब के सब पिछवाड़े से निकल के उसके मुंह में
अब ये सब स्वाद की आदी बना दिया था दिया ने,...
और उनके चूतड़ पर जबरदस्त चांटे पड़ रहे थे सो अलग,बिना गाली के कोई बात नहीं कर रहा था , सारी अकड़ स्साली की गाँड़ में
दिया से मैंने विडीयो चैट की , अब तक जेठानी के आगे आठ बार और पिछवाड़े छह बार ,...
दोनों और दूध दही की नदिया बह रही थीं ,
लेकिन दिया ने छह के बाद रेस्ट डिक्लेयर कर दिया। दो घण्टे उन्हें नहा धोकर तैयार होकर एक बार फिर से संस्कारी बनाने के लिए , ...मेरी सास और जेठ नौ बजे तक पहुँचने वाले थे , दिया का भाई आठ बजे आने वाला था दिया को लेने के लिए।
और तभी मुझे अहसास हुआ ,... गुड्डी ,... गायब ,
कहाँ गयी होगी मैं सोच रही थी , आंगन में बरामदे में ,... कहीं नहीं।
हम लोगो का कमरा भी खुला था , वहां भी नहीं ,
2 boond hi kafi thi.... geeta ne 4 daal di aur wo bhi kuwari kali kरात की तैयारी -गीता
और तभी मुझे अहसास हुआ ,... गुड्डी ,... गायब ,
कहाँ गयी होगी मैं सोच रही थी , आंगन में बरामदे में ,... कहीं नहीं।
हम लोगो का कमरा भी खुला था , वहां भी नहीं ,
……………………………….
तभी बाथरूम से खिलखिलाने की , फिर सिसकियों की आवाज आयी ,
गीता।
और मुझे याद आया , गुड्डी को तैयार करने की जिम्मेदारी तो गीता की ही थी , पहले नहलाना फिर ,...
और मैं फिर सो गयी।आज सिर्फ गुड्डी और उसके बचपन के यार का रतजगा थोड़े ही होने वाला था, मुझे भी जगना था,... एक एक पल देखना था मुझे,... मेरी ननद की चीखें सुननी थीं उसके चेहरे का दर्द और तड़प देखनी थी, इसलिए खाने, सोने और ' उसके ' बारे में मेरी राय यही थी, मौका मिलते ही,...
……
गीता ने पहले तो गुड्डी के पूरी देह पर मुल्तानी मिट्टी, और ये कोई ऐसी वैसी नहीं , मुल्तानी मिट्टी उसने गाय के दूध और शहद में सानी थी। साथ में जितनी मुल्तानी मिट्टी थी , उसके वजन के एक तिहाई के बराबर सफ़ेद चंदन, और एक चौथाई गुलाब की पंखुड़ियां। दो दो चुटकी मीठी तुलसी और शतावर।
पहले तो गुड्डी पेट के बल लेटी थी और गीता ने धीरे धीरे मड पैक, पैरों पर , जांघों पर और नितम्बो पर थोड़ा मोटा ,
साथ में छेड़खानी भी , ननद भौजाई का रिश्ता तो सुबह ही बन गया था , गीता ननद और गुड्डी भौजी।
चूतड़ पर मड का लेप लगाते समय , गीता ने गुड्डी के ब्वाइश चूतड़ों को जबरन फैला दिया और एक ऊँगली , ...
