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Erotica मोहे रंग दे

malikarman

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एक्जाम के बाद


आलमोस्ट खुला मैदान, कुछ पुराने पेड़ , और दो मकानों के बीच एक संकरी सी जगह थी , गली भी नहीं, बस हम दोनों का हाथ पकड़ के भाभी करीब करीब खींचते हुए उस दरार सी जगह से ले गयीं, करीब दो तीन सौ मीटर हम लोग ऐसे ही चले, फिर एक एकदम खुले मैदान में हम तीनों, कुछ भी नहीं था, बस कुछ टूटी दीवालें , ढेर सारे पेड़ थोड़े दूर दूर, और एक दो पेड़ों के नीचे कुछ साधू गांजे का दम लगाते, लेकिन एकदम अलग ढंग के, बहुत पुराने बाल जटा जूट से , भभूत लपेटे,... और जब वो चिलम खींचते तो आग की लपट ऊपर तक उठती,


भाभी ने हम दोनों को इशारे से बताया की हम उधर न देखें, और हम दोनों का हाथ पकडे पकडे, एक टूटी बहुत पुरानी दीवाल के सहारे, दीवाल में जगह जगह पेड़ उगे हुए थे, ईंटे गिर रहे थे,



भाभी ने एक बार पीछे मुड़ कर देखा, तो सूरज बस अस्तांचल की ओर , एक पीले आग के गोले की तरह, आसमान एकदम साफ़,



हम दोनों भाभी का हाथ पकडे पकडे,... और जहाँ वो दीवाल ख़तम हो रही थी, कुछ बहुत पुराने खडंहर, बरगद के पाकुड़ के पेड़ , पेड़ों के खोटर , और जैसे ही हम खंडहर में घुसे,... ढेर सारे चमगादड़, ... उड़ गए, गुड्डो डर के मुझसे चिपक गयी.



लेकिन भाभी मेरा हाथ पकड़ के करीब खींचते हुए, गुड्डो मुझसे चिपकी दुबकी, आलमोस्ट अँधेरा और चमगादड़ों के फड़फाड़ने की जोर जोर आवाज, और उसी खंडहर की एक टूटी दीवार, और वो भी एक पेड़ की ओट में, दीवार में जैसे कोई ईंटों के ढहने से दो ढाई फीट का एक छेद सा बन गया था, नीचे दो ढाई फीट ईंटे थे उसके बाद वो टूटा हिस्सा, और उसके पीछे भी कोई बड़ा पेड़,



भाभी ने मुझे इशारा किया और गुड्डो को हाथ में उठा के आलमोस्ट कूद के उस टूटी जगह से मैं और पीछे पीछे भाभी,... गुड्डो मेरी गोद में चढ़ी दुबकी, कस के चिपकी,...



एक बार फिर भाभी ने मेरा हाथ पकड़ा और उस पेड़ के पीछे,.... अब जैसे हम किसी पुराने खंडहर के आंगन में पहुँच गए थे, एकदम सन्नाटा, शाम अब गहरा रही थी , और भाभी ने चारो ओर देखा, एक ओर उन्हे पीली सी रौशनी आती दिखी,... रौशनी कहीं दूर से आ रही थी झिलमिल झिलमिल,..



और एक सरसराती हुयी ठंडी हवा पता नहीं किधर से आ रही थी, चारो ओर एक चुप्पी सी छायी थी, बस वही हवा की सरसराहट सुनाई दे रही थी,



गुड्डो का डर अब ख़तम हो चुका था, वो मेरे सामने खड़ी मुझे देख रही थी, मुस्कराते और अचानक उसने मुझे अपनी बांहों में दुबका लिया और उसके होंठ मेरे होंठों पर चिपक गए, मुझे भी एक अलग ढंग का अहसास हो रहा था अच्छा अच्छा , कोमल सा मीठा।



तभी मैंने देखा, भाभी आंगन के दूसरे किनारे से जहाँ से वो झिलमिल झिलमिल रोशनी आ रही थी, वहीं खड़ी इशारे से हम दोनों को बुला रही थीं,...



