- 22,209
- 57,779
- 259
Thanks so much for gracing the thread and appreciating.nailed it...
Thanks so much for gracing the thread and appreciating.nailed it...
ननंद का तो घोटा लग गया है ,अब सास को ज्यादा इंतजार करवाना ठीक नहीं है।भाग १७३ -
दिन भर - सासू माँ,....
गीता गुड्डी को लेकर एक बाथरूम में घुस गयी और मैं दूसरे बाथरूम में लेकर इनको , ...हम दोनों तो नहा धो के पंद्रह मिनट में निकल आये ,...
पर अगर नंनद भाभी साथ साथ बाथरूम में हो तो ,... पूरे आधे घंटे बाद
गुड्डी ने इनकी एक बनयान और बॉक्सर शार्ट पहन रखा था ,
और गीता ने मेरा शलवार सूट
मैंने टेबल पर खाना लगा दिया था , खाने के बाद ये सोये लेकिन अलग ,गेस्ट रूम में।
मैंने गुड्डी और गीता ने किचेन समेटा ,फिर मैं और गुड्डी बेडरूम में ,
नहीं नहीं कोई बदमाशी नहीं ,दोनों गाढ़ी नींद में एक दूसरे को पकडे ,
मेरी नींद ढाई घंटे बाद खुली ,मम्मी के फोन के साथ।
मम्मी ने तारीफ़ तो की ,लेकिन उसके पहले डांट भी पड़ी और बहुत।
तारीफ़ हुयी गुड्डी की चीखों की , ...मम्मी बहुत बिजी थीं ,लेकिन उन्होंने अपने आई फोन पर फास्ट फारवर्ड कर कर के देख लिया था. एकदम जैसे वो चाहती थीं ,उसी तरह फटी थी मेरी ननद की। अभी आधे घंटे में उन्हें ताज़ में एक डिनर पर जाना था। थोड़ी देर पहले अपने बैंकर्स के साथ मीटिंग्स से आयी थीं वो , दो दिन से वो मुम्बई में ही थी। और मॉम ,एकदम मेरी परफेक्ट मॉम ,... उन्होंने किसी को लगा दिया था , रात भर की कहानी , दो ढाई घण्टे में करने को ,... और साथ में मेरी ननद की और इनकी पहले की फोटो भी , .... साथ साथ , राखी बांधते हुए , ... मेरी ननद के सारे क्लोज अप कल रात के भी और पहले के भी , हाँ चीखे कोई नहीं कटनी थीं , ... रात दस बजे तक गूगल ड्राइव में वो लोड हो जायेगी ,पासवर्ड मुझे वो एस एम एस कर देंगी।
लेकिन जो डांट पड़ी वो सही पड़ी ,मैं भूल ही गयी थी। मेरी सास कल रात को ही आ गयीं वापस और अभी तक मैंने उनसे बात नहीं की ,हाल चाल नहीं पूछा। मम्मी का फोन ख़तम होने के पहले मेरी उँगलियाँ सासू माँ का नंबर डायल कर रही थीं। मुझे लगा की कहीं , ...पर मेरी बात शुरू होने के पहले ही खूब चहक कर ,...और भर भर आशीर्वाद भी दिया ,
"सदा सुहागिन रहो ,खुश रहो ,... "
मैंने जैसे ही बोला की मैं चाहती थी की उनसे मिल कर लौटूं और वो बहाना बनाया जो हर बहु बनाती है , आप जानती हैं इनको छुट्टी कितनी मुश्किल से मिलती है ,.... कंपनी का काम ,प्राइवेट नौकरी ,... और पोस्ट भी इतनी इम्पोर्टेन्ट है , ... छुट्टी कैंसल कर दी ,...
