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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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वाह... चार तोपों की सलामी......Hmari pyari jethani ka shukrwaar ko champa bai ke kothe pr bhavya swagat..
Shukriya bhai ❤वाह... चार तोपों की सलामी......
pics matches with the text in description....Just to add to my earlier comments on your story didi . Superb pics aur gifs ne aapki super duper updates par "sone pe suhage" wala kaam kar diya hai.Seven stars![]()
777 stars...aapaka ek ek shabd mere liye seven star ke barabaar hai , isi tarrah meri INCEST vaali story par ( hopefully kal next part ) aapke comments ka wait rahega
आपने तो हमें डरा दिया 'अंतिम चरण' बोल के....कहानी अपने अंतिम चरण में है,
मेरा मतलब यह भाग,
कहानी की शुरुआत इनके मायके से ही हुयी थी, यानी शादी के बाद के कुछ दिनों से लेकिन वह इंट्रो टाइप था,
और इनकी पोस्टिंग की ओर मुड़ गयी थी, जहाँ इनका बदलाव शुरू हुआ, जहाँ मायके का कोई दबाव नहीं था और उस भाग में ही मंजू,गीता, इनकी सास , लेडीज क्लब के चुनाव और मिसेज मोइत्रा , मिसेज खन्ना,... और फिर इनका प्रमोशन, इनके रोल में इम्पोर्टेन्ट चेंज, बहुत कुछ था, और फिर कहानी मुड़ गयी थी इनके मायके की ओर,
इनकी सास ने साफ़ साफ़ कहा था की असली इम्तहान तो इनके मायके में ही होगा और सच में वहां जेठानी थीं , कहानी की वैम्प की तरह, जो इनकी कुंवारेपन की फ्लेम, इनके शादी के पहले के माल, इनकी ममेरी बहन से इनके मिलन में बिघ्न बाधा तो थी ही ससुराल में सब नाथ कर रखना चाहती थीं,...
तो अब जेठानी विजय के बाद, कहानी फिर इनके मायके से वापस जहाँ ये पोस्टेड हैं, उधर की ओर मुड़ेगी फरक सिर्फ इतना है,
आये सिर्फ दो थे , जाएंगे तीन , जी इनकी ममेरी बहन कम होने वाली,...
बस एक दो पोस्ट के बाद सारा परदृश्य बदल जाएगा, इसलिए सभी मित्र पाठकों से अनुरोध है की कृपया अपनी टिप्पणी अभिमत से जरूर कहानी की श्री वृद्धि करें,...
और इस के साथ इस लम्बी कहानी का लगभग ६०-७० % भाग भी पूरा हो जाएगा।
आप के कमेंट्स के इन्तजार में ,...
I just have read your English version again where you left the story in road journey and wrote one of the best monologue.eagerly waiting to read those magical portions once again.And I guess you wrote some special dinner for your hubby for special purpose at night.was that included in Hindi version??कहानी अपने अंतिम चरण में है,
मेरा मतलब यह भाग,
कहानी की शुरुआत इनके मायके से ही हुयी थी, यानी शादी के बाद के कुछ दिनों से लेकिन वह इंट्रो टाइप था,
और इनकी पोस्टिंग की ओर मुड़ गयी थी, जहाँ इनका बदलाव शुरू हुआ, जहाँ मायके का कोई दबाव नहीं था और उस भाग में ही मंजू,गीता, इनकी सास , लेडीज क्लब के चुनाव और मिसेज मोइत्रा , मिसेज खन्ना,... और फिर इनका प्रमोशन, इनके रोल में इम्पोर्टेन्ट चेंज, बहुत कुछ था, और फिर कहानी मुड़ गयी थी इनके मायके की ओर,
इनकी सास ने साफ़ साफ़ कहा था की असली इम्तहान तो इनके मायके में ही होगा और सच में वहां जेठानी थीं , कहानी की वैम्प की तरह, जो इनकी कुंवारेपन की फ्लेम, इनके शादी के पहले के माल, इनकी ममेरी बहन से इनके मिलन में बिघ्न बाधा तो थी ही ससुराल में सब नाथ कर रखना चाहती थीं,...
तो अब जेठानी विजय के बाद, कहानी फिर इनके मायके से वापस जहाँ ये पोस्टेड हैं, उधर की ओर मुड़ेगी फरक सिर्फ इतना है,
आये सिर्फ दो थे , जाएंगे तीन , जी इनकी ममेरी बहन कम होने वाली,...
बस एक दो पोस्ट के बाद सारा परदृश्य बदल जाएगा, इसलिए सभी मित्र पाठकों से अनुरोध है की कृपया अपनी टिप्पणी अभिमत से जरूर कहानी की श्री वृद्धि करें,...
