Shetan
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छुटकी का इंतजार बेसब्री से लम्बे वक्त से है. उसके किस्से कब शुरू होंगे???
next to of course god america
next to of course god america
मेले की बाते करने से यादों का मेला उमड़ने घुमड़ने लगता हैफ़्लैशबैक में मेले की कहानी...
एक नया समां बनाया...
मेले में दिल मचल मचल सा गया....
एकदम यही प्रस्ताव सर्वसम्मत से पास हुआ है,ननद की ननद के भौजाई के भाई को चढ़वा देना चाहिए.
तभी सारे नखरे ननद की गांड़ में घुसेंगे.....
एकदम ऐन छठी के दिन, एक से बिटिया एक से ननद के भैया कम सैंया ज्यादामामा को पापा बनाने की तैयारी पूरी हो रखी है...
फिर दूध भी चूसुर चूसुर करके....
और अगली होली में फिर से एक बार गाभिन...
गाँव की परिवार की परम्परा है, निभाना ही पडेगा उनको भी,सही कहा...
ससुराल और मायके में बराबर की पारी होनी चाहिए..
यहाँ तो सास का कहना है कि उनका बेटा पहला थोड़े होगा...
अरे आस नहीं बिश्वास है"आज मेरी ननद के चिथड़े चिथड़े कर देना,... अगर कल ननद बिस्तर से उठने के लायक न रही न तो बस तुझे तेरी महतारी, ... तेरे मायके वाली सब औरतों लड़कियों की दिलवाऊंगी। कुँवारी भोंसडे वाली बच्चों वाली सब की बिल में घुसवाऊँगी अगर आज मेरी ननद की,"
ऐसे इनाम का लालच..
अब तो ननद रानी की खैर नहीं...
मजे का मजा और उम्मीद से होने की आस...
नशा तो मुझे भी रहता है कमेंट वाली पुड़िया का, और इन्तजार भी।और इस पुड़िया का नशा ऐसा कि अगले पुड़िया की तलब बनी रहती है...
इसी शादी-ब्याह.. पर्व त्योहार वाले माहौल में तो मस्ती की बहार रहती है..
और इसी मस्ती को पूरी साज सज्जा के साथ एक कहानी में पिरोते हुए पेश करने की कला है कोमल जी में...