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फागुन के दिन चार भाग २७
मैं, गुड्डी और होटल
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मैं, गुड्डी और होटल
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लगता है जब सब कुछ पीछे छूट गया है, तब भी बहुत कुछ साथ चला आता है, जुड़ा रहता है और बनारस तो बना रस हैमैं गुड्डी के साथ बाहर निकल आया लेकिन मुझे लग रहा था की मेरा कुछ वहीं छूट गया है। रीत की बात भी याद आ रही थी। आँख फड़कने वाली। लेकिन चाहने से क्या होता है। और खास तौर से जब आपके साथ कोई हसीन नमकीन लड़की हो जो पिछले करीब 24 घंटे से आपकी ऐसी की तैसी करने पे जुटी हो।
ये पहला लाइन हीं बहुत मौजूं है...
हमें भी लग रहा है कि कुछ नहीं बल्कि बहुत कुछ छूट पीछे छूटा रह गया..
लेकिन उम्मीद है कि गुड्डी अपने बनारसी और चुटीले अंदाज में सबको लुभाती रहेगी...
बनारस जितना बदलता है उतना वही रहता है और गलियों का सिर्फ भूगोल ही नहीं केमस्ट्री भी एकदम अलग होती है। और ऊपर से बनारस की गलियां, इसलिए मैंने लिखा की गुड्डी की बातों की तरह, न ओर न छोर और मन करता है कभी ख़त्म ही न होंप्राचीन बनारस और गलियों का समन्वय...
अति उत्तम...
लेकिन अब बहुत कुछ बदलता जा रहा है...
हर गली में, हर घर में किसी इंसान की कहानी है, कुछ दुःख की कुछ हर्ष की और इस भाग में वो बातें भी कहने की कोशिश की गयी जो आजकल कोई कहता नहीं और कहता भी है तो इंटर फेथ कहानियों में बदल जाती है जिसमे स्टीरियोटाइप्स होते हैंपुरानी चीजों पर हसरत भरी निगाहें ..
और नई चीजों पर आश्चर्य भरी दृष्टि....
ये ट्रांजिशन हीं लगता है सतत है...
ननद भाभी के रिश्ते में जाति, धर्म, उम्र कुछ भी आड़े नहीं आतीजैसे लड़के अपने माल पर हक जमाते हैं..
गुड्डी भी अपने यार पर हक और अधिकार दिखा रही है...
लेकिन सहेलियों को मौका मिलते हीं गुड्डी से इशारे से पूछ ताछ...
और समरसता का रस भी बरसाती हैंयही छुट-पुट बातें कहानियों को रस भरा बनाती हैं...
और ऐसे ऐसे डायलोग गुदगुदा कर बरबस हीं होंठों पर मुस्कान बिखेर जाता है...
बुकिंग की बोहनी हो गयी लेकिन ननद की बोहनी तो वही करेगा, जिसकी किस्मत में कोरी टटकी ननद लिखी हैरीत और गुंजा की कारस्तानी रंग ला रही है...
जो दिखता है वो बिकता है और अगर ननद को सरे बाजार बेचना है तो उसे ड्रेस भी ऐसी पहनानी होगीगुड्डी दूरंदेशी है..
आनंद बाबू का इंतजाम तैयार करवा रही है...
और दूकानदार भी कम रंगीला नहीं है....
You are 100% correct in presenting her true potential and caliber..
Particularly her dialogue delivery and presentation of those lines with witty replies is marvelous.