लेकिन मेरी बात शुरू होने के पहले ही वो खिलखिला के बोलीं ,
" अरे बहू मैं अच्छी तरह जानती हूँ , ... लेकिन घबड़ा मत मैं खुद ही आ रही हूँ तुम दोनों के पास , हफ्ते भर में। मेरा भी मन कर रहा है कुछ दिन तुम दोनो के पास ,... "
अब की बात काटने की जिम्मेदारी मेरी थी ,
" अरे नहीं माँ , कुछ दिन नहीं बहुत बहुत दिन ,... आप बस झट से आ जाइये न। " मैं बोली।
"मन तो मेरा भी यही कर रहा है , लेकिन , तुम तो जानती हो , ....तीरथ बरत के बाद ,... घर में पूजा होती है , और उसका मुहूरत छह दिन के बाद का निकला है। तेरी माँ ,मेरी समधन भी आ रही हैं , ... बस उसके अगले दिन , हम दोनों , बस सात दिन की बात है ,.. अभी थोड़ी देर पहले तो तुम्हारी माँ से बात हुयी थी ,रोज फोन आता है उनका। "
उनकी समधन ने सच में उन्हें शीशे में उतार लिया था।
और अब मेरा नंबर था ,मैंने पूछ ही लिया ,
" आपने जो ,... तीरथ पर जाने से पहले,... मम्मी ने बोला था ,मनौती मानने को ,... वो ,... "
मेरी बात उनकी खिलखिलाहट में डूब गयी।
मम्मी ने मेरी सास के तीरथ पर जाने से पहले , उनके बेटे के सामने ही फोन पर बोला था
" एक मनौती मेरी ओर से भी मान लीजियेगा , जरूर से ,... मेरे दामाद का मूसल , मेरी समधन की ओखली में खूब चले , और जल्द ही चले ,दिन रात। "
मेरी सास खिलखिलाहटों से निकलते हुए बोलीं ,
" एकदम ,... और वो मनौती सिर्फ तेरे उसके सास की ओर से थोड़े ही थी , तेरी सास की ओर से भी तो थी। कोई देवी देवता नहीं बचा ,पहुंचते ही सबसे पहले मैंने समधन की बात ही कही , और कुछ माँगा ही नहीं। "
" तब तो ज़रुर पूरी होगी ,डबल मनौती जो ठहरी। लेकिन सासू माँ , तीरथ में तो पंडो ने खूब ,... " मैंने छेड़ा।
" तुम भी न ,बहू ,... " वो ऐसे बोलीं जैसे शर्मा गयी हों।
" बताइये न ,अरे कम से कम रगड़ा मसला तो होगा ही , मैं मान नहीं सकती ,... आखिर ,... " मैं सासू जी के पीछे पड़ गयी।
थोड़ा झिझकते हुए उन्होंने मेरे ऊपर ही हमला कर दिया ,
" अरे बहू , तेरी उमर की तेरे जैसे जोबन वाली औरतें हो बात अलग है लेकिन ,.... मैं , ...इस उमर में ,... " वो हलके हलके बोलीं लेकिन मैंने बात उनकी पूरी नहीं होने दी , और बोली
" अरे सासू माँ , आपकी अभी उमर ही क्या हुयी है , प्रियंका चोपड़ा कैटरिना कैफ , आपकी समौरिया होंगी ... और बिपासा से तो आप छोटी ही हैं। और प्लीज प्लीज आप मेरी सासू माँ के जोबन को कुछ मत कहियेगा , मेरे मायके वाले तो आज भी उसे याद कर कर के ,...
