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अपडेट पोस्टेड - एक मेगा अपडेट, जोरू का गुलाम - भाग २३९ -बंबई -बुधवार - वॉर -२ पृष्ठ १४५६
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समाज बहु-आयामी है और एक आयाम की सुधारक लेखिका भी हैं....बेहरतीन अपडेट कोमल जी, इस कहानी का नाम कोमलिया- समाज सुधारक होना चाहिए था. आखिर आपने पति को sex deprivation aur frustration से निकालने के बाद अब हमारी प्यारी कोमलिया दोनों कबुतरियो को सेक्स फ़्रस्ट्रेशन और depreivation से बाहर निकालेगी. उसके बाद मिसेस मोइत्रा का नंबर आएगा और फिर Mr मोइत्रा बहार निकलेगें. Means कंपनी मै corporate rivalry बिलकुल ख़तम और तीनो लोग (आपके पति, Mr Khanna, Mr Moitra) मिल कर इस कंपनी को India की नंबर one कंपनी बनाएगें. दिन मै काम और रात मै सब मिल कर मजे करेगें. हमारी कोमलिया अपनी इस पेलम पट्टी योजना के द्वारा देश को आर्थिक बुलंदियों पर जरूर पोहोचाएगी. ऐसा हम सारे पाठको का विशवास है.
मगर कोमल जी हमारी प्यारी कोमलिया तक एक सन्देश पंहुचा दीजिये. यही की वो आखिर आपने जेठ जी का भी उद्धार करे. आखिर जेठ जी कब तक कोमलिया के पति की तरह सेक्स डेप्रिवेशन मै रहेगें. वो बेचारे आपकी सास को श्रवण कुमार बने तीर्थ यात्रा करवा रहे हैं और वो पंडो से मजे ले रही है. और जेठानी संस्कारी बनी जेठ जी को उल्लू बना रही है. कोमलिया से बोलिये की कब तक वो इस नाइंसाफी को घर मै बर्दाश्त करेगी. इस जेठानी को निकल के गीता की शादी जेठ जी से करवा दीजिये. फिर पूरा घर सुखी.
मंथन तो कोमल रानी कर रही हैं...मोहे रंग दे तो श्रृंगार रास की आतिशयोक्त रचना है. और उसका होली वाला अंश तो समुद्र मंथन मै अमृत के सामान है.
कई बार एक चित्र भी हजार शब्दों पर भारी पड़ जाते हैं...aapki emoji ne hi bahoot kuch kah diya, thankooo mere naye thread ( HOLI ke liye khaas )
rang prsang par bhi ek najar daalen
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Erotica - रंग -प्रसंग,कोमल के संग
https://exforum.live/threads/%E0%A4%AB%E0%A4%BE%E0%A4%97%E0%A5%81%E0%A4%A8-%E0%A4%95%E0%A5%87-%E0%A4%A6%E0%A4%BF%E0%A4%A8-%E0%A4%9A%E0%A4%BE%E0%A4%B0.126857/page-81भाग ६ -चंदा भाभी, ---अनाड़ी बना खिलाड़ी Phagun ke din chaar update postedplease read, like, enjoy and commentतेल...exforum.live
इसलिए लाजवाब हैं...आरुषि जी का कोई जवाब नहीं
Bilkul Sahiमंथन तो कोमल रानी कर रही हैं...
हम तो अमृत का आनंद ले रहे हैं..
आपका हिंदी ज्ञान और अलंकार का प्रयोग एक अलग हीं रस कहानी में भर देता है...एकदम मेरा मोटो ही है
काम के समय काम
और 'काम' के समय 'काम'![]()
बहुजन चुदाय...एकदम आएगा, और अभी ननद के भैया
फिर तो बाद में बहुजन सुखाय बहुजन हिताय,... लिप सर्विस का मतलब ही बदला जाएगा
आप भी नआपका हिंदी ज्ञान और अलंकार का प्रयोग एक अलग हीं रस कहानी में भर देता है...
बहुजन चुदाय...![]()
बड़े-बड़े दूध के थैले के साथ आपकी कविता कानों में एक रस घोल देती है...