पूरी ताकत के बाद भी एक पोर भी नहीं घुसा ,लेकिन गोल गोल घुमाते वो बोली ,
" अरे भौजी , अगवाड़े क रास्ता तो आज खुल जाएगा , और ई पिछवाड़े का नंबर कब आएगा "
गुड्डी कसमंसा रही थी , मुस्करा रही थी।
" भौजी बहुत परपरायेगी , जब तोहार गांड फटेगी , लेकिन अइसन मस्त गांड हो और फाटे न इहो तो ,... "
और थोड़ा सा मड गुड्डी की गांड में भी उसने ठेल दिया , फिर पीठ पर ,और पलट कर गुड्डी के छोटे छोटे उभार , नीचे गुलबिया कुछ भी नहीं बची ,
४५ मिनट तक इसे लगे रहना था
और अब गुड्डी के बालों का नंबर था , गुड्डी के बाल बहुत घने थे और लम्बे भी। उसकी मोटी चोटी चूतड़ के नीचे तक लटकती रहती थी।
पहले तो गीता ने गुड्डी के बालों को खूब गीला किया और फिर खस और मुल्तानी मिटटी से , धीरे धीरे , साथ में स्कैल्प मसाज भी ,
अभी मिट्टी को आधे घंटे बाकी था , और अब गीता की शरारते , दोनों निचली फांको को कभी वो अपनी ऊँगली से रगड़ देती कभी हलके से खोल देती।
और फिर एक छोटी सी शीशी ,जैसे होमियोपैथिक दवाओं की होती थी ,
मंजू ने मुझे कई बार बताया था लेकिन वो कैसे बनती थी न मुझे मालूम था न गीता को , उसकी दो बूँद काफी होती थी। असर उसका धीमे धीमे करीब दो ढाई घण्टे बाद ही होता था ,लेकिन उसके बाद , ऐसी आग चुनमुनिया में लगती थी की रात भर चुदे , चूत का भोसड़ा बन जाए लेकिन लौंडिया टाँगे फैलाए ही रहेगी।
गुड्डी की चिरैया ने चोंच चियार दी और गीता ने टप टप चार बूंदे ,
और फिर गुड्डी को समझाया भी
भौजी बस अब उसको भींच के रखना खूब देर तक और सोचना की भइया हचक हचक के ,...
धीरे धीरे फिर गीता ने गुनगुने पानी से मिटटी साफ़ की ,फिर बाल धुले
डेढ़ घंटे लगा लेकिन गुड्डी का बदन एकदम हल्का फ्रेश ,....
लेकिन अभी चवन्नी का खेल बाकी था , बल्कि चवन्नी का ही खेल हुआ था.
Wow.... kya tayari chal rhi hगीता,मैं और
बारी कुँवारी कच्ची ननदिया की फड़वाने की तैयारी
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सोते हुए उसने दोनों हाथ अपने छोटे छोटे जोबन के ऊपर कर रखे थे जैसे उन्हें छुपा रही हो ,
मैं मुस्करायी , छुपा ले ,छुपा ले ,.. अब आ गयी है मेरे कब्जे में , आज एक बार तेरे भैया इन्हे कुतर ले फिर देखना,
" आधे पौन घंटे ,इसे आराम कर लेने दे ,उसके बाद तो रतजगा होना है बिचारी का " मैंने गीता से खिलखिलाते हुए कहा।
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पर गीता को आईडिया नहीं पसंद आया , " सिर्फ रतजगा , अरे ऐसे माल की चक्की तो चौबीसो घंटो चलनी चाहिए। अभी तो जवानी चढ़नी शुरू हुयी है इसपर तो रात में कोई चढ़े और दिन में कोई तब तो ,.. "
गीता को प्यार से चूमते हुए मैं बोली ,
"एकदम ऐसे ही होगा लेकिन पंछी अभी तो पिंजरे में आया है , दो चार जरा इधर उधर उड़ लेने दे , फिर तो उसको ले ही आयी हूँ इसी काम के लिए ,.. और तूने तो पहले ही कहा था की तू इसे अपने से भी नम्बरी छिनार ,चुदैल बनाएगी। "
" एकदम भाभी , आज बहुत मुश्किल से रोका मैंने अपने को ,...आप ने इतना मना नहीं किया होता और भइया का ख्याल न होता तो आज ही मैंने उस स्साली को खा लिया होता। "
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गीता ने चुम्मी का जवाब चुम्मी से देते हुए बोला।
" अरे खाएंगे इसको ,हम तुम मिल के खायंगे ,बल्कि मंजू बाई भी साथ में , "
मैंने गीता की बात की हामी भरी।
" लेकिन भाभी , जोर जबरदस्ती करनी पड़ेगी ( मंजू बाई मुझे बहु जी कहती थी बस इसी रिश्ते से , गीता ने मुझे भाभी मान लिया था , और वो भी मेरी मस्त ननद हो गयी थी। ) , और आपके सैंया की छुटकी बहिनिया चीखे चिल्लायेगी भी बहुत। "
गीता बोली
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हँसते हुए गीता से मैं बोली ,