( असल में उनकी उमर तो ४० के आसपास ही रही होगी , लेकिन सच में लगती वो ३५ -३६ से ज्यादा की नहीं थी , एकदम कसी कसी देह , और खास तौर से उनका जोबन , ३६ डी डी था लेकिन एकदम कड़क , बिना ब्रा के भी मैंने उन्हें कभी कभी ब्लाउज में देखा था लेकिन एकदम तना , पत्थर की तरह कड़ा खूब शेपली और मांसल ,)
" तू भी न , तेरे बाप का तो पता नहीं , वो तो मेरी समधन को भी नहीं पता , लेकिन तू न एकदम अपनी माँ पर गयी है , तुझसे न कोई पार पा सकता है ,न कुछ छिपा सकता है। सही कह रही है तू , तीरथ में तो पंडे पुजारी औरतों के देख तो थोड़ा बहुत ,... " उन्होंने कबूला।
" सासू माँ , अरे आप काहें को बिचारे पण्डे पुजारियों को दोष दे रही हैं , मेरी सासू का जोबन ही ऐसा जबरदस्त है , आग लगाने वाला. किसी का धरम भरस्ट हो जाये। अरे साफ़ बताइये न खूब जम के मीजा मसला गया न , ... बोलिये न ,... "
वो खिलखिला दीं।
" अरे मेला ठेला , धक्कम धुक्का ,ठेलम ठेल , नदी नहान , डुबकी लगाना ,... केतना मौका मिल जाता है , पंडा पुजारी को , कभी हाथ पकड़ के तो कभी ,... मौका तो खूब मिलता है उन सबन को , ... और कोई बोल भी नहीं सकता। " उन्होंने कबूल किया।
लेकिन मैं छोड़ने वाली थी। मैं समझ रही थी उन्हें भी मजा आ रहा था , इन सब बातों में ,
" बात आपकी सही है , लेकिन खाली ऊपर ऊपर या अंदर हाथ डाल के मीज रगड़ रगड़ के ,... " मैंने और पूछा।
" तू भी न,... लेकिन सही बात है , अरे एक बार जब लग जाता है मरद का हाथ तो कोई रोक सकता है , थोड़ा बहुत ऊपर झापर , फिर अंदर ,...और एक बार हाथ अंदर घुस गया तो बिना कस कस के रगड़े मसले,... मेला ठेला में तो बहुत, नदी नहाने में भी, " उन्होंने कबूला।
" आप तीरथ में बहुत नदी तालाब में डुबकी लगाई ,लेकिन कउनो आपके तालाब में तो नहीं ,... "
उन्होंने मेरी बात तुरंत काट दी ,
" ना ना एकदम नहीं , अरे अबहीं जब तक तीरथ के बाद वाला पूजा नहीं हो जाता , तब तक एकदम उपवास ,... '
मैंने मन ही मन सोचा ,आ जाइये न आपका उपवास आपके लड़के से ही तोड़वाउंगी , और खुद मेरी सास ने बात उधर मोड़ दी ,
" मुन्ना क्या कर रहा है ?"
" वो सो रहे हैं , जगाऊँ ,... " मैंने बताया भी, पूछा भी।
" अरे नहीं सोने दे , रात भर जगा होगा बेचारा , तो थोड़ी बहुत नींद ,... " वो बोली ,उनका इशारा साफ़ था।
मैं चुप रही ,क्या बताती की मेरे साथ नहीं अपनी ममेरी बहन के साथ रात भर जगे रहे वो। तबतक पीछे से जेठानी जी ने उन्हें आवाज दी और वो ये बोल कर चल दी की मेरी जेठानी बुला रही हैं।
और मैंने अपनी लिस्ट खोल ली , आज कई लोगों से बात करनी थी।मैं उनकी किस्मत के बारे में सोच सोच के मुस्करा रही थी , कल रात एक उन्होंने कच्ची कोरी फाड़ी , एकदम कसी कसी , इंटर वाली की , और अगले हफ्ते ,
एक खूब रसीली भोंसड़ी का मजा ,
मेरी ननद और मेरी सास दोनों
मेरे सैंया के नीचे।
तबतक जिसका नंबर मैं लगा रही थी और इंगेज आ रहा था ,उसी का फोन आ गया।