वह पीली रोशनी एक ताखे में रखे बड़े से कडुवे तेल के दीये से आ रही थी और लग रहा था जैसे जमाने से इसी ताखे में वो दीया जल रहा हो. उसकी कालिख से पूरा ताखा काला हो गया था। और उस ताखे के बगल में एक खूब बड़ा सा पुराना दरवाजा बंद था, उसमें लेकिन कोई सांकल नहीं थी, एक चौड़ी सी चौखट और खूब ऊँची, फीट . डेढ़ फीट ऊँची, दरवाजे के चारो ओर लगता है लकड़ी के चौखटों पर किसी जमाने में चांदी का काम रहा होगा लेकिन अब सब धुंधला गया था। दरवाजे के ऊपर कुछ मिथुन आकृतियां बनी थीं, और दरवाजे के दोनों ओर लगता है चांदी के रहे होंगे या चांदी मढ़े नाग नागिन का जोड़ा, ...
Iske aage ki kahani ka intezar hai mujhko
 
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komaalrani

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Iske aage ki kahani ka intezar hai mujhko
abhi do stories chal rhi hain unke khatam hone ke baad hi ye nayi kahani shuru kar paaungi thanks for waiting
 

malikarman

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abhi do stories chal rhi hain unke khatam hone ke baad hi ye nayi kahani shuru kar paaungi thanks for waiting
Hum intezar karenge tera qyamat tak..
Khuda kare ki qyamat ho aur tu aaye..
 
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Innocent- heart

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लड़की








मैंने बड़ी हिम्मत कर पहला पन्ना , खोला


और मुझे बहुत जोर का गुस्सा लगा , बस धड़कन नहीं रुकी ,


सच में एक लड़की थी ,...

लेकिन , और कौन?

मैं।

पहले पन्ने पर ही ,..

एक खूब सुन्दर डिजाइन और उसके बीच , हमारे उनके पहले मिलन की निशानी ,... जो बीड़ा मैंने उन्हें मारा था वही , इत्ता सम्हाल के उन्होंने रखा था , एक ट्रांसपरेंट पैकेट में , लैमिन्टेड ,...

धड़कते दिल से मैंने अगला पन्ना खोला ,और धक् से रह गयी ,

एक स्केच , ... मेरा हूबहू , ...लेकिन मैं इस स्केच में इतनी प्यारी लग रही थी , जितना जिंदगी में कभी नहीं लगी रही होउंगी।

Girl-download.jpg

मुझसे मेरी बहनों ने बताया था की उनके जीजू ,... लेकिन मैं सिर्फ चिढ़ाती थी , अरे पेन्सिल से एक दो लाइन खींच लेते होंगे ,

मेरे बीड़ा मारते समय का स्केच , ... मेरे चेहरे का एक एक भाव , झुकी हुई मैं ,..

मेरा गुस्सा रुक नहीं रहा था , अपने पर ,... मैंने सोचा कैसे ,... मेरे अलावा ,

पर गुस्सा इनपर भी आ रहा था , ...

चोर बदमाश डाकू

अगले पन्नों पर ,...स्क्रैप बुक की तरह थी डायरी ,...

मेरी हाईस्कूल की कालेज मैगजीन में मेरी एक ग्रुप फोटो थी , वो ,...



क्लास आठ में मेरा एक लेख स्कूल की मैगजीन में छपा था , वो

पिछले साल रीजनल रैली में बैडमिंटन और स्वीमिंग में मुझे मेडल मिला था , उस की फोटो ,...

मैंने उन की ओर देखा ,

मारे डर के घबड़ाहट के उनकी आँखे अभी भी बंद थी जैसे उनकी कोई बहुत बड़ी चोरी पकड़ी गयी हो।

और साथ साथ हर दो चार पेज के बाद शादी में जहाँ हम पहली बार मिले थे , ...

जब मैं चुन चुन के उनका नाम ले के गारी गा रही थी , ढोलक बजा रही थी ,
पहली बार बड़ी हिम्मत कर के उन्होंने मेरा नाम पूछा था , ...

और शाम को मेरा नाम बताया था और मैंने जोर से उन्हें डांटा था , कोमल जी नहीं कोमल

और फोटुएं भी ,

मैंने उनके हाथ में मोबाइल तो नहीं देखा था पर उनकी कजिन्स , फ्रेंड्स ,... बीसों फोटो ,..

bride-shalwar.jpg

मेरी बचपन की फोटुएं , ...



गुस्स्से की तो बात ही थी , मेरी दोनों बहने अपने जीजू से मिल गयी थीं , वरना ये सब फोटुएं उन्हें कहाँ मिलती ,
Girl-89363813f4eba395b96756be55d0df3d.jpg


लेकिन इस लड़के ने कितनी मेहनत की होगी ,...

और उसके बाद कवितायें ,... रोज के हिसाब से ,..


