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फागुन के दिन चार भाग २७
मैं, गुड्डी और होटल
is on Page 325, please do read, enjoy, like and comment.
मैं, गुड्डी और होटल
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एकदम सही बिंदु को पकड़ा आपने,Shadi se pehle hi purse pe pura haq
Amazing small city love vibe aa rahi hai
Jaise chote sehro main dekha suna hai bilkul wahi Khubsurati dikhti hai aapki kahani main
गुड्डी उदार हृदय तो है ही और वो सब पे जताना भी चाहती है , ऑनर्स प्राइड, नेबर्स एनवीHaiii raat main chanda bhabhi k yaha soyenge phir toh kaam khel ki sambhavana bahut jada hai
Superb Writing Mam
My favourite Lines
लाइन मारती हैं तो दे दो ना। अरे यार ससुराल में आये हो तो ससुराल वालियों पे तेरा पूरा हक बनता है। वैसे तुम अपने मायके वाली से भी चक्कर चलाना चाहो तो मुझे कोई ऐतराज नहीं है
बहुत बहुत आभारHole update is just amazing full hasi mazak and Sweta ka choti ki chut sehlane wala kiya hi kehna aapne phone pe sunne wala jo likha wo bahut awesome tha
Superb Writing Mam
मैं निशब्द हूँ।इसे कहते हैं कत्ल भी हो जाए और खून का एक कतरा तक न बहे ।
अपने संवाद लेखन से , अपडेट के विषय वस्तु से , घटनाक्रम का परिवेश स्थापित करने मे , रोमांटिक दृश्य एवं कामुक दृश्य क्रिएट करने मे जो महारथ आप को हासिल है वह इस फोरम पर किसी का भी नही ।
इस अध्याय मे सबकुछ होकर भी कुछ नही हुआ । संध्या भाभी और आनंद के दरम्यान यौन संबंध स्थापित होकर भी सेक्स क्रीडा कार्यक्रम मुकम्मल नही हुआ ।
दो खुबसूरत औरतों का पेयर लेस्बियन रिलेशनशिप स्थापित करने मे कामयाब होकर भी रीडर्स को अधूरेपन का एहसास हुआ ।
और बड़ी बात यह थी कि यह सब कुछ किरदारों के जुबानी और उनके क्रियाकलाप से यह सबकुछ दर्शाया आपने ।
आप की जुबानी कही हुई बातें पुरे अपडेट मे नाम मात्र भर की थी । इसी से जाहिर होता है कि आप किस लेवल की लेखिका है ।
This was totally tremendous
अपडेट की बात करें तो आनंद भाई साहब को नई नवेली दुल्हन बनाने मे इन औरतों और लड़कियों ने कोई कोर कसर नही छोड़ी । रसिया को वास्तव मे इन्होने नार बना डाला ।
सोलह सिंगार के हर सिंगार का इस्तेमाल आनंद पर आजमाया गया । औरत के वस्त्र , चुड़ी , महावर , पायल , बिछूए , करधनी , झूमके , नथ , टिकुली , नेल पाॅलिस की क्या बात करें , सिंदूर तक लगा दिया गया ।
मुझे एक बार डर भी लगा कि कही रीत इन्हे वास्तव मे निहूर कंपनी के जमात मे न शामिल करा दे ! डिल्डो देखकर भला कौन न भयभीत हो जाए !
बहुत बहुत खुबसूरत अपडेट कोमल जी ।
शायद इसीलिए एक महान विद्वान ने कहा था कि एक अच्छे राइटर बनने के लिए छ मंत्र है - Read , Read , Read & Write , Write , Write .
आप की अनवरत लेखनी और उन रचनाओं के तत्व इन बातों की पुष्टी करती है ।
Outstanding , Fabulous & Amazing updates.
एकदम सही कहा आपने, ठीक से ट्रेलर भी नहीं चला अभी तो अगर पूरी फिल्म चलेगी तो शायद उठने लायक नहीं रहेंगी, लेकिन चाहती संध्या भाभी भी यही हैं, उठने लायक न रहेंSan
Sandhya bhabhi ki halat to ungli me hi khrab ho gyi, hosh kho bethi.
ट्रेलर के बाद फिल्म भी चलेगी और छोटी क्या पूरी ही चलेगी, संध्या भाभी की, बस दो चार पार्ट औरWaise trailer ke sath ek choti si film to ho hi skti thi sandhya bhabhi ke sath. Pata to sabko hai hi or dubey bhabhi ne to khudh pakad ke nishana lgaya
Thanks so much for your support and enjoying the story.Excellent
कोई बात नहीं, जल्दी ही मैं अगला पार्ट भी पोस्ट कर दूंगी तो,.... दोनों के साथ ही, ....मैं इन्तजार करुँगी।Haan pata hai...but I was under the impression that you were on a break..and wanted to reply to your post once you return..
Now that you have returned, will post my comment.
Btw, aapke absence mein maine 2 updates post kar diye hai mere story ke
Look forward to your comments as well. Thank you.
komaalrani
Thank you. Done!!कोई बात नहीं, जल्दी ही मैं अगला पार्ट भी पोस्ट कर दूंगी तो,.... दोनों के साथ ही, ....मैं इन्तजार करुँगी।
उनके आने की बंधी थी, आस जब तक हमनशीं,
सुबह हो जाती थी अक्सर जानिबे - दर देखते।