आपने बहुत सही कहा है, टैबू रिलेशन के बारे में और असली सेक्सुअल टेंशन तो तब होता है जब, होसकता है लेकिन होना नहीं चाहिए या कहीं कहीं होता भी है,कोमल जी...मैं वास्तव में आपकी ऋणी हूं। आपने मेरी चंद पंक्तियों को इतना महत्व और सराहना दी है। हमेशा कुछ ऐसे संबंध होते हैं जो पवित्र होते हैं लेकिन हमेशा वांछित होते हैं। जिस तरह से आप अपनी कहानी में संबंधों को चित्रित करते हैं, वह किसी को भी उसके मोह के बारे में सोचने पर मजबूर कर सकता है। भाई और बहन के बीच यौन अनुभव को बहुत अच्छी तरह से चित्रित किया गया है
जीवन की सिर्फ वही है मौज
भइया जब चोद बहना को रोज
एकदम और गुड्डी रानी के निपल को नथ भी पहनानी है, उन्हें कोचिंग क्लास में भी ले जाना है, डाक्टर को भी दिखाना है की बच्ची नौ/दस महीने में माँ बनने लायक है की नहीं,... और रसगुल्लों के लिए तो बहुत जुगत लगानी है लेकिन पहले गुड्डी के लिए तड़पते मेरे साजन को अपने सामने,...ननंद का तो घोटा लग गया है ,अब सास को ज्यादा इंतजार करवाना ठीक नहीं है।
वैसे भी तीरथ बरत के चक्कर में काफी इंतजार कर लिया और अब पूजा भी 6 दिन के बाद है ।
ज्यादा इंतजार मत करवाइए ।
लेकिन उससे पहले दोनों रसगुल्लों का भी तो भोग लगाना है।
रसगुल्ला की चासनी निकालने का पूरा प्लान बनकर तैयार है।रसगुल्ले चाशनी सहित
" बट मैडम ,प्लीज प्लीज ,परसों लेडीज क्लब की मीटिंग में जरूर आइयेगा , आखिर आपका एक्सपीरयंस है , अगर आप नहीं आएँगी तो हम सब आपके घर आएंगे और आप को पकड़ के ले आएंगे , आपके बिना कौन गाइड देगा , हम सब तो सच में बच्ची लोग हैं , काम हम करेंगे पर कोई करवाने वाला तो होना चाहिए। सुजाता बोल रही थी ,आपके बिना बड़ा सूना लगता है , प्लीज प्लीज। फिर मंजू बाई तो पहुँच ही जायेगी न ,अब आप सब कुछ छोड़ सकती हैं उस के भरोसे,.. "
( असल में लेडीज क्लब में मिसेज मोइत्रा को बुलाना बहुत जरूरी था और एक इनकी मुंहबोली साली मेरी पक्की सहेली सुजाता का आइडिया था लेकिन अंजाम मुझे देना था. वो अपने दोनों कबुतरियों पर पूरा कंट्रोल रखतीं थी, हरदम अपनी निगाह में, दो दो जवान होती लड़कियां,... पर एक बार वो क्लब में आना शुरू कर दें तो बस फिर दोनों रसगुल्ले अकेले घर पे,... और मेरे साजन तसल्ली बख्श ढंग से उन्हें स्वाद ले ले के निचोड़ेंगे, मजे ले ले के खाएंगे और चाशनी चाटेंगे वो अलग, और स्कूल में भी, मिसेज मोइत्रा को एक बार क्लब का, किटी का , रमी का चस्का लग गया तो उन्हें क्या पता की दोनों रसगुल्ले स्कूल गएँ हैं या किसी होटल के अँधेरे बंद कमरे में टाँगे उठाए धककम धुक्का हुआ प्यार बड़ा पक्का हुआ गा रहे हैं तो, उन दोनों जस्ट टीनेजर्स को सुसंस्कारी बनाने के लिए उन्हें अकेले होना और मिसेज मोइत्रा का क्लब आना बहुत जरूरी था. किसी तरह मंजू उनके घर में घुस गयी तो मिसेज मोइत्रा को भी गरमाएगी और दोनों बेटियों को भी, और उन सबके लिए मेरा मिसेज मोइत्रा का विश्वास जीतना जरूरी था )
पहली बार वो खिलखिलायीं। बोलीं , " तुम न ,अच्छा आउंगी प्रॉमिस ,लेकिन जल्दी से ,... "
मैंने उनकी बात काट दी और,चाशनी घोल के ५०० ग्राम मक्खन मार के बोली
