मंजुला : (सांसोको दुरस्त करते) जा..नु.. म..जा.. आ.. गया.. क्या मस्त.. चुदाइ.. की.. आपने.. कीतने दिनो.. के बाद.. अैसे चोदा हे आपने.. मुजे.. बस.. पुरी रात.. अैसेही चोदते.. रहीये..
देवायत : (होठोको चुमते) हंम.. मंजु.. तुजे ओर पुनोको चोदने मे बहुत मजा आता हे.. दोनोको चोदते वक्त मेरा जोस कइ गुना बढ जाता हे.. तुम दोनोको चोदता हु.. तो अैसा लगता हे.. की मे तुम दोनोको दिन रात चोदता ही रहु..
मंजुला : (मुस्कुराते होंठ चुमते) भाइ.. मत भुलो.. हम दोनोही आपकी बहेने हे.. आने वाले वक्त मे.. पुनो ही मेरी कमी पुरी करती रहेगी.. वो ही इस हवेलीकी रानी होगी.. भाइ.. आज मे आपसे कुछ बाते करना चाहती हु.. हो सकता हे वो सब सुनकर आपको अच्छा ना लगे.. लेकीन ये बताना जरुरी भी हे.. क्युकी अब वक्त तेजीसे बदल रहा हे.. पता नही आगे क्या क्या होगा..
देवायत : मंजु.. अब मुजे कीसी भी बातका बुरा नही लगता.. क्युकी तुजे भी पता हे.. मेरा कीतनी ओरतोके साथ रीलेशन हो गया हे.. तो अब मे तुमसे बात करनेमे भी सर्मीन्दगी महेसुस कर रहा हु.. अबतो अैसी बातोसे मुजे कोइ फर्क नही पडता..
मंजुला : (मुस्कुराते गाल सहेलाते) भाइ.. आप गील्टी फील मत करो.. ये सबतो होने ही वाला था.. हमारा जीवन हमारे हाथमे हे ही नही.. तो क्यु सर्मीन्दा होते हो.. सेक्स करना हमारे जीवनका हीस्सा हे.. हमारे जन्मका उदेस्य ही सेक्ससे सबंधी हे.. ओर आने वाले वक्तमे तो यहा बहुत कुछ होगा.. तब आप क्या करोगे..? आपने देखा नही..? इनकी सुरुरात हमारे धिरेन ओर नीलुके रीस्तेसे होगइ हे..
देवायत : (होंठ चुमते धीरेसे) हां मंजु.. अब बता.. तुम धिरेन ओर नीलमके बारेमे क्या बताने वाली थी..?
मंजुला : (धीरेसे कानमे) भाइ.. धीरेसे बोलना.. कही चंदा दीदी सुन ना ले.. क्युकी पुनो ओर आपके रीलेशनके बारेमे सीर्फ चंदा दीदी ओर मेरी मम्मी को ही नही पता.. बाकी सब लोगोको पता हे..
देवायत : (धीरेसे कानमे) मंजु.. वो सो गइ हे.. तु ये बात कब तक उनसे छुपी रहेगी..? अेक दिन तो उन दोनोको पता चल ही जायेगा..
मंजुला : (धीरेसे) भाइ.. मम्मी ओर भुमीका आंटीकी चीन्ता नही हे.. उनको तो मे समजा दुगी.. लेकीन इस बारेमे चंदा दीदीको समजाना मुस्कील हे.. क्युकी बात उनके बेटेके साथ जुडी हे.. इसीलीये मे आपको चंदा दीदीको ज्लदीसे प्रेगनेन्ट करनेको केह रही हु.. ताकी वो हमारे विजय ओर अपनी बच्चीमे बीजी रहे.. फीरतो वो धिरेनके साथ रहेने जाने ही वाली हे..
देवायत : (धीरेसे) मंजु.. क्या वो हम सबको सचमे छोडकर चली जायेगी..? अैसा क्या होगा जो वो हम सबको छोडकर चली जायेगी..?