और इस के साथ इस लम्बी कहानी का लगभग ६०-७० % भाग भी पूरा हो जाएगा।
आप के कमेंट्स के इन्तजार में ,...
Bilkul sahi baatबगावत तो कई बार दब भी जाती है... लेकिन ये जोबन तो कितना भी दबाओ उभरते जाते हैं...![]()
Kamal karte ho yaar tum bhiइसका ठीक उलटा ... जेठानी जी के हाथों संदीप के छेद फैला कर और साजन के मूसल को खुद पकड़कर... संदीप की फाड़ कर ...
और फिर संदीप की चीखें....
Chidiya fas rahi hai dhire dhire.....भाग १५१
चंपा बाई
" अरे नहीं दीदी , ...एक बार ये सब डाटा अगर मैं सब सही जगह पहुंचा दूंगी तो न तो बस , आपके देवर की तो नौकरी जाएगी ,देवरानी की सारी एकड़ भी। फिर तो उसके सामने ही आप जिस के आगे कहियेगा गुड्डी रानी अपनी शलवार खोलेंगी ,
हाँ आपकी ननद के लिए मैंने एक अच्छा लड़का सोचा है , अरे वो है न ताली बजाने वाला , लड़के के होने पे जो लोग आते हैं न वही उसी गोल का , .. रोज औरत का ड्रेस पहनते हैं , आपकी ननद बियाहने के लिए दूल्हे का ड्रेस पहना देंगे न अरे मजा आएगा सुहागरात में ,
बहुत आग लगी रहती है न उसकी सुरमेदानी में , आपके भइआ को मना की थी न , सुहागरात में डेढ़ इंच वाला मिलेगा न , बस मुझे परसों लौट के आने दीजिये ,... और ये लोग चले भी जायँगे फिर ,... "
मेरे तो सर से पैर तक आग लग गयी , गुस्से से मैंने मोबाइल चूर चूर कर दिया , जिस रिकार्डिंग के बल पर उसे भरोसा था ,... डाटा भी सब डिलीट हो गया था।
उस छुटकी की तो मैं ,.. सब की ओपिनियन मांगूंगी क्या होना चाहिए इनकी बहना के लिए और फिर दिया के साथ मिल के ,...
मैं जेठानी और उनकी बहना के बारे में सोच रही थी ,तभी,... स्काइप पर
चंपा बाई प्रकट हो गयीं। खूब गोरी चिठ्ठी ,मांसल भरी भरी देह , उमर ४५-४६ से कम नहीं लेकिन ३५ से एक दिन ज्यादा नहीं लगती थी। हीरे की कील नाक में चमक रही थी। और सबसे बढ़कर ऎटिट्यूड ,
" नाम बताओ न ,मायका कहाँ है " उन्होंने बहुत प्यार से पूछा।
और जेठानी तुरंत ही नार्मल हो गयीं , नाम भी बताया , मायके के गाँव का नाम भी।
और सवाल जवाब बात चीत में बदल गया लेकिन साथ ही साथ बहुत कुछ पूछ भी लिया चम्पा बाई ने और वो भी एकदम खुल के ,
" कोठे पे काहें आना चाहती हो ,खाली मजे के लिए या पैसे के लिए भी "
और जेठानी जी ने एकदम सही जवाब दिया और सही स्टाइल में भी , कुछ शर्माते कुछ खिलखिलाते , रुक के बोलीं वो
"दोनों के लिए "
और चम्पा बाई भी मुस्करा दीं।
" बहुत रगड़ायी होगी तेरी सोच ले " चंपा बाई ने पूछा भी ,थोड़ा डराया भी और जेठानी का मन जानने की कोशिश की।
जेठानी की मुस्कराहट ने जवाब दे दिया।
" चल तेरी दोनों बात पूरी होगी, सब बित्ते भर से ऊपर वाले, एक से एक मरद मिलेंगे तुझे रगड़ के रख देंगे, मज़ा पूरा आएगा,... और पैसा भी भरपूर मिलेगा, ... एक तेरा अकाउंट अलग से खुलवा दूंगी, रोज की आमदनी रोज, महीने भर में दो चार लाख तो कम से कम, और जितना ज्यादा उतारेगी उतना ही, मजा भी मिलेगा और पैसा भी।" चंपा बाई ने जेठानी का मन जानने के बाद साफ़ साफ़ उन्हें समझा दिया और जेठानी का चेहरा खिल गया.
और जब ये पक्का हो गया तो चम्पा बाई ने साफ़ साफ़ सवाल करने शुरू कर दिए ,
" पहली बार कब करवाया था ,किस उम्र में ,किस के साथ "
" शादी के पहले कितनी बार ?"
और जब जेठानी से चम्पा भाई ने ये सवाल पूछा एक दिन में कितने लौंडे उतारे थे तो जेठानी ने तुरंत जवाब नहीं दिया, कुछ सोचने लगीं तो चंपा बाई ने सोचा शायद शर्मा रहे हैं तो उन्होंने हिम्मत बंधाई,...
