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फागुन के दिन चार भाग २७
मैं, गुड्डी और होटल
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मैं, गुड्डी और होटल
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नाप जोख तो पूरी हो गयी, और दूबे भौजी सिर्फ अपने लिए नहीं अपनी ननदो के लिएदूबे भाभी ने नाप जोख करके .. आनंद बाबू के औजार का जायजा ले लिया..
और आनंद बाबू भी दूबे भाभी के विशाल थनों पर अपनी जोर आजमाइश कर रहे हैं....
दोनों प्रतिद्वन्दियों एक दूसरे को नाप तौल...
अब तो दोनों तरफ रंग पंचमी का बेसब्री से इंतजार होगा...
और शायद जाने से पहले इस कड़ियल भुजंग के लिए कुछ टिप्स भी...
और क्या पता वो चाहती भी हों, नयी उमर की नयी फसल को अपने जोबना का जादू दिखा के लुभानामजा देने के साथ-साथ धमकी भी... पंचमी पर तड़पाने की अगर ममेरी बहन न आई तो...
लेकिन इसी के साथ... बल्लेबाज ने ब्लाउज के आखिरी बटन पे घात लगाया...
और ब्लाउज सीमा रेखा के बाहर...
अब ऊपर नीचे से पहली बार अर्धनग्न दूबे भाभी इस होली को नहीं भूलेंगी...
आभार, धन्यवादशाम को कभी-कभी जैसे बादल दिखते हैं ना उसकी पीठ वैसे ही दिख रही थी। जो थोड़ी सी जगह रंगों से बच गई थी गोरी, सफेद रूई से बादलों की तरह। दूबे भाभी के हाथ जहां-जहां पहुँचे थे वो श्याम रतनारे बादल की तरह और ब्रा की स्ट्रिप और उसके आस पास चंदा भाभी की उंगलियां जहाँ छू गई थी, वहां लाल गुलाबी जैसे कुछ सफेद बादल भी जहां सूरज की किरणें पड़ती ही लाल छटा दिखाती हैं। रंग लगने से वो और रंगीन हो गई थी।
आपकी उपमाएं इतनी सटीक होती हैं कि पढ़ते समय एक अलग हीं रस का अनुभव होता है...
साथ हीं दूबे भाभी की हाजिरजवाबी कि साया तो एक पल में ऊपर और पलक झपकते नीचे.... ने मन को मोह लिया...
और रीत के साथ साथ दूबे भाभी के पिछवाड़े का नजारा ...
अब और क्या चाहिए... आनंद बाबू को...
रीत को बचाते हीं प्राण प्यारी गुड्डी दूबे भाभी के गिरफ्त में...
अब तो गुड्डी के पास एक हीं बहाना है....
गुड्डी की रगड़ाई कई कारणो से जरूरी थी,दूबे भाभी तो गुड्डी के दर्शन करा के आनंद बाबू को दूर बैठे हीं मस्ती करवा रही हैं...
लेकिन अबकी बार संघ्या भाभी दूबे भाभी के हत्थे चढ़ गई...
अब कहाँ कहाँ दूबे भाभी चढवाएंगी.. ये तो संध्या भाभी पिछली होली से सबक ले चुकी होंगी...
और अंत में मियां बीवी दोनों ने मंजूरी दे दी....
संध्या भाभी भी नव विवाहिता, कैशोर्य की वय को बस पार ही किया है और अब एक बार पति के साथ खेल खेल लेने के बाद सब रंग, रस में पारंगत और दूबे भाभी का तो कहना ही क्या इसलिए जोड़ी बराबर कीदूबे भाभी और संध्या भाभी .. दोनों कोई किसी से कम नहीं...
और रीत तो चंदा भाभी को टक्कर दे रही है...
गुड्डी के मजे आनंद बाबू ले रहे हैं..
मतलब हर तरफ मौज और मस्ती की बहार....
आभार, धन्यवाद2 lakh views poore hone ki badhai ho.
Vaise ye 20 lakh hone chaiye the. Par jo hai so hai.
बल्कि वैसे कमेंट न हों, गारिया न हों तो ससुराल का रस क्याससुराल में माय-बहिन पर हर तरह के कमेंट और गारियां तो आम बात है...
अब गुड्डी से दिल लगाया तो गुड्डी के घर और परिवार वालों की बातों का क्या बुरा मानना...
Thanks so much for your best wishes, with your support and encouragement I am sure the story will win the affection and love of readers.Heartiest Congratulations Madam for completion of 2 L views of your story!!
I am sure your story will achieve much more greater heights!!
komaalrani
आज सुबह सुबह आनंद बाबू गुड्डी का मुंह देख कर उठे थे और सुबह से अब तक ३० ( गुंजा ) से लेकर ३२ ( रीत ) ३४ (संध्या भाभी ) और ३६+ ( दूबे भाभी ) हर साइज की नाप जोख कर चुके,और साया खुद दूबे भाभी ने ऊपर कर लिया और आनंद बाबू ने ऊपर हाथ डाल कर गदराए जोबन का नाप-जोख कर लिया...
क्या बात कही आपने, पूरी की पूरी कहानी न्यौछावरअंजाम का पहले से हीं अंदाजा है....
तभी तो डलवाने से पहले डालने का जुगाड़ कर लिया रीत और गुड्डी ने...
और टॉपलेस होने पर आनंद बाबू की गठीली काया का दीदार कर लिया...
फागुन के महीने में तो कण कण से संगीत बरसता है...
तो सहेलियां मिलकर गुलाल से शमा रंगीन बना रही हैं...