"जल्दी वल्दी कुछ नहीं ,जबतक मीटिंग चलेगी , वरना हम सोचेंगे की आप अभी तक इलेक्शन वाली बात से नाराज हैं। और हाँ जो आपकी सीवेज और गार्बेज और बाकी घर के इसुज हैं न ,अब तो थोड़ी देर हो गयी है , मैं सुबह सुबह टाउनशिप इंजिनियर को बोल दूंगी , लेकिन मैडम एक बात बोलूं। वो सब बड़े छोटे लोग हैं ,आपको कुछ उल्टा सीधा बोल देंगे न ,... आप तो खैर इतनी अच्छी सीधी ,सहनशील हैं , बर्दाश्त कर लेंगी लेकिन मैं नहीं बर्दाश्त कर पाउंगी। मेरा खून खौल जाएगा। इसलिए अब तो मैं हूँ ही न यहाँ ,... प्लीज प्लीज , आधी रात को फोन करना हो ,बच्चियों को बोल दीजिये वो भी ,... बजाय किसी को भी बोलने के मुझे बोलिये न आप देखिये फटाफट काम होगा। मिस्टर मोइत्रा नहीं हैं तो क्या हुआ , हम लोग तो हैं न। आप बस मुझे बोलियेगा और किसी को नहीं। "
मेरा मतलब साफ़ था उनके घर का कूड़ा भी उठना होगा तो उन्हें मुझसे ही कहना होगा ,सब चीजें मैं ही कंट्रोल करुँगी।
लेकिन वो खुश हो गयीं ,बोली , " मैंने तुझे गलत समझा था , तुम दिल की बहुत अच्छी हो ,... एकदम तुझसे नहीं कहूँगी तो किससे कहूँगी , तू सच बोलती है उनके तो सब ,ऐसे बदतमीजी से बात करते हैं की ,... "
"और रही बात बच्चियों को स्कूल छोड़ने की तो अगर आपको ऐतराज न हो तो मैं स्कूल बस के लिए बात कर लूँ , कल तो नहीं शायद परसों तक ,... और कल ये चले जाएंगे आपके यहाँ , आफिस जाने के पहले और उन दोनों को स्कूल छोड़ देंगे ,... आखिर इन कि छोटी बहन की तरह तो हैं दोनों। "
मैंने बात जारी रखी। लेकिन मेरी निगाह सामने सोती सुंदरी पर पड़ी थी ,एकदम थकी।
मैंने मिसेज मोइत्रा को नहीं बताया की कल रात ही उन्होने अपनी ममेरी बहन की फाड़ के रख दी। दोनों रसगुल्ले इससे थोड़े ही तो छोटे हैं , और ये नम्बरी बहनचोद , एक बार उन दोनों ने इन्हे भैया बना लिया तो इन्हे सैंया बनते कोई देर नहीं ,फिर मेरा और सुजाता का प्लान भी तो यही था की उन दोनों कबुतरियों की नथ ये और सुजाता के हस्बैंड ही उतारेंगे , आगे वाली भी और पीछे वाली भी।
" नहीं नहीं इतना भी मत ,... कहाँ बिचारे सुबह सुबह ,.. " मिसेज मोइत्रा अब फॉरमैलिटी कर रही थीं।
" नहीं मैडम ,जब तक बस का इंतजाम नहीं होता न ,... तो ये ड्राप करेंगे ,.. बस। " मैंने मुहर लगा दी।
" एक बात और , शायद महीने दो महीने में मुझे और मिस्टर मोइत्रा को एक फॉरेन असाइनमेंट पर जाना हो पर उस समय इन दोनों का प्री बोर्ड ,... और अगर ,... "
मैंने बात काट दी ,इसका मतलब मिसेज खन्ना का प्लान चल गया। मैं बोली ,
कॉंग्रट्स मैडम , ये तो बड़ी अच्छी बात है , अरे हफते दस दिन की ,...
मेरी बात फिर उन्होंने रोकी , "नहीं हो सकता है एक दो महीने का हो ,...
मेरी तो ख़ुशी से ,... इसका मतलब ,... एक महीने में तो उन दोनों कबुतरियों को मैं पक्की रंडी बना दूंगी। पूरी टाउनशिप को जिमा दूंगी।
"कोई प्राबलम नहीं है मैडम ,हॉस्टल में वैकेंसी की दिक्कत तो रहती है फिर भी हम लोग कर लेंगे , तो पक्का रहा कल सुबह ये जाएंगे ,दोपहर को मंजू बाई पहुँच जाएंगी और सुबह से ही टाउनशिप वाले सब काम आपका ,...पर मैडम प्लीज मेरी खातिर , परसों लेडीज क्लब की मीटिंग में जरूर ,... "
" एकदम आउंगी पक्का ,.. और अब कुछ भी होगा तो तुझसे ही कहूँगी " कह के मिसेज मोइत्रा ने फोन काट दिया।
और मैं सुजाता को रिंग करने लगी ,
असल में परसों कोई मीटिंग तो थी ही नहीं , अब सुजाता को एक मीटिंग बुलानी होगी ,... मैं चाहती थी तीन चार घंटे कम से कम , और थोड़ा ज्यादा हो तो अच्छा
परसों रसगुल्लों का स्कुल बंद था , और मंजू बाई के साथ तीन चार घंटे ,.. उन रसगुल्लों का तो बस ,...