" चल कोई नहीं , एक से ज्यादा नहीं ,... तो क्या होगया अब तो चढ़ेंगे पांच -छह हर रोज। "
" नहीं नहीं याद करने की कोशिश कर रही हूँ बताती हूँ बताती हूँ , ... " जेठानी कुछ सोचती हुयी बोलीं,... फिर उनके चेहरे पे चमक आ गयी, और वो चालू हो गयीं,...
" होली वाले दिन, सबेरे सबेरे हमारा ग्वाला दूध देने आया था तो वही दो बार चढ़ गया, दोपहर के बाद सहेली के यहाँ गयी थी, उसके जीजा और उसके दोस्त,... और लौटते हुए, हमारे गाँव के भैया, सगे से बढ़कर, छुटपन से उन्ही को राखी बांधती थी, ... तो उन्होंने और उनका साला आया था, मेरी उमर का ही होगा, दो चार साल बड़ा, कुल पांच लोग,... होली के दिन और उस के पांच दिन बाद मेरा बोर्ड का इम्तहान शुरू हुआ था , हाईस्कूल का "
चंपा बाई के चेहरे पे चमक आ गयी लेकिन जेठानी ने कुछ रुक के जोड़ा,...
लेकिन एक बार उससे भी ज्यादा,... स्कूल की पिकनिक थी , मैं बारहवें में थी चार लड़के थे दिन भर की पिकनिक , बहुत दिन से मेरे पीछे पड़े थे तो उन चारों के साथ , ... एक साथ नहीं बारी बारी से, फिर एक टीचर ने देख लिया, पिकनिक से लौटने के पहले उन्होंने मुझे बता के, तो उन्होंने भी और उनके एक साथ के टीचर थे वो भी आ गए। कुल छह
और रात को मैं घर लौटी तो मेरा फुफेरा भाई आया था , उसके साथ तो मैं हाईस्कूल से ही ,... और माँ भी घर पे नहीं थी, तो उसके साथ तो पूरे रातभर का खेल हर बार होता था,.... चार लड़के दो टीचर छह और भैया को जोड़ लूँ तो सात। तो एक दिन में मैक्सिमम सात, जब मैं बारहवें में थीं। "
" गांड कब मरावायी पहली बार ?"
"कल पहली बार, अपने देवर से"
हिचकिचाते हुए जेठानी सब बातों का सही सही जवाब दे रही थीं।
उन्हें नहीं मालूम था पर मुझे मालूम था की कल जेठानी जी की आवाज में जो उनकी कच्ची जवानी की कहानी मैंने रिकार्ड करवाई थी वो दिया ने चम्पा बाई के पास भिजवा दी थी।
जेठानी की आवाज से अंदाज से रूप से चम्पा बाई खुश लग रही थीं। पर उन्होंने एक साफ़ साफ हुकुम सुना दिया ,
" मेरे कोठे पर सिर्फ मेरा हुकुम चलता है और एक बार तूने हाँ कर दी तो तुझे मेरी सारे बातें माननी होगी ,तेरी माँ की तरह हूँ मैं , मुझे मौसी बोलसकती हो। बोल मानेगी न "
"हाँ एकदम "जेठानी ने बिना हिचके हामी भर दी ,और सवाल जवाब ऐक्शन में बदल गया. " अरे तानी अंचरा हटाओ ,आपन जोबना दिखाओ न " चम्पा बाई ने कुछ हुकुम सुनाया कुछ अनुरोध किया।
Are wah.....जोबन दमदार
जेठानी की आवाज से अंदाज से रूप से चम्पा बाई खुश लग रही थीं। पर उन्होंने एक साफ़ साफ हुकुम सुना दिया ,
" मेरे कोठे पर सिर्फ मेरा हुकुम चलता है और एक बार तूने हाँ कर दी तो तुझे मेरी सारे बातें माननी होगी ,तेरी माँ की तरह हूँ मैं ,मुहे मौसी बोलसकती हो। बोल मानेगी न "
"हाँ एकदम "जेठानी ने बिना हिचके हामी भर दी ,और सवाल जवाब ऐक्शन में बदल गया.
