कहानी अपने अंतिम चरण में है,
मेरा मतलब यह भाग,
कहानी की शुरुआत इनके मायके से ही हुयी थी, यानी शादी के बाद के कुछ दिनों से लेकिन वह इंट्रो टाइप था,
और इनकी पोस्टिंग की ओर मुड़ गयी थी, जहाँ इनका बदलाव शुरू हुआ, जहाँ मायके का कोई दबाव नहीं था और उस भाग में ही मंजू,गीता, इनकी सास , लेडीज क्लब के चुनाव और मिसेज मोइत्रा , मिसेज खन्ना,... और फिर इनका प्रमोशन, इनके रोल में इम्पोर्टेन्ट चेंज, बहुत कुछ था, और फिर कहानी मुड़ गयी थी इनके मायके की ओर,
इनकी सास ने साफ़ साफ़ कहा था की असली इम्तहान तो इनके मायके में ही होगा और सच में वहां जेठानी थीं , कहानी की वैम्प की तरह, जो इनकी कुंवारेपन की फ्लेम, इनके शादी के पहले के माल, इनकी ममेरी बहन से इनके मिलन में बिघ्न बाधा तो थी ही ससुराल में सब नाथ कर रखना चाहती थीं,...
तो अब जेठानी विजय के बाद, कहानी फिर इनके मायके से वापस जहाँ ये पोस्टेड हैं, उधर की ओर मुड़ेगी फरक सिर्फ इतना है,
आये सिर्फ दो थे , जाएंगे तीन , जी इनकी ममेरी बहन कम होने वाली,...
बस एक दो पोस्ट के बाद सारा परदृश्य बदल जाएगा, इसलिए सभी मित्र पाठकों से अनुरोध है की कृपया अपनी टिप्पणी अभिमत से जरूर कहानी की श्री वृद्धि करें,...
और इस के साथ इस लम्बी कहानी का लगभग ६०-७० % भाग भी पूरा हो जाएगा।
आप के कमेंट्स के इन्तजार में ,...