मंजुला : (धीरेसे) भाइ.. कुछ बाते आप ना जानो तो ही बहेतर हे.. आगे आपको खुद पब खुद पता चल जायेगा.. क्युकी पता नही था सब इतनी जल्दी होने लगेगा.. अब वक्त आगया हे.. हमारी पुनमका आपके साथ हमेसाके लीये रहेनेका रास्ता खुल लगा हे.. अब आपको मम्मी भावुके साथ पुनोको भी सम्हालना हे.. क्युकी आने वाले दिनोमे सीर्फ हमारी पुनो ही यहाकी महारानी होगी.. ओर यहा सीर्फ उनकाही राज चलता होगा..
देवायत : (आस्चर्यसे देखते धीरेसे) हमारी पुनो..? मंजु.. इतना पता था की अेक दिन पुनम हमेसाके लीये यहा आजायेगी.. लेकीन सब इतनी जल्दी होने लगेगा ये पता नही था.. वो भी सब तुमने ही मुजे बताया था.. मंजु.. सब इतना जल्दी क्यु होने लगा हे..? अभीतो पुनोने ठीकसे अपना संसारभी सुरु नही कीया..
मंजुला : (मुस्कुराते कानमे) भाइ.. वैसे भी पुनोको कहा उनके साथ संसार बसाना हे.. बस.. जो हमारा मक्सद पुरा करना था.. वो तो हो गया.. अब पुनो उनके साथ रहे या हमारे साथ क्या फर्क पडेगा..
देवायत : (आस्चर्यसे चंदाकी ओर देखते धीरेसे ) मतलब..? मंजु मे कुछ समजा नही..
मंजुला : (धीरेसे कानमे) भाइ.. हमे सीर्फ पुनोकी प्रेगनन्सी धिरेनके उपर थोपनी थी.. वो काम तो मेरे पापाके घरपे हो गया.. धिरेन ओर चंदा दीदीने भी खुसी खुसी पुनोकी प्रेगनन्सीको स्वीकार कर लीया हे.. बस.. हो गया हमारा काम.. भाइ.. देखना इस बारेमे कभी चंदा दीदीको पता ना चले.. वरना गडबड हो जायेगी..
देवायत : (चंदाकी ओर नजर डालते धीरेसे कानमे) मंजु.. चंदा आज भी जवान दीखती हे.. वो बीस्तरमे अेक कुआरी लडकी की तराह मेरा बहुत साथ देती हे.. वो भी तेरी तराह बहुत ही कामी हे.. हें..हें..हें..
मंजुला : (मुस्कुराते धीरेसे चंदाकी ओर देखते) भाइ.. सीर्फ चंदा दीदी ही नही.. आपकी सभी बीवीया कामी हे.. तभी तो आपसे हर वक्त चुदवानेको तैयार रहेती हे.. इनमे मेरी मम्मी ओर भुमीका आंटी भी बाकात नही हे.. ओर हमारी भावु भी लाइन मे खडी हे.. भाइ.. अब वक्त जाहीर मत करो.. आपको चंदा दीदीको प्रेगनेन्ट करना हे.. हो सके तो ये अेक दो दिनमे ही अपना काम नीपटालो.. पता नही आगे कब क्या होजाये..
देवायत : (मुस्कुराते होंठ चुमते धीरेसे) हंम.. मे समज गया.. मंजु.. अब ये नीलु ओर धिरेनका क्या करना हे..?
मंजुला : (मुस्कुराते होंठ चंमते) भाइ.. नीलु हमारे धिरेनको प्यार करती हे.. ओर दो तीन दिन पहेले जब पुनो यहा थी तब धिरेन नीलुको लेकर उनके घर चला गया था.. ओर वहा दोनो पुरा दिन ओर पुरी रात साथमे रहे.. ओर उसी रात धिरेनने नीलुका कौमार्य भंग कर दीया.. दोनो पुरी रात ओर दिनमे भी कइ बार सेक्स कर चुके हे.. भाइ.. धिरेन अब नीलमके साथ सादी करने वाला हे.. ओर उनकी मां कुछ ओर ही सोच रही हे..
