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Ramjania ka tikdam achha tha aur update bhiप्वाइंट बराबर
रमजनिया की तिकड़म
दूबे भाभी की बड़ी रगड़ाई हुयी लेकिन ननदें उन को झाड़ नहीं पायीं यहाँ तक की नैना ने चूसा भी पर गेम से तो वो बाहर हो ही गयीं
कुछ देर तक कब्बडी बस ऐसे ही चली,... दो बार न इधर न उधर कोई आउट हुआ. दूबे भाभी की हालत देख कर हमारी ओर से कोई हिम्मत नहीं कर रहा था की वहां घुस के मार के आये तो बस ऐसे ही लाइन के आस पास चक्कर काट के , और उधर से अब नैना ने दोनों बार छुटकियों को भेजा और वो फिरकी की तरह इतनी तेज थी की उन्हें पकड़ना मुश्किल था और दूसरे हम लोगों ने तय कर लिया था की अब हम कोई नुक्सान नहीं उठा सकते, इसलिए स्टेलमेट की हालत थी।
लेकिन डेडलॉक तोडा रमजनिया ने, असल में हम लोगो ने उनकी ताकत और अपनी कमजोरी समझ ली थी,
वो चार की चौकड़ी जो उमर में नैना से थोड़ी बड़ी, देह में तगड़ी और उनकी पकड़ जबरदस्त थी, हाँ भागने में दौड़ने में वो कमजोर थीं , उसमे से एक रेनू को तो छुटकी ने गेम से बाहर कर दिया था और एक चंदा को दूबे भाभी ने हारते हुए गिरते हुए भी उसके ऊपर भहराकर,... उसके पैरों में जो मोच आगयी थी तो उसकी ताकत आधी हो गयी थी।
यही तिकड़ी हमारी ओर की जो खिलाड़ी जाती थी उसे अंदर तो जाने देती थीं पर लौटते हुए दबोच लेती थीं। अब नीलू और लीला दोनों और गीता भी उनके साथ आ जाती थी और जिसके पैर में मोच थी वो भी थोड़ा बहुत, तो दाएं बाएं दोनों ओरसे जो हमला होता था उससे बचना मुश्किल था तो अब नीलू और लीला में से किसी एक को पछाड़ना जरूरी था और वो दोनों हम लोगो की ओर आ नहीं रही थीं,
रमजानिया बोली की वो इन दोनों में एक को मार के ही आएगी पकड़ने का काम लीला करती थी लेकिन दबा के रखने का काम नीलू ही करती थी
लेकिन रमजानिया पकड़ी गयी।
उसने सांस बचा रखी थी और ज्यादा अंदर नहीं घुसी थी नीलू ने उसे छुआ, असल में वो ध्यान बंटाने की ट्रिक थी और जब तक वो समझे सम्हलें लीला ने टांग फंसा के उसे गिरा लिया था और नीलू ने उसे दबोच रखा था और बस पल भर में
छुटकियो का झुण्ड भेड़ियों की तरह चारो ओर उसके दम टूटने का इन्तजार कर रहा था
बस मुश्किल से दो बित्ते की दूरी थी लाइन लेकिन नीलू ने जिस तरह दबोच रखा था हम लोगों की सांस ऊपर की ऊपर और नीचे की नीचे। अगर ये गयी तो हम दो प्वाइंट से डाउन हो जाते और हमारी टीम का मारल डाउन हो जाता,
लेकिन रमजनिया ने नीलू से कुछ बोला और उस की पकड़ पल भर के लिए ढीली हुयी तो बस दोनों टांगों से उसने जोर का धक्का मारा और लाइन की ओर डाइव कर के , छुटकियो ने टांग पकड़ी लेकिन तबतक उसका एक हाथ बित्ते भर लाइन पार कर रहा था
और नीलू गेम से बाहर हो गयी , और रमजनिया ने बाद में मुझसे राज़ खोला,
वो गाँव की हर लड़की का राज जानती थी और नीलू का दो महीने बाद ही गौना होने वाला था लेकिन उसके यारों की कोई गिनती नहीं थीं। रामजनिया बोली
" निलुआ, तोर सास परसों मिली थीं पूछ रही ही हाल चाल मुझे तो मन हुआ की जो भरौटी के दो लौंडों के साथ बगिया में, और पठान टोला के. अरे हम देखो तो थे तुम भी हमको देखी थी। अभी तो हम तोप ढांक दिए लेकिन बिफय के बाजार में फिर मिलेंगी तो सोच रही हूँ की तोहार किस्सा पूरा बता दूँ "
बस इतना कहना था की नीलू की पकड़ पल भर के लिए ढीली पड़ी और उतना टाइम रमजनिया के लिए काफी था।
हमारी हिम्मत दूनी हो गयी, खूब हल्ला हुआ, रमजनिया को सबने गले से लगा लिया ,
अब प्वाइंट बराबर थे , और सबसे बड़ी बात हमारी टीम वालों को पकडे जाने का डर कम हो गया था और वो अंदर तक घुस के हमला कर रही थीं।
अगली सफलता हमें एक छुटकी को मार के मिली और वो गुलबिया कजरी की भौजी ने,