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Erotica जोरू का गुलाम उर्फ़ जे के जी

komaalrani

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जोरू का गुलाम भाग २३६ - मंगलवार, दिल्ली

अपडेट पोस्टड, पृष्ठ १४३३ फायनेंसियल थ्रिलर का नया मोड़,

कृपया पढ़ें, आंनद लें और कमेंट जरूर करें
 
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motaalund

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Amezing Aarushi ji. Aap sabdo ke sath sath tashwiro ke bhi mahir ho. Jabardast

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लेकिन पिक्स के कलेक्शन और भी ऐसे सेक्सी पोज में...
आपका भी जवाब नहीं...
 

motaalund

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Part 2

क्या पंकज जी गुड्डी की तरह मेरे यौवन से खेलेंगे
अपने लौड़े पे मुझे बिठाकर क्या सारी रात वो पेलेंगे
इतना मोटा लौड़ा उनका मैं चूत में क्या ले पाऊँगी
गुड्डी को जब पता चला तो उसको क्या बतलाऊंगी

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जो बातें नहीं हो मुमकिन क्यों उनका करु ख्याल
ऐसा ही सब से होता है मैं क्यों दिल में रखू मलाल
ये सब मैं क्या सोच रही हूं ये सब है बेकार
ननदोई जी कैसे जुड़ जायेंगे मेरे दिल के तार

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दिल के तार जोडू काहे बस तन का मिलन ही काफी है
दिल की मानू और तन की न मानू ये भी तो नाइंसाफी है
फ़िर रात को पतिदेव ने बिस्तर पे मुझे अधूरा छोड़ दिया
पांच मिनट में निकाल के पानी अपना मुखड़ा मोड़ लिया


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देख के ऐसा रुख पति का गुस्सा बहुत था आया
सोच लिया था अब अपने लिए ढूंढूंगी मर्द पराया
ठान लिया था मैंने उतार दूंगी ये शराफत का चोला
बाथरूम में बैठी रगड़ रही थी जब मैं चूत का छोला

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ख्यालो में खोयी मैं पंकज का ले रही थी लन
अब उनसे ही चुदने का मैं बना चुकी थी मन

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एक नई सुबह हुई और मिट गई रात की स्याही
अपने घर को लौट आया रात का भटका राही
सोचा था जो रात को मैंने निकाल दिया अब मन से
ऐसा कैसे मुमकिन है मैं चुद जाऊ पंकज के लन से
ऐसा कौन इंसान यहाँ है जिसने जो मांगा वो पाया
सोच का पंछी मार उड्डारी वापस धरती पर आया

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ख्यालों को धरातल पर लाने का समय है...
 

motaalund

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तन की व्यथा तो हर कोई बांच देता है

लेकिन मन का दर्द, उहापोह, उलझन,... इधर जाऊं या नहीं,... एक महिला का खुद से संवाद और साक्षात्कार,...


साथ में एरोटिक की पराकाष्ठा,

आप के ही बस का है, हम सब सिर्फ नमन कर सकते हैं और पढ़ के मजे ले सकते हैं।
वो हिचक एक बार जब दूर हो गई तो...
तन से तन का मिलन...
 

motaalund

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Yeh kia likh diya apne arushi ji. Itni hot kavita. Jo kaam badi badi story nhi ke pati ( komal ji exception) wo is kavita ne kr diya, bilkul feeling ke sath
और साथ में तस्वीरों ने एक नया शमा हीं बना दिया...
 

motaalund

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एकदम कई बार लड़कियां जान बूझ के तड़पाती हैं और असली बात निधि की थी, उसके घरवालों ने बोल रखा था बारह बजे वापस आ जाने को। और गुड्डी उसी के साथ गयी थी इसलिए वो भी,

पर अभी कमल जीजू आने वाले हैं इसलिए गुड्डी रानी की जबरदस्त सेवा होगी। बहुत जल्द.

और डिस्को वाले लड़के भी जानते थे पहली बार में ही सब कुछ नहीं मिल जाता,... एक बार दो बार उसके बाद ही, खुलते खुलते खुलती हैं लड़कियां।
सेवा होगी.. तभी तो मेवा खाने को मिलेगा...
 

motaalund

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भाग्यशाली तो मैं हूँ, यह थ्रेड है इस थ्रेड के पाठक मित्र हैं

जो अपने रस से भरे शब्दों की बारिश कर के हमें कृतार्थ करती है.
हम सभी आरुषि जी के आभारी हैं...
 
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