मीटिंग फिक्स होने के बाद मैंने तीनो चमचियों को फोन करके थैंक्स दिया तब तक किचेन में खटपट की आवाज आयी।
मैं समझ गयी , और कौन यही होंगे।
" चाय चलेगी ,.. " उन्होने पूछा।
" दौड़ेगी ,... " मैंने बोला , गुड्डी अभी भी सो रही थी।
और थोड़ी देर में वो दो ग्लास चाय , और केक रस्क लेकर हाजिर।
मैंने उनके हाथ से चाय का ग्लास पकड़ा , थोड़ा सा जूठा किया एक सिप लेकर और उसकी ओर बढ़ा दिया।
जहाँ मेरे होंठ लगे थे , वहीँ मेरे साजन ने अपने होंठ लगाए और जोर से एक सिप लिया।
" हे बहन के खसम ,मीठा कैसा है ?" मैंने मुस्करा कर उनसे पूछा।
" थोड़ा कम " और ग्लास उन्होंने मेरी ओर बढ़ा दिया। अबकी मैंने एक बार फिर अपने रसीले होंठों की मिठास उसमें घोली और चाय का ग्लास फिर उनकी ओर बढ़ा दिया।
वो चाय की सिप ले रहे थे की मैंने सोती हुयी गुड्डी की ओर इशारा कर के चिढ़ाया , " क्यों बहनचोद , मजा आया बहन चोदने में "
" बहोत , सच्च में मस्त माल है तेरी ननदिया। " मेरी ओर ग्लास बढ़ाते हुए वो बोले।
" अच्छा सुन , उस भोंसड़ी वाली का फोन आया था ," चाय की सिप लेते हुए मैंने उन्हें बताया।
" किसका ?" वो कान पारे सुन रहे थे ,उचक के उन्होंने पूछा।
" अरे और किसका जिस भोंसड़ी में से मादरचोद तुम निकले हो , और जिस भोंसड़ी में तुम घुसना चाहते हो , तेरी माँ का और मेरी सास का। " मैंने ग्लास उनकी ओर बढ़ाया।
एकदम जानबूझ के मिस्टर मोइत्रा की ट्रेनिंग ऐसी लगी है की मियां बीबी दोनों महीने भर के लिए गायब औररसगुल्ला की चासनी निकालने का पूरा प्लान बनकर तैयार है।
पूरा एक महीना .........
आखिर अपनी सास को सुबह-सुबह दर्शन करा ही दिए मुन्ना के मुन्ने का ।मेरा साजन मेरी सास
वो चाय की सिप ले रहे थे की मैंने सोती हुयी गुड्डी की ओर इशारा कर के चिढ़ाया , " क्यों बहनचोद , मजा आया बहन चोदने में "
" बहोत , सच्च में मस्त माल है तेरी ननदिया। " मेरी ओर ग्लास बढ़ाते हुए वो बोले।
" अच्छा सुन , उस भोंसड़ी वाली का फोन आया था ," चाय की सिप लेते हुए मैंने उन्हें बताया।
" किसका ?" वो कान पारे सुन रहे थे ,उचक के उन्होंने पूछा।
" अरे और किसका जिस भोंसड़ी में से मादरचोद तुम निकले हो , और जिस भोंसड़ी में तुम घुसना चाहते हो , तेरी माँ का और मेरी सास का। " मैंने ग्लास उनकी ओर बढ़ाया।
पर अबकी बजाय चाय पीने के वो जोर से मुस्कराये और एक सवाल मेरी ओर दाग दिया ,
" और मेरी सास का ?"