" अरे चीखे चिल्लायेगी नहीं तो मजा क्या आएगा , और जोर जबरदस्ती करना पडेगा तो कर लेना , सीधे से नहीं तो हाथ पैर बाँध कर , ... हाँ मुंह मत बंद करना उसका ,... वरना चीखेगी कैसे ,... चीख चिल्ला के गला न बैठ जाए , पूरे मोहल्ले में चीख सुनाई न दे तो क्या मजा आएगा। "
" अरे मुंह एकदम नहीं बंद करुँगी , अरे मुंह के रास्ते ही तो ,.. "
और जिस तरह गीता मुझे देख के खिलखिलाई ,... मैं उसका मतलब समझ गयी। खिलाने पिलाने वाली बात,... और वो तो होना ही था बल्कि उसकी आदत डलवानी थी और मैं भी खिलखिलाने लगी।
हलवा बन गया था , गीता ने कड़ाही उतार दी और बोली ,
" आज आप ये वाला हलवा उसे खिलाओ और फिर उस दिन मैं ,... अपना पेसल हलवा, मुंह खुलवा के जबरदस्ती "
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" एकदम ,.. लेकिन आज तेरी जिम्मेदारी अपने भैय्या को खिलाने पिलाने की भी है , और तैयार करने की भी , मैं गुड्डी को बखीर, हलवा खिलाने जा रही हूँ , और हाँ इंटरवल में भी तो ,... और तू वो पलंग तोड़ पान ले आयी है न ,... "
" एकदम भौजी , कैसे भूल सकती हूँ , ..." गीता ने अपने आँचल में से बंधे चार जोड़ी 'पेसल ' पान निकाले।
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" अरे सुन यार ,वो फ्रिज में से दसहरी निकाल ,दो बड़े बड़े और मिक्सी में थोड़ा, ज्यादा नहीं बस थोड़ा सा , " मैंने गीता को एक और काम बता दिया।
मैं दूध औटा रही थी , गीता ने मिक्सी में आम डाल कर ,... पल्प सा जब बन गया तो मैंने गीता से बंद करने को कहा।
मुझे गुड्डी की बात याद आ रही थी ,
" मेरे भैय्या आम का नाम भी नहीं लेते ,.. आप को क्या मालूम उन्हें क्या पसंद है। "
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मुस्कराते हुए मैंने गीता से कहा की आम का पल्प निकाल कर औटे हुए गरम दूध में डाल दे , और फिर उसे थोड़ी देर धीमी आंच पर रख कर मैंने उतार दिया।
और थोड़ा ठंडा होने पर उसे एक चांदी की बड़ी सी ग्लास में रख दिया।
उपर से थोड़ा सा बादाम पाक , स्वर्ण भस्म की एक चुटकी और चार केसर , ऊपर से चांदी की एक प्लेट से ढँक दिया।
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पान जो गीता लायी थी वो भी चांदी की एक प्लेट में ,
" गीता ,यार जहाँ आज नथ उतरेगी न इनकी ममेरी बहन की , ... हम लोगो के बेड रूम में वहीँ पलंग की बगल वाली टेबल पर रख देना, अभी नहीं जब अपने भइया को तैयार कर लोगी न उसके बाद,... नौ बजे के पहले पहले कुश्ती चालू हो जानी चाहिए। "
हँसते हुए मैंने गीता को वो काम सौंपा।
" एकदम भाभी और मेरे भइया तो आज सांड मात हो जाएगा उनके आगे , चार पांच राउंड तो कम से कम ,... और ये पान और दूध अगर,... फिर तो सुबह तक उनकी बहिनिया चलने को कौन कहे ,बिस्तर से उठ नहीं पाएगी ,... "
गीता हँसते हुए बोली।
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" अरे तू एकलौती ननद बनी है उसकी तो तुझे ही जाना पड़ेगा उसे उठाने ,... आज इस्तेमाल के पहले तो तूने देख ही लिया है उसकी चुनमुनिया ,कल इस्तेमाल के बाद भी देख लेना। "
मैं भी हँसते हुए बोली।
Gajab updateसाजन की तैयारी -बहिनिया पे,...
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और आज उसने तिल के तेल में जोजोबा, शंखपुष्पी और चमेली बहुत हलका सा मिलाया था।
गीता की उंगलिया , पहले तलुए से शुरू कर के ,... थोड़ी देर में सारी थकान ,आफिस का टेंशन , सब कुछ गायब।
अब वो एकदम ताजादम बीस मिनट तक वो तन्द्रा में जैसे सोये से , पीठ ,शोलडरब्लेड्स , नितम्ब , कंधे और गर्दन ,...
इस का असर सिर्फ रिलैक्स करना था।
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और उनके मन में वो सारी बातें घूम रही थी जो गीता ने उनसे कही थी ,जब वो पहली बार मंजू बाई के घर पर ,...
उस समय जो जो गीता ने और मंजू बाई ने गुड्डी के बारे मे कहा था , एकदम फ़्लैश बैक की तरह ,....