देवायत : (सामने देखते) उनकी मां मतलब..? कौन रमाभाभी..? मंजु.. सब खुलकर बता.. वो क्या सोच रही हे..?
मंजुला : (मुस्कुराते) भाइ.. नीलुकी मां रमा भाभी नीलुको जरीया बनाकर हमारे खीलाफ बहुत बडा खेल खेल रही हे.. वो नीलुका उपयोग करके लखनको नीलुके प्रेम जालमे फसाकर उनसे प्रेगनेन्ट करवाना चाहती हे.. ताकी उनकी सादी आप लखनसे करदे.. ओर वो नीलुको इस हजेलीकी रानी बना सके.. फीर इस हवेलीका बटवारा करके आधी जायदाद नीलुके जरीये हडप करना चाहती हे.. इस बारेमे उसने हमारे भानु भाइको भी भनक नही लगने दी..
देवायत : (चोंकते धीरेसे) मंजु.. क्या केह रही हो तुम..? भाभी इतना नीचे तक गीर सकती हे.. जायदादके लीये इतना बडा खेल खेल रही हे..? की अपनी बेटीकी जींदगी भी दावपे लगा रही हे.. मंजु.. वो अैसा क्यु कर रही हे..?
मंजुला : (मुस्कुराते गाल चुमते) भाइ.. आपको नही पता.. जब वो भानु भाइके मामाके साथ ब्याह करके आइ थी.. तब उनकी उमर सादी करने लायक भी नही थी.. यही समजलो.. भानु भाइकी नानी रमा भाभीको पैसेके बदले खरीदकर लाइ हे.. वो बहुतही गरीब खानदानसे आइ हे.. वो अैसो आरामकी जींदगी जीना चाहती थी.. इसीलीये उनको पैसोसे बहुत लगाव हे.. इसीलीये तो वो भानु भाइको प्यार करने लगी थी.. क्युकी उनके पतीसे ज्यादा भानु भाइ उनको सभी तराह बहुत ही सक्षम लगे..
देवायत : (आस्चर्यसे) क्या..? तो वो भानुको प्यार नही करती थी..?
मंजु : (मुस्कुराते) भाइ.. प्यार..? तनकी आग बुजानेको प्यार नही कहेते.. ओर भानु भाइके मामा उनकी प्यास बुजानेमे सक्षम नही थे.. उपरसे उनके पतीसे ज्यादा भानु भाइकी आर्थीक हालत बहेतर थी.. दोनो मां बेटी अैसो आरामकी जींदगी जीना चाहती हे.. ओर उपरसे हमारी भावुको लेकर परेसान हे..
वो भावुको उनके साथ रखना नही चाहती.. ओर उपरसे दोनो मां बेटी बहुतही कामी.. ओर रंगीन मीजाजकी हे.. अब उनको सम्हालना हमारे भानु भाइके बस का काम नही हे.. बस.. उन मां बेटीको तो अब हमारा लखन ही सम्हाल लेगा.. हें..हें..हें..
देवायत : (आस्चर्यसे मुस्कुराते) हमारा लखन..? लेकीन क्यु..? मंजु.. क्या ये गलत नही हे..?
मंजुला : भाइ.. कुछ भी गलत नही हे.. आप लखन भैयाको कुछ मत कहेना.. वो जोभी करे उनको करने देना.. क्युकी उनको वो सब करनेके लीये पुनोने कहा हे.. आप फीकर मत करना वो मां बेटी हमारा कुछ नही बीगाड पायेगी.. उसेतो लखन ओर पुनमही सम्हाल लेगे.. भाइ.. जब भी अैसी सीचुअेशन आये.. आप लखन भैयाको कुछ नही कहेगे.. बस आप सीर्फ तमासा देखते जाओ.. इस मामलेमे हमारे लखन भइया काफी होशीयार होगये हे.. हें..हें..हें..