" अरे तानी अंचरा हटाओ ,आपन जोबना दिखाओ न " चम्पा बाई ने कुछ हुकुम सुनाया कुछ अनुरोध किया।
और कुछ लजाते शरमाते ,कुछ अदा दिखाते इनकी 'संस्कारी ' भाभी ने आँचल सरका दिया , पहले तो जोबन की हल्की सी झलक , फिर निपल्स और उसके बाद पूरी गोलाई
चंपा बाई के चेहरे से साफ़ साफ़ झलक रहा था जो उन्हें दिख रहा है वो उन्हें न सिर्फ पसंद है बल्कि बहुत पसदं है।
३६ डी डी की साइज के बावजूद बिना ब्रा के सपोर्ट के भी इनकी जेठानी के उभार एकदम कड़े , ज़रा भी सैगिंग नहीं थीं। परफेक्ट गोल,
उभार,कटाव ,कड़ापन ,शेप साइज सबमें दस में दस , और ऊपर से जिस तरह
नीचे से जेठानी ने अपनी दोनों उँगलियों से अपने उरोजों को हलके हलके छूना सहलाना शुरू कर दिया ,धीरे कभी थोड़ा सा दबाते , मसलते उँगलियाँ ऊपर बढ़ रही थीं , चम्पा बाई की भी हालत खराब हो गयी।
निप्स भी एकदम परफेक्ट।
ज़रा सा घुंडी पकड़ के ,गोल गोल घुमाके , ... चम्पा बाई बोलीं।
और मेरी जेठानी बचपन की खेली खायी , गन्ने के खेत में कबड्डी खेल खेल कर बड़ी हुईं ,...
उन्होंने मंझली और तर्जनी उँगलियों के बीच निपल दबने के बावजूद गोल गोल कंचे की तरह एकदम कड़े ,
और जिस तरह से उँगलियों के बीच वो घुमा रही थीं ,मेरी हालत खराब हो रही थी ,चम्पा बाई के कोठे पर आने वाले मरदों की हालत तो ,...
'गजब ,बहुत अच्छा ,... "
जिसने कितनी कुंवारियों की सील तुड़वाई होगी , कितनी एक से एक जिसके कोठे पर चढ़कर मशहूर हुयी होंगी ,उसके मुंह से किसी की तारीफ़ निकलजाये तो इससे बड़ी तारीफ़ क्या होगी।
चंपा बाई के चेहरे से भी लग रहा था की ये माल उनके कोठे पर आग लगा देगा।
साडी अब सरक कर इनकी भाभी की गोद में सिमटी पड़ी थी , वो पूरी तरह टॉपलेस ,पान के पत्ते की तरह चिकना पेट ,पतली कमर गहरी नाभी सब दिख रही थी।
" पेट कितनी बार गिरवाया, शादी के पहले " चंपा भाई ने टेढ़ा सवाल कर दिया।
जैसे उन्हें समझ में नहीं आया इस तरह वो चम्पा बाई की ओर देखती रहीं ,फिर मुस्कराते हुए ना में उन्होंने सर हिलाया और हलके से बोला
" नहीं कभी नहीं। "
" मैंने इसलिए पूछा की तुमतो शादी के चार पांच साल पहले से ही ,जब हाईस्कूल में पहुंची थी तभी से ,... और गाँव में कंडोम वन्डोम तो ,.. "
चम्पा बाई ने साफ़ साफ़ बात अपनी पूरी की।
" आप एकदम सही कह रही हैं , गाँव में कंडोम का तो सवाल ही नहीं उठता न कंडोम न वैसलीन। सब एकदम डायरेक्ट सीधे ही ,सटाया ,धँसाया ,घुसेड़ दिया। " मेरी जेठानी हँसते हुए बोली।
और अब उनमें और चंपा बाई में खुल के सहेलियों की तरह बातें हो रही थी।
" मैं गोली लेती थी ,जब से मेरे पीरियड शुरू हुए उसके कुछ दिन बाद ही मेरी माँ ने खुद ही ,... " जेठानी ने अपनी निर्भीक कच्ची जवानी में चुदाई का राज खोला।
" तुम्हारी माँ सच में बहुत समझदार थीं ,और मेरे कोठे पर भी कोई कंडोम वन्डोम नहीं सीधे सीधे ,इसलिए मैं पूछ रही थी अच्छा शादी के बाद तो कभी पेट नहीं गिरवाया?"
" न ना " अबकी इनकी भाभी की आवाज में खिलखिलाहट नहीं थीं। कभी उलटी तक तो हुयी नहीं , गाभिन होने का सवाल ही नहीं था।
लेकिन मैं चम्पा बाई के सवालों का मतलब समझ रही थी। जेठानी के चिकने मुलायम गोरे गोरे पेट पर प्रिगनेंसी का कोई निशान नहीं था। एकदम किसी नयी ब्याही दुल्हिन की तरह कोरे कागज की तरह चिकनी ,
" बच्चे वच्चे तो नहीं हुए न ,... "मालूम होने के बावजूद चम्पा भाभी ने साफ़ साफ़ पूछ लिया।
" नहीं नहीं , कोई नहीं " जल्दी से मेरी जेठानी ने वो टॉपिक बंद किया
.और चम्पा बाई ने उनकी सहेली खुलवा दी।