---
गीता तो जैसे गुड्डी के पीछे हाथ धो कर पड़ गयी थी।
उनके कुछ सोये ,कुछ थके कुछ मुरझाये हथियार पे , सीधे अपने थन से दूध की धार डालते हुए , उस ढूध को लन्ड पे मसलते रगड़ते बोली थी ,
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"" आएगी न वो छिनार , तेरी बहना ,जिस ने मेरे सीधे साधे भैय्या को इतना तड़पाया , पहली चुदाई में ही भैया से गाभिन करना , सारी मलाई सीधे उसकी बच्चेदानी में , बस नौ महीने में जब बियाएगी न तो बस , फिर तो दूध की कोई कमी नहीं ,और जब तक वो नहीं बियाएगी न मैं हूँ न भैया , अब मैं अपनी ससुराल नहीं जाने वाली , तेरा ख्याल रखूंगी। "
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मंजू बाई ने भी तड़का लगाया था ,
" और एक बात बताऊँ , पहलौठी का दूध का ,... एकदम जादू होता है "
गीता अपनी मुट्ठी में दूध ले के उनके अब जागे फुंफकारते लन्ड पे रगड़ते बोली ,
" जब तू जाओगे न उस के साथ सुहागरात मनाने , बस अपने हाथ से तैयार करुँगी मैं तुझे और जाने के पहले बजाय तेल के यही लगा के भेजूंगी ,पेल देना एक बार में। जब झिल्ली फटेगी तो सारे मुहल्ले में चीख सुनाई पड़नी चाहिए उसकी। बस ,हो जायेगा न पहलौठी का दूध और कुँवारी की झिल्ली फटने का ,.. क्यों माँ। "
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मंजू बाई की ओर देख कर वो बोली।
" एकदम तेरी पिलानिंग एकदम सही है , " मंजू बाई ने मुस्करा के कहा और उसका असर भी समझाया ,
" उसके बाद तो मुन्ना तेरा एकदम लोहे का खम्भा हो जाएगा। और लोहे का तो खैर अभी गीता जो कर रही है उसी से , सांडे के तेल से १२ गुना ज्यादा असर होता है पहलौठी के दूध का।
लेकिन उस के बाद न सिर्फ खूब कड़ा रहेगा ,लेकिन झड़ेगा भी तभी जब तुम चाहोगे। हाँ उसका असर उस छिनार गुड्डी पर भी होगा , रोज भिनसारे से उसकी चूत कुलबुलाने लगेगी। बिना लन्ड घोंटे नींद नहीं आयगी छिनार को। "
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" अरे माँ ,उस की चिंता काहें करती हो ,मैं हूँ न साली को पूरा रंडी बना दूंगी। जो अबतक नहीं सीखी ,वो सब सीखा दूंगी ,खुद ही लौंडे फांसने लगेगी ,लेकिन उसके पहले मेरे भैय्या से गाभिन होना पडेगा। "
गीता हँसते हुए बोली थी ।
एक एक बात उन्हें याद थी और पहली रात ही में वो समझ गए थे गीता और मंजू बाई दोनों ,भले लगे मजाक कर रही हैं , पर उनकी कोई भी बात खाली नहीं जाती ,करवा के ही छोड़ती हैं दोनों।
…………………………….
और उस के बाद अपने हाथ से गीता ने उन्हें वो बखीर और हलवा खिलाना शुरू किया जो मैंने उनके लिए बनाया था।
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गीता की उँगलियों से सीधे उनके मुंह में , न चम्मच , न उन्हें हाथ लगाने की इजाजत ,...
और साथ में गीता की छेड़खानी , गारियाँ,
"स्साले , इत्ता मस्त माल ,अब तक काहें को छोड़ रखा था , अरे जैसे टिकोरे आये उसी समय चाप देना चाहिए था। पैदाइशी चुदवासी है , अब बोलो गाभिन कब करोगे, छोटे छोटे जुबना से दूध पीना चुसूर चुसूर ,.. नौ महीने बाद। "
Gajab updateसाजन की तैयारी -बहिनिया पे,...
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और आज उसने तिल के तेल में जोजोबा, शंखपुष्पी और चमेली बहुत हलका सा मिलाया था।
गीता की उंगलिया , पहले तलुए से शुरू कर के ,... थोड़ी देर में सारी थकान ,आफिस का टेंशन , सब कुछ गायब।
अब वो एकदम ताजादम बीस मिनट तक वो तन्द्रा में जैसे सोये से , पीठ ,शोलडरब्लेड्स , नितम्ब , कंधे और गर्दन ,...