और मेरे बालों से लेकर पैरों तक कोई अंग बचा नहीं था ,... उनका जो सबसे फेवरिट पार्ट , जिसे देख कर वो बेचारा हदम ललचाता रहता था , मेरे किशोर उरोज , ... दर्जन भर , ... देखने में ये एकदम सीधे लगते थे , लेकिन सब की सब ऐसी एरोटिक,

वो बोला-

“रोज तुम मुझे सपने में आकर तंग करती थी। इसलिये जैसा तुम दिखती थी, नख सिख वर्णन, सारे अंगों के…”

मैं प्यार से लताड़ के बोली-
Cute-tumblr-pg9gqd-Tfya1rbl6yy-540.jpg



“क्या सारे अंगों के?”

वो हँसकर बोला-


“हाँ पढ़ो तो… सारे अंगों के। मुझसे क्या छुपाव, दुराव…”
Kahani ki starting zabardast hain lagta maaza aayega aage padh kar
 

motaalund

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asal men main us samay is kahani ka sequel soch rhai thi jo Phagun ke din chaar ki tarj pe hota lekin focus alag hota , vo ek cyber thriller jismen ek dystopian world ki kalapna thi jahan Big data ka istemaal mind control ya behaviour control ke liye hota thoda bahoot science fiction thoda bahoot political overtones 1984 ki tarj pe , ... lekin ek to mujhe laga ki is forum men kiite reaaders padhenge science fiction par usase bhi jyada mujhe khood kaafi padhana padata par ismen kayi baar data se related baaten huyi haim convergence , mera plan tha sequel men Holi ko bahoot short men nipata ke phir story township jahan ye kaam karate hain aur vahan factory ke kaam se hi jod ke ek naye tarah ke card ki design lekin facial rcognition AI aur big data ke convergence ke misuse , lekin yahi laga ki audience pata nahi hai ki nahi yahan aur audience kam bhi to main justice kar paaungi ki nahi , lekin kabhi na kabhi likhungi jaroor aur islie Reet ki vapasi ho rahi thi ,.... aap story jab kahatam karengi uske baad bhi meri 4-5 posts possible sequel ke baare men hain padhiyegaa jaroor
मुझे तो आपकी थीम बेस्ड स्टोरी .. चाहे वो थ्रिलर हो.. sci-fi हो या फिर cyber attack and counter attack...
जिसमें कहानी के बीच में अच्छा-खासा सेक्स का भी पुट हो... पढ़ने में मजा आता है...

इसलिए मैंने अपने एक अन्य पोस्ट में कहा था कि माइंडलेस फक की कहानियों को छोड़ कर आपकी कहानियों को पढकर नई जानकारी और मानसिक संतुष्टि मिलती है...
फौलादी सिंह, लम्बू ,भारत और अंतरिक्षक जैसे डायमंड कॉमिक्स...
साथ में चाचा चौधरी और अन्य इंद्रजाल कॉमिक्स बचपन में पढ़ता रहा हूँ...
तो आपकी कहानियों को पढ़ कर उन क्षणों को जी लेटा हूँ...

हाँ आपकी ये बात सच है कि साईं-फाई के लिए आपको काफी रिसर्च और पढ़ना पड़ता होगा...
क्योंकि 'फागुन के दिन चार' में शिप से संबंधित काफी सारी जानकारी मेरे लिए नई थी...
और मैंने उसे एंजॉय भी किया...

आपकी 'JKG' कहानी में भी corporate war का सिलसिला भी काफी इंट्रेस्टिंग लगा जहाँ आपकी मम्मी भी टिप्स दे रही थीं... और साजन फ्रंट पर थे...
AI and Big Data पर भी आपकी कहानी का तहे दिल से स्वागत करता हूँ...
चाहे जब भी वो आये.. उस झंझावात में उलझना जरुर चाहूंगा...
 

komaalrani

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भास्करस्य यथा तेजो मकरस्थस्य वर्धते।
तथैव भवतां तेजो वर्धतामिति कामये॥

जैसे मकर राशी में सूर्य का तेज बढता है, उसी तरह आपके स्वास्थ्य और समृद्धि की हम कामना करते हैं। मकरसंक्रांति की हार्दिक शुभकामनाएं।

 

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग १६७

कैसे फटी हो कैसे फटी

उर्फ़

ननदिया की भैया के साथ सुहागरात
 
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जोरू का गुलाम भाग १६८

खून खच्चर -आधी रात को

अपडेट पोस्टेड

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Innocent- heart

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और अब यह कहानी यहीं ख़तम होती है , पढ़ने वालों , सुनने वालों, और कहने सुनने वालों से बस अब यहीं अलविदा
क्या सच में कहानी खत्म हो गई हैं ?
 
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