"उनका भी फोन आया था , कह रही थीं कह देना उस भोंसडी वाली के हरामजादे से कह देना ,मस्त चोदा है अपनी उस छिनार बहन को , दिल खुश हो गया ,लेकिन अभी उस स्साली को गाभिन भी करना है। "
" याद है मुझे , ममी की बात भूल सकता हूँ मैं , लाओ फोन उन से बात कर लेता हूँ। " अपनी सास से बात करने के लिए उन्होंने फोन की ओर हाथ बढ़ाया।
मुझसे ज्यादा तो वो मम्मी के ,... और बिना अपनी। सास की गालियां सुने उनका दिन नहीं पूरा होता था। और उनकी सास भी अपने दुलरू दामाद की जबतक माँ बहिन एक नहीं कर लेती थीं , ....
" आज नहीं बात हो पाएगी उनसे किसी जरूरी बिजनेस मीटिंग में हैं , और उसके बाद कोई उनका बिजनेस डिनर है। " मैंने फोन अपनी ओर खींचते हुए कहा।
लेकिन फिर जोड़ा ,
"पर उस भोंसड़ी वाली से बात करा देती हूँ न तेरी , सच में जित्ता तुझे अपनी बहन चोदने में मजा आया न , उससे ज्यादा , मादरचोद , तुझे तेरी माँ चोदने में आ आएगा। "
चाय ख़तम कर के वो मेरे बगल में आ के खड़े हो गए थे , उनका शेर थोड़ा थोड़ा शार्ट के अंदर अंगड़ाई लेने लगा था।
मैंने शार्ट के ऊपर से ही उसे थोड़ा मुठियाया और फिर छेड़ा ,
" क्यों मन कर रहा है न जिस भोंसडे से निकला है ,उसी भोंसडे में जाने का , है न भोंसड़ी के ,... चल कराती हूँ बात अपनी उस भोंसड़ी वाली सास से , "
और अब मेरा हाथ शार्ट के अंदर था , सुपाड़ा तो खैर उनका हरदम खुला ही रहता था , और अब मेरा अंगूठा उस खुले मोटे सुपाड़े के पेशाब के छेद पर रगड़ घिस्स करने लगा था।
और मैंने दूसरे हाथ से अपनी सास का नंबर लगा रही ,वीडियो काल का।
इनकी माँ के फोन पर आते मैंने बोला ,
" सासु माँ , आपका मुन्ना जग गया है , और मुन्ने का मुन्ना भी ,... "
मेरा हाथ शार्ट से बाहर निकल गया था पर शार्ट अब एकदम तन गया था ,
मैंने फोन थोड़ा सा मोड़ के सीधे उनके शार्ट पर फोकस कर दिया , खूंटा एकदम खड़ा ,... सासु की निगाह वहीँ चिपकीं।
" सासू माँ , आप का नाम सुन के आपके मुन्ने के , मुन्ने की ये हालत है तो आप के आने के बाद उस की क्या हालत होगी ,लीजिये अपने मुन्ने से बात कीजिये। "
और फोन मैंने उनको पकड़ा दिया ,
बिचारे वो , उनके मुंह से तो बोल ही नहीं निकल रहे थे लेकिन मेरी सास ने कमान अपने हाथ में ले ली और बोलीं ,
" कैसे हो मुन्ना ,... "(स्पीकर फोन ऑन था और ये बात मेरी सास को भी मालूम थी )
जवाब उनकी ओर से मैंने दिया ,
" अभी दिखाया तो था आपके मुन्ने के मुन्ने की हालत। "
वो बड़ी जोर से खिलखिलायी और उनसे बोली ,
" अरे मुन्ना मैं आउंगी और बहुत जल्द आउंगी , मैं तो तुरत आ जाती लेकिन तीरथ के बाद हफ्ता भर ,... एक पूजा है , उसमे तेरी सास भी आएँगी , और फिर उनके साथ मैं आउंगी तेरे पास। "
" हाँ मम्मी बहुत दिन हो गया आपसे मिले ,... प्लीज जल्दी आइयेगा बहुत मन कर रहा है मेरा ,... सच में " अब उनके बोल फूटे।
" तो क्या तू समझता है , ... मेरा मन नहीं करता है ,... तुझसे ज्यादा मेरा मन करता है। " वो बोलीं।