इस का असर सिर्फ रिलैक्स करना था।
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और उनके मन में वो सारी बातें घूम रही थी जो गीता ने उनसे कही थी ,जब वो पहली बार मंजू बाई के घर पर ,...
उस समय जो जो गीता ने और मंजू बाई ने गुड्डी के बारे मे कहा था , एकदम फ़्लैश बैक की तरह ,....
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गीता तो जैसे गुड्डी के पीछे हाथ धो कर पड़ गयी थी।
उनके कुछ सोये ,कुछ थके कुछ मुरझाये हथियार पे , सीधे अपने थन से दूध की धार डालते हुए , उस ढूध को लन्ड पे मसलते रगड़ते बोली थी ,
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"" आएगी न वो छिनार , तेरी बहना ,जिस ने मेरे सीधे साधे भैय्या को इतना तड़पाया , पहली चुदाई में ही भैया से गाभिन करना , सारी मलाई सीधे उसकी बच्चेदानी में , बस नौ महीने में जब बियाएगी न तो बस , फिर तो दूध की कोई कमी नहीं ,और जब तक वो नहीं बियाएगी न मैं हूँ न भैया , अब मैं अपनी ससुराल नहीं जाने वाली , तेरा ख्याल रखूंगी। "
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मंजू बाई ने भी तड़का लगाया था ,
" और एक बात बताऊँ , पहलौठी का दूध का ,... एकदम जादू होता है "
गीता अपनी मुट्ठी में दूध ले के उनके अब जागे फुंफकारते लन्ड पे रगड़ते बोली ,
" जब तू जाओगे न उस के साथ सुहागरात मनाने , बस अपने हाथ से तैयार करुँगी मैं तुझे और जाने के पहले बजाय तेल के यही लगा के भेजूंगी ,पेल देना एक बार में। जब झिल्ली फटेगी तो सारे मुहल्ले में चीख सुनाई पड़नी चाहिए उसकी। बस ,हो जायेगा न पहलौठी का दूध और कुँवारी की झिल्ली फटने का ,.. क्यों माँ। "
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मंजू बाई की ओर देख कर वो बोली।
" एकदम तेरी पिलानिंग एकदम सही है , " मंजू बाई ने मुस्करा के कहा और उसका असर भी समझाया ,
" उसके बाद तो मुन्ना तेरा एकदम लोहे का खम्भा हो जाएगा। और लोहे का तो खैर अभी गीता जो कर रही है उसी से , सांडे के तेल से १२ गुना ज्यादा असर होता है पहलौठी के दूध का।
लेकिन उस के बाद न सिर्फ खूब कड़ा रहेगा ,लेकिन झड़ेगा भी तभी जब तुम चाहोगे। हाँ उसका असर उस छिनार गुड्डी पर भी होगा , रोज भिनसारे से उसकी चूत कुलबुलाने लगेगी। बिना लन्ड घोंटे नींद नहीं आयगी छिनार को। "
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" अरे माँ ,उस की चिंता काहें करती हो ,मैं हूँ न साली को पूरा रंडी बना दूंगी। जो अबतक नहीं सीखी ,वो सब सीखा दूंगी ,खुद ही लौंडे फांसने लगेगी ,लेकिन उसके पहले मेरे भैय्या से गाभिन होना पडेगा। "
गीता हँसते हुए बोली थी ।
एक एक बात उन्हें याद थी और पहली रात ही में वो समझ गए थे गीता और मंजू बाई दोनों ,भले लगे मजाक कर रही हैं , पर उनकी कोई भी बात खाली नहीं जाती ,करवा के ही छोड़ती हैं दोनों।
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और उस के बाद अपने हाथ से गीता ने उन्हें वो बखीर और हलवा खिलाना शुरू किया जो मैंने उनके लिए बनाया था।
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गीता की उँगलियों से सीधे उनके मुंह में , न चम्मच , न उन्हें हाथ लगाने की इजाजत ,...
और साथ में गीता की छेड़खानी , गारियाँ,
"स्साले , इत्ता मस्त माल ,अब तक काहें को छोड़ रखा था , अरे जैसे टिकोरे आये उसी समय चाप देना चाहिए था। पैदाइशी चुदवासी है , अब बोलो गाभिन कब करोगे, छोटे छोटे जुबना से दूध पीना चुसूर चुसूर ,.. नौ महीने बाद। "
कमाल की नहीं, कोमल की हैकमाल की हैं...