डबल मीनिंग डायलॉग में मेरी सास , उनकी सास से कम नहीं थी। और उन्हें चिढ़ाने और छेड़ने में ,.... " अच्छा बोल मैं आ जाउंगी तो क्या करोगे तुम दोनों ,... " उन्होंने अब एकदम साफ़ साफ़ पूछ लिया।
उनके बस में तो कुछ था नहीं हाँ उनका खूंटा जवाब दे रहा था , मैंने उसे शार्ट से बाहर कर दिया , एकदम तन्नाया ,खड़ा मोटा। पूरे बालिश्त भर का। एकदम कड़क जैसे पहला मौका पाते ही उस भोंसडे में घुस जाएगा , मैंने फोन थोड़ा टिल्ट कर दिया ,अब वो भोंसड़ी वाली अपने बेटा का , ... टनटनाया बौराया फनफनाया शार्ट फाड़ता खूंटा साफ़ साफ़ देख रही थीं, किस औरत की ये देख के गीली नहीं हो जाती।
और जवाब मैंने उनकी ओर से दिया।
" अरे सासु माँ हम दोनों मिल के आपकी सेवा करेंगे ,... "
" अरे मेरी छिनार समधन की जनी, तुम दोनों करते करते थक जाओगे , मैं करवाते नहीं थकूँगी , सब उधार पुराना ,... " मेरी सास इनकी सास से कम नहीं थीं।
" अरे माँ बस आप आ जाओ न बस ,... देखियेगा ,... " अब उनके बोल फूटे।
लेकिन मेरी जेठानी की आवाज आयी ,कहीं उन लोगों को पूजा के लिए जाना था , सास मेरी फोन काटती उसके पहले मैंने याद दिलाया उन्हें जो उनकी समधन ने उनसे कहा था मनौती मांगने को , की उनके दामाद का मूसल , उनकी समधन की ओखल में धमधम चले ,
"एकदम याद है ,तुझे बोला तो था वो सिर्फ इसकी सास की नहीं तेरी सास की भी ,... मैं तो सिर्फ वही एक मनौती ,... " मुस्कराते हुए वो बोलीं और उन्होंने फोन काट दिया।
एक बार फिर उंगलिया अपने सैंया के मोटे जंगबहादुर पर , उसे दुलराते सहलाते मैं बोली ,
" सुन यार रसगुल्ला खाना है , "
मिसेज मोइत्रा के वापस आने के बाद उनके सामने भी अगर रसगुल्ला का भोग लगे और साथ में मैसेज मोइत्रा का भी तब मजा और भी ज्यादा आएगा।एकदम जानबूझ के मिस्टर मोइत्रा की ट्रेनिंग ऐसी लगी है की मियां बीबी दोनों महीने भर के लिए गायब और
यहाँ तो महीने भर का भंडारा चलेगा दोनों रसगुल्लों का पूरी टाउनशिप जीम लेगी लेकिन सबसे पहले मेरे साजन भोग लगाएंगे जैसे अपनी बहन का भोग लगाया, कच्ची कलियाँ खिलाने का काम तो उन्ही के जिम्मे है
क्या मस्त कविता लिखी है ।देख भैया का मोटा लौड़ा
डर लगता था थोड़ा थोड़ा
चुत भी गिल्ली हो जाति थी
रोज़ रात को तड़पती थी
दिल करता था मुह में ले लू
जी भर के मैं इस से खेलू
चूस चूस के गिला कर दूं
नसों में उसकी लहू मैं भर दूं
फुलो की जो सेज सजाई
उस पर लिटा के मुझको भाई
चुची मेरी खूब दबाओ
अपना लौड़ा भी चुसवायो
अब करो ना जरा सी देरी
चुत चूस ले झट से मेरी
चुत मेरी को कर दो ठंडा
घुसा के अपना मोटा डंडा
मेरे नजुक बदन से खेलो
जड़ तक अपना लौड़ा पेलो
मिट्टा दो मेरी छूट की खारीश
कर दो इसमें प्यार की बारिश
दिन अच्छा बीतेगा उनका और रात भर सोचेंगी कैसे मिलन होगा मुन्ना के मुन्ने सेआखिर अपनी सास को सुबह-सुबह दर्शन करा ही दिए मुन्ना के मुन्ने का ।